जर्मन शब्दों ने भारतीय बच्चों को अमेरिका में जिताया
विवेक कुमार२७ मई २०१६
अमेरिका की स्पेलिंग बी प्रतियोगिता में फिर भारतीय मूल के बच्चों ने जीत हासिल की है. उन्होंने सबको पछाड़ा पर एक दूसरे को नहीं हरा सके. दोनों जीत गए.
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जर्मन शब्दों ने भारतीय मूल के बच्चों को अमेरिका में जीत दिला दी. कितनी छोटी है न दुनिया. अमेरिका में हर साल होने वाली स्पेलिंग्स चैंपियनशिप में भारतीय मूल के जयराम हथवार और निहार जांगा संयुक्त रूप से चैंपियन बने.
'यूएस स्क्रिप्स नेशनल स्पेलिंग बी' में जयराम और निहार ने सबको पीछे छोड़ दिया पर एक दूसरे को नहीं पछाड़ सके. दो जर्मन शब्दों पर मामला अटका. फेल्डनकराइस (Feldenkrais) और गेजेलशाफ्ट (Gesellschaft) की स्पेलिंग्स ने दोनों को बराबरी पर ला दिया.
निहार 11 साल का है और जयराम 13. दोनों का मुकाबला ऐसा जबर्दस्त था कि लोग मुंह बाए देख रहे थे. मैरीलैंड में हुए इस मुकाबले में देर रात तक नतीजा नहीं मिल रहा था क्योंकि दोनों ही गजब के जवाब दे रहे थे. 25 राउंड्स तक दोनों बराबर रहे. 2002 के बाद निहार अब तक के सबसे कमउम्र चैंपियन हैं. जीत के बाद उन्होंने कहा, "मैं तो कुछ नहीं कह सकता. मैं बस पांचवीं क्लास में पढ़ता हूं."
दोनों विजेताओं को 45 हजार डॉलर्स और ट्रॉफी मिली. और मजे की बात है कि पिछले तीन साल से इस चैंपियनशिप में कोई एक बच्चा विजेता नहीं बन रहा है. लगातार तीन साल से टाई हो रहा है. हालांकि आयोजकों ने एक विजेता चुनने के लिए 25 राउंड्स का मुकाबला बनाया है लेकिन ये बच्चे इतने होनहार हैं कि एक सेर तो दूसरा सवा सेर.
जयराम और निहार ने जिन शब्दों के सही स्पेलिंग्स बताए उनमें Feldenkrais शिक्षा का एक तरह का तरीका है. Gesellschaft एक तरह के सामाजिक रिश्ते को बोलते हैं. इसके अलावा Taoiseach एक आयरिश शब्द है जिसका अर्थ होता है प्रधानमंत्री. Tetradrachm एक तरह का सिक्का होता है.
गजब के मुकाबले के बावजूद दोनों बच्चों ने एक दूसरे को जीत की बधाई दी. जब एक माइक की ओर जा रहा था और दूसरा वहां से लौट रहा था तो दोनों ने हाथ से हाथ मिलाकर एक दूसरे का जोश बढ़ाया.
राउंड ऑफ 25 के दौरान जयराम एक बार चूक गया था जब वह Drahthaar की गलत स्पेलिंग बता बैठा. लेकिन जल्दी ही निहार भी मेक्सिकन शब्द ayacahuite पर गलती कर बैठा और दोनों बराबर हो गए. कई राउंड्स के बाद अनाउंसर ने कहा, "यह एक अद्भुत क्षण है. अगर तुम दोनों अगला शब्द सही-सही बता देते हो तो दोनों सह-विजेता बन जाओगे." दोनों ने अगला शब्द एकदम सही बताया और हॉल तालियों से गूंजने लगा.
इस प्रतियोगिता के लिए फाइनलिस्ट काफी मुश्किल परीक्षा के बाद चुने जाते हैं. दो दिन तक लिखित और मौखिक परीक्षा होती है. पिछले 9 साल से यह प्रतियोगिता दक्षिण एशियाई मूल के बच्चे जीत रहे हैं. 2014 में जयराम का भाई भी चैंपियन बना था.
वीके/ओएसजे (रॉयटर्स)
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स्कूल में पीछे, जिंदगी में अव्वल
अच्छे स्कूल और कॉलेज से पढ़ाई पूरी करना सफलता की कोई गारंटी नहीं है. मौलिक विचार, कल्पनाशीलता, मेहनत और लगन हो तो इंसान बुलंदियों को छू सकता है. एक नजर स्कूल में नाकाम और जिंदगी में अव्वल रहने वाली हस्तियों पर.
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अल्बर्ट आइनस्टाइन
सापेक्षता समेत कई बड़े सिद्धांत देने वाले आइनस्टाइन ने 15 साल की उम्र में स्कूल छोड़ दिया. साल भर बाद उन्होंने स्विस फेडरल इंस्टीट्यूट की प्रवेश परीक्षा दी, जिसमें नाकामी हाथ लगी. इसके बाद आइनस्टाइन ऐसे स्कूल वापस लौटे जहां कल्पनाशीलता को समीकरण रटने से ज्यादा महत्व दिया जाता था.
