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विज्ञानसंयुक्त राज्य अमेरिका

अंतरिक्ष यान की टक्कर ने क्षुद्र ग्रह की कक्षा बदली

१२ अक्टूबर २०२२

नासा का कहना है कि उसके डार्ट अंतरिक्ष यान ने टक्कर मारकर क्षु्द्र ग्रह का रास्ता बदल दिया है. इस तकनीक का इस्तेमाल कर भविष्य में किसी पिंड को धरती से टकराने से रोका जा सकेगा.

डायमॉरफस
तस्वीर: ASI/NASA/AP/dpa/picture alliance

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के प्रमुख बिल नेल्सन के मुताबिक मानव इतिहास में यह पहला मौका है जब खगोलीय पिंड की गतिशीलता को दखल देकर बदला गया है. मंगलवाल को नतीजों का एलान करते हुए नेल्सन ने कहा, "यह ग्रहों की सुरक्षा के लिए एक क्रांतिकारी क्षण है और ये मानव इतिहास के लिए भी क्रांतिकारी वक्त है."

टक्कर के बाद क्षुद्र ग्रह ने छोड़ी मलबे की 10,000 किलोमीटर लंबी लकीर

नासा के वैज्ञानिकों का अनुमान था कि टक्कर के बाद क्षुद्र ग्रह की कक्षा 10 मिनट छोटी हो जाएगी, यानि परिक्रमा पथ की परिधि छोटी हो जाएगी और उसे पूरा करने में 10 मिनट कम लगेंगे. हालांकि टक्कर के बाद कक्षा 32 मिनट छोटी हो गई. नेल्सन ने कहा, "डार्ट ने 11 घंटा 55 मिनट की कक्षा को 11 घंटे 23 मिनट में बदल दिया."

टक्कर के बाद डायमॉरफस के पीछे मलबे की लकीरतस्वीर: CTIO/NOIRLab/SOAR/NSF/AURA/T. Kareta, M. Knight

क्या था मिशन

26 सितंबर 2022 को नासा के डार्ट स्पेसक्राफ्ट ने डायमॉरफस नाम के क्षुद्र ग्रह को टक्कर मारी. 160 मीटर व्यास वाला डायमॉरफस, एक बड़े क्षुद्रग्रह डाडिमॉस की परिक्रमा कर रहा है. दोनों क्षुद्र 25 महीने में सूर्य का एक चक्कर पूरा करते हैं. दोनों से पृथ्ली को कोई खतरा नहीं था, इसीलिए प्रयोग के लिए डायमॉरफस को चुना गया.

अभियान के तहत नासा का डार्ट अंतरिक्ष यान 10 महीने की यात्रा के बाद वहां पहुंचा और फिर डायमॉरफस से टकराया. टक्कर के बाद से लगातार नई नई जानकारियां मिल रही हैं.

जेम्स वेब और हबल ने भेजीं डार्ट की टक्कर की पहली तस्वीरें

23 नंवबर 2021 को छोड़ा गया डार्ट अंतरिक्ष यान वाला रॉकेटतस्वीर: Bill Ingalls/NASA via AP/picture alliance

नासा सात साल से इस अभियान की तैयारी कर रही थी. 33 करोड़ डॉलर के बजट वाला यह आंदोलन, किसी क्षुद्र ग्रह और पृथ्वी की टक्कर टालने का पहला टेस्ट मिशन बना है. नासा को उम्मीद है कि इस अभियान के डाटा से खगोलीय सुरक्षा के क्षेत्र में अभी कई नई बातें पता चलेंगी.

पृथ्वी की रक्षा

ब्रह्मांड में मौजूद असंख्य क्षुद्र ग्रह और पिंड लगातार गतिमान रहते हैं. समय समय पर ये ग्रह या पिंड एक दूसरे से टकराते रहते हैं. पृथ्वी भी ऐसी टक्करें झेल चुकी है. डायनासोरों के लुप्त होने के पीछे और धरती पर मौजूद सोने के लिए इन खगोलीय गतिविधियों को जिम्मेदार माना जाता है.

आज दुनिया भर की अंतरिक्ष एजेंसियां पृथ्वी की तरफ बढ़ते क्षुद्र ग्रहों और उल्का पिडों पर नजर रखती हैं. डार्ट स्पेसक्राफ्ट से मारी गई टक्कर भविष्य में ऐसी किसी दुर्घटना को रोकने की एक कोशिश है.

वैज्ञानिक कुछ और तरीकों पर भी काम कर रहे हैं. इनमें से एक है बड़े अंतरिक्षयान के गुरुत्व बल के जरिए खगोलीय पिंड का मार्ग बदलना.

तीसरा विकल्प है परमाणु बम के जरिए क्षुद्र ग्रह या पिंड को ध्वस्त करना. हो सकता है कि कुछ क्षुद्र ग्रह इतने बड़े हों, डार्ट यान जैसे तरीके काम ना कर पाएं. नासा के मुताबिक ऐसे हथियारों का इस्तेमाल इतनी दूर करना होगा कि मलबा पृथ्वी के लिए खतरा ना बने.

ओएसजे/एनआर (एपी, एएफपी, रॉयटर्स)

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