कोरोना वायरस महामारी का प्रकोप कुछ राज्यों में तेजी से बढ़ता जा रहा है. संक्रमण के तेजी से आते मामलों को देखते हुए राज्य सरकारें सतर्क हो गई हैं. कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए सख्ती से कदम उठाए जा रहे हैं.
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देश के कुछ राज्यों जैसे कि दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में अचानक कोरोना के मामलों में तेजी आई है. केंद्र सरकार ने मामलों में वृद्धि को देखते हुए उत्तर प्रदेश, पंजाब और हिमाचल प्रदेश में उच्च स्तरीय टीमों को भेजा है ताकि उन्हें बीमारी के प्रसार से निपटने में मदद मिल सके. इस बीच रविवार को दिल्ली में 6,746 लोग संक्रमित पाए गए और 6,154 लोग बीमारी से ठीक भी हुए. दिल्ली में एक दिन में 121 लोगों की मौत हुई. मौत का यह आंकड़ा देश में सबसे ज्यादा रहा. इस मामले में 50 मौतों के साथ महाराष्ट्र दूसरे नंबर पर रहा.
राज्यों की सख्ती
दिल्ली में कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोतरी को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने दिल्ली से आने वाले सभी लोगों के टेस्ट करने के निर्देश दिए है. दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद में मेहमानों की नई सीमा तय होने के बाद शादियों वाले घर परेशानी में हैं. पुराने नियमों के मुताबिक इन लोगों ने 200 लोगों को न्योता भेजा हुआ है. जबकि नए नियम के मुताबिक दिल्ली में शादी-समारोह में 50 लोगों की सीमा तय की गई है, जबकि नोएडा और गाजियाबाद में सीमा 100 कर दी गई है.
वहीं पश्चिमी दिल्ली के प्रशासन ने कोविड-19 के नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में दो बाजारों को 30 नवंबर तक के लिए बंद कर दिया है. मास्क और सोशल डिस्टैसिंग जैसे नियमों के उल्लंघन को देखते हुए दिल्ली सरकार जुर्माने की राशि पहले ही 500 से बढ़ाकर 2000 रुपये कर चुकी है. केंद्र ने रविवार को कहा है कि कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में दिल्ली सरकार की मदद करने के अपने वादे के तहत उसने डीआरडीओ अस्पताल में 250 वेंटिलेटर पहुंचाए हैं.
इस बीच हरियाणा में कोविड-19 के बढ़ते मामले को देखते हुए, मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने रविवार को वायरस से बचने के लिए फेस मास्क पहनने को लेकर लोगों को आगाह किया है. उन्होंने साथ ही कहा कि सरकार लोगों के बीच एक करोड़ फेस मास्कों का वितरण करेगी.
कर्फ्यू और पाबंदी
मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए तय नियमों का पालन कराने के लिए रोको-टोको अभियान जोरों पर है. वहां कोरोना प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने वालों से अब तक एक करोड़ 34 लाख रुपए से अधिक का जुर्माना वसूला जा चुका है. राजस्थान और गुजरात के कुछ बड़े शहरों में रात का कर्फ्यू लगाया जा चुका है.
इस बीच कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक कर सकते हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक आगे की रणनीतियों और उपायों को लेकर मोदी राज्यों से चर्चा कर सकते हैं.
कोरोना वायरस संक्रमण के चलते महात्मा गांधी के दक्षिण अफ्रीकी मूल पड़पोते सतीश धुपेलिया का दक्षिण अफ्रीका में निधन हो गया है. वे 66 साल के थे और कोरोना से संक्रमित थे.
कोरोना महामारी के कारण बंद आर्थिक गतिविधियां तो शुरू हो गईं हैं, लेकिन जो लोग रोज कमाते और खाते हैं उनकी आर्थिक स्थिति पहले जैसी नहीं हो पाई है. उन्हें दो वक्त की रोटी के लिए काफी मेहनत करनी पड़ रही है.
तस्वीर: Aamir Ansari/DW
कम ग्राहक, कम कमाई
दीवाली के मौके पर कमला देवी और उनके परिवार ने इस सोच के साथ दिया, मूर्ति और अन्य सजावट के सामान खरीदे कि इस बार उनकी अच्छी कमाई होगी. कमला देवी 20 रुपये में मिट्टी के चार दिये बेच रही हैं लेकिन उनका कहना है कि फिर भी माल नहीं बिक पा रहा है.
