ब्रिटेन में कोरोना वायरस की नई किस्म सामने आई है. इंग्लैंड के कई हिस्सों में वायरस की यह नई किस्म बड़ी तेजी से फैल रही है. क्यों बदल जाते हैं वायरस?
विज्ञापन
ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री मैट हैनकॉक के मुताबिक कम से कम 60 स्थानीय प्रशासनों ने कोरोना वायरस के नए रूप से फैले संक्रमण की बात मानी है. फिलहाल इस बात के कोई सबूत नहीं मिले हैं कि वायरस का नया रूप पहले से ज्यादा घातक है. हैनकॉक के मुताबिक इस बात की कोई संभावना नहीं है कि वायरस के नए वर्जन पर वैक्सीन काम नहीं करेगी. दक्षिणी इंग्लैंड में इसके संक्रमण के 1000 से ज्यादा मामले सामने आए हैं.
फिलहाल कोरोना वायरस के लिए होने वाले टेस्ट में वायरस की नई किस्म पकड़ में आ रही है. ब्रिटिश वैज्ञानिकों और वायरस विशेषज्ञों के मुताबिक कोरोना वायरस का नया रूप ज्यादा घातक और संक्रामक नहीं है. हालांकि इस पर लगातार नजर रखने की जरूरत है. वायरस के नए रूप के सामने आने के बाद लंदन में 16 दिसंबर से कड़े लॉकडाउन का ऐलान कर दिया गया है.
प्रकृति में मौजूद हर जीवित चीज की तरह वायरस भी लगातार प्रजनन और क्रमिक विकास करते रहे हैं. वायरस एक शरीर को संक्रमित करने के बाद आगे दूसरे शरीर तक पहुंचना चाहते हैं, ताकि वे फैलें और अपनी प्रजाति को जिंदा रख सकें. इस संक्रमण के लिए जीन में जिस तरह के बदलावों की जरूरत पड़ती है, वायरस वे बदलाव करने लगते हैं. विज्ञान की भाषा में इस प्रक्रिया को जेनेटिक म्यूटेशन कहा जाता है.
लगातार म्यूटेशन के बाद खुद को तेजी से फैला सकने वाले नए किस्म तैयार होते हैं. यह एक प्रजाति के लिए मामूली तो दूसरी प्रजातियों के लिए जानलेवा साबित हो सकते हैं. कोरोना वायरस (सार्स-कोव-2) भी इसका सबूत है. तमाम वन्य जीवों के लिए यह जानलेवा नहीं है, लेकिन इंसान के शरीर में दाखिल होते ही इस वायरस ने महामारी की शक्ल ले ली.
कभी यूके, कभी ग्रेट ब्रिटेन तो कभी इंग्लैंड, आखिर ये चक्कर क्या है. चलिए इस समझते हैं ताकि आगे ये कंफ्यूजन न रहे.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/R.Peters
यूनाइटेड किंगडम (यूके)
असल में इसका पूरा नाम यूनाइटेड किंगडम ऑफ ग्रेट ब्रिटेन एंड नॉदर्न आयरलैंड है. यूके में इंग्लैंड, स्कॉटलैंड, उत्तरी आयरलैंड और वेल्स आते हैं. इन चारों के समूह को ही यूके कहा जाता है.
तस्वीर: Getty Images/JJ.Mitchell
ग्रेट ब्रिटेन
इंग्लैंड, स्कॉटलैंड और वेल्स के संघ को ग्रेट ब्रिटेन कहा जाता है. तीनों अलग अलग प्रांत हैं. तीनों प्रांतों की अपनी संसद है लेकिन विदेश नीति और सुरक्षा जैसे मुद्दों पर फैसला ग्रेट ब्रिटेन की संघीय संसद करती है. तस्वीर में बायीं तरफ इंग्लैंड का झंडा है, दायीं तरफ स्कॉटलैंड का. बीच में ग्रेट ब्रिटेन का झंडा है.
तस्वीर: Andy Buchanan/AFP/Getty Images
ब्रिटेन
यह नाम रोमन काल में इस्तेमाल हुए शब्द ब्रिटानिया से आया है. ब्रिटेन इंग्लैंड और वेल्स को मिलाकर बनता है. हालांकि अब सिर्फ ब्रिटेन शब्द का इस्तेमाल कम होता है. यूरो 2016 में इंग्लैंड बनाम वेल्स का मैच.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/A. Rain
इंग्लैंड
इंग्लैंड एक देश है. जिसकी राजधानी लंदन है. स्काटलैंड और वेल्स की तरह इंग्लैंड की अपनी फुटबॉल और क्रिकेट टीम हैं. इन टीमों में दूसरे प्रांतों के खिलाड़ी शामिल नहीं होते हैं.
तस्वीर: Reuters/J.-P. Pelissier
राजधानियां
उत्तरी आयरलैंड की राजधानी बेलफास्ट है. स्कॉटलैंड की राजधानी एडिनबरा है और वेल्स की राजधानी कार्डिफ है.
भाषा
अंग्रेजी भाषा होने के बावजूद इंग्लैंड, स्कॉटलैंड, उत्तरी आयरलैंड और वेल्स में लहजे का फर्क है. आम तौर पर मजाक में लोग एक दूसरे इलाके के लहजे का मजाक भी उड़ाते हैं.
तस्वीर: picture alliance/dpa
खासियत
स्कॉटलैंड के लोगों को अपनी विश्वप्रसिद्ध स्कॉच पर गर्व है. बैगपाइपर का संगीत स्कॉटलैंड की पहचान है. वहीं आयरलैंड के लोग आयरिश व्हिस्की और बियर का गुणगान करते हैं. इंग्लैंड मछली और चिप्स के लिए मशहूर है.
तस्वीर: Getty Images
मतभेद
राजस्व के आवंटन के अलावा ग्रेट ब्रिटेन (इंग्लैंड, वेल्स और स्कॉटलैंड) के प्रांतों के बीच विदेश नीति को लेकर भी मतभेद रहते हैं. यूरोपीय संघ की सदस्यता को लेकर मतभेद सामने भी आ चुके हैं. अगर ग्रेट ब्रिटेन यूरोपीय संघ से निकला तो स्कॉटलैंड स्वतंत्र देश बनने का एलान कर चुका है.
तस्वीर: Andy Buchanan/AFP/Getty Images
ईयू से मतभेद
यूरोपीय संघ के आलोचकों का कहना है कि ईयू की सदस्यता से ब्रिटेन को आर्थिक और सामाजिक क्षति पहुंची है. तटीय इलाकों में रहने वाले मछुआरे करीब करीब बर्बाद हो चुके हैं. बड़ी संख्या में पोलैंड से आए प्रवासियों का मुद्दा भी समय समय पर उठता रहा है.
तस्वीर: Reuters/T. Melville
राजनैतिक खींचतान
यूरोपीय संघ की नीतियां सदस्य देशों को लागू करनी पड़ती हैं. चाहे वह बजट का वित्तीय घाटा हो, शरणार्थियों का मुद्दा हो या फिर मार्केट रेग्युलेशन. ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन इसे राजनीतिक हस्तक्षेप करार दे चुके हैं.