1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें
स्वास्थ्यस्विट्जरलैंड

दिसंबर में कोविड-19 से 10 हजार लोगों की मौत

११ जनवरी २०२४

संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि दिसंबर 2023 में कोविड-19 वायरस के कारण दुनिया में करीब 10,000 लोगों की जान गई है. नवंबर के मुकाबले यह बहुत ज्यादा है.

कोविड 19 महामारी
कोविड से मौतों के मामले बढ़ेतस्वीर: Jürgen Fromme/picture alliance

2023 के आखिरी दो महीनों में कोविड-19 महामारी का प्रकोप तेजी से बढ़ा है. संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी के मुताबिक सिर्फ दिसंबर 2023 में करीब 50 देशों में 10 हजार लोगों की जान गई है. नवंबर की तुलना में यह काफी ज्यादा था.

हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन मानता है कि यह अचानक वृद्धि छुट्टियों के दौरान भीड़भाड़ जमा होने के कारण हुई है, क्योंकि इस दौरान वायरस का प्रसार ज्यादा हुआ.

अस्पतालों में भर्ती बढ़ी

डब्ल्यूएचओ के प्रमुख तेद्रोस अधनोम गेब्रयेसुस ने बताया कि दिसंबर में 10 हजार लोगों की मौत हुई और अस्पतालों में भर्ती होने वालों की संख्या भी 42 फीसदी बढ़ी. ऐसा मुख्यतया यूरोप और अमेरिका में हुआ.

गेब्रयेसुस ने कहा, "महामारी के सर्वोच्च स्तर की तुलना में एक महीने में दस हजार लोगों की मौत बहुत कम है लेकिन जो जानें बचाई जा सकती हैं, उनका ना बच पाना स्वीकार्य नहीं है.”

गेब्रयेसुस ने कहा कि निश्चित तौर पर अन्य जगहों पर भी कोविड के मामले बढ़े हैं लेकिन वे रिपोर्ट नहीं हुए हैं. उन्होंने सरकारों से कहा कि निगरानी कमजोर ना होने दें और लोगों की इलाज और वैक्सीन तक पहुंच बनाए रखें.

गेब्रयेसुस ने कहा कि कोविड-19 का जेएन.वन वेरिएंट इस वक्त सबसे ज्यादा फैल रहा है. यह एक ओमीक्रोन वायरस है इसलिए जो वैक्सीन उपलब्ध हैं, वे इसकी रोकथाम में कुछ सुरक्षा दे सकती हैं.

बढ़ रही हैं सांस की बीमारियां

डबल्यूएचओ में कोविड-19 महामारी के लिए तकनीकी प्रमुख मारिया वान केरखोव ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण दुनियाभर में ना सिर्फ सांस की बीमारियां बढ़ी हैं बल्किफ्लू, राइनोवायरस और न्यूमोनिया के मामलों में भी वृद्धि हुई है.

उन्होंने कहा, "हमें लगता है कि यह वृद्धि जनवरी में भी जारी रह सकती है क्योंकि उत्तरी ध्रुव में अभी सर्दी का मौसम है. हालांकि दक्षिणी ध्रुव में भी कोविड के मामले बढ़ रहे हैं, जहां गर्मी का मौसम है.”

वैक्सीन लगवाने के बाद क्यों हो रहा है लॉन्ग-कोविड

03:54

This browser does not support the video element.

इसी हफ्ते दक्षिण ध्रुवीय देश ऑस्ट्रेलिया में कोविड के मामलों में तेज वृद्धि देखी गई. यहां तक कि राज्यों की सरकारों ने चेतावनियां भी जारी की. न्यू साउथ वेल्स राज्य में एक साल में कोविड के मामले सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गए.

वान केरखोव ने कहा कि यूं सर्दियों में जुकाम, बुखार और थकान सामान्य बात है लेकिन इस साल खासतौर पर "अलग-अलग तरह के कई पैथोजन का प्रसार देखा गया है.”

डब्ल्यूएचओ ने लोगों से वैक्सीन लेने, जहां संभव हो मास्क पहनने और बंद दरवाजों के भीतर हवा की आवाजाही बेहतर रखने की सिफारिश की है. संगठन में आपातकालीन सेवाओं के प्रमुख डॉ. माइकल रायन ने कहा, "वैक्सीन आपको संक्रमित होने से शायद ना रोक पाएं लेकिन वे अस्पताल में भर्ती होने या मरने की संभावना को बहुत हद तक कम करती हैं.”

क्या है जेएन.वन वेरिएंट

जेएन.वन वेरिएंट कोरोना वायरस का नया प्रारूप है जो पिछले वेरिएंट बीए.2.86 का ही एक प्रकार है. हाल ही में इस वेरिएंट की ओर वैज्ञानिकों का ध्यान गया जब 30 वैज्ञानिकों के एक दल ने चिंता जताई कि इस वेरिएंट के प्रोटीन में बहुत ज्यादा बदलाव देखे गए हैं.

वैज्ञानिकों ने कहा कि यह वेरिएंट कोरोना वायरस से इतना ज्यादा बदल चुका है कि हो सकता है कोविड-19 वैक्सीन से पूरी तरह बच निकले और वैक्सीन के कारण शरीर में तैयार हुई क्षमता भी इससे लड़ ना पाए. इस आधार पर उन्होंने कहा कि यह वायरस 2021 जैसा कहर बरपा सकता है.

महाबली को एक और मौका

03:02

This browser does not support the video element.

हालांकि डब्ल्यूएचओ ने जेएन.1 के खतरे को बहुत कम बताया था. संगठन ने कहा कि मामलों में वृद्धि हो सकती है लेकिन इसके बारे में सीमित डाटा उपलब्ध है. फिर भी, दो अध्ययनों का हवाला देते हुए कहा गया कि इस वेरिएंट के कारण बीमारी की तीव्रता बढ़ने का खतरा बहुत कम है.

विवेक कुमार (एपी)

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें
डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी को स्किप करें

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें को स्किप करें

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें