नीट परीक्षा: छात्राओं ने लगाए इनरवियर उतरवाने के आरोप
१९ जुलाई २०२२यह मामला सोमवार को तब सामने आया जब एक 17 वर्षीय लड़की के पिता ने मीडिया को बताया कि अपनी पहली नेशनल एलेजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट 2022 (नीट) परीक्षा दे रही उनकी बेटी को परीक्षा के तीन घंटे के दौरान बिना ब्रा के बैठना पड़ा. उन्होंने मीडिया को बताया कि उनकी बेटी अभी तक उस "दर्दनाक अनुभव" से बाहर नहीं आ पा आई है.
शिकायत में छात्रा के पिता ने आरोप लगाया कि कोल्लम के अयूर में मार्थोमा इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन एंड टेक्नोलॉजी में परीक्षा में भाग लेने वाली "कई छात्राओं" को अपने इनरवियर को हटाने के लिए मजबूर किया गया था, हालांकि यह राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा अनिवार्य मानदंडों के तहत एक आवश्यकता नहीं है. जो नीट आयोजित करता है.
इस मामले में छात्राओं के परिजनों ने पुलिस में मामला दर्ज कराया है. हालांकि मार्थोमा इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन एंड टेक्नोलॉजी ने इस घटना से इनकार किया है.
केरल पुलिस ने कहा कि (आईपीसी) की धारा 354 और 509 के तहत मामला दर्ज किया गया है. पुलिस ने कहा कि महिला अधिकारियों की एक टीम ने लड़की का बयान दर्ज करने के बाद मामला दर्ज किया था, पुलिस ने कहा कि जांच शुरू की गई है और कथित तौर पर इस कृत्य में शामिल जांचकर्ताओं को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा.
गुस्साए अभिभावकों की शिकायत के बाद राज्य मानवाधिकार आयोग ने कोल्लम के ग्रामीण एसपी से रिपोर्ट मांगी है. इस बीच राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री आर बिंदु ने कहा कि राज्य सरकार इस मुद्दे को केंद्र के साथ उठाएगी.
छात्रा के पिता ने एक टीवी चैनल को बताया कि उनकी बेटी ने नीट बुलेटिन में बताए गए ड्रेस कोड के अनुसार कपड़े पहने थे, जिसमें इनरवियर के बारे में कुछ नहीं कहा गया था.
छात्रा के पिता के मुताबिक, "एक सुरक्षा जांच के बाद, मेरी बेटी को बताया गया कि मेटल डिटेक्टर से इनरवियर के हुक का पता चला है, इसलिए उसे इसे हटाने के लिए कहा गया. लगभग 90 फीसदी छात्राओं को अपने इनरवियर को उतारकर एक स्टोर रूम में रखना पड़ा. परीक्षा के दौरान उन्हें मानसिक रूप से परेशानी हुई."
पुलिस ने बताया कि घटना के सिलसिले में सोमवार को विभिन्न दलों ने कॉलेज के खिलाफ विरोध मार्च भी निकाला.
एनटीए के अधिकारियों ने दावा किया कि छात्रा के आरोप "मनगढ़ंत और बुरे इरादे से प्रेरित" थे. केंद्र के एनटीए पर्यवेक्षक ने आरोप गढ़ने के लिए छात्रा से संबंधित एक पुलिस अधिकारी को जिम्मेदार ठहराया है.
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क्या कहते हैं दिशानिर्देश
नीट ड्रेस कोड के मुताबिक परीक्षा में शामिल होने वाले छात्र-छात्राओं को हल्के रंग और लंबी बांह वाले कपड़े नहीं पहनने होंगे. परीक्षा में सैंडल्स और चप्पल पहनने की अनुमति है लेकिन छात्र जूते नहीं पहन सकते. गाइडलाइन के मुताबिक परीक्षा में भाग लेने वाले छात्र-छात्राओं की गहनता से जांच होगी, जांच मेटल डिकेटक्टर से भी होगी और महिला उम्मीदवारों की जांच बंद कमरे में महिला कर्मचारी द्वारा ही की जाएगी.
17 जुलाई को आयोजित नीट परीक्षा में अनुमानित 18 लाख से ज्यादा परीक्षार्थी शामिल हुए. नीट परीक्षा के जरिए ही छात्र देश भर के मेडिकल कॉलेजों में दाखिला ले सकेंगे.