दक्षिण कोरिया और जापान ने कहा है कि उत्तर कोरिया ने दो और संदिग्ध मिसाइलें समुद्र में दागी हैं. इसी के साथ दो सप्ताह के अंदर उत्तर कोरिया द्वारा दागी गई मिसाइलों की संख्या चार हो गई है.
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दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ ने कहा कि उत्तर ने दोनों कम दूरी तक वार करने वाली मिसाइलों को सुनान नाम के इलाके से दागा, जहां पर प्योंगयांग का अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है. दक्षिण कोरिया ने अभी तक यह नहीं बताया है कि ये मिसाइलें कितनी दूर गई थीं.
जापान ने भी कहा कि उसे भी इस लॉन्च की जानकारी मिली थी और प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने इन मिसाइलों के बारे में जानकारी हासिल करने के सभी प्रयास करने के निर्देश दिए हैं. रक्षा मंत्री नोबुओ किसी ने बताया कि मिसाइलें जापान के विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र के बाहर गिरीं.
उत्तर कोरिया की रणनीति
जापान के तट रक्षक दल ने जापान के इर्द-गिर्द समुद्र में यात्रा कर रही नौकाओं और जहाजों को गिरते हुए अंशों के बारे में सतर्क रहने को कहा. हालांकि किसी भी नाव या हवाई यान को किसी भी तात्कालिक नुकसान की खबर नहीं मिली है.
जापान के मुख्य कैबिनेट सचिव हीरोकाजु मात्सुनो ने कहा, "हम उत्तर कोरिया के इन सभी कदमों की कड़ी निंदा करते हैं जिनसे जापान की, इस प्रांत की और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की शांति और सुरक्षा को खतरा होता है."
पिछले दो हफ्तों से भी कम में उत्तर कोरिया ने तीन और मिसाइल परीक्षण किए हैं, जो कि इस तरह की गतिविधियों की एक असामान्य संख्या है. इनमें से दो बार एक-एक "हाइपरसॉनिक मिसाइल" दागी गई थीं जो तेज गति और परिवर्तनशीलता के लिए सक्षम हैं."
बीते कुछ महीनों में उत्तर कोरिया ने ऐसी नई मिसाइलों के परिक्षण को बढ़ा दिया है जो प्रांत में मिसाइल सुरक्षा प्रणालियों पर भारी पड़ सकती हैं.
चीन का हाथ
कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि देश के नेता किम जोंग उन आजमाई हुई रणनीति की तरफ वापस जा रहे हैं जिसके तहत मिसाइलें दाग कर और धमकियां दे कर देश अमेरिका और इस प्रांत के पड़ोसी देशों पर पहले दबाव बनाने की कोशिश करता है और उसके बाद बातचीत की पेशकश करता है.
सियोल के हैंकुक यूनिवर्सिटी ऑफ फॉरेन अफेयर्स के प्रोफेसर मेसन रिची कहते हैं कि इस तरह के परीक्षणों की गति और विविधता से लगता है कि उत्तर कोरिया के पास परीक्षण, प्रशिक्षण और प्रदर्शन पर खर्च करने के लिए पर्याप्त मिसाइलें हैं.
उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह अपनी मिसाइलों की संख्या को दिखा कर उत्तर कोरिया इसका प्रतिवारक की तरह इस्तेमाल करना चाहता है.
इन मिसाइलों का छोड़ा जाना ऐसे समय पर आया है जब उत्तर कोरिया सीमा पर से चीन के साथ व्यापार शुरू करने की कोशिश कर रहा है.
सियोल की एव्हा यूनिवर्सिटी में अंतरराष्ट्रीय मामलों के प्रोफेसर लीफ-एरिक-ईसली कहते हैं, "ये दोनों बातें एक समय पर होना इस बात का संकेत हैं कि प्योंगयांग के उकसाने वाले कदमों के पीछे बीजिंग चीन की मिलीभगत है. चीन उत्तर कोरिया को आर्थिक रूप से समर्थन दे रहा है और उसके साथ सैन्य रूप से संयोजन भी कर रहा है."
सीके/एए (एपी, रॉयटर्स)
बैलेस्टिक और क्रूज मिसाइल में क्या है फर्क
मिसाइल आधुनिक समय में युद्ध के अहम हथियार बनते जा रहे हैं. आम तौर पर मिसाइल को उनके प्रकार, लॉन्च मोड, रेंज, संचालन शक्ति, वॉरहेड और गाइडेंस सिस्टम के आधार पर बांटा जाता है. एक नजर मिसाइलों के प्रकार पर.
