उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षण से जापान में हड़कंप
४ अक्टूबर २०२२
परमाणु हथियार से लैस उत्तर कोरिया ने पांच साल में पहली बार जापान के ऊपर से बैलिस्टिक मिसाइल दागी है, जिसके बाद जापान ने अपने नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने के लिए कहा है.
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मिसाइल लॉन्च होने के बाद जापान ने अपने नागरिकों को चेतावनी जारी करते हुए सुरक्षित ठिकानों की ओर जाने को कहा. उत्तरी जापान में कुछ ट्रेनों को अस्थायी तौर पर स्थगित कर दिया गया. यह मिसाइल जापान के ऊपर से गुजरी और प्रशांत महासागर में जा गिरी, जिसकी टोक्यो और सोल ने कड़ी निंदा की है.
दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति यून सुक-योल ने प्योंगयांग के "लापरवाह उकसावे" की निंदा की, जबकि जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने मिसाइल परीक्षण को "बर्बर" कृत्य बताया है. इस घटना में किसी तरह की आर्थिक हानि या चोट की रिपोर्ट नहीं है.
साल 2017 के बाद यह पहला मौका है जब उत्तर कोरिया की मिसाइल जापान के ऊपर से गुजरी हो, टोक्यो ने कहा है कि उत्तर कोरिया की मिसाइल ने कुल 4,600 किलोमीटर की दूरी तय की होगी. टोक्यो का कहना है कि उत्तर कोरिया अपने मिसाइल परीक्षणों को आसमान की ओर ज्यादा करता है ताकि वह पड़ोसी देशों में ना घुस जाए.
बैलेस्टिक और क्रूज मिसाइल में क्या है फर्क
मिसाइल आधुनिक समय में युद्ध के अहम हथियार बनते जा रहे हैं. आम तौर पर मिसाइल को उनके प्रकार, लॉन्च मोड, रेंज, संचालन शक्ति, वॉरहेड और गाइडेंस सिस्टम के आधार पर बांटा जाता है. एक नजर मिसाइलों के प्रकार पर.
तस्वीर: picture-alliance/Zumapress/Department of Defense
क्रूज और बैलेस्टिक
मिसाइल मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं. एक क्रूज मिसाइल होता है जिसके तहत सबसोनिक, सुपरसोनिक और हाईपर सोनिक क्रूज मिसाइल आते हैं. ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल है और ब्रह्मोस 2 हाइपरसोनिक मिसाइल है. वहीं दूसरा बैलेस्टिक मिसाइल होता है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
क्रूज मिसाइल
क्रूज मिसाइल एक मानवरहित स्व-चालित वाहन है जो एयरोडायनामिक लिफ्ट के माध्यम से उड़ान भरता है. इसका काम एक लक्ष्य पर विस्फोटक या विशेष पेलोड गिराना हैं. यह जेट इंजन की मदद से पृथ्वी के वायुमंडल के भीतर उड़ान भरते हैं. इनकी गति काफी तेज होती है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/Tass/Ministry of Defence of the Russian Federation
बैलेस्टिक मिसाइल
बैलिस्टिक मिसाइल एक ऐसी मिसाइल है जो अपने स्थान पर छोड़े जाने के बाद तेजी से ऊपर जाती है और फिर गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव से नीचे आते हुए अपने लक्ष्य को निशाना बनाती है. बैलेस्टिक मिसाइल को बड़े समुद्री जहाज या फिर संसाधनों से युक्त खास जगह से छोड़ा जाता है. पृथ्वी, अग्नि और धनुष भारत के बैलिस्टिक मिसाइल हैं.
तस्वीर: Reuters/Courtesy Israel Ministry of Defense
सरफेस टू सरफेस मिसाइल
लॉन्च मोड के आधार पर भी मिसाइलों को कई तरह से बांटा गया है. सरफेस टू सरफेस मिसाइल एक निर्देशित लक्ष्य पर वार करती है. इसे वाहन पर रखकर या किसी जगह पर इंस्टॉल कर लॉन्च किया जाता है. आमतौर पर इसमें रॉकेट मोटर लगा होता है या फिर कभी-कभी लॉन्च प्लेटफॉर्म से विस्फोटक के माध्यम से छोड़ा जाता है.
