अमेरिकी अधिकारियों से मुलाकात का इरादा नहीं: उत्तर कोरिया
८ फ़रवरी २०१८
दक्षिण कोरिया में शीत ओलंपिक के दौरान अमेरिकी अधिकारियों से मिलने का उत्तर कोरिया का कोई इरादा नहीं है. शुक्रवार को खेलों के उद्घाटन समारोह में अमेरिकी उपराष्ट्रपति माइक पेंस और उत्तर कोरिया के सीनियर नेता मौजूद होंगे.
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दक्षिण कोरिया के प्योंगचांग में होने वाले शीत ओलंपिक खेलों में उत्तर कोरिया की भागीदारी से उम्मीद बंधी थी कि कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव घटेगा. उत्तर कोरिया के मिसाइल और परमाणु परीक्षण इस तनाव की बड़ी वजह रहे हैं. उत्तर कोरिया ने शीत ओलंपिक में अपने खिलाड़ी भेजे हैं, लेकिन अमेरिका को लेकर वह अपने रुख में किसी तरह की नरमी नहीं दिखाना चाहता. उत्तर कोरिया के सरकारी मीडिया ने अमेरिकी अधिकारियों से किसी भी संपर्क से इनकार किया है. वहीं प्योंगचांग खेलों से पहले उत्तर कोरिया ने अपनी राजधानी प्योंगयांग में अपनी सेना के स्थापना दिवस पर भव्य सैन्य परेड निकालकर फिर दुनिया को अपनी ताकत का अहसास कराने की कोशिश की है.
प्योंगचांग खेलों के उद्घाटन समारोह में उत्तर कोरिया के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहेंगे जिनमें किम जोंग उन की छोटी बहन और उत्तर कोरिया की संसद के अध्यक्ष किम योंग नाम शामिल हैं. उत्तर कोरिया की सरकारी समाचार एजेंसी केसीएनए ने अपने देश के विदेश मंत्रालय में अमेरिकी विभाग के महानिदेशक जो योंग साम के हवाले से गुरुवार को कहा, "हमने कभी अमेरिका के साथ बातचीत के लिए मिन्नतें नहीं की हैं." जो ने कहा, "स्पष्ट रूप से बात करें तो हमारा दक्षिण कोरिया प्रवास के दौरान अमेरिकी पक्ष से बातचीत करने का कोई इरादा नहीं है. हमारा शिष्टमंडल सिर्फ ओलंपिक में हिस्सा लेने के लिए दक्षिण कोरिया जा रहा है."
ऐसी है उत्तर कोरिया की राजधानी
उत्तर कोरिया की गिनती दुनिया के सबसे गरीब देशों में होती है. लेकिन इस कम्युनिस्ट देश ने अपनी राजधानी को चकाचक बना रखा है. वहां चौड़ी-चौड़ी सड़कें, गगनचुंबी इमारतें, बड़े बड़े चौक और सब कुछ बहुत व्यवस्थित दिखता है.
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प्योंगयांग की पहचान
ये है प्योंगयांग का मशहूर रयुगयोंग होटल, जिसमें 105 मंजिलें हैं. इसका निर्माण 1987 में शुरू हुआ था और अब तक पूरा नहीं हुआ है. फिर भी, ये प्योंगयांग की बड़ी पहचान बन चुका है.
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शानदार परेड
सत्ताधारी वर्कर्स पार्टी की कांग्रेस हो या फिर कोई अन्य अहम राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय मौका, प्योंगयांग में ऐसी परेड जरूर होती है.
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नदी के किनारे
ताएदोंग नदी प्योंगयांग शहर के बीचों बीच से गुजरती है. 439 किलोमीटर लंबी ताएदोंग उत्तर कोरिया की एक बड़ी नदी है.
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उत्तर कोरिया की संसद
उत्तर कोरिया की संसद को सुप्रीम पीपुल्स असेंबली कहते हैं. 687 सदस्यों वाली इस संसद में सत्ताधारी वर्कर्स पार्टी के 607 सदस्य हैं.
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चीन से दोस्ती का जश्न
ये तस्वीर 2009 की है जब चीन और उत्तर कोरिया के राजनयिक संबंधों की 60वीं वर्षगांठ पर प्योंगयांग में एक रंगारंग कार्यक्रम हुआ था.
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खाली सड़कें
प्योंगयांग में चौड़ी-चौड़ी सड़कें है, लेकिन उन पर वाहन इक्का दुक्का ही दिखाई देते हैं. अपने परमाणु कार्यक्रम के कारण उत्तर कोरिया बरसों से आर्थिक प्रतिबंध झेल रहा है.
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प्रोपेगैंडा
प्योंगयांग में इस तरह के होर्डिंग बहुत आम हैं जिनमें अकसर सत्ताधारी पार्टी की तारीफ लिखी होती है. इस तरह कई होर्डिंगों में पश्चिम विरोधी बातें भी होती हैं.
