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कानून और न्यायमाल्टा

यूरोप में "गोल्डन पासपोर्ट" पर प्रतिबंध

टेरी शुल्स | ओंकार सिंह जनौटी
५ मई २०२५

यूरोपीय संघ की सर्वोच्च अदालत ने पैसा देकर नागरिकता देने वाली आखिरी योजना पर प्रतिबंध लगाया. माल्टा के "गोल्डन पासपोर्ट" का फायदा किन लोगों ने उठाया?

पासपोर्टों की प्रतीकात्मक तस्वीर
तस्वीर: Maksym Yemelyanov/Zoonar/picture alliance

मानुएल डेलिया, बरसों से एक केस में उलझे हुए थे. 29 अप्रैल को आखिर उस मुकदमे पर यूरोपीय न्याय अदालत का फैसला आ गया. डेलिया को पहले तो यकीन ही नहीं हुआ, "मैं एक बुरी खबर की प्रतीक्षा कर रहा था."

मानुएल डेलिया, एक एंटी करप्शन ब्लॉगर है. वह यूरोपीय संघ के देश माल्टा में रिपब्लिका नाम के सिविल सोसाइटी संगठन के एग्जीक्यूटिव अफसर भी हैं. डेलिया अपनी ही सरकार के विदेशी निवेशकों को नागरिकता देने के प्रोग्राम के खिलाफ कई बरसों से लड़ रहे हैं.

विदेशी निवेशकों को नागरिकता देने वाली ऐसी सरकारी योजनाओं को "गोल्डन पासपोर्ट" भी कहा जाता है. आलोचक कहते हैं कि इनके जरिए सरकार अमीरों को नागरिकता बेचती है. यूरोपीय संघ में माल्टा वह आखिरी देश था, जो गोल्डन पासपोर्ट प्रोग्राम को जारी रखे हुए था. बुल्गारिया और साइप्रस हाल के बरसों में इसे रद्द कर चुके हैं.

यूरोपियन कोर्ट ऑफ जस्टिस (ईसीजे) के फैसले के बाद डेलिया कहते हैं कि यह निर्णय उनके सहकर्मियों और उनकी मित्र डाफ्ने कारुआना गालिजिया के अथक प्रयासों का नतीजा है. भ्रष्टाचार के मामलों को उजागर करने वाली पत्रकार डाफ्ने की अक्टूबर 2017 में हत्या कर दी गई. डाफ्ने उन शुरुआती लोगों में थीं जिन्होंने गोल्डन पासपोर्ट प्रोग्राम के खतरों को उजागर किया था.

अक्टूबर 2017 में की गई पत्रकार डाफ्ने कारुआना गालिजिया की हत्यातस्वीर: AP/dpa/picture alliance

2022 में यूरोपीय आयोग ने माल्टा के गोल्डन पासपोर्ट प्रोग्राम के खिलाफ कार्रवाई शुरू की. माल्टा पर आरोप लगे कि उसकी इस योजना का फायदा ज्यादातर रियल एस्टेट के बड़े निवेशक उठा रहे हैं. आयोग ने कहा कि नागरिकता देने का आधार सिर्फ व्यावसायिक नहीं हो सकता है.

इसके बाद अक्टूबर 2024 में ईसीजे के एडवोकेट जनरल ने माल्टा सरकार के समर्थन में एक लेख लिखा. उस ओपियन पीस के प्रकाशित होने से डेलिया खासे निराश हुए. आम तौर पर ईसीजे अपने एडवोकेट जनरलों के ओपियन से मिलते जुलते निर्णय लेता है. लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं हुआ.

कोर्ट ने पाया कि माल्टा ने राष्ट्रीयता से जुड़ी नीति को, "सिर्फ व्यावसायिक लेन देन" बना दिया है और इसमें "देश और उसके नागरिकों के बीच जरूरी एकजुटता और अच्छे भरोसे के अभ्यास को साबित करने की संभावना नहीं है." अदालत ने यह भी कहा कि माल्टा का नागरिकता प्रोग्राम यूरोपीय संघ के सदस्य देशों के बीच साझा भरोसे को भी नहीं दर्शाता है.