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सुस्त बाजार
आम तौर पर देश में त्योहारों के समय में लोग मिट्टी के कारीगरों की मेहनत और लगन को ध्यान में रखते हुए तोल-मोल नहीं करते हैं लेकिन इस बार ग्राहक भी कम संख्या में आ रहे हैं. कुछ लोग हैं जो मिट्टी की आकर्षक मूर्तियां खरीदने जरूर आ रहे हैं और बिना पैसे कम कराए उन्हें खरीद भी रहे हैं.
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देसी उत्पाद
बाजार में इस साल चीनी उत्पाद कम बिक रहे हैं. ज्यादातर सामान देसी हैं. कमलपन्ना कहती हैं उनके पास पूजा सामग्री से लेकर मोमबत्ती और सजावट के सामान हैं लेकिन कोरोना की वजह से बाजार पहले जैसा गुलजार नहीं है.
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मोल-भाव
पूजा के लिए फूल और माला बेचने वाले गोविंद कहते हैं वे 50 रुपये में गेंदे के फूलों की माला बेच रहे हैं. हालांकि वे कहते हैं इसमें उनकी बचत सिर्फ 5 से 10 रुपये ही होगी. लोग उनसे दाम करने के लिए कहते हैं तो वे बेचने से इनकार कर देते हैं.
तस्वीर: Aamir Ansari/DW
कमाई का मौका
सड़क पर त्योहारों के मौके पर पूजा सामग्री और अन्य चीजें बेचने वाले परीक्षण सिंह यूपी के बलिया के रहने वाले हैं. वे हर साल इसी तरह लाई, बताशे और चीनी से बने मीठे खिलौने बेचते हैं, लेकिन वे भी कम ग्राहकों के आने से निराश हैं.
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रंगोली के रंग
यूपी के मैनपुरी के शाहजहां हर साल नोएडा आकर रंगोली बनाने के लिए रंग बेचते हैं. उनका कहना है कि वे लॉकडाउन खत्म होने के बाद पहली बार नोएडा आए हैं. उनकी तरह कुछ और लोग भी हैं जो पास में ही रंगोली बनाने के रंग बेच रहे हैं. ग्राहकों को अपनी ओर खींचने के लिए वे थोड़े कम पैसे लेने को तैयार हैं.
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सोने-चांदी की बिक्री भी कम
आर्थिक सुस्ती का असर सिर्फ बड़े उद्योगों पर ही नहीं हुआ बल्कि सोने के गहने बेचने वाले ज्वैलर्स पर भी हुआ. कोरोना काल में शादियां बहुत फीकी रहीं और अब उन्हें उम्मीद है कि इन त्योहारों में वे नुकसान से उबर पाएंगे.
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मात्र दो सौ रुपये कमाई
लॉकडाउन के पहले तक सत्ते सिंह मोबाइल कवर, मोबाइल के लिए स्क्रीन कवर और ईयर फोन बेचते थे लेकिन उनके पास अब कोई ग्राहक नहीं आता है. वे कहते हैं कि मेट्रो के गेट बंद होने की वजह से उनके पास लोग नहीं आते हैं और इसी कारण वे मास्क भी बेचने लगे हैं. उनकी एक दिन की कमाई पहले जहां 800 से लेकर 1,000 रुपये होती थी वह घटकर 200 रुपये पर आ गई है.
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चाय पीने वाले कहां
धीरज मंडल सड़क किनारे चाय और मट्ठी बेचते हैं. उनके मकान का किराया पिछले कुछ महीनों से बकाया है. धीरज बताते हैं कि कमाई बस इतनी हो पाती है जिससे उनका घर किसी तरह से चल पाए.
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सवारी का इंतजार
ऑटो चालक सुनील हर रोज सवेरे-सवेरे काम पर निकलते हैं और कई बार दोपहर तक कुछ ही पैसे कमा पाते हैं. वे बताते हैं कि कोरोना के पहले सारे खर्च अलग कर रोजाना एक हजार रुपये घर ले जाया करते थे लेकिन अब खर्च निकालना भी मुश्किल हो गया है.