उत्तर कोरिया में विदेश मंत्री पद की जिम्मेदारी पहली बार एक महिला को सौंपी गई है. चोए सोन हुई ऐसे समय में विदेश मंत्री बनी हैं जब उत्तर कोरिया प्रतिबंधों के बावजूद फिर अपने हथियार कार्यक्रम को आगे बढ़ा रहा है.
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उत्तर कोरिया अपने विवादित परमाणु हथियार कार्यक्रम की वजह से विश्व समुदाय में अलग थलग रहा है. चोए सोन हुई अब तक उत्तर कोरिया की सर्वोच्च परमाणु वार्ताकार रही हैं. लेकिन पिछले दिनों सरकारी मीडिया की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार उन्हें विदेश मंत्री नियुक्त किया गया है. बीते शुक्रवार को सत्ताधारी वर्कर्स पार्टी की केंद्रीय समिति की तीन दिन तक चली बैठक के बाद उनकी नियुक्ति की घोषणा की गई.
उन्हें यह जिम्मेदारी ऐसे समय में मिली जब उत्तर कोरिया हथियारों के परीक्षण को आगे बढ़ा रहा है. 57 साल की चोए राजनयिक रही हैं और इससे पहले वह उप विदेश मंत्री रह चुकी हैं और अच्छी अंग्रेजी बोलती हैं. वह परमाणु कार्यक्रम पर अमेरिका के साथ होने वाली उत्तर कोरिया की वार्ता में अहम भूमिका अदा कर चुकी हैं. फिलहाल यह वार्ता गतिरोध का शिकार है. उत्तर कोरिया बातचीत में लौटने की अमेरिकी पेशकश को बार बार खारिज कर चुका है.
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कितने परमाणु हथियार हैं दुनिया में और किसके पास
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन पर हमले के तीन दिन बाद ही परमाणु हथियारों को भी हाई अलर्ट पर रखने का हुक्म दिया. रूस के पास कुल कितने परमाणु हथियार हैं. रूस के अलावा दुनिया में और कितने परमाणु हथियार है?
तस्वीर: AP Photo/picture-alliance
कितने परमाणु हथियार
स्टॉकहोम अंतरराष्ट्रीय शांति शोध संस्थान यानी सीपरी हर साल दुनिया भर में हथियारों के बारे में रिपोर्ट तैयार करती है. सीपरी के मुताबिक 2021 की शुरुआत में दुनिया भर में कुल 13,080 परमाणु हथियार मौजूद थे. इनमें से 3,825 परमाणु हथियार सेनाओं के पास हैं और 2,000 हथियार हाई अलर्ट की स्थिति में रखे गए हैं, यानी कभी भी इनका उपयोग किया जा सकता है. तस्वीर में दिख रहा बम वह है जो हिरोशिमा पर गिराया गया था.
तस्वीर: AFP
किन देशों के पास है परमाणु हथियार
सीपरी के मुताबिक दुनिया के कुल 9 देशों के पास परमाणु हथियार हैं. इन देशों में अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस, चीन, भारत, पाकिस्तान, इस्राएल और उत्तर कोरिया के नाम शामिल हैं. दुनिया में परमाणु हथियारों की कुल संख्या में कमी आ रही है हालांकि ऐसा मुख्य रूप से अमेरिका और रूस के परमाणु हथियारों में कटौती की वजह से हुआ है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
उत्तर कोरिया
डेमोक्रैटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया यानी उत्तर कोरिया ने 2006 में पहली बार नाभिकीय परीक्षण किया था. वर्तमान में उसके पास 40-50 परमाणु हथियार होने का अनुमान है.
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इस्राएल
इस्राएल ने पहली बार नाभिकीय परीक्षण कब किया इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. फिलहाल इस्राएल के पार 90 परमाणु हथियार होने की बात कही जाती है. इस्राएल ने भी परमाणु हथियारों की कहीं तैनाती नहीं की है. तस्वीर में शिमोन पेरेज नेगेव न्यूक्लियर रिसर्च सेंटर नजर आ रहा है. इस्राएल ने बहुत समय तक इसे छिपाए रखा था.
तस्वीर: Planet Labs Inc./AP/picture alliance
भारत
भारत के परमाणु हथियारों के जखीरे में कुल 156 हथियार हैं जिन्हें रिजर्व रखा गया है. अब तक जो जानकारी है उसके मुताबिक भारत ने परमाणु हथियारों की तैनाती नहीं की है. भारत ने पहली बार नाभिकीय परीक्षण 1974 में किया था.
तस्वीर: Indian Defence Research and Development Organisation/epa/dpa/picture alliance
पाकिस्तान
भारत के पड़ोसी पाकिस्तान के पास कुल 165 परमाणु हथियार मौजूद हैं. पाकिस्तान ने भी अपने परमाणु हथियारों की तैनाती नहीं की है और उन्हें रिजर्व रखा है. पाकिस्तान ने 1998 में पहली बार नाभिकीय परीक्षण किया था.
