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यूरोपीय एयर डिफेंस में शामिल होना चाहता है स्विटजरलैंड

५ जुलाई २०२३

स्विटजरलैंड एक न्यूट्रल यानी तटस्थ देश है लेकिन वह यूरोपीय एयर डिफेंस परियोजना में शामिल होना चाहता है. यह परियोजना यूरोप को किसी संभावित मिसाइल हमले से बचाने के लिए प्लान किया गया है.

यूक्रेन पर रूसी हमले को देखते हुए पूरे यूरोप में हवाई सुरक्षा परियोजना- स्काई शील्ड की योजना बनी
यूक्रेन पर रूसी हमले को देखते हुए पूरे यूरोप में हवाई सुरक्षा परियोजना- स्काई शील्ड की योजना बनीतस्वीर: Stanislav Krasilnikov/TASS/dpa/picture alliance

यूक्रेन पर रूसी हमले को देखते हुए पूरे यूरोप में हवाई सुरक्षा परियोजना- स्काई शील्ड की योजना बनी है. ऑस्ट्रिया के बाद स्विटजरलैंड अब वो दूसरा तटस्थ देश है जिसने इस योजना में शामिल होने की इच्छा जताई है. इसी हफ्ते शुक्रवार को एक बैठक है जिसमें जर्मनी के रक्षा मंत्री बोरिस पिस्टोरियस की स्विस रक्षा मंत्री वायोला ऐमहर्ड और ऑस्ट्रियाई रक्षा मंत्री से बर्न में मुलाकात होगी. इसके बाद एक समझौते पर हस्ताक्षर करके इसे औपचारिक रूप दिया जाएगा. 

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क्या है स्काई शील्ड

जर्मनी के चांसलर ओलाफ शॉल्त्स ने पिछले साल अगस्त में यूरोपियन स्काई शील्ड इनिशिएटिव या ईएसएसआई शुरू करने का प्रस्ताव रखा. इसका उद्देश्य यूरोपीय महाद्वीप को किसी संभावित हवाई या मिसाइल हमले के खिलाफ सुरक्षित करना है. यह नाटो के मौजूदा हवाई सुरक्षा सिस्टम के पूरक के तौर पर काम करेगा. गौरतलब है कि ऑस्ट्रिया और स्विटजरलैंड इसका हिस्सा नहीं हैं. दोनों देशों ने ये भी साफ किया है कि स्काई शील्ड का हिस्सा बनने का मतलब ये कतई नहीं है कि वो किसी अंतरराष्ट्रीय सैन्य अभियान का हिस्सा बनेंगे.

जर्मनी के चांसलर ओलाफ शॉल्त्स ने पिछले साल अगस्त में यूरोपियन स्काई शील्ड इनिशिएटिव या ईएसएसआई शुरू करने का प्रस्ताव रखातस्वीर: INA FASSBENDER/AFP

अब तक 17 देश इस परियोजना का हिस्सा बन चुके हैं जिसमें ब्रिटेन और स्वीडन भी शामिल हैं. फ्रांस ने इसकी आलोचना की है क्योंकि इसके कुछ अहम हिस्से जैसे इस्राइली ऐरो 3 सिस्टम या अमेरिकी पैट्रियट सिस्टम मूल रूप से यूरोपीय सीमा से बाहर हैं.

यूक्रेन में लड़ाई का तरीका बदलते ड्रोन

स्विट्जरलैंड यूक्रेन पर रूसी हमले की आलोचना तो करता है लेकिन उसने अब तक यूक्रेन की मदद के लिए हथियार नहीं दिए हैं. हाल ही में स्विटजरलैंड में बने टैंकों को लेकर बड़ी चर्चा हुई थी. यूक्रेन को इन टैंकों की सख्त जरूरत है और यूरोपीय देशों ने भी अपनी तरफ से काफी दबाव बनाने की कोशिश की लेकिन आखिरकार स्विट्जरलैंड ने ये टैंक देने से मना कर दिया. यूरोप के मध्य रह कर भी स्विट्जरलैंड का तटस्ठ रहने का इतिहास पुराना है खास तौर से संघर्ष के मामले में. स्विट्जरलैंड का कानून युद्ध लड़ रहे देशों को हथियार देने की इजाजत नहीं देता है.

एसबी/एनआर (एपी)

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