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समाज

न्यूजीलैंडः मस्जिद पर हमले के दोषी को उम्रकैद 

२७ अगस्त २०२०

न्यजीलैंड के क्राइस्टचर्च शहर की मस्जिद पर हमला करने वाले ब्रेंटन टैरेंट को हाई कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई है. टैरेंट को सजा के दौरान पैरोल भी नहीं मिलेगी. सजा सुनाते हुए जज ने कहा यह "अमानवीय" और "दुष्ट" कृत्य है.

Neuseeland Urteil Attentäter von Christchurch
तस्वीर: Getty Images/K. Schwoerer

क्राइस्टचर्च के हाई कोर्ट के जज कैमरून मैंडर ने कहा कि टैरेंट की विकृत विचारधारा एक घृणा पर आधारित थी जिसने उसे रक्षाहीन पुरुषों, महिलाओं और बच्चों पर हमला करने के लिए प्रेरित किया. पिछले साल हुए इस हमले में 51 नमाजियों की मौत हुई थी. न्यूजीलैंड के आधुनिक इतिहास में इस तरह की पहली वारदात ने पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया था. जज ने टैरेंट को सजा सुनाते हुए कहा कि यह "अमानवीय और "दुष्ट" कृत्य है.

न्यूजीलैंड के कानूनी इतिहास में अभूतपूर्व सजा सुनाते हुए जज मैंडर ने कहा, "कोर्ट पर इस तरह के शातिर द्वेष को निर्णायक तौर पर खारिज करने का दायित्व है." जज ने कहा टैरेंट दक्षिणपंथ उग्रवाद को बढ़ावा देने के अपने उद्देश्य में नाकाम रहा क्योंकि उसने निर्मम हत्या की लेकिन न्यूजीलैंड के मुस्लिम समुदाय ने भयानक कीमत चुकाई है. जज ने कहा, "यह क्रूर और निर्दयी था, तुम्हारे कृत्य अमानवीय थे." न्यूजीलैंड के इतिहास में ऐसा पहला मौका है जब किसी दोषी को बिना पैरोल के उम्रकैद की सजा सुनाई गई है.

29 साल के ऑस्ट्रेलियाई टैरेंट ने 15 मार्च 2019 को क्राइस्टचर्च की दो मस्जिदों में हमला कर 51 निर्दोष नमाजियों की जान ले ली थी. उसने 20 मिनट तक क्राइस्टचर्च की दो मस्जिदों में आतंक फैलाया और 51 लोगों की जान ले ली. वह ऑटोमैटिक हथियार से लैस था और इस वारदात को फेसबुक पर लाइव स्ट्रीम कर रहा था. टैरेंट ने 51 हत्या के आरोपों और हत्या की कोशिश के 40 आरोपों के अलावा आतंकी वारदात के एक आरोप को स्वीकार कर लिया था.

क्राइस्टचर्च का हमलावरतस्वीर: John Kirk-Anderson/REUTERS

क्राइस्टचर्च के हाई कोर्ट में टैरेंट को सजा सुनाने के लिए चार दिन निर्धारित किए गए थे. सोमवार 24 अगस्त को टैरेंट को सजा सुनाने की कार्रवाई शुरू हुई थी. पीड़ित परिवारों औेर हमले में बचे लोगों ने सजा की सुनवाई के दौरान मार्मिक बयान दिए. पूरी सुनवाई के दौरान टैरेंट भावहीन नजर आया. पीड़ितों ने न्यूजीलैंड के सबसे खौफनाक आतंकी हमले के बाद उनके जीवन पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में बयान कोर्ट में दर्ज कराए.

प्रधानमंत्री जेसिंडा आर्डर्न ने सजा का स्वागत किया है. गुरुवार को एक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने मुस्लिम समुदाय की शक्ति को स्वीकारा. आर्डर्न ने कहा, "आपने 15 मार्च की उस भयानक घटना को दोबारा याद किया, उस दिन क्या हुआ था और उसने आपको कितना दर्द दिया." उन्होंने कहा, "इस दर्द को कुछ भी दूर नहीं कर सकता है लेकिन मुझे उम्मीद है कि इस पूरी प्रक्रिया के दौरान आपने न्यूजीलैंड के बांह को अपने आसपास महसूस किया होगा और मुझे भरोसा है कि आने वाले दिनों में इसे महसूस करना जारी रखेंगे."
आर्डर्न ने कहा, "मार्च 15 का सदमा आसानी से जाने वाला नहीं है लेकिन आज मुझे उम्मीद है कि इसके बाद कभी उस आतंकी का नाम लेने का कोई और कारण नहीं होगा."

एए/सीके (एएफपी, एपी, रॉयटर्स)

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