बृहस्पति के सबसे बड़े चांद की तस्वीर, बेहद करीब से
९ जून २०२१
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के जूनो अंतरिक्ष यान ने दो दशकों से अधिक समय में बृहस्पति के सबसे बड़े चंद्रमा के सबसे करीब उड़ान भरने के बाद बर्फीले कक्षा की झलक पेश करते हुए दो चित्र भेजे हैं.
विज्ञापन
जूनो अंतरिक्ष यान ने दो दशकों से अधिक समय में बृहस्पति के सबसे बड़े चंद्रमा के सबसे करीब उड़ान भरने के बाद बर्फीले कक्षा की झलक पेश करते हुए दो तस्वीरें भेजी हैं. 7 जून को उड़ान के दौरान, जूनो बृहस्पति के सबसे बड़े चंद्रमा गैनीमेड की सतह के 645 मील (1,038 किलोमीटर) के भीतर आया और जुपिटर ऑर्बिटर के जूनोकैम इमेजर और इसके स्टेलर रेफरेंस यूनिट स्टार कैमरा से दो चित्र लिए.
तस्वीरें गैनीमेड की सतह को विस्तार से दिखाती हैं, जिसमें क्रेटर, स्पष्ट रूप से अलग अंधेरे और उज्ज्वल इलाके, और लंबी संरचनात्मक विशेषताएं संभवतः टेक्टोनिक दोषों से जुड़ी हुई हैं. सैन एंटोनियो में साउथवेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट के जूनो प्रिंसिपल इंवेस्टिगेटर स्कॉट बोल्टन ने एक बयान में कहा, "यह इस पीढ़ी में इस विशाल चंद्रमा के लिए सबसे निकटतम अंतरिक्ष यान है."
उन्होंने कहा, "हम किसी भी वैज्ञानिक निष्कर्ष को निकालने से पहले अपना समय लेने जा रहे हैं, लेकिन तब तक हम इस खगोलीय घटना पर आश्चर्य कर सकते हैं." अपने हरे रंग के फिल्टर का उपयोग करते हुए, अंतरिक्ष यान के जूनोकैम दृश्य-प्रकाश इमेजर ने पानी-बर्फ से घिरे चंद्रमा के लगभग पूरे हिस्से को कैप्चर कर लिया. बाद में, जब कैमरे के लाल और नीले रंग के फिल्टर को शामिल करते हुए उसी छवि के संस्करण नीचे आते हैं, तो इमेजिंग विशेषज्ञ गैनीमेड का एक रंगीन चित्र प्रदान करने में सक्षम होंगे.
इसके अलावा, जूनो की स्टेलर रेफ्रेंश यूनिट गैनीमेड के अंधेरे पक्ष (सूर्य के विपरीत पक्ष) की एक ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीर प्रदान की, जो बृहस्पति से बिखरे हुए मंद प्रकाश में नहाया हुआ था. आने वाले दिनों में अंतरिक्ष यान अपने गैनीमेड फ्लाईबाई से और तस्वीरें भेजेगा. बृहस्पति ग्रह का चंद्रमा, गैनीमेडे, हमारे पूरे सौर मंडल का सबसे बड़ा चंद्रमा है.
एए/सीके (एएफपी)
लेंस में उतरी ब्रह्मांड की खूबसूरत तस्वीरें
गैलेक्सी, ग्रह, उल्का पिंड, क्षुद्र ग्रह, धूल और गैसें, ये सब ब्रह्मांड का हिस्सा हैं. कभी कभार लोगों को इतनी सुंदर और दिलचस्प तस्वीरें मिल जाती हैं. एक नजर इन उम्दा तस्वीरों पर.
तस्वीर: Yonhap/picture alliance
नामीबिया के ऊपर छाई नमी
अफ्रीकी देश नामीबिया में रात को आसमान का नजारा गजब का होता है. यह तस्वीर मारियो कोगो ने ली है. इसमें दिन भर की गर्मी के बाद उठी नमी और उसके पीछे तारे दिखते हैं. पहली नजर में लगता है कि जैसे ये किसी सुपरनोवा विस्फोट की तस्वीर हो.