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थॉमस एडिसन
बिजली का बल्ब, फोनोग्राम और मोशन पिक्चर कैमरा जैसी क्रांतिकारी मशीनें बनाने वाले एडिसन के नाम 1,000 से ज्यादा पेटेंट हैं. बीमार रहने के कारण उन्होंने काफी देर से स्कूल जाना शुरू किया. स्कूल ने भी तीन महीने बाद ही उन्हें बाहर निकाल दिया. एडिसन की मां खुद एक टीचर थीं, उन्होंने अपने बेटे को घर पर ही पढ़ाया.
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वॉल्ट डिज्नी
वॉल्ट डिज्नी दिन में स्कूल जाते और रात में शिकागो की कला अकादमी. यह सिलसिला ज्यादा लंबा नहीं चला. 16 साल की उम्र में उन्होंने स्कूल छोड़ दिया. फर्जी बर्थ सर्टीफिकेट बनाकर वह अमेरिका से फ्रांस पहुंचे और रेड क्रॉस की एंबुलेंस चलाने लगे. एंबुलेंस में कार्टून के चित्र भरे पड़े थे. यहीं से वॉल्ट डिज्नी को कार्टूनों का आइडिया आया. देखते देखते उन्होंने सिनेमा में डिज्नी साम्राज्य खड़ा कर दिया.
कॉमेडी के सर्वकालीन महान अदाकार माने जाने वाले चार्ली चैप्लिन ने भी 13 साल की उम्र में स्कूल छोड़ दिया. मां-बाप के निधन के बाद परिवार का पेट पालने के लिए वो स्टेज शो करने लगे. स्टेज शो में उन्हें मसखरे की भूमिका मिलती. लेकिन यही भूमिका धीरे धीरे उन्हें शिखर पर ले गई.
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चार्ल्स डिकेंस
अंग्रेजी के महान लेखकों में शुमार चार्ल्स डिकेंस के पिता को कर्ज के कारण जेल हो गई. घर का खर्च चलाने के लिए 12 साल के डिकेंस ने स्कूल छोड़ दिया और बूट ब्लैकिंग फैक्ट्री में 10 घंटे रोज की नौकरी शुरू कर दी. इसके बाद वो कई नौकरियों और अनुभवों से गुजरे और समाज के गहरे विश्लेषण ने उन्हें कहानीकार बना दिया.
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बेंजामिन फ्रैंकलिन
बेंजामिन फ्रैंकलिन की राजनीति, कूटनीति, लेखन, प्रकाशन, विज्ञान और अमेरिका की आजादी में अहम भूमिका रही. वह अपने परिवार के 15वें बच्चे थे. गरीबी के चलते 10 साल की उम्र में उन्होंने स्कूल छोड़ दिया और प्रिंटिंग में पिता व भाई का हाथ बंटाने लगे.
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हेनरी फोर्ड
फोर्ड की कारें तो आपने देखी ही होंगी, इनके जनक हेनरी फोर्ड हैं. उन्हें आधुनिक उद्योगों का जनक भी कहा जाता है. 16 साल की उम्र में फोर्ड ने स्कूल छोड़ दिया. खाली वक्त में वह घड़ियों के पुर्जे खोलते और जोड़ते रहे. बाद में फोर्ड ने ऑटोमोबाइल उ्द्योग में पहली बार एसेंबली लाइन इस्तेमाल की.
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बिल गेट्स
हावर्ड यूनिवर्सिटी के सबसे मशहूर ड्रॉपआउट छात्र होने का श्रेय माइक्रोसॉफ्ट के जनक बिल गेट्स को जाता है. कॉलेज की पढ़ाई छोड़ने के दो साल बाद गेट्स ने अपने बचपन के मित्र पॉल एलन (तस्वीर में बाएं) के साथ माइक्रोसॉफ्ट की स्थापना की. दुनिया के सबसे धनी व्यक्तियों में शुमार गेट्स ने अपने सॉफ्टवेयरों को जरिये कंप्यूटर को कैलकुलेटर से आगे बढ़ाया.
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स्टीव जॉब्स
आईफोन, आईपॉड और मैकबुक जैसी मशीनें बनाने वाले एप्पल के सह संस्थापक जॉब्स ने कॉलेज की पढ़ाई छोड़ दी. इस दौरान उन्होंने कला की कक्षाओं में बिना दाखिले के जाना शुरू कर दिया. इंजीनियरिंग से प्यार करने वाले जॉब्स के मुताबिक कला की कक्षा ने उन्हें अद्वितीय खूबसूरती की परिभाषा सिखाई.