तस्वीर: Reuters
सरफेस टू एयर मिसाइल
इस मिसाइल का उपयोग जमीन से हवा में किसी निशाने को भेदने के लिए किया जाता है, जैसे कि हवाईजहाज, हेलिकॉप्टर या फिर बैलेस्टिक मिसाइल. इस मिसाइल को आमतौर पर एयर डिफेंस सिस्टम कहते हैं क्योंकि ये दुश्मनों के हवाई हमले को रोकते हैं.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/H. Ammar
लैंड टू सी मिसाइल
इस मिसाइल को जमीन से छोड़ा जाता है जो दुश्मनों की समुद्री जहाज को निशाना बनाते हैं.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/E. Noroozi
एयर टू एयर मिसाइल
एयर टू एयर (हवा से हवा में मार करने वाली) मिसाइल को किसी एयरक्राफ्ट से छोड़ा जाता है, जो दुश्मनों के एयरक्राफ्ट को नष्ट कर देती है. इसकी गति 4 मैक (करीब 4800 किलोमीटर प्रतिघंटा) होती है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/AP Photo/File/Lt. Col.. Leslie Pratt, US Air Force
एयर टू लैंड मिसाइल
एयर टू लैंड मिसाइल को सेना के विमान से छोड़ा जाता है जो समुद्र, जमीन या दोनों जगहों पर निशाना लगाती है. इस मिसाइल को जीपीएस सिग्नल के माध्यम से लेजर गाइडेंस, इफ्रारेड गाइडेंस या ऑप्टिकल गाइडेंस से निर्देशित किया जाता है.
तस्वीर: Getty Images/J. Moore
सी टू सी मिसाइल
इस मिसाइल को इस तरह से डिजाइन किया जाता है कि यह समुद्र में मौजूद अपने दुश्मनों के जहाज या पनडुब्बियों को नष्ट कर देती है. इसे समुद्री जहाज से ही लॉन्च किया जाता है.
तस्वीर: picture-alliance/ZUMAPRESS/U.S Navy
सी टू लैंड मिसाइल
इस तरह के मिसाइल को समुद्र से लॉन्च किया जाता है जो सतह पर मौजूद अपने दुश्मन के ठिकानों को नष्ट कर देती है.
तस्वीर: AP
एंटी टैंक मिसाइल
एंटी टैंक मिसाइस वह होती है जो दुश्मनों के सैन्य टैंकों और अन्य युद्ध वाहनों को नष्ट कर देती है. इसे एयरक्राफ्ट, हेलिकॉप्टर, टैंक या कंधे पर रखे जाने वाले लांचर से भी छोड़ा जा सकता है.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/Militant Photo
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त्रिपक्षीय पनडुब्बी रोधी अभ्यास के बाद मिसाइल परीक्षण
10 दिनों के भीतर उत्तर कोरिया का यह पांचवां मिसाइल परीक्षण है. पिछले हफ्ते अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान ने एंटी सबमरीन अभ्यास किया था, जिसमें अमेरिकी एयरक्राफ्ट कैरिअर 2017 के बाद पहली बार दक्षिण कोरिया में रुका था. इसमें तीनों देशों के नौसेना बलों ने त्रिपक्षीय पनडुब्बी रोधी अभ्यास किया था.
हाल के मिसाइल परीक्षणों को अमेरिका द्वारा बहुत ज्यादा प्रतिक्रिया नहीं दी गई, क्योंकि उसका ध्यान यूक्रेन युद्ध के साथ-साथ घरेलू और अन्य विदेशी संकटों पर केंद्रित है, लेकिन अमेरिकी सेना ने क्षेत्र में सैन्य शक्ति का प्रदर्शन बढ़ा दिया है.
