अमेरिकी मीडिया नहीं मानेगा रक्षा मंत्रालय के नए प्रेस नियम
मिदहत फातिमा
१५ अक्टूबर २०२५
कई समाचार संगठनों ने अमेरिकी रक्षा मंत्रालय की नई प्रेस नीति को मानने से इनकार कर दिया है. उनका कहना है कि यह नियम मीडिया पर नियंत्रण लगाने के लिए हैं.
पेंटागन प्रेस एसोसिएशन का कहना है कि नई मीडिया नीति रक्षा मंत्रालय के कर्मचारियों को बातें छुपाने पर मजबूर करती है.तस्वीर: Evelyn Hockstein/REUTERS
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अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने मीडिया के लिए नए नियम प्रस्तावित किए हैं लेकिन मंगलवार को कई अमेरिकी और अंतरराष्ट्रीय समाचार संगठनों ने इन नए नियमों पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया. न्यूयॉर्क टाइम्स, एसोसिएटेड प्रेस और रॉयटर्स समेत कम से कम 30 समाचार संस्थानों ने इस नई मीडिया नीति को खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा कि यह नियम अभिव्यक्ति की आजादी का उल्लंघन करते हैं.
अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने चेतावनी दी है कि जो समाचार संस्थान इन नियमों का पालन नहीं करेंगे, उनके प्रेस बैज रद्द कर दिए जाएंगे.
दुनिया की दिक्कतें दिखाती वर्ल्ड प्रेस फोटो कॉन्टेस्ट की विजेता तस्वीरें
इस्राएली हमले में हाथ गंवाने वाले किशोर से लेकर थाईलैंड के उत्पाती बंदर तक वर्ल्ड प्रेस फोटो कॉन्टेस्ट के विजेता अपने कैमरे के लेंस से दुनिया का हाल बताते हैं. देखिये इस साल के विजेताओं की तस्वीर कौन-सी रही?
तस्वीर: Samar Abu Elouf/The New York Times
महमूद अजजूर, उम्र 9 साल — वेस्ट, सेंट्रल और साउथ एशिया, समर अबू एलौफ, द न्यूयॉर्क टाइम्स
गाजा के रहने वाले नौ साल के महमूद अजजूर की तस्वीर को सर्वश्रेष्ठ चुना गया. गाजा पर इस्राएली हमले में में महमूद का एक हाथ कट गया और दूसरा हाथ बुरी तरह घायल हो गया. अब वह अपने पैरों से खेलना, लिखना, दरवाजा खोलना और मोबाइल चलाना सीख रहे हैं.जूरी का कहना है, “इस फलीस्तीनी बच्चे की तस्वीर युद्ध के बाद लम्बे समय तक रहने वाले असर को दिखाती है और उन खामोशियों को उजागर करती है जो हिंसा को बढ़ावा देते हैं.”
यह तस्वीर दो फाइनलिस्ट तस्वीरों में एक है. एक नौजवान युवक ब्राजील के छोटे से गांव में अपनी मां के लिए खाना जुटाने सूखी पड़ी नदी के किनारे दो किलोमीटर पैदल चल कर जाता है. अमेजन क्षेत्र में सूखा पड़ने के कारण अब वहां नाव चलाना मुमकिन नहीं है. जूरी ने कहा कि यह प्रोजेक्ट साफ तौर पर दिखाता है कि जलवायु परिवर्तन का सबसे बड़ा असर “कमजोर समुदायों पर पड़ता है, जो प्रकृति से बहुत गहराई से जुड़े होते हैं.”
तस्वीर: Musuk Nolte/Panos Pictures/Bertha Foundation
रात में पार- नॉर्थ और सेंट्रल अमेरिका, जॉन मूरे, गेट्टी इमेजेज
यह तस्वीर भी फाइनलिस्ट तस्वीर में से एक है. यह तस्वीर चीन से अमेरिका की ओर बढ़ते प्रवास को दिखाती है, जो कोविड-19 महामारी के बाद चीन को हुए भारी आर्थिक नुकसान के बाद तेजी से बढ़ा है. तस्वीर में लोग मेक्सिको-अमेरिका सीमा पर दिख रहे है, जिसमें एक मां अपने बच्चे को गले लगा रही है. जूरी ने कहा, “यह तस्वीर अनिश्चित भविष्य को लेकर सवाल उठाती है, जो इन लोगों के सामने है.”
