अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा एक रॉकेट अंतरिक्ष में भेज रही है जिसका मकसद एक क्षुद्रग्रह यानी एस्ट्रॉयड का रास्ता मोड़ना होगा. यह एक परीक्षण है जिसे भविष्य की तैयारी के तौर पर किया जा रहा है.
विज्ञापन
सुनने में यह किसी साइंस फिक्शन कहानी जैसा लगता है कि एक क्षुद्रग्रह धरती की ओर बढ़ रहा है और टक्कर हुई तो मानव सभ्यता का विनाश हो जाएगा. ऐसा होना असंभव नहीं है और वैज्ञानिक इस बात को समझते हैं. इसीलिए नासा वैज्ञानिक यह परीक्षण कर रहे हैं कि ऐसा होता है तो क्या एस्ट्रॉयड का रास्ता बदला जा सकता है या उसे नष्ट किया जा सकता है.
इसी परीक्षण के तहत डबल एस्ट्रॉयड रीडाइरेक्शन टेस्ट (DART) नाम से एक रॉकेट अंतरिक्ष में भेजा जा रहा है. स्पेसएक्स कंपनी का रॉकेट कैलिफॉर्निया के वैन्डेनबर्ग स्पेस फोर्स बेस से उड़कर एक क्षुद्रग्रह को नष्ट करने की कोशिश करेगा.
अगले साल होगी टक्कर
स्पेसएक्स के मालिक ईलॉन मस्क ने ट्वीट कर बताया, "आज रात के फाल्कन 9 लॉन्च के लिए सिस्टम और मौसम बढ़िया लग रहा है.”
डार्ट का लक्ष्य डाइमॉरफस नामक एस्ट्रॉयड के रास्ते में थोड़ा बदलाव लाना है. डाइमॉरफस लगभग 525 फुट चौड़ा है और यह डिडीमॉस नामक एक बड़े एस्ट्रॉयड के इर्द-गिर्द चक्कर लगाता है, जो 2,500 चौड़ा है. दोनों मिलकर सूरज के चारों ओर घूमते हैं.
डाइमॉरफस से डार्ट की टक्कर अगले साल किसी वक्त हो सकती है. इस टक्कर के वक्त ये दोनों पृथ्वी से 1.1 करोड़ किलोमीटर दूर होंगे. 30 करोड़ डॉलर के अपनी तरह के इस पहले प्रयोग के बारे में नासा के प्रमुख वैज्ञानिक थॉमस जुबुरशेन कहते हैं, "हम यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि किसी खतरे को कैसे टाला जाए.”
अभी कोई खतरा नहीं
डाइमॉरफिस अभी पृथ्वी के लिए किसी तरह का खतरा नहीं है लेकिन ये पृथ्वी के नजदीक मौजूद नीयर-अर्थ ऑब्जेक्ट्स (NEOs) यानी एस्ट्रॉयड और धूमकेतू आदि हैं जो हमारे ग्रह के 3 करोड़ मील दूर तक आ सकते हैं.
तस्वीरेंः हबल ने लीं बेमिसाल तस्वीरें
हबल दूरबीन की बेमिसाल तस्वीरों की एक झलक
तीस साल से अंतरिक्ष को निहारने वाली हबल दूरबीन के जरिए हमें ब्रह्मांड के सुदूर कोनों की अद्भुत तस्वीरें हासिल होती रही हैं. यहां एक निगाह डालते हैं उस दूरबीन की भेजी चुनिंदा सर्वश्रेष्ठ तस्वीरों पर.
तस्वीर: NASA/ESA/TScI
दुरुस्त हुई कम्प्यूटर की एक गड़बड़ी
नासा की हबल स्पेस दूरबीन 13 जून से 15 जुलाई 2021 तक तस्वीरें नहीं भेज पाई थी. कम्प्यूटर के मेमरी सिस्टम की एक खराबी से टेलिस्कोप का काम अटक गया था. नासा के रिटायर हो चुके जानकारों ने ये खराबी दूर की और दूरबीन को फिर से चालू किया. पिछले तीन दशक से भी ज्यादा समय से हबल, दूरस्थ तारों और आकाशगंगाओं की विहंगम तस्वीरें जुटाती रही है.
