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विज्ञानविश्व

एस्ट्रॉयड का रास्ता मोड़ने को नासा का रॉकेट तैयार

२४ नवम्बर २०२१

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा एक रॉकेट अंतरिक्ष में भेज रही है जिसका मकसद एक क्षुद्रग्रह यानी एस्ट्रॉयड का रास्ता मोड़ना होगा. यह एक परीक्षण है जिसे भविष्य की तैयारी के तौर पर किया जा रहा है.

तस्वीर: NASA/Johns Hopkins, APL/Steve Gribben

सुनने में यह किसी साइंस फिक्शन कहानी जैसा लगता है कि एक क्षुद्रग्रह धरती की ओर बढ़ रहा है और टक्कर हुई तो मानव सभ्यता का विनाश हो जाएगा. ऐसा होना असंभव नहीं है और वैज्ञानिक इस बात को समझते हैं. इसीलिए नासा वैज्ञानिक यह परीक्षण कर रहे हैं कि ऐसा होता है तो क्या एस्ट्रॉयड का रास्ता बदला जा सकता है या उसे नष्ट किया जा सकता है.

इसी परीक्षण के तहत डबल एस्ट्रॉयड रीडाइरेक्शन टेस्ट (DART) नाम से एक रॉकेट अंतरिक्ष में भेजा जा रहा है. स्पेसएक्स कंपनी का रॉकेट कैलिफॉर्निया के वैन्डेनबर्ग स्पेस फोर्स बेस से उड़कर एक क्षुद्रग्रह को नष्ट करने की कोशिश करेगा.

अगले साल होगी टक्कर

स्पेसएक्स के मालिक ईलॉन मस्क ने ट्वीट कर बताया, "आज रात के फाल्कन 9 लॉन्च के लिए सिस्टम और मौसम बढ़िया लग रहा है.”

डार्ट का लक्ष्य डाइमॉरफस नामक एस्ट्रॉयड के रास्ते में थोड़ा बदलाव लाना है. डाइमॉरफस लगभग 525 फुट चौड़ा है और यह डिडीमॉस नामक एक बड़े एस्ट्रॉयड के इर्द-गिर्द चक्कर लगाता है, जो 2,500 चौड़ा है. दोनों मिलकर सूरज के चारों ओर घूमते हैं.

डाइमॉरफस से डार्ट की टक्कर अगले साल किसी वक्त हो सकती है. इस टक्कर के वक्त ये दोनों पृथ्वी से 1.1 करोड़ किलोमीटर दूर होंगे. 30 करोड़ डॉलर के अपनी तरह के इस पहले प्रयोग के बारे में नासा के प्रमुख वैज्ञानिक थॉमस जुबुरशेन कहते हैं, "हम यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि किसी खतरे को कैसे टाला जाए.”

अभी कोई खतरा नहीं

डाइमॉरफिस अभी पृथ्वी के लिए किसी तरह का खतरा नहीं है लेकिन ये पृथ्वी के नजदीक मौजूद नीयर-अर्थ ऑब्जेक्ट्स (NEOs) यानी एस्ट्रॉयड और धूमकेतू आदि हैं जो हमारे ग्रह के 3 करोड़ मील दूर तक आ सकते हैं.

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नासा के प्लेनेटरी डिफेंस कोऑर्डिनेश ऑफिस के वैज्ञानिकों की सबसे ज्यादा दिलचस्पी उन चीजों में ज्यादा है जिनका आकार 460 फुट से ज्यादा है. ये एस्ट्रॉयड पूरे के पूरे शहरों या इलाकों को तबाह कर सकते हैं क्योंकि इनकी शक्ति कई परमाणु बमों से भी अधिक होगी.

वैज्ञानिक ऐसी दस हजार चीजों के बारे में जानते हैं जिनका आकार 460 फुट से ज्यादा बड़ा है. लेकिन अगले सौ साल में इनमें से किसी के भी धरती से टकराने की कोई बड़ी संभावना नहीं है. हालांकि वैज्ञानिक स्पष्ट करते हैं कि ऐसे एस्ट्रॉयड बहुत ज्यादा हैं और हमें मुश्किल से 40 प्रतिशत का ही पता है.

वीके/एए (रॉयटर्स, एएफपी)

इंसान ने धरती को कैसे बदला

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