सोशल मीडिया साइट ट्विटर के सह संस्थापक जैक डोर्सी ने सीईओ के पद से इस्तीफा देकर कंपनी छोड़ दी है. उनकी जगह भारतीय मूल के पराग अग्रवाल को नियुक्त किया गया है. कौन हैं पराग अग्रवाल?
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37 साल के पराग अग्रवाल ट्विटर के नए सीईओ होंगे. वह जैक डोर्सी की जगह लेंगे जिन्होंने पद और कंपनी दोनों छोड़ने का ऐलान किया. इसके साथ ही दुनिया की सबसे नामी कंपनियों का नेतृत्व कर रहे भारतीयों की सूची में एक और नाम शामिल हो गया.
पराग अग्रवाल ने पर्दे के पीछे से एकाएक इस अहम भूमिका में पदार्पण किया है. हालांकि संभव है कि उनकी सशक्त तकनीकी क्षमता और उनके नाम पर कोई विवाद ना होना ही उनके पक्ष में गया हो.
क्यों चुने गए अग्रवाल
भारतीय मूल के प्रवासी अग्रवाल अब तक कोई बहुत ज्यादा खबरों में नहीं रहे हैं. हालांकि वह 15 साल से ट्विटर में काम कर रहे थे और चार साल से कंपनी के चीफ टेक्निकल ऑफिसर थे लेकिन जैक डोर्सी, मार्क जकरबर्ग या ईलॉन मस्क की तरह हाई प्रोफाइल नहीं हैं.
एक नजर कमला हैरिस के जीवन पर
कैलिफोर्निया से अमेरिकी सांसद कमला हैरिस को डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से उप-राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार चुना गया है. वह कैरिबियाई और भारतीय मूल की हैं इसलिए भारत में उनके नाम और उनकी उपलब्धियों को लेकर बहुत चर्चा है.
अप्रैल 1965 की तस्वीर. हैरिस अपने पिता डॉनल्ड हैरिस की गोद में हैं. डॉनल्ड एक जमैकन-अमेरिकी अर्थशास्त्री हैं और स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में एमेरिटस प्रोफेसर हैं.
यह तस्वीर हैरिस के बचपन की है जिसमें वह कैलिफोर्निया के बर्कले विश्वविद्यालय में अपनी मां श्यामला गोपालन की प्रयोगशाला में दिखाई दे रही हैं. भारतीय तमिल मूल की अमेरिकी नागरिक श्यामला एक कैंसर शोधकर्ता और एक नागरिक अधिकार एक्टिविस्ट थीं. उनका फरवरी 2009 में निधन हो गया था.
जनवरी 1970 की तस्वीर. हैरिस कैलिफोर्निया में अपनी मां श्यामला और बहन माया के साथ अपने घर के बाहर खड़ी दिख रही हैं. यह तस्वीर उनके माता-पिता के अलग होने के बाद की है.
जून 2004 की तस्वीर, जब हैरिस सैन फ्रांसिस्को की डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी थीं.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/M. J. Sanchez
सीनेटर बनने की राह पर
फरवरी 2012 में पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ. हैरिस उन दिनों कैलिफोर्निया की अटॉर्नी जनरल थीं और ओबामा और बाइडेन ने सीनेटर पद की उम्मीदवारी के लिए उनके नाम का समर्थन किया था.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/E. Risberg
बड़ा अभियान
जनवरी 2019 में हैरिस राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के लिए अपने अभियान की शुरुआत करते हुए, अपने पति डगलस एमहॉफ के साथ ऑकलैंड, कैलिफोर्निया में. उनकी गोद में उनकी भांजी अमारा अजागु है. डगलस एक अधिवक्ता हैं.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/T. Avelar
परिवार का साथ
राष्ट्रपति पद के अभियान की शुरुआत के मौके पर हैरिस का पूरा परिवार मौजूद था. तस्वीर में उनके पति डगलस एमहॉफ, बेटी एला और बेटा कोल ओकलैंड में मंच पर.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/T. Avelar
बहन का समर्थन
हैरिस की बहन माया हैरिस नवंबर 2019 में राष्ट्रपति पद की दावेदारी के अभियान के बीच एक समारोह में. माया एक अधिवक्ता और राजनीतिक टीकाकार हैं.
