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आपदानेपाल

नेपाल: खाना और सिर छिपाने की जगह से महरूम भूकंप पीड़ित

६ नवम्बर २०२३

नेपाल के सुदूर गांव चिउरी में उन 13 लोगों का सामूहिक अंतिम संस्कार किया गया जो पिछले हफ्ते भूकंप में मारे गए थे. इस इलाके में कई भूकंप पीड़ित भोजन और आश्रय की कमी का सामना कर रहे हैं.

नेपाल
नेपालतस्वीर: Prakash Mathema/AFP

शुक्रवार को आए तीव्र भूकंप में 157 लोग मारे गए थे और हजारों बेघर हो गए थे. रविवार को गांवों में, कई मरने वालों का अंतिम संस्कार किया गया. भेरी नदी के किनारे बसे चिउरी नाम के छोटे से गांव में 13 शवों का अंतिम संस्कार किया गया.

पुजारियों के मंत्रोच्चारण के बीच मृतकों के परिवार के सदस्यों ने उनके शवों को फूलों से ढका और फिर शवों को अग्नि दे दी. कल्पाली बीके अपनी आठ साल की भांजी के शव को अंतिम यात्रा पर जाते देख रहे थे.

बचने वालों का हाल

उन्होंने एएफपी समाचार एजेंसी को बताया, "भूकंप के बाद हम उन्हें बचाने के लिए उनके घर की तरफ दौड़े लेकिन वहां हमें लाशें मिलीं. परिवार में सात लोग थे. चार की मौत हो गई."उन्होंने एएफपी समाचार एजेंसी को बताया, "भूकंप के बाद हम उन्हें बचाने के लिए उनके घर की तरफ दौड़े लेकिन वहां हमें लाशें मिलीं. परिवार में सात लोग थे. चार की मौत हो गई."

भूकंप में भी ना टूटने वाले घर

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आश्रय और मदद का इंतजार चिउरी जाजरकोट जिले में स्थित है, जो नेपाल के राष्ट्रीय भूकंप निगरानी और शोध केंद्र के मुताबिक भूकंप का एपिसेंटर यानी केंद्र था. भूकंप के झटके भारत में दिल्ली तक महसूस किए गए थे.

इस इलाके में अमूमन मकानों को पत्थरों और लकड़ी के लट्ठों को एक के ऊपर एक रख कर बनाया जाता है. भूकंप के बाद ऐसे अधिकांश मकान या तो ढह गए या उन्हें बुरी तरह से नुकसान पहुंचा.

मरने वालों में सबसे ज्यादा वह लोग थे जो मलबे के नीचे दब कर मर गए. अब, जो बच गए उन्हें मजबूरन खुले में सोना पड़ रहा है और ठंड से बचने के लिए आग जलाकर गुजारा करना पड़ रहा है. 

मदद में देरी

पास ही के गांव चेपारे में रहने वाली समखाना बीका उन लोगों में से हैं जिनके मकान तबाह हो गए. उन्होंने एपी को बताया, "हमारी स्थिति इतनी खराब हो गई है कि हमारे पास खाने के लिए कुछ भी नहीं बचा है. जो भी खाना था वो हमारे मकान के मलबे के नीचे दबा पड़ा है."

चिउरी गांव में सामूहिक अंतिम संस्कारतस्वीर: Prabin Ranabhat/AFP

बीका ने यह भी बताया, "किसी और ने हमें थोड़े से चावल, थोड़ा तेल और थोड़ा नमक दिया जिससे हमने कल रात थोड़ा स्टू बनाया और खाया." नेपाल सरकार ने रविवार को कैबिनेट की एक बैठक के बाद घोषणा की कि प्रभावित इलाकों में तुरंत मदद भेजी जाएगी.

संचार मंत्री रेखा शर्मा ने कहा कि भोजन पहुंचाना और लोगों के लिए अस्थायी आश्रय बनाना इस समय प्राथमिकता हैं. लेकिन मदद का सामान धीरे धीर पहुंच रहा है क्योंकि कई गांव ऐसे हैं जहां सिर्फ पैदल पहुंचा जा सकता है और सड़कें इस समय भूस्खलन की वजह से बंद पड़ी हैं.

सीके/एसबी (एएफपी, एपी)

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