तस्वीर: John Moore/Getty Images
जीवन और मृत्यु एक ऐसे देश में जहां संवैधानिक अधिकार नहीं - नॉर्थ और सेंट्रल अमेरिका, कार्लोस बैरेरा, एल फारो, एनपीआर
यह तस्वीर अल सल्वाडोर के सैंटा टेक्ला शहर में ली गई है. इसमें एक व्यक्ति को गिरफ्तार होते देखा जा सकता है. यह वही दिन था जब 2022 में अल सल्वाडोर ने "आपातकाल" की घोषणा की थी. इसके बाद लोगों के कई संवैधानिक अधिकार छीन लिए गए. बकौल सरकार यह कदम गैंगवार को रोकने के लिए उठाया गया लेकिन इसके बाद बड़ी संख्या में लोग जेल में डाले गए. फोटोग्राफर कार्लोस बैरेरा, इस कानून से प्रभावित लोगों की खबर रखते है.
तस्वीर: Carlos Barrera/El Faro/NPR
हौसलों को पूरा समर्थन- अफ्रीका, तेमिलोलुवा जॉनसन
नाइजीरिया में एलजीबीटीक्यू समुदाय के लोगों से भेदभाव होता है और देश के "सेम-सेक्स मैरिज (प्रोहिबिशन) एक्ट" और "पीनल कोड" के तहत, समलैंगिक रिश्तों को दिखाने या लैंगिक पहचान से अलग व्यवहार करने पर 14 साल तक की सजा हो सकती है. फिर भी, कुछ लोग अपने आप को व्यक्त करने के रास्ते खोज ही लेते हैं. यह तस्वीर लागोस में हुए "अंडरग्राउंड बॉलरूम और ड्रैग इवेंट" की है, जो 2024 की प्राइड सेलिब्रेशन का हिस्सा था.
तस्वीर: Temiloluwa Johnson
तमाले सफालु- अफ्रीका, मारिजन फिडर
यह तस्वीर युगांडा के कंपाला शहर में रहने वाले बॉडीबिल्डर तमाले सफालु की है. 2020 में एक हादसे में उन्होंने अपना एक पैर खो दिया था, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. शारीरिक और मानसिक चुनौतियों का सामना करते हुए, वह युगांडा के पहले विकलांग खिलाड़ी बने जिन्होंने सामान्य बॉडीबिल्डरों के साथ मुकाबला किया. तमाले ने कहा, “मैं विकलांग लोगों को प्रेरणा देना चाहता हूं कि वह अपनी प्रतिभा को पहचानें.”
तस्वीर: Marijn Fidder
थाई टाउन में बंदरो का आतंक अब और नहीं- एशिया-पैसिफिक और ओशेनिया, चालिनी थिरासुपा, रॉयटर्स
थाईलैंड के लोपबुरी को "मंकी सिटी" ने नाम से भी जाना जाता है. यहां लंबी-पूंछ वाले मकाक बंदरों की बहुत बड़ी आबादी है. माना जाता है कि ये बंदर सौभाग्य लाते हैं, लेकिन हाल के वर्षों में इनकी संख्या बहु बढ़ गई है और यह पहले से ज्यादा आक्रामक हो गए हैं. कुछ लोग तो डर के मारे अपने घर से बाहर नहीं निकलते. इस तस्वीर में एक व्यक्ति बंदरों को सामान चुराने से रोकने के लिए उन पर अल्कोहल स्प्रे कर रहा है.
तस्वीर: Chalinee Thirasupa/Reuters
बारह दिन में चार तूफान- एशिया-पैसिफिक और ओशिनिया, नोएल सेलिस, एसोसिएटेड प्रेस
अक्टूबर और नवंबर 2024 में फिलीपींस में लगातार चार चक्रवात आए, जिनमें से कुछ भीषण तूफान में बदल गए. इन तूफानों ने सैकड़ों लोगों की जान ले ली और कई संपत्ति नष्ट कर दी और लाखों लोगों को उनके घरों से बेघर कर दिया. फिलीपींस में 2012 के बाद से तूफान की संख्या में 210 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है. कुछ अध्ययनों का मानना है कि यह जलवायु परिवर्तन के कारण हो रहा है.
तस्वीर: Noel Celis/Associated Press
मुश्किलों के पार- यूरोप, फ्लोरियन बाखमायर
यूक्रेन की छह साल की अन्हेलिना को तब से पैनिक अटैक आने लगे हैं जब से उसके परिवार को रूसी हमले की वजह से अपना घर छोड़कर भागना पड़ा. जब जूरी ने अन्हेलिना को एक घायल सैनिक की तस्वीर के साथ जोड़ा, तो कई लोगों ने नाराजगी जताई. इसके अलावा, जूरी के उस फैसले की भी आलोचना हुई, जब उन्होंने रूस की सरकारी मीडिया एजेंसी के लिए काम करने वाले एक फोटोग्राफर को पुरस्कार दिया.