वॉल स्ट्रीट की निगाहें अब उत्सुकता से ट्विटर की ओर देख रही हैं क्योंकि ऐसी उम्मीद की जा रही है कि अग्रवाल कंपनी को इंटरनेट के अगले युग यानी मेटावर्स की ओर ले जाएंगे. सीएफआरए रीसर्च के विश्लेषक एंजेलो जीनो ने लिखा कि अग्रवाल एक सुरक्षित चयन हैं जिन्हें निवेशक पसंद करेंगे. जीनो ने इस बात पर भी जोर दिया कि ट्विटर की हिस्सेदार कंपनी इलियट मैनेजमेंट कॉर्प ने डोर्सी को पद छोड़ने के लिए मजबूर किया था.
इलियट ने सोमवार को एक बयान जारी कर कहा कि अग्रवाल और बोर्ड के नए अध्यक्ष ब्रेट टेलर इस अहम वक्त में कंपनी के लिए सही अगुआ हैं. टेलर बिजनेस सॉफ्टवेयर बनाने वाली कंपनी सेल्सफोर्स के सीओओ हैं.
भारतीयों की फेहरिस्त
पराग अग्रवाल उन भारतीयों की लंबी सूची में अगला नाम हैं जो सिलिकॉन वैली की बड़ी कंपनियों का नेतृत्व कर रहे हैं. उनमें गूगल की मुख्य कंपनी अल्फाबेट के सुंदर पिचाई, माइक्रोसॉफ्ट के सत्य नाडेला और आईबीएम के अरविंद कृष्णा शामिल हैं.
पराग अग्रवाल ने आईआईटी बॉम्बे से पढ़ाई की है. इंजीनियरिंग की डिग्री के बाद उन्होंने अमेरिका की प्रतिष्ठित स्टैन्फर्ड यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस में पीएचडी की. उसके बाद माइक्रोसॉफ्ट और याहू में इंटर्नशिप भी की.
2011 में उन्होंने ट्विटर में काम शुरू किया था. तब कंपनी में सिर्फ 1,000 कर्मचारी हुआ करते थे. पिछले साल के आखिर में कंपनी के 5,500 कर्मचारी थे. जल्दी ही अग्रवाल का नाम हो गया. 2017 में वह चीफ टेक्निकल ऑफिसर नियुक्त किए गए. वह कंपनी की आर्टिफिशल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग नीतियों के लिए जिम्मेदार रहे.
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बड़ी चुनौतियां
यूं तो ट्विटर दुनिया के बड़े-बड़े लोगों जैसे राजनेताओं, पत्रकारों और मनोरंजन जगत की हस्तियों की पसंदीदा सोशल मीडिया प्रोफाइल है लेकिन ग्राहकों की संख्या के मामले में यह फेसबुक और यूट्यूब के अलावा नई वीडियो ऐप टिक टॉक से काफी पीछे रह गई है.
किन देशों में रहते हैं सबसे ज्यादा भारतीय
भारत की जनसंख्या 2011 में 121 करोड़ थी. दुनिया के दूसरे देशों में भी बड़ी संख्या में भारतीय रहते हैं.आपको बताते हैं उन टॉप 10 देशों के बारे में जहां सबसे ज्यादा भारतीय रहते हैं.
तस्वीर: DW/S. Burman
अमेरिका
भारत के बाहर सबसे ज्यादा भारतीय अमेरिका में रहते हैं. अमेरिका में कुल 44,60,000 भारतीय और भारतीय मूल के लोग रहते हैं. इनमें 12,80,000 भारतीय और 31,80,000 भारतीय मूल के हैं. भारतीय मूल मतलब जो भारत के रहने वाले हैं लेकिन भारत की नागरिकता छोड़ चुके हैं.
तस्वीर: Getty Images/AFP/F. Parra
संयुक्त अरब अमीरात
अमेरिका के बाद दूसरे नंबर पर संयुक्त अरब अमीरात, यूएई का नंबर है. यहां 31,04,586 भारतीय और भारतीय मूल के लोग रहते हैं. इनमें 31,00,000 भारतीय और 4,586 भारतीय मूल के हैं.
