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तकनीकवियतनाम

हैकर बना सरकार का साइबर एजेंट

२५ मई २०२२

कभी लोगों का निजी डाटा चुरा कर करोड़ों कमाने वाला वियतनाम का एक हैकर अब सरकार का एजेंट बन गया है. लेकिन उसका नया काम इतना सरल नहीं है जितना सुनने में लगता है.

Iran Symbolbild Hacker
तस्वीर: Dominic Lipinski/PA Wire/empics/picture alliance

वियतनाम के गो मिन्ह हियु ने करीब 20 करोड़ अमेरिकी लोगों का निजी डाटा चुरा कर खूब पैसे कमाए जिसके बाद वो पकड़ा गया. अमेरिकी जेलों में सात साल सजा काटने के बाद उसे वियतनाम वापस भेज दिया गया, जहां ऑनलाइन आजादी पर दुनिया के कुछ सबसे कड़े नियम लागू हैं.

32 साल के हियु कहते हैं कि अब उन्होंने अपने आपराधिक जीवन से किनारा कर लिया है. उन्होंने बताया, "मैं एकदम नीचे गिर गया था, अब मैं फिर से ऊपर की ओर आने की कोशिश कर रहा हूं. मैं अब ज्यादा कमाता तो नहीं हूं लेकिन मेरे पास शांति जरूर है."

हियु कम उम्र में ही अपने इस्तेमाल के लिए दूसरों का इंटरनेट कनेक्शन चुराने लगे थेतस्वीर: Sebastian Gollnow/dpa/picture alliance

लेकिन उनके जीवन में आया यह बदलाव पेचीदा है. वो कहते हैं कि उनके नए काम में उन्हें वियतनाम के लोगों को जिस तरह की हैकिंग वो खुद करते थे उसके खतरों के बारे में समझाना शामिल है.

कैसे बने हैकर

लेकिन वो एक ऐसी इकलौती पार्टी वाले देश की सरकार के लिए साइबर सुरक्षा पर काम कर रहे हैं जो बड़ी क्रूरता से असहमति के खिलाफ कदम उठाती है और इंटरनेट पर आलोचनात्मक बातें पोस्ट करने वालों को परेशान करती है और गिरफ्तार भी करती है.

हियु ने जब पहली बार किसी कंप्यूटर को हाथ लगाया वो तब से ही मंत्रमुग्ध हो गए थे. 12 साल की उम्र में ही उनका नाम हियुपीसी पड़ गया था. लेकिन जल्द ही वो अपने इस्तेमाल के लिए दूसरों का इंटरनेट कनेक्शन चुराने लगे जिसके लिए उन पर 1,000 डॉलर का जुर्माना लगने लगा. फिर उन्होंने विदेशी बैंक खातों को हैक करना शुरू किया.

जल्द ही हियु की गैर कानूनी गतिविधियां बढ़ने लगींतस्वीर: Rafael Ben-Ari/Photoshot/picture alliance

हाई स्कूल में वो एक दिन में 600 डॉलर तक चुराने लगे और फिर उन्होंने उसी पैसे का इस्तेमाल न्यूजीलैंड में साइबर सुरक्षा की पढ़ाई करने के लिए किया. 2010 में उन्होंने अपने विश्वविद्यालय को ही हैक कर लिया और पैसे कमाने के लिए छात्रों की निजी जानकारी बेच दी. जब उनकी गैर कानूनी गतिविधियां बढ़ने लगीं तब उन्हें उनके घर वापस भेज दिया गया.

खत्म हुआ खेल

30 साल से भी कम उम्र में वो हैकिंग से हर महीने 1,00,000 डॉलर कमाने लगे. उन्होंने तब तक करीब 20 करोड़ अमेरिकी सोशल सिक्योरिटी नंबर बेच दिए थे. वो कहते हैं, "मैं सफलता की चोटी पर था. मुझे खुद पर बहुत ज्यादा गर्व था. मुझे और बंगले, और अपार्टमेंट, और लग्जरी गाड़ियां चाहिए थीं."

लेकिन यह सब ज्यादा दिनों तक नहीं चला और आखिरकार वो कानून की गिरफ्त में आ ही गए. फरवरी 2013 में उन्हें एक स्टिंग ऑपरेशन के तहत धोखे से अमेरिका बुलाया गया और वहां उतरते ही गिरफ्तार कर लिया गया.

वियतनाम के नए साइबर कानून की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना हो रही हैतस्वीर: Jochen Tack/IMAGO

उन्हें शुरू में 45 साल कारावास की सजा दी गई, जिसे बाद में घटा कर 13 साल कर दिया गया. 2019 में उन्हें बरी कर दिया गया और 2020 में वो वियतनाम लौटे आए. अब वो देश की व्यापारिक राजधानी हो ची मिन्ह सिटी में एक अपार्टमेंट में रहते हैं और सरकार के राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा केंद्र में काम करते हैं.

वियतनाम का साइबर कानून

2019 में देश में एक नया साइबर सुरक्षा कानून लाया गया जिसके बारे में एमनेस्टी इंटरनेशनल ने चेतावनी दी है कि वो सरकार को "ऑनलाइन आजादी पर अंकुश लगाने की असीमित शक्ति" देता है. कानून सरकार को उनको लोगों को निशाना बनाने की भी इजाजत देता है जिनके ऑनलाइन पोस्ट सरकार को पसंद नहीं.

संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार परिषद ने 2019 में "अभिव्यक्ति की आजादी पर गंभीर अंकुश" लगाने के लिए इस कानून की आलोचना की थी. इसके तहत कई ऐक्टिविस्टों और ब्लॉगरों को गिरफ्तार किया जा चुका है. कुछ को तो सरकार के खिलाफ प्रोपेगंडा फैलाने के आरोप में जेल में भी डाला जा चुका है.

एमनेस्टी ने पिछले साल चेतावनी दी थी कि सरकार से जुड़े हैकर अधिकार ऐक्टिविस्टों को निशाना बना रहे हैं. लेकिन हियु जोर दे कर कहते हैं कि उनका काम राजनीतिक नहीं है बल्कि उन आपराधिक हैकरों को पकड़ने का है जो लोगों का डाटा चुराने की कोशिश कर रहे हैं.

सीके/एए (एएफपी)

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