जर्मनी लौटने की इजाजत मांग रहे हैं इतने सारे इस्राएली
२७ मई २०२४
इस्राएल में रहने वाले बहुत सारे लोग, जिनके पूर्वज जर्मनी में रहा करते थे और नाजी दौर में प्रताड़ित किए गए थे, वे जर्मनी की नागरिकता पाने के लिए आवेदन कर रहे हैं.
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जर्मनी के आरएनडी मीडिया समूह ने जर्मनी के गृह मंत्रालय के हवाले से बताया है कि जर्मन नागरिकता के लिए आवेदन करने वाले ऐसे इस्राएलियों की संख्या बढ़ी है, जिनके पूर्वज जर्मन थे. इस प्रक्रिया को अंग्रेजी में नेचुरलाइजेशन कहते हैं, जिसका हिंदी अर्थ देशीकरण या नागरिकीकरण है.
रिपोर्ट के मुताबिक 2024 में जनवरी से अप्रैल के बीच 6,869 इस्राएलियों ने जर्मन नागरिकता के लिए आवेदन किया. वहीं 2023 में पूरे साल में आवेदन करने वाले ऐसे लोगों की संख्या 9,129 और 2022 में 5,670 थी. जर्मनी और इस्राएल, दोनों ही देशों में कुछ खास परिस्थितियों में लोगों को दोहरी नागरिकता रखने की इजाजत है.
क्या कहता है नियम
जर्मनी में अगस्त 2021 में कानून बनाया गया था कि नाजी जर्मनी में जो लोग अपनी नस्लीय पहचान और राजनीतिक या धार्मिक विचारों के कारण सताए गए थे, वे और उनके वंशज जर्मन पासपोर्ट हासिल करने के लिए कानूनी रूप से हकदार हैं.
नाजियों के जो पीड़ित अत्याचार के वक्त जर्मनी छोड़कर किसी दूसरे देश चले गए थे, उनके वंशज भी बिना किसी शर्त के जर्मन नागरिकता हासिल कर सकते हैं.
पिछले महीनों में बढ़े आवेदन
2 अक्टूबर, 2023 को फलिस्तीनी चरमपंथी संगठन हमास ने इस्राएल पर हजारों मिसाइलों से हमला बोल दिया था. तभी से बहुत सारे इस्राएली जर्मनी की नागरिकता के लिए आवेदन कर रहे हैं. अगर इस साल के शुरुआती चार महीनों का ट्रेंड जारी रहा, तो इनकी संख्या और बढ़ सकती है.
सभी आवेदनों की बात करें, तो जर्मन सरकार के पास 2022 में करीब 11,400 और 2023 में करीब 14,000 आवेदन आए थे, जिनमें लोगों ने नेचुरलाइजेशन की अनुमति मांगी थी. इस्राएल के बाद सबसे ज्यादा आवेदन अमेरिका से आते हैं.
एएफडी के नेता और उनके सबसे आपत्तिजनक बयान
जर्मनी की धुर दक्षिणपंथी पार्टी एएफडी के नेताओं ने कई बार ऐसे बयान दिए हैं जिन्हें आपत्तिजनक या भड़काऊ कहा जा सकता है. इनमें शरणार्थियों को निशाना बनाने से लेकर नाजी शब्दावली का इस्तेमाल तक शामिल है.
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ब्यॉन होख
थुरिंगिया प्रांत में एएफडी के मुखिया ब्यॉन होख ने 2017 में बर्लिन स्थित होलोकॉस्ट मेमोरियल को "शर्म की स्मारक" कहा था और देश को अपने नाजी इतिहास के लिए पश्चाताप करना बंद करने को कहा था. जुलाई 2023 में उन्होंने नाजी शब्दावली में कहा, "इस यूरोपीय संघ को मर जाना चाहिए ताकि सच्चा यूरोप जिंदा रह सके." 2019 में जर्मनी की एक अदालत ने फैसला दिया कि होख को फासीवादी कहना उन पर लांछन लगाने के बराबर नहीं है.
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ऐलीस वाइडल
ऐलीस वाइडल पार्टी की सह मुखिया हैं और उसके सबसे जाने माने चेहरों में से एक हैं. वो शायद ही कभी विवादों से दूर रहती हों. 2018 में जर्मनी की संसद बुंडेस्टाग में एक भाषण के दौरान उन्होंने कहा था, "बुर्के, हिजाब पहनने वाली लड़कियां, सार्वजनिक रूप से समर्थन पाने वाले वो लोग जिन्होंने चाकू से लोगों पर वार किया और ऐसे सभी बेकार लोग हमें समृद्धि और आर्थिक और सामाजिक विकास नहीं दिला सकते हैं."