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ऊंची ऊंची इमारतें
राजधानी में गगनचुंबी इमारतें. लेकिन सहायता एजेंसियों का कहना है कि प्योंगयांग की चमक दमक से परे ग्रामीण इलाकों में लोग बहुत ही दयनीय हालत में रहते हैं.
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नेता का सम्मान
उत्तर कोरिया के संस्थापक किम इल सुंग का यह स्मारक प्योंगयांग के सबसे अहम स्थानों में से एक है. उन्होंने ही 1948 में कम्युनिस्ट देश उत्तर कोरिया की स्थापना की थी.
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प्योंगयांग का मतलब
प्योंगयांग शब्द का अर्थ है समतल भूमि या शांतिपूर्ण भूमि. 32 लाख से ज्यादा की आबादी के साथ यह उत्तर कोरिया का सबसे बड़ा शहर है.
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प्योंगयांग एयपोर्ट
प्योंगयांग के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर ज्यादा हलचल नहीं रहती. यहां सरकारी एयरलाइन एयर कोरयो के अलावा सिर्फ एयर चाइना के विमान आते हैं.
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ताकत का प्रदर्शन
उत्तर कोरिया में होने वाली सैन्य परेडों की तस्वीरें दुनिया भर के मीडिया में जगह बनाती हैं. गरीबी और भुखमरी के लिए आलोचना झेलनी वाली सरकार ताकत पेश करने में कोई कसर नहीं छोड़ती.
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उधर दक्षिण कोरिया चाहता है कि इस मौके का फायदा उठाते हुए उत्तर कोरिया से बातचीत का सिलसिला शुरू किया जाए, ताकि दुनिया के सबसे खतरनाक संकटों में से एक को सुलझाने के लिए प्रयास तेज हो सकें. उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन और अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की तरफ से एक दूसरे को परमाणु हथियारों की धमकी देने से इस संकट की गंभीरता का पता चलता है.
उधर अमेरिकी उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने बुधवार को टोक्यो में जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे से बातचीत में कहा कि अमेरिका जल्द ही उत्तर कोरिया के खिलाफ सबसे कड़े और सबसे आक्रामक आर्थिक प्रतिबंधों का एलान करेगा. टोक्यो से सोल के लिए रवाना होने से पहले उन्होंने कहा कि अमेरिका चाहता है कि उत्तर कोरिया शांतिपूर्ण तरीके से अपना परमाणु कार्यक्रम त्यागे. साथ ही उन्होंने उत्तर कोरिया को चेतावनी भी दी कि वह अमेरिकी सेना या संकल्प को कम करके ना आंके.
वहीं चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने बीजिंग में पत्रकारों को बताया कि चीन ओलंपिक खेलों को बातचीत की दिशा में पहले कदम के तौर पर देखता है.
एके/ओएसजे (रॉयटर्स, एएफपी)
2018 में इन 18 पर रहेंगी सबकी नजरें
दुनिया में हर समय कुछ न कुछ घट रहा है. लेकिन यहां हम आपको बता रहे हैं ऐसे 18 लोग या घटनाएं जिन पर 2018 में सबकी नजरें रहेंगी.
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डॉनल्ड ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने 2017 में अपने बयानों और कदमों से धूम मचाए रखी. उनके सियासी फैसले हों या फिर बिंदास ट्वीट, वह लगातार सुर्खियों में रहे. इसलिए 2018 में भी उन पर निगाहें टिकी रहेंगी.
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व्लादिमीर पुतिन
2018 में होने वाले रूस के राष्ट्रपति चुनावों में किसी को भी व्लादिमीर पुतिन की जीत पर संदेह नहीं होना चाहिए. बस देखना यह है कि 2018 में वह अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में क्या हलचल मचाएंगे.
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गरजने वाले बरसेंगें भी?
अमेरिका और उत्तर कोरिया 2017 में खूब गरजते रहे. तो क्या 2018 में भी यही हालात रहेंगे या उनके रुख में कुछ नरमी आएगी? फिलहाल तो ऐसे कोई संकेत नजर नहीं आते हैं.
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ताकतवर शी
चीन में 2017 में राष्ट्रपति शी जिनपिंग माओ के बाद सबसे ताकतवर नेता बन गए. लेकिन इस बीच असंतोष के कुछ सुर भी सुनाई दे रहे हैं, खास तौर से हांगकांग में अकसर लोकतंत्र समर्थक आवाजें सुनाई देती हैं.
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ईयू की चुनौती
ब्रेक्जिट के बाद 2017 में यूरोपीय संघ कई अंदरूनी मतभेदों से जूझता रहा. ऐसे में, कई लोग यूरोपीय संघ की एकजुटता पर सवाल उठा रहे हैं. इसलिए 2018 यूरोपीय संघ के लिए खासा चुनौतीपूर्ण हो सकता है.
