मंगल पर नासा के मिनी-हेलीकॉप्टर ने भरी आखिरी उड़ान
२६ जनवरी २०२४
मंगल पर गया नासा का छोटा हेलीकॉप्टर अब काम बंद कर रहा है. उसने अपनी आखिरी उड़ान भर ली है और अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा है कि इनजेनुइनिटी अब काम नहीं कर पाएगा.
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नासा का छोटा हेलीकॉप्टर मंगल पर अब काम बंद कर रहा है. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के मुताबिक करीब दो किलोग्राम वजनी इनजेनुइनिटी नाम के इस हेलीकॉप्टर के पंख खराब हो गए हैं जिसके कारण वह अब उड़ान नहीं भर पाएगा.
नासा ने कहा कि अभी हेलीकॉप्टर से संपर्क बना हुआ है लेकिन आधिकारिक तौर पर यह अभियान खत्म हो गया है. इस मिशन पर कुल 8.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर का खर्च आया था.
नासा का नया सुपरसोनिक विमान एक्स-59
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने पहली बार अपने नए सुपरसोनिक विमान एक्स-59 को सार्वजनिक किया है. देखिए, क्यों इतना खास है यह विमान.
यह है नासा का नया सुपरसोनिक विमान, जिसे एक्स-59 नाम दिया गया है. यह पहली बार आम लोगों को दिखाया गया है. 30 मीटर लंबे इस विमान के पंखों की चौड़ाई है 10 मीटर.
एक्स-59 एक जेट विमान है जिसे नासा के क्वेस्ट (Quiet SuperSonic Technology) मिशन के तहत विकसित किया गया है. इसी साल इस विमान की टेस्ट फ्लाइट की जाएगी. यह 16,000 मीटर की ऊंचाई पर उड़ेगा और इसकी स्पीड होगी 1,500 किलोमीटर प्रतिघंटा.
तस्वीर: NASA/ZUMAPRESS.com/picture alliance
कार के दरवाजे जितनी आवाज
सुपरसोनिक विमान में आवाज सिर्फ इतनी होती है जितनी कार के दरवाजे को जोर से बंद करने पर हो सकती है. इस विमान को लॉकहीड मार्टिन कंपनी ने विकसित किया है जिसके लिए उसे 25 करोड़ डॉलर मिले हैं.
तस्वीर: NASA/ZUMAPRESS.com/picture alliance
सुपरसोनिक तकनीक
सुपरसोनिक स्पीड पर विमान के इर्द-गिर्द हवा की रफ्तार ध्वनि की रफ्तार से भी ज्यादा होती है. अगर कोई विमान ध्वनि की रफ्तार से ज्यादा तेजी से उड़ता है तो बहुत जोर के धमाके जैसी आवाज आती है जिसे सोनिक बूम कहते हैं.
तस्वीर: Boom Supersonic/AP/picture alliance
कहां जाती है आवाज
जब सुपरसोनिक रफ्तार से विमान उड़ता है तो यह आवाज हर दिशा में नहीं आती बल्कि कोन जैसी आकृति वाले विमान के पिछले हिस्से में सुनाई देती है. अमेरिका ने अपने वायु क्षेत्र में सुपरसोनिक विमानों के उड़ने पर पाबंदी लगा रखी है.
तस्वीर: picture alliance/dpa
20 साल पहले उड़ी थी सुपरसोनिक फ्लाइट
पिछली बार कोई सुपरसोनिक यात्री विमान करीब 20 साल पहले पेरिस, लंदन और न्यूयॉर्क के बीच उड़ा था. लेकिन साल 2000 में पेरिस में उस विमान में हादसा हुआ जिसमें 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई. उसके बाद 2003 में उस विमान की उड़ान बंद कर दी गई.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
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नासा प्रशासक बिल नेल्सन ने सोशल मीडिया पर साझा किए गए के वीडियो में कहा, "कुछ खुशी, कुछ गम के साथ मैं यह बता रहा हूं कि इनजेनुइनिटी, जो और बहुत कुछ कर सकता था और कहता रहा कि मैं कर सकता हूं, मैं कर सकता हूं... अब उसने मंगल पर अपनी आखिरी उड़ान भर ली है.”
14 गुना ज्यादा काम
2021 में जब इनजेनुइनिटी को मंगल ग्रह पर उतारा गया था तो इसका काम एक परीक्षण उड़ान मात्र था लेकिन लगभग तीन साल तक यह काम करता रहा और इसने कुल 72 उड़ानें भरीं. करीब दो घंटे के अपने कुल उड़ान समय में इसने 18 किलोमीटर की यात्रा की, जो तय लक्ष्य से 14 गुना ज्यादा है.
अपनी उड़ानों के दौरान यह छोटा सा हेलीकॉप्टर अधिकतम 24 मीटर की ऊंचाई पर उड़ा और इसने 36 किलोमीटर प्रति घंटा की अधिकतम रफ्तार भी हासिल की.
पहले यह अभियान सिर्फ 30 दिन का होना था जिसमें पांच उड़ानों की योजना थी. लेकिन यह तीन साल तक काम करता रहा. फरवरी 2021 में मंगल पर उतरने के बाद अप्रैल 2021 में हेलीकॉप्टर ने पहली उड़ान भरी थी.