तस्वीर: Florian Bachmeier
मारिया- यूरोप, मारिया अब्रांचेस
"मारिया" अना मारिया जेरेमियस के जीवन पर आधारित है, जो पुर्तगाल में घरों में काम करती हैं, और उनकी कहानी वहां की दूसरी महिलाओं के जैसी ही है. 9 साल की उम्र में, अना मारिया को शिक्षा का झांसा देकर अंगोला से पुर्तगाल तस्करी से लाया गया. उन्हें पहचान बदलने पर मजबूर किया गया और घरों में काम कराया गया, जब तक कि वह आजाद ना हो जाए. वह पुर्तगाल में अब भी हजारों औरतों की तरह ही घरों में काम करती हैं.
तस्वीर: Maria Abranches
गोलियों का कोई सगा नहीं- वेस्ट, सेंट्रल और साउथ एशिया, इब्राहीम अलीपोर
फोटोग्राफर इब्राहीम अलीपोर ने कोलबरों के खतरनाक कामों को तस्वीरों में दर्ज किया है. कोलबर, वे लोग होते हैं जो तुर्की और इराक से ईरान के कुर्द क्षेत्रों में सामान जैसे घरेलू उपकरण, मोबाइल फोन और कपड़े अपनी पीठ पर ढोकर ले जाते हैं. ईरान के कुर्द इलाकों में फैली गरीबी और इन सामानों के आयात पर लगे प्रतिबंधों के कारण, बहुत से लोग मजबूरी में यह खतरनाक काम करते हैं.
तस्वीर: Ebrahim Alipoor
जाइडे — साउथ अमेरिका, सैंटियागो मेसा
यह फोटो सीरीज कोलंबिया के खानाबदोश आदिवासी एमबेरा डोबिदा समुदाय के कठिन जीवन को दिखाती है. तीन महिलाएं अपनी 16 साल की बहन की कब्र के पास खड़ी हैं. उन्होंने वही शॉल पहनी है जो उनकी बहन ने आत्महत्या करने से पहले छोड़ी थी. यह प्रोजेक्ट बोजाया, चोको क्षेत्र में इस समुदाय के बीच बढ़ती आत्महत्याओं की समस्या को उजागर करता है. बीते वर्षो में गरीबी के कारण यहां आत्महत्या के मामलों में तेजी से बढ़े हैं.
तस्वीर: Santiago Mesa
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नई नीति का विरोध क्यों कर रहा है मीडिया?
नई नीति के तहत यदि पत्रकार, रक्षा विभाग के कर्मचारियों से गोपनीय या खास जानकारी मानते हैं, तो इसे सुरक्षा जोखिम माना जाएगा. जिसके लिए उनके प्रेस बैज भी रद्द किए जा सकते हैं.
यह नियम ऐसे समय में आए हैं, जब रक्षा मंत्रालय पहले ही विभाग में मीडिया की पहुंच को सीमित कर चुका है. कुछ समाचार कार्यालयों को तो भवन खाली करने के लिए भी मजबूर कर दिए गया है. यहां तक कि प्रेस ब्रीफिंग भी कम कर दी गई है.
मंत्रालय के मुख्य प्रवक्ता, शॉन पार्नेल ने सोमवार को बयान जारी कर कहा, "यह नीति उनसे सहमति नहीं मांग रही है. बल्कि यह सिर्फ इतना साफ करता है कि वह हमारी नीति से अवगत हैं.”
रक्षा मंत्रालय प्रमुख, पीट हेगसेथ ने इसे "सामान्य समझ” बताया और कहा, "हम बस यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि राष्ट्रीय सुरक्षा का सम्मान किया जाए.”
अमेरिकी सरकार के 'शटडाउन' होने का क्या मतलब है?
अमेरिकी सरकार का शटडाउन तब होता है जब कांग्रेस (अमेरिकी संसद) पूर्ण या आंशिक रूप से अपने वार्षिक बजट पर सहमत नहीं हो पाती है, जिससे कर्मचारियों और ठेकेदारों को भुगतान करने में बाधा आती है.
तस्वीर: Mark Schiefelbein/AP Photo/picture alliance
कौन सी सेवाएं रुकती हैं और कौन सी चलती रहती हैं?