डेलिया कहते हैं कि कोर्ट में यूरोपीय आयोग के केस का जीतना, संघ के देशों के बीच "मूल्यों, सिद्धांतों और एकजुटता" का प्रतीक है. डेलिया के मुताबिक यहां बात सिर्फ माल्टा की नागरिकता की नहीं, बल्कि पूरे यूरोपीय संघ की थी.

मानुएल डेलिया ने ईसीजे के फैसले को बड़ी जीत करार दियातस्वीर: Sachelle Babbar/ZUMA Wire/picture alliance

कहां से आए माल्टा में पासपोर्ट के खरीदार

डेलिया कहते हैं कि कोर्ट का फैसला, "सच्चाई से वही दर्शाता है जो हम कहना चाह रहे हैं, यह स्कीम इस वजह से जायज नहीं ठहराई जा सकती कि इससे पैसा मिलता है."

डीडब्ल्यू से बातचीत में डेलिया ने कहा, "आप नागरिकता पर कीमत का चस्पा नहीं लगा सकते. यह पैसे से कहीं ज्यादा मूल्यवान है."

माल्टा सरकार ने 2020 में "गोल्डन पासपोर्ट" प्रोग्राम शुरू किया. इसके तहत 7,50,000 लाख यूरो का निवेश करने और 12 महीने तक देश में रहने पर माल्टा की नागरिकता हासिल की जा सकती थी. माल्टा की नागरिकता मिलने के बाद नए पासपोर्ट के साथ कोई भी इंसान पूरे यूरोपीय संघ में आजादी से घूम और कहीं भी रह सकता था.

माल्टा में यह स्कीम शुरू होने के बाद से डेलिया और अन्य पर्यवेक्षकों ने यह भी जांचा कि स्थानीय प्रशासन ने कितनी बारीकी से जरूरी दस्तावेजों की पड़ताल की. इस दौरान पता चला कि नागरिकता के लिए अप्लाई करने वाले कई लोग तो जरूरी समयावधि तक भी देश में नहीं रहे. कुछ मामलों में यह भी साफ नहीं था क्या उनके द्वारा खरीदी गईं संपत्तियां रहने लायक भी थीं या नहीं.

डाफ्ने कारुआना गालिजिया फाउंडेशन ने जो डेटा जुटाया, वो बताता है कि गोल्डन पासपोर्ट के ज्यादातर मामलों में चीनी निवेशक शामिल हैं. माल्टा के जनसंख्या रिकॉर्डों से तुलना करने पर उनकी संख्या देश में रह रहे चीनी नागरिकों से भी ज्यादा निकली. फाउंडेशन के मुताबिक, इससे संकेत मिलता है कि "इनमें से कम से कम आधे, माल्टा में रहने के लिए अपने गोल्डन पासपोर्ट का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं."

यूरोपीय न्याय अदालत के फैसले के बाद अब पूरे यूरोप में गोल्डन पासपोर्ट स्कीम बंदतस्वीर: Sachelle Babbar/Zuma/picture alliance

कोर्ट के फैसले पर माल्टा सरकार की प्रतिक्रिया

यूरोपीय अदालत के फैसले के बाद माल्टा के प्रधानमंत्री रॉबर्ट अबेला ने वीजा योजना का बचाव किया. उन्होंने दावा किया कि इस योजना से माल्टा ने 1.4 अरब से यूरो से ज्यादा की रकम जुटाई है.

हालांकि अब प्रधानमंत्री कह रहे हैं कि वह कोर्ट के फैसले के मुताबिक सिस्टम में बदलाव करेंगे, "हमेशा की तरह, माल्टा की सरकार अदालतों के फैसलों का आदर करती है, फिलहाल इस निर्णय के कानूनी परिणामों का बारीकी से अध्ययन किया जा रहा है, ताकि नागरिकता के लिए रेगुलेटरी ढांचा, फैसले के मुताबिक ढाला जाए."

