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बुआ नोई, पूरी जिंदगी मॉल की कैद में काटने वाली गुरिल्ला

२१ मार्च २०२३

बैंकॉक के एक चमचमाते मॉल में सात मंजिल ऊपर बाड़ा है. उसमें 30 साल से एक मादा गुरिल्ला कैद है. उसे रिहा कराने के तमाम अभियान मालिक की जिद के आगे हार जाते हैं.

बैंकॉक के मॉल में कैद बुआ नोई
तस्वीर: MANAN VATSYAYANA/AFP

सस्ते परफ्यूम की गंध से अटे बैंकॉक के एक शॉपिंग मॉल में लोगों के मनोरंजन के लिए मादा गुरिल्ला को कैद में रखा गया है. गुरिल्ला का नाम है बुआ नोई, यानि नन्हा कमल. मॉल में सातवीं मंजिल पर पाटा जू है, जहां तीन दशक से कैद मादा गुरिल्ला अब बूढ़ी हो चुकी है.

2020 में गुरिल्ला को रिहा करने के लिए बड़ा अभियान छेड़ा गया. उसमें कई जानी मानी हस्तियों ने हिस्सा लिया. गुरिल्ला को हटाने की अपील सरकार ने भी की, लेकिन बुआ नोई के मालिक परिवार पर कोई असर नहीं हुआ. उल्टा परिवार ने अभियान के दौरान, मॉल की दीवार पर ग्रैफिटी कर, "बुआ नोई को आजाद करो" लिखने वाले की धरपकड़ के लिए 2,800 डॉलर का इनाम घोषित कर दिया.

पाटा जू के इसी बाड़े में कैद है बुआ नोईतस्वीर: MANAN VATSYAYANA/AFP

मनोरंजन के नाम पर वन्य जीवों से क्रूरता

थाइलैंड में मनोरंजन के नाम पर वन्य जीवों को कैद करना नई बात नहीं है. कुछ साल पहले देश के मशहूर बौद्ध मठ में बाघों की मौत, उनकी खाल उतरने और उन्हें बड़ी खराब हालत में रखने का मामला सामने आया था. बाघों, हाथियों या अन्य वन्यजीवों के साथ सेल्फी लेने के क्रेज ने भी पशुओं पर होने वाली इस क्रूरता को मुनाफेदार बनाया है.

गुरिल्ला लुप्त होने का खतरा झेल रहे वन्य जीवों में शामिल हैं. इसके बावजूद थाइलैंड का कानून उनकी सुरक्षा के लिए बहुत असरदार नहीं है. सरकार ने नए पर्यावरण विधेयक में थाई मूल के वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए कुछ प्रावधान किए हैं. लेकिन नया कानून, निजी रूप से चल रहे चिड़ियाघरों और विदेशी मूल के वन्य जीवों पर लागू नहीं होता है.

थाइलैंड के नेशनल वाइल्डलाइफ कंजर्वेशन ऑफिस के डायरेक्टर पाडेज लाइथोंग कहते हैं, "वाइल्ड एनिमल कंर्जवेशन एंड प्रोटेक्शन एक्ट, चिड़ियाघरों पर अभी लागू नहीं किया गया है."

मॉल की सातवीं मंजिल पर पाटा जूतस्वीर: MANAN VATSYAYANA/AFP

क्या कहता है बुआ को कैद रखने वाला जू

समाचार एजेंसी एएफपी ने पाटा जू से इस बारे में प्रतिक्रिया मांगी, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. जू अक्सर यही कहता है कि वहां गुरिल्ला आराम से रह रहे हैं और ये विवाद सिर्फ विदेशियों का भड़काया हुआ है. ग्रैफिटी मामले के बाद पाटा ने छह पेज का एक बयान जारी किया. बयान के मुताबिक, "थाइलैंड को छोड़कर, दुनिया के किसी भी देश में गुरिल्ला रखने के लिए अपने ही देश को निशाना नहीं बनाया गया."

बुआ नोई को 1992 में जर्मनी से खरीदकर थाइलैंड लाया गया. तब उसकी उम्र तीन बरस थी. गुरिल्ला का औसत जीवन काल 40 साल से जरा ज्यादा कहा जाता है. वन्य जीव प्रेमियों के मुताबिक गुरिल्ला एक सामाजिक जीव है, उसे एक बाड़े में अकेले कैद करना, यातना से कम नहीं है. वाइल्डलाइफ फ्रेंड्स फाउंडेशन थाइलैंड के एडविन वीक कहते हैं, "उसे बाहर निकालने की जरूरत है. वह सूरज और चांद नहीं देख सकी है. वह कांच की खिड़की वाले सीमेंट के बॉक्स में है."

इंसान की ही तरह सामाजिक होते हैं गुरिल्लातस्वीर: Cyril Ruoso/Nature Picture Library/imago images/Nature Picture Library

अंतरराष्ट्रीय दबाव के बीच 2022 में थाइलैंड के प्राकृतिक संसाधन और पर्यावरण मंत्रालय ने बुआ नोई की रिहाई के बदले जू को तीन करोड़ बाट (8,80,00 डॉलर) देने की पेशकश भी की. लेकिन परिवार ने मना कर दिया.

इस बहस के बावजूद हर रविवार को कई परिवार अपने बच्चों को लेकर पाटा जू जाते हैं. वहां निराश आंखों वाली बुआ, कभी एक लटके टायर पर झूलती हुई दिखती है तो कभी रस्सियों के जरिए छत पर चढ़ने की कोशिश करती है. नन्हे कमल जैसी कोई बात अब उसके किरदार में बिल्कुल नहीं दिखती है.

ओएसजे/एमजे  (एएफपी)

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