तस्वीर: Imago/imagebroker
मलेशिया
मलेशिया में कुल 29,87,950 भारतीय और भारतीय मूल के लोग रहते हैं. इनमें 2,27,950 भारतीय और 27,60,000 भारतीय मूल के लोग हैं.
तस्वीर: Imago/imagebroker
सऊदी अरब
इस्लामिक देश सऊदी अरब में 28,14,568 भारतीय और 2,160 भारतीय मूल के लोग रहते हैं. कुल मिलाकर यह संख्या 28,12,408 होती है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/S. Akber
म्यांमार
भारत के पड़ोसी देश म्यांमार में भी बड़ी संख्या में भारतीय रहते हैं. इनमें 8,991 भारतीय और 20,00,000 भारतीय मूल के लोग रहते हैं. म्यांमार में कुल मिलाकर 20,08,991 भारतीय रहते हैं.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
यूनाइटेड किंगडम, यूके
यूनाइटेड किंगडम में 18,25,000 भारतीय और भारतीय मूल के लोग रहते हैं. इनमें 3,25,000 भारतीय और 15,00,000 भारतीय मूल के लोग रहते हैं.
तस्वीर: Reuters/B. Yip
श्रीलंका
भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका में 14,000 भारतीय और 16,00,000 भारतीय मूल के लोग रहते हैं. कुल मिलाकर यह संख्या 16,14,000 होती है.
तस्वीर: dapd
दक्षिण अफ्रीका
दक्षिण अफ्रीका से भारत का पुराना संबंध है. भारत का सैकड़ों साल पहले से दक्षिण अफ्रीका के साथ व्यापारिक संबंध है. दक्षिण अफ्रीका में 15,60,000 भारतीय और भारतीय मूल के लोग रहते हैं. इनमें 15,00,000 भारतीय मूल के और 60,000 भारतीय रहते हैं.
तस्वीर: AP
कनाडा
कनाडा में 10,16,185 भारतीय और भारतीय मूल के लोग रहते हैं. इनमें 1,84,320 भारतीय और 8,31,865 भारतीय मूल के हैं.
तस्वीर: Getty Images/K. Djansezian
कुवैत
कुवैत में 9,29,903 भारतीय और भारतीय मूल के लोग रहते हैं. इनमें 9,28,421 भारतीय और 1,482 भारतीय मूल के लोग रहते हैं.
तस्वीर: picture alliance/J.W. Alker
जर्मनी
जर्मनी में 1,46,093 भारतीय और भारतीय मूल के लोग रहते हैं. इनमें 1,08,965 भारतीय और 37,128 भारतीय मूल के हैं.
तस्वीर: imago/blickwinkel/McPhoto/K. Steinkamp
पाकिस्तान
पाकिस्तान में भारत के राजनयिक अधिकारियों के अलावा कोई भी भारतीय या भारतीय मूल का नागरिक नहीं रहता है. पाकिस्तान की जेलों में भी कई भारतीय बंद हैं.
(ये आंकड़े भारतीय विदेश मंत्रालय द्वारा दिसंबर 2018 में जारी किए गए थे.)
तस्वीर: Getty Images/AFP/A. Qureshi
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ट्विटर के सिर्फ 20 करोड़ ऐसे यूजर हैं जो प्रतिदिन सक्रिय होते हैं. इसलिए पराग अग्रवाल के सामने चुनौतियां काफी बड़ी हैं. उन्हें तकनीकी विकास ही नहीं देखना है बल्कि राजनीतिक और सामाजिक चुनौतियों का भी सामना करना होगा. इनमें फेक न्यूज, ट्रोलिंग और मानिसक स्वास्थ्य पर असर जैसे गंभीर मुद्दे भी हैं.
पराग अग्रवाल की एक चुनौती भारत सरकार के साथ बेहतर संबंध बनाना भी होगा. हाल के महीनों में कंपनी के भारत सरकार से रिश्ते खराब हुए हैं. कंपनी के भारत में प्रमुख को कई बार अधिकारियों का सामना करना पड़ा है और अब भारत सरकार के कई नेता ट्विटर की स्थानीय प्रतिद्वन्द्वी कू को समर्थन दे रहे हैं.