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विज्ञानमंगोलिया

टिरैनोसॉरस का पूर्वज मंगोलिया के संस्थान की दराज में मिला

निखिल रंजन एएफपी, रॉयटर्स
१२ जून २०२५

मंगोलिया के एक संस्थान की दराजों में रखी कुछ हड्डियों ने वैज्ञानिकों को टिरैनोसॉरस रेक्स के पूर्वज से मिलाया है. ये हड्डियां कम से कम 50 साल से वहां रखी थीं.

कैलगरी यूनिवर्सिटी की बनाई टी-रेक्स के पूर्वज डायनासोर की तस्वीर
टी-रेक्स के पूर्वज के हड्डियों की पहचान हुई तस्वीर: Julius Csotonyi/University of Calgary/AFP

नेचर जर्नल में छपी रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक विशालकाय टिरैनोसॉरस रेक्स या टी रेक्स का यह पतला दुबला पूर्वज करीब चार मीटर लंबा और इसका वजन करीब 750 किलो था. रिसर्च रिपोर्ट की सह लेखिका डाराला जेलेनित्स्की कनाडा के कैलगरी यूनिवर्सिटी से जुड़ी हैं. उनका कहना है, "इसका आकार किसी बहुत बड़े घोड़े जितना बड़ा है."

यह जीवाश्म दक्षिण पूर्वी मंगोलिया में 1970 के दशक के शुरुआती सालों में खुदाई के दौरान मिला था. हालांकि उस समय इसकी पहचान एक अलग टिरैनोसॉरस एलेक्ट्रोसॉरस के रूप में हुई थी.

टी-रेक्स मांसाहारी डायनासोर हैं जिनका करीब 20 लाख साल तक धरती पर दबदबा रहा हैतस्वीर: Becker & Bredel/picture alliance

मंगोलियाई संस्थान की दराज में रखा जीवाश्म

लगभग आधी शताब्दी तक यह जीवाश्म मंगोलियन एकेडमी ऑफ साइंसेज के इंस्टिट्यूट ऑफ पैलिएंटोलॉजी की दराजों में रखा रहा. जेलेनित्स्की ने बताया कि पीएचडी छात्र जेयर्ड वोरिस जब मंगोलिया के दौरे पर गए और उन दराजों में देखना शुरू किया तो उन्हें लगा कि कुछ गलत है. बाद में पता चला कि अच्छी तरह से रखा गया यह जीवाश्म एक बिल्कुल नई प्रजाति का है. इसमें दो जीवों के कंकाल का कुछ हिस्सा है.जेलेनित्स्की का कहना है, "यह बहुत संभव है कि दूसरे म्यूजियमों में भी जो इस तरह कि खोज में मिली चीजें रखी गई हैं उनकी सही पहचान नहीं हुई हो."

वैज्ञानिकों ने नई प्रजाति का नाम खानखुलु मंगोलियएंसिस रखा है. मोटे तौर पर इसका मतलब है ड्रैगन प्रिंस ऑफ मंगोलिया क्योंकि यह "किंग" टी-रेक्स की तुलना में छोटा है. टी-रेक्स इस परिवार का आखिरी वंशज था. यह उत्तरी अमेरिका का सबसे शानदार शिकारी जीव था जो 6.6 करोड़ साल पहले तक मौजूद था. उसी समय एक माउंट एवरेस्ट से बड़ा धूमकेतू मेक्सिको की खाड़ी में गिरा. इसके नतीजे में पृथ्वी पर मौजूद तीन चौथाई जीवन नष्ट हो गया. इनमें वो डायनासोर भी खत्म हो गए जो चिड़ियों के रूप में विकसित नहीं हो सके.

एशिया से अमेरिका फिर वापस एशिया

इससे करीब 2 करोड़ साल पहले खानखुलु या इस परिवार से जुड़े दूसरे सदस्यों के बारे में माना जाता है कि वे एशिया से अमेरिका की ओर गए थे. उन्होंने उस जमीन को रास्ता बनाया था जो साइबेरिया को अलास्का से जोड़ता है. इसके नतीजे में टिरैनोसॉरस पूरे उत्तरी अमेरिका में फैले और विकसित हुए. टिरैनोसॉरस मांसाहारी डायनासोर की उस प्रजाति के समूह में आते हैं जिन्हें थेरोपॉड्स कहा जाता है.

इनमें से एक प्रजाति के बारे में माना जाता है कि वह वापस एशिया आया और वहां टिरैनोसॉरस के दो उपसमूह विकसित हुए. इनमें से एक बहुत छोटा था और उसका वजन एक टन से कम था. उसके लंबे थूथन की वजह से उसे पिनोचियो रेक्स भी कहा गया. दूसरा उपसमूह विशाल था और इसमें टार्बोसॉरस जैसे विशाल जीव थे जिनका आकार टी-रेक्स से थोड़ा सा ही छोटा था. इसके बाद एक विशालकाय डायनासोर फिर एशिया छोड़ कर उत्तरी अमेरिका गया. जिसने टी-रेक्स को बढ़ाया. इन टी-रेक्स का लगभग 20 लाख वर्षों तक उत्तरी अमेरिका में दबदबा था उसके बाद धूमकेतू की टक्कर हुई और विशालकाय जीव इतिहास बन गए.

वो कंकाल जिसने खोला डायनासोरों का राज

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