टोक्यो ने कहा है कि उसने मिसाइल को मार गिराने के लिए कोई कदम नहीं उठाया. रक्षा मंत्री यासुकाजु हमादा ने कहा कि जापान पलटवार करने की क्षमता समेत कोई और विकल्प से इनकार नहीं करेगा. बार-बार मिसाइल परीक्षण का सामना करने के लिए वह अपने बचाव को मजबूत करना चाहता है. वहीं दक्षिण कोरिया ने कहा है वह अपनी सैन्य शक्ति को बढ़ावा देने और संबंद्ध सहयोग में बढ़ोतरी करेगा.
अमेरिका ने कहा है वह उत्तर कोरिया की जापान के ऊपर से लंबी दूरी की मिसाइल के लॉन्च के "खतरनाक और लापरवाह" फैसले की कड़ी निंदा करता है. पूर्वी एशिया में शीर्ष अमेरिकी राजनयिक और यूएस इंडो-पैसिफिक कमांड ने भी इसकी निंदा की है. राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता एड्रियन वॉट्सन ने एक बयान में कहा, "यह कार्रवाई अस्थिर करने वाली है और डीपीआरके (उत्तर कोरिया) की उस स्थिति को दर्शाती है जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की घोर अवहेलना करती है."
दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि यह इंटरमीडिएट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल (आईरबीएम)
है जो उत्तर कोरिया के जागांग प्रांत से लॉन्च की गई थी.
उत्तर कोरिया ने इस प्रांत का इस्तेमाल कई हालिया परीक्षणों को लॉन्च करने के लिए किया है, जिसमें कई मिसाइलें शामिल हैं, जिनके बारे में दावा किया गया था कि वे "हाइपरसोनिक" थीं.
जापानी ब्रॉडकास्टर एनएचके ने बताया कि परीक्षण ने पूर्वी जापान रेलवे कंपनी को उत्तरी क्षेत्रों में ट्रेन संचालन को निलंबित करने के लिए मजबूर कर दिया. जापान में अधिकारियों ने एहतियात के तौर पर उत्तरी क्षेत्रों जैसे होक्काइडो और ओमोरी में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने के निर्देश जारी किए. जापानी सरकार ने मिसाइल परीक्षण के बाद अपने जे-अलर्ट सिस्टम के तहत कहा "ऐसा लगता है कि उत्तर कोरिया ने एक मिसाइल लॉन्च की है. कृपया इमारतों में चले जाएं या भूमिगत हो जाएं."
एए/सीके (एपी, एएफपी, रॉयटर्स)
कितने परमाणु हथियार हैं दुनिया में और किसके पास
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन पर हमले के तीन दिन बाद ही परमाणु हथियारों को भी हाई अलर्ट पर रखने का हुक्म दिया. रूस के पास कुल कितने परमाणु हथियार हैं. रूस के अलावा दुनिया में और कितने परमाणु हथियार है?
तस्वीर: AP Photo/picture-alliance
कितने परमाणु हथियार
स्टॉकहोम अंतरराष्ट्रीय शांति शोध संस्थान यानी सीपरी हर साल दुनिया भर में हथियारों के बारे में रिपोर्ट तैयार करती है. सीपरी के मुताबिक 2021 की शुरुआत में दुनिया भर में कुल 13,080 परमाणु हथियार मौजूद थे. इनमें से 3,825 परमाणु हथियार सेनाओं के पास हैं और 2,000 हथियार हाई अलर्ट की स्थिति में रखे गए हैं, यानी कभी भी इनका उपयोग किया जा सकता है. तस्वीर में दिख रहा बम वह है जो हिरोशिमा पर गिराया गया था.
तस्वीर: AFP
किन देशों के पास है परमाणु हथियार
सीपरी के मुताबिक दुनिया के कुल 9 देशों के पास परमाणु हथियार हैं. इन देशों में अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस, चीन, भारत, पाकिस्तान, इस्राएल और उत्तर कोरिया के नाम शामिल हैं. दुनिया में परमाणु हथियारों की कुल संख्या में कमी आ रही है हालांकि ऐसा मुख्य रूप से अमेरिका और रूस के परमाणु हथियारों में कटौती की वजह से हुआ है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
उत्तर कोरिया
डेमोक्रैटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया यानी उत्तर कोरिया ने 2006 में पहली बार नाभिकीय परीक्षण किया था. वर्तमान में उसके पास 40-50 परमाणु हथियार होने का अनुमान है.