तस्वीर: Royal Museum Greenwich/Mario Cogo
एक और गैलेक्सी
यह तस्वीर गैलेक्सी "एनजीसी 3521" की है. यह हमारे सौरमंडल से 2.6 करोड़ प्रकाश वर्ष दूर है. इस तस्वीर को लेने के लिए कैमरे के शटर को 20 घंटे पर सेट किया गया.
तस्वीर: Royal Museum Greenwich/Steven Mohr
धुंधली रोशनी
कुहासे के बीच नीचे से आती शहरों की रोशनी और ऊपर से सांझ की लालिमा. ये तस्वीर हंगरी के फोटोग्राफर फेरेंक सिमार ने सर्दियों के दौरान ली.
तस्वीर: Royal Museum Greenwich/Ferenc Szémár
आकाश में लहरदार रोशनी
ये नजारा उत्तरी ध्रुव के पास बसे फिनलैंड का है. फ्रांसीसी फोटोग्राफर निकोला लेवेदो की तस्वीर में कई तरह की जादुई रोशनी दिखती है. हरे रंग का प्रकाश असल में नॉर्दर्न लाइट है. सर्दियों में ध्रुवीय इलाकों में यह रंग बिरंगा प्रकाश अक्सर दिखाई पड़ता है.
तस्वीर: Royal Museum Greenwich/Nicolas Lefaudeux
उल्का पात का नजारा
इस तस्वीर को फोटोग्राफर फाबियान डालबियास ने ली है. डोलोमाइट के पहाड़ों के पास यूं ही तस्वीरें खींच रहे फाबियान के कैमरे में उल्का पात कैद हो गया.
तस्वीर: Royal Museum Greenwich/Fabian Dalpiaz
अंजान सी लगती पृथ्वी
ये मंगल ग्रह नहीं बल्कि धरती का ही नजारा है. अमेरिका के उटा राज्य का मोहवे रेगिस्तान चांदनी रात में कुछ ऐसा ही दिखता है. यह तस्वीर अमेरिका के ब्रैड गोल्डबेंट ने ली है. तस्वीर में एंड्रोमेडा आकाशगंगा भी दिख रही है. एक प्रतियोगिता में इस तस्वीर को पहला स्थान और 10 हजार पाउंड का पुरस्कार भी मिला.
तस्वीर: Royal Museum Greenwich/Brad Goldpaint
चांद नहीं, शुक्र है
पृथ्वी पर तो सूर्योदय और संध्या आपने कई बार देखी होगी, लेकिन शुक्र ग्रह पर शाम कुछ ऐसी नजर आती है. खास वीडियो कैमरे और विशेष जूम तकनीक की मदद से यह फ्रेम हासिल किया गया.
तस्वीर: Royal Museum Greenwich/Martin Lewis
ये हैं ब्रह्मांड में छुपे रंग
अन्य ग्रहों की तस्वीरें आम तौर या तो काली या लाल दिखती हैं या फिर दूधिया सी. लेकिन एक खास तकनीक का इस्तेमाल कर जब चांद की तस्वीरों को प्रोसेस किया गया तो उसकी सतह के कुछ ऐसे रंग दिखाई पड़े.
तस्वीर: Royal Museum Greenwich/Jordi Delpeix Borrell
छल्ला बना सूर्य
यह तस्वीर सूर्य ग्रहण के दौरान निकोला लेवुडो ने ली. इस तस्वीर में सूर्य से दूर दाहिनी तरफ लाल रंग का बिंदु असल में मंगल ग्रह है.
तस्वीर: Royal Museum Greenwich/Nicolas Lefaudeux
हमारी आकाशगंगा मिल्की वे
पृथ्वी जिस आकाशगंगा का हिस्सा है, उसे मिल्की वे कहते हैं. मिल्की वे की यह तस्वीर तियांग हॉन्ग ली ने कैप्चर की. अनुमान के मुताबिक इसमें 100 से 300 अरब तारे हैं. (रिपोर्ट: सबरीना फाल्कर/ओएसजे)