मिशन के समापन का ऐलान करते हुए नासा की लॉरी ग्लेज ने कहा, "भले हमें पता था कि एक दिन यह अभियान खत्म होना है, फिर भी ऐसा मानना आसान नहीं है. इसने उम्मीदों से कहीं ज्यादा दिया, यह कहना भी काफी नहीं है.”
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टकरा गया होगा
नासा के परसिवरेंस नाम के रोवर पर सवार होकर इनजेनुइनिटी 2021 में मंगल पर उतरा था. वहां उसने प्रेजरवेंस के सहयोगी के तौर पर काम किया और इससे यह साबित हुआ कि मंगल के बेहद हल्के वातावरण में भी उड़ान भरी जा सकती है.
नासा ने इनजेनुइनिटी की आखिरी उड़ान की तस्वीरें भी दिखाई हैं, जिनमें उसके ब्लेड्स को पहुंचा नुकसान देखा जा सकता है. वैज्ञानिकों का अनुमान है कि लैंडिंग के वक्त धरातल पर टकराने से यह नुकसान हुआ होगा.
एजेंसी ने कहा कि ये ब्लेड अब काम के नहीं रह गए हैं. नेल्सन ने कहा, "हम इस बात की संभावना की जांच कर रहे हैं कि ब्लेड धरातल पर टकराया होगा.”
भविष्य की राह
पिछले हफ्ते अपनी आखिरी उड़ान पर यह हेलीकॉप्टर 12 मीटर की ऊंचाई तक गया और कुछ ही सेंकड्स तक हवा में रहने के बाद उतर गया. हवा में करीब एक मीटर ऊंचाई पर रहस्यमयी रूप से उसका अपने रोवर से संपर्क टूट गया था.
संपर्क दोबारा स्थापित होने के बाद ही हेलीकॉप्टर को पहुंचे नुकसान का पता चला. अभी वैज्ञानिक इस बात की जांच कर रहे हैं कि संपर्क टूटने की वजह क्या रही होगी.
क्या 2024 में हो पाएंगी ये 5 बातें?
2024 दुनिया के लिए क्या लेकर आएगा, उसका अंदाजा इन पांच बातों से हो सकता है. सवाल है कि इन पांच में से कितनी बातें सच हो पाएंगी?
तस्वीर: Amir Cohen/REUTERS
चांद पर इंसान की वापसी
हो सकता है कि 50 साल बाद इंसान चांद पर फिर पांव रखे. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का आर्टेमिस-2 यान नवंबर में सिर्फ चांद का एक चक्कर लगाने के लिए भेजा जाएगा और इसकी सफलता तय करेगी कि इंसान चांद पर लौट पाएगा या नहीं.
तस्वीर: NASA/ZUMA Wire/IMAGO
यूक्रेन में समझौता
अगर लड़ाई जारी रहती है तो आने वाली फरवरी में यूक्रेन-रूस युद्ध को दो साल पूरे जाएंगे. हालांकि बहुत से देश इस युद्ध को रोकने के लिए समझौते कराने की कोशिशों में हैं. क्या कोई समझौता हो पाएगा?
तस्वीर: Vitalii Hnidyi/REUTERS
गजा में युद्ध विराम
इस्राएल के प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू कह चुके हैं कि गजा में उनकी सेना का अभियान महीनों तक जारी रह सकता है. संयुक्त राष्ट्र समेत कई पक्ष गजा में युद्ध विराम की कोशिश कर रहे हैं. क्या ऐसा हो पाएगा?
तस्वीर: Israel Defense Forces/REUTERS
उड़ने वाली कारें
पिछले कई साल से दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में उड़ने वाली कारों पर परीक्षण चल रहे हैं. कई परीक्षण सफल रहे हैं लेकिन अब तक कहीं ऐसी कोई सेवा शुरू नहीं हो पाई है. बहुत संभव है कि 2024 में ऐसा हो जाए.
तस्वीर: Candela/abaca/picture alliance
चार दिन का हफ्ता
पूरी दुनिया में बहस जारी है कि हफ्ते में काम के दिन कम कर दिए जाएं और लोगों को तीन दिन की छुट्टी मिले. ऑस्ट्रेलिया जैसे कुछ देशों में इस दिशा में काफी तरक्की हुई है और हो सकता है कि इन देशों में यह लागू भी हो जाए. क्या ऐसा हो पाएगा?
तस्वीर: fizkes/Pond5 Images/IMAGO
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इनजेनुइनिटी की सफलता से उत्साहित होकर नासा ने 2022 में भविष्य के मंगल अभियान पर दो और हेलीकॉप्टर भेजने का फैसला किया था. सौर ऊर्जा ऊर्जा से चलने वाले इस हेलीकॉप्टर ने भविष्य के कई रास्ते खेल हैं. ना सिर्फ मंगल ग्रह पर बल्कि अब वैज्ञानिक शुक्र ग्रह और शनि के उपग्रह टाइटन पर भी ऐसा अभियान भेजने के बारे में सोच रहे हैं.