प्रवर्तन निदेशालय ने कहा है कि उसने स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनी वीवो और इससे जुड़ी कई कंपनियों पर छापेमारी की. ईडी वीवो के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच कर रही है.
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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को कहा कि उसने स्मार्टफोन निर्माता द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों पर केंद्रित जांच के तहत चीनी स्वामित्व वाली वीवो मोबाइल्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के दर्जनों कार्यालयों की तलाशी ली.
ईडी ने एक बयान में कहा उसने वीवो मोबाइल्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और इसकी 23 संबद्ध कंपनियों जैसे ग्रैंड प्रॉस्पेक्ट इंटरनेशनल कम्युनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड (जीपीआईसीपीएल) से संबंधित देश भर में फैले 48 स्थानों पर तलाशी ली.
प्रवर्तन निदेशालय ने बयान में कहा कि उसने 4.65 अरब रुपये के साथ 119 बैंक खाते जब्त किए हैं. इसके अलावा 2 किलोग्राम सोना और 73 लाख रुपये नकद भी छापेमारी के दौरान जब्त किए गए हैं.
प्रवर्तन निदेशालय देश की वित्तीय अपराध की जांच एजेंसी है. वीवो के खिलाफ पीएमएलए के तहत ईडी कार्रवाई कर रही है. ईडी ने कार्रवाई करते हुए कंपनी के दिल्ली, यूपी और मेघालय जैसे राज्यों में स्थित ठिकानों पर छापे मारे थे.
वीवो मोबाइल्स ने ईडी की छापेमारी पर रॉयटर्स द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब तुरंत नहीं दिए.
आप अपना पासवर्ड कहां रखते हैं?
एटीएम पिन, बैंक खाता नंबर, डेबिट कार्ड या फिर क्रेडिट कार्ड डिटेल्स हो या आधार और पैन कार्ड जैसी संवेदनशील निजी जानकारी, भारतीय बेहद लापरवाह तरीके से इन्हें रखते हैं. एक सर्वे में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है.
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33 प्रतिशत भारतीय रखते हैं असुरक्षित तरीके से डेटा
लोकल सर्किल के सर्वे में यह पता चला है कि करीब 33 प्रतिशत भारतीय संवेदनशील डेटा असुरक्षित तरीके से ईमेल या कंप्यूटर में रखते हैं.
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ईमेल और फोन में रखते हैं पासवर्ड
सर्वे में शामिल लोगों ने बताया कि वे संवेदनशील डेटा जैसे कि कंप्यूटर पासवर्ड, बैंक अकाउंट से जुड़ी जानकारी, क्रेडिट और डेबिट कार्ड के साथ ही साथ आधार और पैन कार्ड जैसी निजी जानकारी भी ईमेल और फोन के कॉन्टैक्ट लिस्ट में रखते हैं. 11 फीसदी लोग फोन कॉन्टैक्ट लिस्ट में ऐसी जानकारी रखते हैं.
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याद भी करते हैं और लिखते भी हैं
लोकल सर्किल ने देश के 393 जिलों के 24,000 लोगों से प्रतिक्रिया ली, सर्वे में शामिल 39 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे अपनी जानकारियां कागज पर लिखते हैं, वहीं 21 फीसदी लोगों ने कहा कि वे अहम जानकारियों को याद कर लेते हैं.
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डेबिट कार्ड पिन साझा करते हैं
लोकल सर्किल के सर्वे में शामिल 29 फीसदी लोगों ने कहा कि वे अपने डेबिट कार्ड पिन को अपने परिवार के सदस्यों के साथ साझा करते हैं. वहीं सर्वे में शामिल चार फीसदी लोगों ने कहा कि वे पिन को घरेलू कर्मचारी या दफ्तर के कर्मचारी के साथ साझा करते हैं.
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बड़ा वर्ग साझा नहीं करता एटीएम पिन
सर्वे में शामिल एक बड़ा वर्ग यानी 65 प्रतिशत लोगों का कहना है कि उन्होंने एटीएम और डेबिट कार्ड पिन को किसी के साथ साझा नहीं किया. दो फीसदी लोगों ने ही अपने दोस्तों के साथ डेबिट कार्ड पिन साझा किया.
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फोन में अहम जानकारी
कुछ ऐसे भी लोग हैं जो बैंक खातों से जुड़ी जानकारी, आधार या पैन कार्ड जैसी जानकारी फोन में रखते हैं. सर्वे में शामिल सात फीसदी लोगों ने इसको माना है. 15 प्रतिशत ने कहा कि उनकी संवेदनशील जानकारियां ईमेल या कंप्यूटर में है.
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डेटा के बारे में पता नहीं
इस सर्वे में शामिल सात फीसदी लोगों ने कहा है कि उन्हें नहीं मालूम है कि उनका डेटा कहां हो सकता है. मतलब उन्हें अपने डेटा के बारे में पूर्ण जानकारी नहीं है.
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बढ़ रहे साइबर अपराध
ओटीपी, सीवीवी, एटीएम, क्रेडिट या डेबिट कार्ड क्लोनिंग कर अपराधी वित्तीय अपराध को अंजाम दे रहे हैं. ईमेल के जरिए भी लोगों को निशाना बनाया जाता है और संवेदनशील जानकारियों चुराई जाती हैं.