तस्वीर: picture-alliance/Zumapress/Department of Defense
क्रूज और बैलेस्टिक
मिसाइल मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं. एक क्रूज मिसाइल होता है जिसके तहत सबसोनिक, सुपरसोनिक और हाईपर सोनिक क्रूज मिसाइल आते हैं. ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल है और ब्रह्मोस 2 हाइपरसोनिक मिसाइल है. वहीं दूसरा बैलेस्टिक मिसाइल होता है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
क्रूज मिसाइल
क्रूज मिसाइल एक मानवरहित स्व-चालित वाहन है जो एयरोडायनामिक लिफ्ट के माध्यम से उड़ान भरता है. इसका काम एक लक्ष्य पर विस्फोटक या विशेष पेलोड गिराना हैं. यह जेट इंजन की मदद से पृथ्वी के वायुमंडल के भीतर उड़ान भरते हैं. इनकी गति काफी तेज होती है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/Tass/Ministry of Defence of the Russian Federation
बैलेस्टिक मिसाइल
बैलिस्टिक मिसाइल एक ऐसी मिसाइल है जो अपने स्थान पर छोड़े जाने के बाद तेजी से ऊपर जाती है और फिर गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव से नीचे आते हुए अपने लक्ष्य को निशाना बनाती है. बैलेस्टिक मिसाइल को बड़े समुद्री जहाज या फिर संसाधनों से युक्त खास जगह से छोड़ा जाता है. पृथ्वी, अग्नि और धनुष भारत के बैलिस्टिक मिसाइल हैं.
तस्वीर: Reuters/Courtesy Israel Ministry of Defense
सरफेस टू सरफेस मिसाइल
लॉन्च मोड के आधार पर भी मिसाइलों को कई तरह से बांटा गया है. सरफेस टू सरफेस मिसाइल एक निर्देशित लक्ष्य पर वार करती है. इसे वाहन पर रखकर या किसी जगह पर इंस्टॉल कर लॉन्च किया जाता है. आमतौर पर इसमें रॉकेट मोटर लगा होता है या फिर कभी-कभी लॉन्च प्लेटफॉर्म से विस्फोटक के माध्यम से छोड़ा जाता है.
तस्वीर: Reuters
सरफेस टू एयर मिसाइल
इस मिसाइल का उपयोग जमीन से हवा में किसी निशाने को भेदने के लिए किया जाता है, जैसे कि हवाईजहाज, हेलिकॉप्टर या फिर बैलेस्टिक मिसाइल. इस मिसाइल को आमतौर पर एयर डिफेंस सिस्टम कहते हैं क्योंकि ये दुश्मनों के हवाई हमले को रोकते हैं.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/H. Ammar
लैंड टू सी मिसाइल
इस मिसाइल को जमीन से छोड़ा जाता है जो दुश्मनों की समुद्री जहाज को निशाना बनाते हैं.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/E. Noroozi
एयर टू एयर मिसाइल
एयर टू एयर (हवा से हवा में मार करने वाली) मिसाइल को किसी एयरक्राफ्ट से छोड़ा जाता है, जो दुश्मनों के एयरक्राफ्ट को नष्ट कर देती है. इसकी गति 4 मैक (करीब 4800 किलोमीटर प्रतिघंटा) होती है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/AP Photo/File/Lt. Col.. Leslie Pratt, US Air Force
एयर टू लैंड मिसाइल
एयर टू लैंड मिसाइल को सेना के विमान से छोड़ा जाता है जो समुद्र, जमीन या दोनों जगहों पर निशाना लगाती है. इस मिसाइल को जीपीएस सिग्नल के माध्यम से लेजर गाइडेंस, इफ्रारेड गाइडेंस या ऑप्टिकल गाइडेंस से निर्देशित किया जाता है.
तस्वीर: Getty Images/J. Moore
सी टू सी मिसाइल
इस मिसाइल को इस तरह से डिजाइन किया जाता है कि यह समुद्र में मौजूद अपने दुश्मनों के जहाज या पनडुब्बियों को नष्ट कर देती है. इसे समुद्री जहाज से ही लॉन्च किया जाता है.
तस्वीर: picture-alliance/ZUMAPRESS/U.S Navy
सी टू लैंड मिसाइल
इस तरह के मिसाइल को समुद्र से लॉन्च किया जाता है जो सतह पर मौजूद अपने दुश्मन के ठिकानों को नष्ट कर देती है.
तस्वीर: AP
एंटी टैंक मिसाइल
एंटी टैंक मिसाइस वह होती है जो दुश्मनों के सैन्य टैंकों और अन्य युद्ध वाहनों को नष्ट कर देती है. इसे एयरक्राफ्ट, हेलिकॉप्टर, टैंक या कंधे पर रखे जाने वाले लांचर से भी छोड़ा जा सकता है.