शटडाउन होने पर सभी 'गैर-जरूरी' संघीय सरकारी एजेंसियां और कार्यक्रम बंद हो जाते हैं और उनके कर्मचारी फरलो (अनिवार्य अवकाश) पर भेज दिए जाते हैं. हालांकि, सभी शटडाउन एक जैसे नहीं होते हैं, लेकिन कुछ मूलभूत नियम हमेशा लागू होते हैं.
तस्वीर: Offenberg/Zoonar/picture alliance
आवश्यक सेवाएं जारी रहती हैं
अनिवार्य खर्च वाले कार्यक्रम और आवश्यक सेवाएं नहीं रुकती हैं. इसका मतलब है कि खुफिया सेवा, सक्रिय सैन्यकर्मी, अधिकांश सीमा सुरक्षा एजेंट, संघीय कानून प्रवर्तन एजेंट और एयर ट्रैफिक कंट्रोलर अपने काम पर बने रहते हैं.
तस्वीर: Hu Yousong/Xinhua/picture alliance
भुगतान जारी रहते हैं
सोशल सिक्योरिटी, मेडिकेयर और मेडिकेड जैसे भुगतान जारी रहते हैं क्योंकि इन्हें लंबी अवधि के लिए मंजूरी मिली होती है. डाक वितरण और फेडरल रिजर्व भी प्रभावित नहीं होते हैं क्योंकि उनकी फंडिंग का तरीका अलग है.
तस्वीर: Hu Yousong/Xinhua/picture alliance
कौन प्रभावित होता है?
संघीय कर्मचारी इस शटडाउन से सबसे पहले प्रभावित होते हैं.
तस्वीर: Anna Moneymaker/Getty Images/AFP
छुट्टी पर भेजे गए कर्मचारी
जिन्हें अनिवार्य अवकाश पर भेजा जाता है, उन्हें काम करने की अनुमति नहीं होती है और उन्हें इस दौरान वेतन नहीं मिलता है. हालांकि, सरकार के फिर से शुरू होने पर उन्हें पिछला पूरा वेतन मिलने की गारंटी होती है.
तस्वीर: Alex Wong/AFP/Getty Images
काम करने वाले कर्मचारी
आवश्यक सेवाओं में काम करने वाले कर्मचारियों को काम जारी रखना होता है, लेकिन उन्हें भी शटडाउन के दौरान वेतन नहीं मिलता है. उन्हें भी बाद में बकाया वेतन मिलता है.
तस्वीर: John Angelillo/UPI Photo/IMAGO
भुगतान प्राप्त करने वाले अधिकारी
राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और कांग्रेस के सदस्य लगातार काम करते रहते हैं और उन्हें वेतन मिलता रहता है. यह शटडाउन नया नहीं है. पिछले राष्ट्रपतियों के कार्यकाल में भी ऐसा हो चुका है, जिसमें ट्रंप के पहले कार्यकाल का 35 दिनों का सबसे लंबा शटडाउन भी शामिल है.
तस्वीर: The White House/AP/dpa/picture alliance
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समाचार संस्थानों का पक्ष
पेंटागन प्रेस एसोसिएशन का कहना है कि नई मीडिया नीति रक्षा मंत्रालय के कर्मचारियों को बातें छुपाने पर मजबूर करती है. साथ ही यह रिपोर्टरों के खिलाफ कार्रवाई की भी धमकी देता है. अगर वह ऐसी कोई जानकारी देते हैं, जिसे सार्वजनिक करने की मंजूरी नहीं मिली है.
सीएनएन जैसे मुख्य प्रसारण नेटवर्क ने संयुक्त बयान में कहा कि वह नए नियमों पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे. उनका कहना है कि यह नियम "पत्रकारों को सीमित करता है ताकि वह देश और दुनिया को महत्वपूर्ण राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों से अवगत ना करा सकें.”
उन्होंने कहा, "यह नीति अभूतपूर्व है और पत्रकारिता के मूल सार को खतरे में डालती है. हम अमेरिकी सेना की खबरों को वैसे ही कवर करते रहेंगे, जैसे दशकों से करते आए हैं. हम प्रेस के स्वतंत्र और निष्पक्ष सिद्धांतों को बनाए रखेंगे.”
फॉक्स न्यूज और अन्य रुढ़िवादी मीडिया आउटलेट्स भी इस नीति पर सहमत होने से इनकार कर रहे हैं. जिस कारण लगभग 100 प्रेस पास रद्द हो सकते हैं. हालांकि, कुछ समाचार संस्थान जैसे वन अमेरिका न्यूज ने इस नई नीति पर हस्ताक्षर कर दिए हैं.