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डेटा सुरक्षा में जागरूकता की कमी
लोकल सर्किल का कहना है कि देश के लोगों में अहम डेटा के संरक्षण को लेकर जागरूकता की कमी है. कई ऐप ऐसे हैं जो कॉन्टैक्ट लिस्ट की पहुंच की इजाजत मांगते हैं ऐसे में डेटा के लीक होने का खतरा अधिक है. लोकल सर्किल के मुताबिक वह इन नतीजों को सरकार और आरबीआई के साथ साझा करेगा ताकि वित्तीय साक्षरता की दिशा में ठोस कदम उठाया जा सके.
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वीवो पर कार्रवाई पर क्या बोला चीन
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने मंगलवार को कहा था कि चीन इस मामले पर करीब से नजर रख रहा है. उन्होंने कहा कि चीन सरकार ने हमेशा से चीनी कंपनियों को विदेशों में कारोबार करते समय स्थानीय कानून का पालन करने के लिए कहा है. लिजियान ने कहा, "हम अपने चीनी कंपनियों के कानून सम्मत अधिकार और हितों की रक्षा के लिए पूर्ण रूप से उनका समर्थन करते हैं."
लिजियान ने आगे कहा, "हमें उम्मीद है कि भारत कानून के मुताबिक जांच करेगा और भारत में चीनी उद्यमों के निवेश और संचालन के लिए एक निष्पक्ष, न्यायसंगत और गैर-भेदभावपूर्ण कारोबारी माहौल प्रदान करेगा."
भारतीय एजेंसी दावा कर रही है कि कंपनी ने भारत में टैक्स देने से बचने के लिए बड़ी रकम चीन भेज दी. ईडी का कहना है कि वीवो ने 62,476 करोड़ रुपये "गैरकानूनी" ढंग से चीन भेजे थे.
इस बीच भारतीय विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि भारत में काम करने वाली कंपनियों को देश के कानून का पालन करने की जरूरत है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, "यहां काम करने वाली कंपनियों को देश के कानून का पालन करने की जरूरत है. हमारे कानूनी अधिकारी देश के कानून के अनुसार कदम उठा रहे हैं."
लंबे समय से लद्दाख क्षेत्र तनाव के कारण चीनी कंपनियों को भारत में व्यापार करने में दिक्कतें पेश आ रही हैं. लद्दाख में चीनी सेना और भारतीय सेना में हिंसक झड़प के बाद भारत ने सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए 300 से अधिक चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया और भारत में चीनी निवेश पर नियमों को कड़ा किया है.
आमिर अंसारी (रॉयटर्स से जानकारी के साथ)
सर्वे: सेक्स के तुरंत बाद 40% अमेरिकी मोबाइल चेक करते हैं
मोबाइल को लेकर अमेरिका में किए गए सर्वे से पता चला है कि लोग किस तरह किसी भी पल मोबाइल से दूर नहीं होना चाहते हैं. वे सेक्स के तुरंत बाद भी मोबाइल चेक करते हैं.
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सेक्स और सेलफोन
आश्चर्यजनक सर्वेक्षण से पता चलता है कि 40 प्रतिशत अमेरिकी वयस्क सेक्स करने के तुरंत बाद अपने सेलफोन चेक करते हैं. सर्वे में शामिल तीन में से एक ने कहा कि फोन के नोटिफिकेशन की वजह से उनका ध्यान भटक गया.
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बोर हुए तो फोन निकालो!
जरूरी आयोजनों में भले ही फोन के इस्तेमाल को असभ्य माना जाए लेकिन वास्तव में, शोधकर्ताओं ने पाया कि अधिकांश उत्तरदाताओं ने शादी समारोहों, अंतिम संस्कार और यहां तक कि दफ्तर की बैठकों के दौरान अपने स्मार्टफोन को स्क्रॉल करना कबूल किया.
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सर्वे में शामिल 1100 अमेरिकी
सॉल्टिएरेड द्वारा किए गए लगभग 1,100 अमेरिकी वयस्कों के सर्वेक्षण में पाया गया कि जब बोरियत की बात आती है, तो स्मार्टफोन, ऐप और मोबाइल गेम लोगों को इससे छुटकारा दिलाते हैं. लोग एक ही समय में मनोरंजन के दूसरे रूप का आनंद भी लेते हैं.
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मनोरंजन भी और फोन भी
99 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि वे टेलीविजन देखते समय अपने सेल फोन का इस्तेमाल करते हैं. अन्य 78 प्रतिशत का कहना है कि वे कंसर्ट का आनंद लेते हुए अपने ऐप्स भी ब्राउज करते हैं.
सर्वे के मुताबिक अमेरिका में 90 प्रतिशत लोग टॉयलेट में भी मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हैं. सर्वे के मुताबिक 90 में से 53 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जो कि टॉयलेट में तब तक फोन का उपयोग करते हैं, जब तक कि उनके पैर सुन्न नहीं हो जाते.
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सोने से पहले, जागने के बाद
सर्वे में पाया गया कि 86 फीसदी लोग रात को सोने से पहले और 82 प्रतिशत लोग उठने के बाद अपना फोन चेक करते हैं.
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अपनी आदत पर करिए चिंता!
सॉल्टिएरेड टीम एक बयान में लिखती हैं, "अगर आप अपने इंस्टाग्राम फीड को देखते हुए खुद को व्यस्त सड़क पर चलते हुए पाते हैं, तो शायद यह आपकी आदतों पर विचार करने का समय है."