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मीडियासंयुक्त राज्य अमेरिका

अमेरिकी मीडिया नहीं मानेगा रक्षा मंत्रालय के नए प्रेस नियम

मिदहत फातिमा
१५ अक्टूबर २०२५

कई समाचार संगठनों ने अमेरिकी रक्षा मंत्रालय की नई प्रेस नीति को मानने से इनकार कर दिया है. उनका कहना है कि यह नियम मीडिया पर नियंत्रण लगाने के लिए हैं.

मीडियाकर्मियों से बात करते ट्रंप
पेंटागन प्रेस एसोसिएशन का कहना है कि नई मीडिया नीति रक्षा मंत्रालय के कर्मचारियों को बातें छुपाने पर मजबूर करती है.तस्वीर: Evelyn Hockstein/REUTERS

अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने मीडिया के लिए नए नियम प्रस्तावित किए हैं लेकिन मंगलवार को कई अमेरिकी और अंतरराष्ट्रीय समाचार संगठनों ने इन नए नियमों पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया. न्यूयॉर्क टाइम्स, एसोसिएटेड प्रेस और रॉयटर्स समेत कम से कम 30 समाचार संस्थानों ने इस नई मीडिया नीति को खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा कि यह नियम अभिव्यक्ति की आजादी का उल्लंघन करते हैं.

अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने चेतावनी दी है कि जो समाचार संस्थान इन नियमों का पालन नहीं करेंगे, उनके प्रेस बैज रद्द कर दिए जाएंगे.

नई नीति का विरोध क्यों कर रहा है मीडिया?

नई नीति के तहत यदि पत्रकार, रक्षा विभाग के कर्मचारियों से गोपनीय या खास जानकारी मानते हैं, तो इसे सुरक्षा जोखिम माना जाएगा. जिसके लिए उनके प्रेस बैज भी रद्द किए जा सकते हैं.

यह नियम ऐसे समय में आए हैं, जब रक्षा मंत्रालय पहले ही विभाग में मीडिया की पहुंच को सीमित कर चुका है. कुछ समाचार कार्यालयों को तो भवन खाली करने के लिए भी मजबूर कर दिए गया है. यहां तक कि प्रेस ब्रीफिंग भी कम कर दी गई है.

मंत्रालय के मुख्य प्रवक्ता, शॉन पार्नेल ने सोमवार को बयान जारी कर कहा, "यह नीति उनसे सहमति नहीं मांग रही है. बल्कि यह सिर्फ इतना साफ करता है कि वह हमारी नीति से अवगत हैं.”

रक्षा मंत्रालय प्रमुख, पीट हेगसेथ ने इसे "सामान्य समझ” बताया और कहा, "हम बस यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि राष्ट्रीय सुरक्षा का सम्मान किया जाए.”

समाचार संस्थानों का पक्ष

पेंटागन प्रेस एसोसिएशन का कहना है कि नई मीडिया नीति रक्षा मंत्रालय के कर्मचारियों को बातें छुपाने पर मजबूर करती है. साथ ही यह रिपोर्टरों के खिलाफ कार्रवाई की भी धमकी देता है. अगर वह ऐसी कोई जानकारी देते हैं, जिसे सार्वजनिक करने की मंजूरी नहीं मिली है.

सीएनएन जैसे मुख्य प्रसारण नेटवर्क ने संयुक्त बयान में कहा कि वह नए नियमों पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे. उनका कहना है कि यह नियम "पत्रकारों को सीमित करता है ताकि वह देश और दुनिया को महत्वपूर्ण राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों से अवगत ना करा सकें.”

उन्होंने कहा, "यह नीति अभूतपूर्व है और पत्रकारिता के मूल सार को खतरे में डालती है. हम अमेरिकी सेना की खबरों को वैसे ही कवर करते रहेंगे, जैसे दशकों से करते आए हैं. हम प्रेस के स्वतंत्र और निष्पक्ष सिद्धांतों को बनाए रखेंगे.”

फॉक्स न्यूज और अन्य रुढ़िवादी मीडिया आउटलेट्स भी इस नीति पर सहमत होने से इनकार कर रहे हैं. जिस कारण लगभग 100 प्रेस पास रद्द हो सकते हैं. हालांकि, कुछ समाचार संस्थान जैसे वन अमेरिका न्यूज ने इस नई नीति पर हस्ताक्षर कर दिए हैं.

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