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क्रिस्चियन लूट
लूट कई बार अपने बयानों को लेकर विवादों में फंस चुके हैं. एक बार एक दक्षिणपंथी यूट्यूब वीडियो ब्लॉगर के साथ बातचीत करते हुए उन्होंने कहा, "जर्मनी के लिए स्थिति जितनी खराब होगी, एएफडी के लिए उतनी ही अच्छी होगी." उन्होंने प्रवासियों के लिए कहा, "हम उन्हें बाद में गोली मार ही सकते हैं, इसमें कोई समस्या नहीं है. या उन्हें जहरीली गैस से मार सकते हैं, जैसा आप चाहें. मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है."
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बीट्रिक्स फॉन स्टॉर्च
शुरू में एएफडी यूरो और बेलआउट पैकेजों के खिलाफ अभियान चलाती थी, लेकिन यह जल्द ही आप्रवासियों के विरोध में बदल गया. बीट्रिक्स फॉन स्टॉर्च ने 2016 में कहा था, "जो लोग हमारी सीमाओं पर लगे 'रुको' के साइनबोर्ड को नहीं मानते हैं वो हमलावर हैं." उन्होंने आगे कहा, "और हमें खुद को हमलावरों से बचाना है," चाहे इसका मतलब महिलाओं और बच्चों पर गोली चलाना ही क्यों ना हो.
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हाराल्ड वाइएल
एएफडी के सभी विवाद नस्लवाद को लेकर नहीं हैं, कभी कभी वो पार्टी की हकीकत दिखाने का काम भी करते हैं. सितंबर 2022 में बुंडेस्टाग के सदस्य हाराल्ड वाइएल को पता नहीं था कि उनका माइक चालू है, जब उन्होंने कहा कि वो उम्मीद करते हैं कि जर्मनी को ऊर्जा के बढ़े हुए दामों की "नाटकीय सर्दियां" भुगतनी पड़े नहीं तो "चीजें हमेशा की तरह चलती रहेंगी."
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मार्कुस प्रेत्जेल
मार्कुस प्रेत्जेल नार्थ राइन-वेस्टफेलिया प्रांत में एएफडी के पूर्व अध्यक्ष हैं और पार्टी की पूर्व अध्यक्ष फ्राउक पीत्री के पति हैं. उन्होंने दिसंबर 2016 में बर्लिन क्रिसमस बाजार पर हुए घातक हमले के बाद लिखा था, "यह मैर्केल के मृतक हैं."
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आंद्रे पौगेनबर्ग
सैक्सनी-अनहाल्ट प्रांत में एएफडी के पूर्व प्रमुख आंद्रे पौगेनबर्ग ने फरवरी 2017 में राज्य की संसद में दूसरे सदस्यों को कहा था कि वो चरम वामपंथ के खिलाफ मिल जाएं ताकि "जर्मन नस्ल पर उगी इस खरपतवार से हमेशा के लिए पीछा छुड़ाया जा सके." ये शब्द साफ तौर पर नाजी शब्दावली से लिए गए थे.
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एलेग्जेंडर गाउलांद
पार्टी की संसदीय पार्टी के पूर्व नेता एलेग्जेंडर गाउलांद ने जून 2018 में पार्टी के युवा दल के सामने एक भाषण दिया था, जिसके लिए उनकी बहुत आलोचना हुई थी. उन्होंने कहा था कि जर्मनी का एक "शानदार इतिहास रहा है और वह उन शापित 12 सालों से ज्यादा लंबा चला है. जर्मनी के 1,000 सालों के सफल इतिहास में हिटलर और नाजी बस चिड़िया की बीट की एक बूंद हैं." (डैगमार ब्राइटेनबाख और मार्क हैलम)
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फलिस्तीन को मान्यता देने के खिलाफ जर्मन
जर्मन पत्रिका 'स्टर्न' के एक सर्वे के मुताबिक जर्मनी के अधिकांश लोग फलिस्तीन को एक आजाद मुल्क के रूप में मान्यता देने के खिलाफ हैं. सर्वे के नतीजों में कहा गया कि 50 फीसदी जर्मन फलिस्तीन को मान्यता देने का विरोध करते हैं. 38 फीसदी इसका समर्थन करते हैं और 12 फीसदी लोग अनिश्चित हैं.
पिछले सप्ताह स्पेन, नॉर्वे और आयरलैंड ने एलान किया था कि वे फलिस्तीन को आजाद मुल्क के तौर पर मान्यता देंगे, जिससे इस्राएल नाराज हो गया था. वैसे संयुक्त राष्ट्र में शामिल ज्यादातर देश फलिस्तीन को मान्यता देते हैं. हालांकि, अमेरिका के अलावा ब्रिटेन और यूरोपीय संघ के कुछ प्रभावशाली पश्चिमी देश फलिस्तीन को मान्यता नहीं देते हैं.
जर्मनी की सरकार दो-राष्ट्र समाधान का सैद्धांतिक रूप से समर्थन कर रही है, लेकिन मौजूदा वक्त में इसे लागू करने का विरोध कर रही है. 'स्टर्न' का यह सर्वे 22 और 23 मई को किया गया था, जिसमें 1,004 लोगों से फोन पर उनकी राय ली गई थी. नतीजों में गलती की गुंजाइश 3 फीसदी की बताई गई है.