अब कनाडा को उसके चुनावों में भारत द्वारा छेड़छाड़ का शक
२५ जनवरी २०२४
कनाडा के एक विशेष आयोग ने वहां की सरकार से चुनावों में भारत द्वारा संभावित छेड़छाड़ की जानकारी मांगी है. इस आयोग का गठन कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने ही सितंबर, 2023 में किया था.
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कनाडा के चुनावों में दूसरे देशों के हस्तक्षेप के आरोपों की जांच कर रहे इस विशेष आयोग ने बुधवार को एक बयान में कहा कि उसने कनाडा की सरकार से "2019 और 2021 के चुनावों में भारत द्वारा हस्तक्षेप के आरोपों से संबंधित" दस्तावेज मांगे हैं.
आयोग ने यह भी कहा कि वह "इन विषयों के संबंध में सरकार के अंदर जानकारी के प्रवाह की पड़ताल, प्रतिक्रिया में उठाए गए कदमों का मूल्यांकन और विदेशी हस्तक्षेप का पता लगने, उसे रोकने और उसका प्रतिकार करने की सरकार की क्षमता का आंकलन करना चाहेगा और इन विषयों पर अपनी सिफारिशें देगा."
निज्जर की हत्या पर भारत और कनाडा में तकरार तेज
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इस आयोग का गठन सितंबर में प्रधानमंत्री ट्रूडो ने किया था. गठन से पहले चीन द्वारा चुनावों को प्रभावित करने के आरोपों की खबरें आई थीं और ट्रूडो की सरकार पर इनकी पड़ताल का दबाव बढ़ रहा था. चीन ने इन आरोपों का बार बार खंडन किया है.
कई देशों के खिलाफ आरोप
क्यूबेक की जज मारी-जोसी होग इस आयोग की अध्यक्ष हैं. उन्हें जिम्मेदारी दी गई है कि वो चुनावों में चीन, रूस और दूसरे देशों द्वारा हस्तक्षेप के आरोपों की स्वतंत्र जांच करें. उम्मीद की जा रही है कि आयोग तीन मई तक एक अंतरिम रिपोर्ट और साल के अंत तक अंतिम रिपोर्ट तैयार कर लेगा.
भारत ने अभी तक इन घटनाओं पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. ओटावा में भारत के उच्चायोग से टिप्पणी का अनुरोध किया गया था लेकिन अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है. भारत और कनाडा के बीच कूटनीतिक रिश्ते हाल के महीनों में कमजोर हुए हैं.
कनाडा ने पिछले साल ब्रिटिश कोलंबिया में सिख अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के पीछे भारतीय एजेंटों का हाथ होने का आरोप लगाया था. भारत ने इन आरोपों का खंडन किया है. कनाडा के अधिकारियों ने अभी तक इस हत्या के लिए किसी के खिलाफ आरोप लगाए नहीं हैं.
सीके/वीके (रॉयटर्स)
आंकड़ों में भारत-कनाडा संबंध
भारत और कनाडा के संबंध इस वक्त अपने सबसे खराब समय में हैं. देखिए, आंकड़ों में ये दोनों देश एक दूसरे से कितने जुड़े हैं.
तस्वीर: Sean Kilpatrick/AP/picture alliance
भारत और कनाडा
तनाव से गुजर रहे भारत और कनाडा एक दूसरे के साथ बहुत गहरे जुड़े हुए हैं. ना सिर्फ व्यापार में, बल्कि आबादी में भी भारत के लिए कनाडा एक बड़ा साझीदार है.
तस्वीर: Sean Kilpatrick/AP/picture alliance
आबादी
कनाडा में भारतीय मूल के लगभग 14 लाख लोग रहते हैं. 2021 की जनगणना के मुताबिक यह कनाडा की आबादी का लगभग 3.7 फीसदी है.
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सबसे ज्यादा सिख
कनाडा में लगभग 7,70,000 लोग सिख धर्म को मानते हैं. यानी कनाडा की आबादी का करीब 2 फीसदी. 2019 में कनाडा ने अप्रैल को सिख हेरिटेज मंथ घोषित किया था.
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भारत से कनाडा व्यापार
2022 में कनाडा ने भारत से 7.1 अरब डॉलर का आयात किया था. इसमें 4.9 डॉलर की वस्तुएं थीं और 2.2 अरब डॉलर की सेवाएं. भारत कनाडा का 12वां सबसे बड़ा व्यापार साझीदार था. भारत के लिए यह छठा सबसे बड़ा निर्यात था.
तस्वीर: AFP
भारत से कनाडा यात्रा
कनाडा में आने वाले हवाई यात्रियों में भारतीयों की संख्या चौथे नंबर पर है. 2021 में 89,500 भारतीयों ने कनाडा की यात्रा की थी और वहां लगभग 3.4 अरब डॉलर खर्च किये, जो किसी भी अन्य देश के यात्रियों से ज्यादा थे.
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कनाडा से भारत यात्रा
2021 में कनाडा से आने वाले लोगों ने भारत में 9.3 करोड़ डॉलर खर्च किये थे. पिछले साल नवंबर में दोनों देशों के बीच विमानों की आवाजाही की सीमा खत्म करने का समझौता हुआ था और अब दोनों देशों के बीच फ्लाइट्स पर कोई सीमा नहीं है. पहले हर हफ्ते 35 फ्लाइट्स थी.
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भारतीय विद्यार्थी
2022 के आखिर में आठ लाख से ज्यादा लोग कनाडा में स्टूडेंट वीजा पर रह रहे थे, जिनमें से 40 फीसदी भारतीय थे.
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