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विज्ञानविश्व

जेम्स वेब दूरबीन पर तनी टेनिस कोर्ट के आकार की छतरी

५ जनवरी २०२२

नासा ने अपनी नई जेम्स वेब दूरबीन पर टेनिस के आकार की एक छतरी को लगाने के सबसे मुश्किल काम को पूरा कर लिया है. यह छतरी इतनी बड़ी है कि इसे दूरबीन की लॉन्च के समय दोहरा करना पड़ा था.

NASA Weltraumteleskop - James Webb Space Telescope
तस्वीर: NASA/AP/picture alliance

सात टन की यह दूरबीन ही इतनी बड़ी है कि लॉन्च के लिए इसकी सनशील्ड और सोने की परत वाले मुख्य आईने को दोहरा करना पड़ा. सनशील्ड तो खास कर विशालकाय है. इसे गर्मी को महसूस करने वाले दूरबीन के सारे इंफ्रारेड उपकरणों को हमेशा शून्य डिग्री से नीचे छाया में रखने के लिए लगाया गया है और इसका आकार 70 फुट गुना 46 फुट है.

मोटर से चलने वाली तारों के इस्तेमाल से इसका अत्यंत पतली परतों को कसने में डेढ़ दिनों का समय लगा, जो अपेक्षित समय का आधा है. इसकी पांचवी और आखिरी परत के कस जाने के बाद ग्राउंड कंट्रोलरों ने खुशी मनाई और आपस में मुट्ठियां टकराईं.

मीठी सफलता

प्रोजेक्ट मैनेजर बिल ओक्स ने बॉल्टिमोर में कंट्रोल टीम को बताया, "यह वाकई एक बड़ा क्षण है. अभी भी काफी काम बाकी है जो हमें करना है लेकिन इस सनशील्ड को निकालना और लगना बहुत ही बड़ा काम था."

इसे बनाने और बदलने में इंजीनियरों को कई साल लगे. एक बार तो एक वाइब्रेशन टेस्ट के दौरान इसे बांधने वाले दर्जनों क्लिप गिर गए थे. इस वजह से यह सफलता सब को और भी मीठी लग रही है, क्योंकि पहले कभी भी अंतरिक्ष में इस तरह का काम करने की कोशिश नहीं की गई थी. 

सनशील्ड को हमेशा दूरबीन और सूरज, पृथ्वी और चांद के बीच में ही रखा जाएगा. सूरज की तरफ रहने वाली इसकी सतह को 110 डिग्री सेल्सियस तापमान तक सहने के लायक बनाया गया है.  

अभी काम बाकी है

हर परत उसके ऊपर की परत से ज्यादा ठंडी है, जिसकी वजह से दूरबीन के संवेदनशील उपकरण माइनस 228 डिग्री सेल्सियस तापमान में भी काम कर सकते हैं. यह कैप्टॉन नाम के हलके पदार्थ से बनी है जिस पर सिलिकॉन की परत भी चढ़ाई गई है. इसके ऊपर एक खास "रिपस्टॉप" भी लगा है जो उल्काओं से होने वाले नुकसान को कम करेगा.  

इस वीकेंड पर दूरबीन के आईनों को लगाया जाना है. 10 अरब डॉलर की लागत पर बनी यह दूरबीन 16 लाख किलोमीटर दूर अपने गंतव्य तक पहुंचने का आधा रास्ता पार कर चुकी है. गंतव्य तक यह कुछ ही और हफ्तों में पहुंच जाएगी लेकिन इसे पूरी तरह से तैनात होने में अभी करीब साढ़े पांच महीने और लगेंगे.

सीके/एए (एपी/एएफपी)

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