तस्वीर: ESA
जहां जन्म लेते हैं सितारे
अपने जीवनकाल में हबल दूरबीन जिन अशांत, अस्थिर नक्षत्रीय नर्सरियों को टटोल पाई थी, ये तस्वीर उसका एक सबसे खूबसूरत नजारा है. इसमें विशाल नेबुला एनजीसी 2014 और उसका पड़ोसी तारा, एनजीसी 2020 देखा जा सकता है. दोनों मिलकर, बड़ी मैजेलैनीय मंदाकिनी में एक विशाल नक्षत्र क्षेत्र का हिस्सा बनाते हैं. करीब 1,63,000 प्रकाश वर्ष दूर ये मंदाकिनी हमारी आकाशगंगा का चक्कर काटती है.
तस्वीर: NASA/ESA/TScI
अंतरिक्ष के पर्दे पर 'स्टार वॉर्स' की तलवार
2015 में ज्यों ही स्टार वॉर्स का नया एपिसोड सिनेमाघरों में आया, हबल ने वहां अंतरिक्ष से भी लाइटसेबर तलवार की तस्वीर उतार ली. यह खगोलीय आकार 1300 प्रकाश वर्ष दूर स्थित है. यहां एक तारा प्रणाली जन्म लेती है- एक शिशु तारे और कुछ तारों के बीच की धूल से दो कॉस्मिक बौछारें फूटती हैं. दूरबीन ने सांस रोक देने वाली तस्वीरें उतारीं. और भी देखिए...
तस्वीर: NASA/ESA/Hubble
अंतरिक्ष पे निगाहें
1990 से अंतरिक्षी दूरबीनों की रानी, हबल 27 हजार किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार और 550 किलोमीटर की ऊंचाई से धरती का चक्कार काटती आ रही है. हबल 11 किलोमीटर लंबी है और इसका वजन है 11 टन. भार और आकार में एक स्कूल बस जितनी.
तस्वीर: NASA/Getty Images
अंतरिक्षीय बुलबुलों को टटोलती तस्वीरें
तारों और ग्रहों की पैदाइश को समझने में, ब्रह्मांड की उम्र का अंदाज़ा लगाने में और डार्क मैटर की प्रकृति को परखने में हबल दूरबीन ने हमारी मदद की है. इस तस्वीर में सुपरनोवा यानी एक बड़े तारे में विस्फोट से बनी गैस का एक विशाल गोला दिख रहा है.
तस्वीर: AP
पल दो-पल में फना होते रंग
अलग अलग तरह की गैसें अलग अलग रंग छोड़ती हैं. लाल रंग वाली होती है सल्फर गैस. हरा है तो हाइड्रोजन और नीला है तो ऑक्सीजन.
हबल की भेजी पहली तस्वीरें तो बरबाद थीं. हालांकि उसकी वजह ये थी कि उसका मुख्य कांच गलत आकार में गढ़ा गया था. 1993 में इंडेवर अंतरिक्षयान कुछ जानकारों को हबल के पास उसकी खराबी दूर करने ले गया. उसे नये चश्मे मुहैया कराए गए. कई वर्षों की सक्रियता में हबल दूरबीन की कुल पांच जांचों में से ये भी एक थी. आखिरी 2009 में हुई थी.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/Nasa
अंतरिक्ष का बालविहार
हबल ने ये अविस्मरणीय तस्वीर दिसंबर 2009 में खींची थी. नीले धब्बे बहुत युवा तारे हैं, कुछ लाख साल पुराने. तारों की ये बगिया विशाल मैजेलैनीय मंदाकिनी में मिली थी. ये मंदाकिनी हमारी आकाशगंगा का उपग्रह है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/Nasa
और ये तितली है ना?
