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विज्ञानऑस्ट्रेलिया

नई तकनीक से सामने आए अंतरिक्ष के नए रहस्य

२८ जनवरी २०२५

ऑस्ट्रेलिया में विकसित की गई एक नई तकनीक ने अंतरिक्ष में 20 से ज्यादा रहस्यमयी सिग्नलों का पता लगाया है. वैज्ञानिक उत्साहित हैं कि इससे अंतरिक्ष के बारे में अभी तक की समझ को और आगे बढ़ाया जा सकता है.

ऑस्ट्रेलिया में एक खुले मैदान में लगाई गई ऐस्कैप टेलीस्कोप
इस तकनीक से अंतरिक्ष में नई वस्तुओं का पता लगाया जा सकता हैतस्वीर: Xinhua/CSIRO/picture alliance

अंतरिक्ष में खोज करने की इस नई तकनीक को ऑस्ट्रेलियाई खगोल वैज्ञानिकों और इंजीनियरों ने विकसित किया है. वैज्ञानिकों ने इसे "अंतरराष्ट्रीय खगोल विज्ञान के लिए गेम चेंजर बताया है."

यह मूल रूप से कंप्यूटरों और एक्सेलरेटरों का एक गुच्छा है जो तेज गति से अंतरिक्ष को स्कैन करता है और तेजी से होने वाले रेडियो बर्स्ट और अन्य गतिविधियों का पता लगाता है. इस तकनीक को सीआरएसीओ (क्राको) नाम दिया गया है और इसे ऑस्ट्रेलिया की राष्ट्रीय विज्ञान एजेंसी सीएसआईआरओ के खगोल वैज्ञानिकों और इंजीनियरों ने बनाया है.

रिसर्च का नया क्षेत्र

इसे एजेंसी के ऐस्केप रेडियो टेलीस्कोप के ऊपर लगाया गया है. मंगलवार, 28 जनवरी को छपी रिसर्च के मुताबिक इस तकनीक के पहले परीक्षण में रिसर्चरों ने तेज रेडियो बर्स्ट और छिटपुट रूप से रेडिएशन फेंकने वाले दो न्यूट्रॉन सितारों का पता लगाया.

खगोल वैज्ञानिकों को नई तकनीक से बड़ी उम्मीदें हैंतस्वीर: Alex Cherney/CSIRO/dpa/picture alliance

उसके बाद उन्होंने 20 से भी ज्यादा तेज गति से हुए रेडियो बर्स्ट का पता लगाया. पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में स्थित इंटरनैशनल सेंटर फॉर रेडियो एस्ट्रोनॉमी में रिसर्च समूह के नेता डॉक्टर एंडी वैंग ने बताया, "हमारा ध्यान तेज रेडियो बर्स्ट ढूंढ़ने पर केंद्रित था, जो एक रहस्मयी गतिविधि है जिसने खगोल विज्ञान में रिसर्च के एक नए क्षेत्र को खोल दिया है."

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वैंग ने कहा, "क्राको हमें किरणों के इन तेज प्रवाहों को खोजने में पहले से कहीं ज्यादा समर्थ बना रहा है. हम एक सेकंड में 100 बार बर्स्ट को खोज रहे हैं और हमें उम्मीद है कि भविष्य में हम इसे बढ़ा कर हर सेकंड में 1000 बार कर पाएंगे."

रेत में सिक्का खोजने जैसा

उन्होंने यह भी कहा, "एक बार यह अपनी पूरी क्षमता पर आ जाए तो क्राको अंतरराष्ट्रीय खगोल विज्ञान के लिए एक गेम चेंजर होगा." सीएसआईआरओ में खगोल वैज्ञानिक और इस तकनीक को बनाने वाले इंजीनियरों में से एक डॉक्टर कीथ बैनिस्टर ने बताया कि नई तकनीक ने अंतरिक्ष को देखने का जो स्तर उपलब्ध कराया है वो विशाल है.

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उन्होंने बताया, "क्राको ऐस्कैप के आसमान के 'लाइव' व्यू को खोल लेता है और तेज रेडियो बर्स्ट की तलाश करने लगता है. ऐसा करने के लिए यह बड़ी मात्रा में डाटा को स्कैन करता है. बर्स्ट के स्थान का पता लगाने के लिए यह हर सेकंड में 100 अरब पिक्सेल प्रोसेस करता है. यह हर मिनट में रेत से भरे समुद्री तट में एक छोटे से सिक्के को खोजने के बराबर है."

सीके/वीके (डीपीए)

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