तस्वीर: KCNA/KNS/AP/picture alliance
इस्राएल
इस्राएल ने पहली बार नाभिकीय परीक्षण कब किया इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. फिलहाल इस्राएल के पार 90 परमाणु हथियार होने की बात कही जाती है. इस्राएल ने भी परमाणु हथियारों की कहीं तैनाती नहीं की है. तस्वीर में शिमोन पेरेज नेगेव न्यूक्लियर रिसर्च सेंटर नजर आ रहा है. इस्राएल ने बहुत समय तक इसे छिपाए रखा था.
तस्वीर: Planet Labs Inc./AP/picture alliance
भारत
भारत के परमाणु हथियारों के जखीरे में कुल 156 हथियार हैं जिन्हें रिजर्व रखा गया है. अब तक जो जानकारी है उसके मुताबिक भारत ने परमाणु हथियारों की तैनाती नहीं की है. भारत ने पहली बार नाभिकीय परीक्षण 1974 में किया था.
तस्वीर: Indian Defence Research and Development Organisation/epa/dpa/picture alliance
पाकिस्तान
भारत के पड़ोसी पाकिस्तान के पास कुल 165 परमाणु हथियार मौजूद हैं. पाकिस्तान ने भी अपने परमाणु हथियारों की तैनाती नहीं की है और उन्हें रिजर्व रखा है. पाकिस्तान ने 1998 में पहली बार नाभिकीय परीक्षण किया था.
तस्वीर: AP
ब्रिटेन
ब्रिटेन के पास मौजूद परमाणु हथियारों के जखीरे में कुल 225 हथियार है. इनमें से 120 परमाणु हथियारों को ब्रिटेन ने तैनात कर रखा है जबकि 105 हथियार उसने रिजर्व में रखे हैं. ब्रिटेन ने पहला बार नाभिकीय परीक्षण 1952 में किया था. तस्वीर में नजर आ रही ब्रिटेन की पनडुब्बी परमाणु हथियारों को ले जाने में सक्षम है.
तस्वीर: James Glossop/AFP/Getty Images
फ्रांस
फ्रांस ने 1960 में पहली बार नाभिकीय परीक्षण किया था और फिलहाल उसके पास 290 परमाणु हथियार मौजूद हैं. फ्रांस ने 280 परमाणु हथियारों की तैनाती कर रखी है और 10 हथियार रिजर्व में रखे हैं. यह तस्वीर 1971 की है तब फ्रांस ने मुरुरोआ एटॉल में परमाणउ परीक्षण किया था.
तस्वीर: AP
चीन
चीन ने 1964 में पहली बार नाभिकीय परीक्षण किया था. उसके पास कुल 350 परमाणु हथियार मौजूद हैं. उसने कितने परमाणु हथियार तैनात किए हैं और कितने रिजर्व में रखे हैं इसके बारे में जानकारी उपलब्ध नहीं है.
तस्वीर: Zhang Haofu/Xinhua/picture alliance
अमेरिका
परमाणु हथियारों की संख्या के लिहाज से अमेरिका फिलहाल दूसरे नंबर पर है. अमेरिका ने 1,800 हथियार तैनात कर रखे हैं जबकि 2,000 हथियार रिजर्व में रखे गए हैं. इनके अलावा अमेरिका के पास 1,760 और परमाणु हथियार भी हैं. अमेरिका ने 1945 में पहली बार नाभिकीय परीक्षण किया था.
तस्वीर: Jim Lo Scalzo/EPA/dpa/picture alliance
रूस
वर्तमान में रूस के पास सबसे ज्यादा 6,255 परमाणु हथियार हैं. इनमें से 1,625 हथियारों को रूस ने तैनात कर रखा है. 2,870 परमाणु हथियार रूस ने रिजर्व में रखे हैं जबकि दूसरे परमाणु हथियारों की संख्या 1,760 है. रूस के हथियारों की संख्या 2020 के मुकाबले थोड़ी बढ़ी है. रूस ने 1949 में परमाणु हथियार बनाने की क्षमता हासिल की थी.