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धरती की सेहत
धरती के बढ़ते तापमान का असर दुनिया भर में बाढ़, सूखा और तूफान के रूप में दिख रहा है. लेकिन इससे प्रभावी तरीके से निपटने को लेकर विभिन्न देशों के बीच अब भी "अगर मगर" का दौर जारी है.
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भटकते शरणार्थी
दुनिया भर में जारी संकटों के कारण शरणार्थियों की संख्या लगातार बढ़ रही है. 2017 में म्यांमार में हिंसक हालात ने एक बड़े रोहिंग्या शरणार्थी संकट को जन्म दिया. वहीं यूरोप भी मध्य पूर्व और अफ्रीका से आए शरणार्थियों से निपटने के तरीके तलाश रहा है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/K. M. Asad
राइट चॉइस?
दक्षिणपंथी ताकतें दुनिया भर में मजबूत हो रही है. ऐसे में 2018 में ब्रेल्जियम, चेक रिपब्लिक, हॉलैंड, फिनलैंड, हंगरी, आयरलैंड, इटली और स्वीडन जैसे यूरोपीय देशों में होने वाले राष्ट्रीय और स्थानीय चुनावों के नतीजों पर भी नजरें रहेंगी.
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आजादी की पेचीदियां
स्पेन के कैटेलोनिया इलाके की आजादी का मुद्दा भी अनसुलझा है. 2018 में कैटेलोनिया स्पेन की सरकार के लिए सिरदर्द बना रह सकता है. हालिया चुनावों में अलगाववादियों की जीत ने इसे और पेचीदा बना दिया है.
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नए संकटों की आहट
येरुशलम को इस्राएली राजधानी के रूप में मान्यता देकर अमेरिका ने दुनिया भर में खलबली मचा दी. लेकिन मध्य पूर्व में अमेरिका का असर घट रहा है. क्या इससे वहां नए संकट पैदा होंगे?
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ताकत का अखाड़ा
मध्य पूर्व सऊदी अरब और ईरान के लिए ताकत का अखाड़ा बन रहा है. ईरान जहां इराक और सीरिया में अपना प्रभाव बढ़ा रहा है, वहीं सऊदी अरब खाड़ी देशों को अपने शिया प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ लामबंद कर रहा है.
जंग के खतरे
लड़ाई लगातार मानवीय त्रासदी में तब्दील हो रही है. वहीं कुछ जानकार यह भी कहते हैं कि सऊदी अरब इस्राएल को लेबनान में ईरान समर्थक हिज्बोल्लाह के खिलाफ लड़ाई छेड़ने के लिए उत्साहित कर रहा है.
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पूरा होगा सपना?
2018 में पाकिस्तान में आम चुनाव होने हैं. देखना होगा कि पीएमएल (एन) अपनी सत्ता बचाने में कामयाब रहती है या फिर इमरान खान का प्रधानमंत्री बनने का सपना सच होगा.
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सत्ता का सेमीफाइनल..
भारत में अगले आम चुनाव तो 2019 में होंगे, लेकिन 2018 में राजस्थान, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, मिजोरम, मेघालय, नागालैंड और त्रिपुरा के विधानसभा चुनावों में देश की सियासी नब्ज का पता चलेगा.
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क्या करेंगे कुर्द
2018 में कुर्द समूहों पर भी नजरें रहेंगी. खासकर इराक के कुर्दिस्तान इलाके में आजादी के हक में जनमत संग्रह होने के बाद कुर्द अलग थलग पड़ गए हैं. वैसे सीरिया, इराक और ईरान में भी उनकी अच्छी खासी आबादी है.
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फुटबॉल वर्ल्ड कप
2018 में रूस विश्व कप फुटबॉल की मेजबानी करेगा जिसमें दुनिया भर से 32 टीमें शामिल होंगी. इस दौरान 11 शहरों के 12 स्टेडियमों में 64 मैच खेले जाएंगे और फुटबॉल का बुखार अपने चरम पर होगा.
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करंसी या क्रिप्टो करंसी
2017 में क्रिप्टो करंसी बिटकॉइन ने नए रिकॉर्ड बनाए जिसके कारण बहुत से लोगों की दिलचस्पी इसमें बढ़ी. 2018 में भी क्रिप्टो करंसी का रुझान बढ़ने के आसार हैं. हालांकि सरकारें लगातार लोगों को इनसे दूर रहने को कह रही हैं.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/J. Kalaene
और आखिर में..
कब क्या हो जाए, कुछ भी कहना मुश्किल है. इसीलिए हम 18वें नंबर पर ऐसी घटना को रखते हैं जिसके बारे में शायद अभी अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता है.