अंतरिक्ष में खींची इस तस्वीर के बारे में क्या ख्याल है? कोई ठीक ठीक नहीं जानता कि हबल ने अपने लेंस में आखिर ये क्या उतारा था लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि शॉट में दम नहीं था. ये उन 30,000 तस्वीरों में एक है जो सालों से हबल खींचती आ रही है.
तस्वीर: NASA/ESA/ Hubble Heritage Team
मैक्सिकन टोप- साम्ब्रेरो जैसी एक गैलेक्सी
निहायत ही आला दर्जे की ये तस्वीर- हबल की अन्य बहुत सी तस्वीरों की तरह- बहुत सारे एकल शॉट्स का कम्पोजिशन है- एक मिलीजुली प्रस्तुति. साम्ब्रेरो गैलेक्सी, वर्गो यानी कन्या तारामंडल में स्थित एक उन्मुक्त घुमावदार गैलेक्सी है और धरती से बस दो करोड़ 80 लाख प्रकाश-वर्ष दूर है.
तस्वीर: NASA/ESA/ Hubble Heritage Team
हाड़मांस के हबल
हबल दूरबीन को ये नाम, अमेरिकी खगोलविज्ञानी एडविन पॉवेल हबल (1889-1953) से मिला था. ब्रह्मांड फैल रहा है- ये देखने वाले पहले व्यक्ति वही थे. उनके पर्यवेक्षणों की बदौलत ही आज हम अपनी ये खगोलीय समझ कायम कर पाए हैं कि ब्रह्मांड की उत्पत्ति महाविस्फोट से हुई थी.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
अंतरिक्ष में गड़े सृष्टि-स्तंभ
ये स्तंभ सरीखी संरचनाएं ईगल नेबुला में पाई गई हैं. धरती से करीब 7,000 प्रकाश-वर्ष दूर. हबल ने इनका बारीकी से मुआयना किया और दुनिया भर में इन्हें “पिलर्स ऑफ क्रिएशन” यानी सृष्टि-स्तंभ के रूप में मान्यता दिलाई.
तस्वीर: NASA, ESA/Hubble and the Hubble Heritage Team
शुरुआती अड़चनें
हबल की मजबूती लौट आई है, फिर से. अपनी लगातार धंसती कक्षा के चलते, दूरबीन 2024 में धरती के वायुमंडल में दाखिल होगी और भस्म हो जाएगी. लेकिन उसकी वारिस पहले से तैयार हैः नाम है जेम्स वेब. यहां एक थर्मल वैक्यूम चैंबर में उसकी टेस्टिंग चल रही है. उसे इसी साल लॉन्च किया जाएगा. धरती से करीब दस-साढ़े दस लाख किलोमीटर दूर अंतरिक्ष में उसका ठिकाना होगा.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/Nasa/Chris Gunn
अंतरिक्ष में उकेरी एक मुस्कान
ये भी हबल की नायाब नजर का कमाल है- स्पेस स्माइली! किसने उकेरी अंतरिक्ष में ये मुस्कान? सीधी सी बात है- तिरछे होते प्रकाश यानी अपवर्तन ने ये छटा उभारी है.
तस्वीर: PD/NASA/J. Schmidt
14 तस्वीरें1 | 14
नासा के प्लेनेटरी डिफेंस कोऑर्डिनेश ऑफिस के वैज्ञानिकों की सबसे ज्यादा दिलचस्पी उन चीजों में ज्यादा है जिनका आकार 460 फुट से ज्यादा है. ये एस्ट्रॉयड पूरे के पूरे शहरों या इलाकों को तबाह कर सकते हैं क्योंकि इनकी शक्ति कई परमाणु बमों से भी अधिक होगी.
वैज्ञानिक ऐसी दस हजार चीजों के बारे में जानते हैं जिनका आकार 460 फुट से ज्यादा बड़ा है. लेकिन अगले सौ साल में इनमें से किसी के भी धरती से टकराने की कोई बड़ी संभावना नहीं है. हालांकि वैज्ञानिक स्पष्ट करते हैं कि ऐसे एस्ट्रॉयड बहुत ज्यादा हैं और हमें मुश्किल से 40 प्रतिशत का ही पता है.