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अजीम प्रेमजी
दयालु और दिलदार भारतीय कारोबारियों में गिने जाने वाले अजीम प्रेमजी से 21 की उम्र में कॉलेज छोड़ दिया. प्रेमजी ने अपनी कंपनी विप्रो शुरू की. आज विप्रो की कीमत 11 अरब डॉलर से ज्यादा है. प्रेमजी अपने आधे शेयर दान करने का एलान कर चुके हैं.
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कर्नल हारलैंड सैंडर्स
हारलैंड सैंडर्स की उम्र सिर्फ छह साल थी जब उनके पिता की मौत हुई. मां दिन भर काम करती और साथ ही पूरे परिवार के लिए खाना भी बनाती. परिवार चलाने के लिए उन्होंने स्कूल के बजाए कई काम करने शुरू किये. इसी दौरान उन्हें नौकरीपेशा लोगों को फ्राइड चिकन बेचने का आइडिया आया. आज दुनिया भर में उनके आउटलेट्स केएफसी (कनटकी फ्राइड चिकन) के नाम से जाने जाते हैं.
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रिचर्ड ब्रैनसन
डिसलेक्सिया के रोगी ब्रैनसन को पढ़ाई में काफी परेशानी होती थी. 16 साल में स्कूल छोड़ वो लंदन आए जहां उन्होंने कारोबार के गुर सीखे. वर्जिन अटलांटिक एयरवेज, वर्जिन रिकॉर्ड्स, वर्जिन मोबाइल जैसे कंपनियां खड़ी करने के बाद अब वह आम लोगों के लिए अंतरिक्ष यात्रा मुमकिन करने की तैयारी कर रहे हैं.
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जेम्स कैमरन
अवतार और टाइटैनिक जैसी सिनेमा जगत की सबसे बड़ी फिल्में बनाने वाले निर्देशक जेम्स कैमरन भी कैलिफोर्निया में अपनी फिजिक्स की पढ़ाई पूरी नहीं कर पाए. उन्होंने कॉलेज छोड़ा, एक वेटर से शादी की और रोजी रोटी के लिए ट्रक चलाने लगे. 1977 में उन्होंने स्टार वॉर्स फिल्म देखी और वहीं से वह रुपहले पर्दे की ओर खिंचे चले आए.
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कपिल देव
क्रिकेट में वेस्ट इंडीज की बादशाहत खत्म करने और पहली बार भारत को विश्व कप दिलाने वाले कपिल देव भी स्कूली पढ़ाई पूरी नहीं कर सके. भारत के बेहतरीन ऑल राउंडरों में गिने जाने वाले कपिल को हालांकि इस बात का आज भी मलाल है.
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राजकुमारी डायना
डायना स्पेंसर ने 16 साल की उम्र में ब्रिटेन छोड़ दिया और स्विट्जरलैंड के एक स्कूल में दाखिला लिया. वहां भी वह पढ़ाई पूरी नहीं कर सकीं. वह गायिकी और बेले डांस की शौकीन थी. बाद में ब्रिटेन लौटकर उन्होंने एक डे केयर सेंटर में नौकरी की, जहां उनकी मुलाकात राजकुमार चार्ल्स से हुई. शादी के बाद डायना राजकुमारी बन गईं. उनकी खूबसूरती और दरियादिली आज भी लोगों के जेहन में है.
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सचिन तेंदुलकर
क्रिकेट के महानतम बल्लेबाजों में शुमार सचिन तेंदुलकर ने 10वीं के बाद स्कूली पढ़ाई छोड़ दी. बेहतरीन बल्लेबाजी के चलते 16 साल की उम्र में वो भारतीय टीम के सदस्य बने और इसके बाद तो उनके बल्ले से कीर्तिमान बरसते चले गए.
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मार्क जकरबर्ग
फेसबुक के संस्थापक मार्क जकरबर्ग ने भी कॉलेज बीच में ही छोड़ दिया. कॉलेज के दिनों में जकरबर्ग एक लड़की को खोजना चाहते थे. इसके लिए उन्होंने एक सोशल नेटवर्किंग साइट बनाई. दुनिया आज इसे फेसबुक के नाम से जानती हैं. फोर्ब्स पत्रिका के मुताबिक जकरबर्ग दुनिया के सबसे अमीर युवा हैं. आज दुनिया भर में फेसबुक के एक अरब से ज्यादा यूजर हैं.
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लेडी गागा
उनका असली नाम स्टेफनी योआने एंजेलिना जर्मनोटा है. न्यूयॉर्क में आर्ट्स की पढ़ाई करने वाली स्टेफानी ने संगीत उद्योग में अपना करियर बनाने के लिए कॉलेज बीच में ही छोड़ दिया. वह न्यूयॉर्क के क्लबों में परफॉर्म करने लगीं. 20 साल की उम्र में उन्होंने इंटरस्कोप रिकॉर्ड्स के साथ करार किया. आज लेडी गागा दुनिया के सबसे मशहूर गायकों में गिनी जाती हैं.