पासपोर्ट खरीदने का रास्ता भले ही बंद हो चुका हो, लेकिन यूरोपीय संघ के शेंगन जोन में दाखिल होने के दूसरे तरीके अब भी सेल पर हैं. हेनली एंड पार्टनर्स नाम की कंपनी माल्टा के पासपोर्ट प्रोग्राम से जुड़ी सर्विसेज दे रही थी. कंपनी अब भी अपने ग्राहकों को 31 देशों में "निवेश कर रहने की" सर्विस देने का वादा करती है. इनमें से आधे यूरोपीय संघ के देश हैं.

गोल्डन पासपोर्ट या गोल्डन वीजा जैसी स्कीमें अन्य देश भी टेस्ट कर चुके हैं. कुछ साल पहले ब्रिटेन ने भारी निवेश करने वालों को "पहले दर्जे का वीजा" देने की योजना शुरू की थी. लेकिन फरवरी 2022 में ब्रिटिश सरकार ने इस स्कीम को रद्द कर दिया. यूक्रेन पर रूसी के हमले के बीच, ब्रिटिश सरकार ने कहा कि इस योजना से भ्रष्टाचार और राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी जोखिम पैदा हो सकते हैं.

ऑस्ट्रेलिया ने भी बंद की गोल्डन वीजा स्कीम

फरवरी 2025 में अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने भी एलान किया कि वे "गोल्डन कार्ड" वीजा लॉन्च करने की योजना बना रहे हैं. इसके तहत अमेरिका में 50 लाख डॉलर लगाने वाले अमीर विदेशियों को स्थायी निवास (परमानेंट रेजिडेंसी) की अनुमति मिलेगी.

माल्टा की लेबर पार्टी के नेता और देश के प्रधानमंत्री रॉबर्ट आबेलातस्वीर: Matthew Mirabelli/AFP/Getty Images

बदलाव का मौका

यूरोपीय आयोग के प्रवक्ता मार्कुस लामेर्ट मानते हैं कि अदालत का हालिया फैसला गोल्डन पासपोर्ट प्रोग्राम को लेकर गंभीर चिंताएं व्यक्त कर रहा है, "ऐसी स्कीमें पूरे संघ में सुरक्षा, हवाला (मनी लॉन्ड्रिंग), टैक्स चोरी और भ्रष्टाचार का जोखिम पैदा करती हैं."

मनी लॉन्ड्रिंग पर अंकुश लगाने के लिए 2022 में यूरोपीय अदालत ने संपत्ति के स्रोत का पता लगाने और उसे स्पष्टता से शेयर करने का प्रस्ताव भी पास किया. लेकिन इसे लागू करना, संघ के देशों की इच्छा पर निर्भर है.

भ्रष्टाचार के खिलाफ काम करने वाले वैश्विक संगठन ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की पॉलिसी अफसर आना टेरोने कहती हैं कि भविष्य में "गोल्डन वीजा" को खत्म करने का अभियान जोर पकड़ेगा. वह मानती है कि "दो नंबरी तरीके से पैसा बनाने वाले भ्रष्ट और अमीर व्यक्तियों को" बाहर रखने के लिए यूरोपीय संघ के देशों के बीच एकजुटता और साझा कोशिशों की जरूरत पड़ती रहेगी.

यूरोपीय अदालत के फैसले को माल्टा के नागरिक डेलिया, कारुआना गालिजिया को समर्पित करते हैं. वह कहते हैं कि राष्ट्रीयता, देश और लोगों के बीच का एक ऐसा संबंध है जो कानून के आधार पर, साथ रहने के लिए जरूरी सामुदायिक एकता और एकजुटता को रेखांकित करता है.

डेलिया कहते हैं, "और जब आप इस पर एक कीमत चिपका देते हैं तो आप इसे सस्ता व हल्का बना देते हैं."

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