तस्वीर: AP
ब्रिटेन
ब्रिटेन के पास मौजूद परमाणु हथियारों के जखीरे में कुल 225 हथियार है. इनमें से 120 परमाणु हथियारों को ब्रिटेन ने तैनात कर रखा है जबकि 105 हथियार उसने रिजर्व में रखे हैं. ब्रिटेन ने पहला बार नाभिकीय परीक्षण 1952 में किया था. तस्वीर में नजर आ रही ब्रिटेन की पनडुब्बी परमाणु हथियारों को ले जाने में सक्षम है.
तस्वीर: James Glossop/AFP/Getty Images
फ्रांस
फ्रांस ने 1960 में पहली बार नाभिकीय परीक्षण किया था और फिलहाल उसके पास 290 परमाणु हथियार मौजूद हैं. फ्रांस ने 280 परमाणु हथियारों की तैनाती कर रखी है और 10 हथियार रिजर्व में रखे हैं. यह तस्वीर 1971 की है तब फ्रांस ने मुरुरोआ एटॉल में परमाणउ परीक्षण किया था.
तस्वीर: AP
चीन
चीन ने 1964 में पहली बार नाभिकीय परीक्षण किया था. उसके पास कुल 350 परमाणु हथियार मौजूद हैं. उसने कितने परमाणु हथियार तैनात किए हैं और कितने रिजर्व में रखे हैं इसके बारे में जानकारी उपलब्ध नहीं है.
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अमेरिका
परमाणु हथियारों की संख्या के लिहाज से अमेरिका फिलहाल दूसरे नंबर पर है. अमेरिका ने 1,800 हथियार तैनात कर रखे हैं जबकि 2,000 हथियार रिजर्व में रखे गए हैं. इनके अलावा अमेरिका के पास 1,760 और परमाणु हथियार भी हैं. अमेरिका ने 1945 में पहली बार नाभिकीय परीक्षण किया था.
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रूस
वर्तमान में रूस के पास सबसे ज्यादा 6,255 परमाणु हथियार हैं. इनमें से 1,625 हथियारों को रूस ने तैनात कर रखा है. 2,870 परमाणु हथियार रूस ने रिजर्व में रखे हैं जबकि दूसरे परमाणु हथियारों की संख्या 1,760 है. रूस के हथियारों की संख्या 2020 के मुकाबले थोड़ी बढ़ी है. रूस ने 1949 में परमाणु हथियार बनाने की क्षमता हासिल की थी.
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हथियारों की होड़
उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने 'लगातार बढ़ती सुरक्षा चुनौतियों' का हवाला देते हुए हथियारों से जुड़े कार्यक्रम को आगे बढ़ाने का फैसला किया है. सरकारी समाचार एजेंसी केएसीएन ने खबर दी है, "(किम) ने कहा है कि अपनी रक्षा करने का मुद्दा संप्रभुता की रक्षा करने से जुड़ा है."
इस बारे में ज्यादा ब्यौरा दिए बिना सरकारी मीडिया की रिपोर्ट में कहा गया है कि किम ने कहा कि उनके सशस्त्र बल और सैन्य वैज्ञानिक "सैन्य लक्ष्यों" को आगे बढ़ाएंगे. उन्होंने अपने बयान में परमाणु हथियार या फिर दक्षिण कोरिया का सीधे तौर पर जिक्र नहीं किया.
मंगलवार को उत्तर कोरिया के लिए अमेरिकी प्रतिनिधि सुंग किम ने कहा कि अमेरिका मानता है कि उत्तर कोरिया अपना सातवां परमाणु परीक्षण करने की तैयारी कर रहा है. ऐसा हुआ तो यह 2017 के बाद पहला परमाणु परीक्षण होगा. अंतरराष्ट्रीय आण्विक ऊर्जा एजेंसी, आईएईए ने कहा है कि उत्तर कोरिया परीक्षण स्थल को तैयार कर रहा है, "शायद एक परमाणु परीक्षण के लिए". आईएईए के महानिदेशक रफाएल ग्रोसी ने कहा, "ऐसा परमाणु परीक्षण संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के विपरीत होगा और इससे गंभीर चिंताएं पैदा होंगी."
चुनौतियों के लिए तैयार
अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन और दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्री ली योंग सुप ने उत्तर कोरिया की सैन्य गतिविधियों की निंदा की है. उत्तर कोरिया ने इस साल अब तक कई बार बैलेस्टिक मिसाइलों का परीक्षण किया है. शांगरि-ला संवाद सुरक्षा शिखर सम्मेलन के दौरान मुलाकात में ऑस्टिन और ली ने "दोनों देशों के प्रस्तावित साझा सैन्य अभ्यासों का दायरा और स्तर बढ़ाने पर सहमति जताई ताकि त्वरित प्रतिरोध क्षमता बनाई रखी जा सके और स्थिति से निपटने के लिए हमेशा तैयार रहा जा सके."
दूसरी तरफ अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा है, "रक्षा मंत्री ऑस्टिन ने इस बात पर जोर दिया है कि अमेरिका दक्षिण कोरिया की रक्षा को लेकर प्रतिबद्ध है और इसमें परमाणु क्षमताओं समेत अमेरिका की समूची क्षमताओं की मदद ली जाएगी."