अंगेला मैर्केल के 16 साल के शासन के बाद बुधवार को जर्मनी को ओलाफ शॉल्त्स के रूप में नौवां चांसलर मिल गया है. नई सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती कोरोना महामारी और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए कदम उठाने की होगी.
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नई जर्मन संसद ने बुधवार को ओलाफ शॉल्त्स को औपचारिक रूप से देश का नया चांसलर चुना. इसके लिए जर्मन संसद के निचले सदन बुंडेसटाग में सभी सदस्यों ने वोट डाले. भले ही यह मतदान एक तरह की औपचारिकता माना जाता है लेकिन इसमें भी वोट गुप्त रखा जाता है और इससे यह पता चलता है कि संसद के भीतर नए चांसलर को कितना समर्थन हासिल है.
मतदान के इस दौर में शॉल्त्स को आसानी से बहुमत का समर्थन मिल गया. बुंडेसडाग की अध्यक्ष बैर्बेल बास ने पहला वोट डाला. सांसदों के कुल 707 वैध मतों में से 395 मत शॉल्त्स के पक्ष में पड़े और इसकी घोषणा के साथ ही उन्हें नई जर्मन सरकार का प्रमुख चुन लिया गया.
दिलचस्प बात यह रही है कि शॉल्त्स के तथाकथित ट्रैफिक लाइट गठबंधन के सभी सदस्यों ने उनके पक्ष में मतदान नहीं किया. इसमें शामिल तीनों दलों - एसपीडी, एफडीपी और ग्रीन्स - के सभी सदस्य अगर उनके लिए वोट डालते तो उन्हें 416 वोट मिले होते. उनके खिलाफ 303 मत पड़े जबकि 6 सांसद इस प्रक्रिया से बाहर रहे.
सोशल डेमोक्रैटिक पार्टी के नेता शॉल्त्स, अंगेला मैर्केल के साथ पिछली गठबंधन सरकार में उप-चांसलर और देश के वित्त मंत्री थे. सितंबर में हुए आम चुनाव के बाद उनकी एसपीडी पार्टी सबसे बड़े दल के रूप में उभरी. उसके बाद एक गठबंधन सरकार बनाने के लिए चली कई हफ्ते लंबी वार्ता के बाद पर्यावरण समर्थक ग्रीन पार्टी और उदारवादी एफडीपी ने साथ मिलकर नई सरकार बनाने पर सहमति बना ली.
वोटिंग के बाद क्या
संसद में बहुमत का समर्थन हासिल करने के बाद नए चांसलर जर्मन राष्ट्रपति के निवास श्लॉस बेलव्यू गए. वहां जर्मन राष्ट्रपति फ्रांक-वाल्टर श्टाइनमायर ने उन्हें चांसलर के रूप में नियुक्त किए जाने की औपचारिकता पूरी की. राष्ट्रपति से मिलने के बाद वह वापस संसद लौटे और तब उन्हें चांसलर पद की शपथ दिलाई गई. इसके बाद नए चांसलर और उनकी नई कैबिनेट के सभी सदस्य एक बार फिर राष्ट्रपति भवन गए, जहां उन्हें भी आधिकारिक रूप से नियुक्त किया गया.
मिलिए जर्मनी की सरकार के नए चेहरों से
चुनावों के तीन महीनों बाद आखिरकार जर्मनी को एक नई सरकार मिल गई है. आइए आपको अंगेला मैर्केल के युग के अंत के बाद की पहली जर्मन सरकार के मुख्य चेहरों से मिलवाते हैं.
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चांसलर ओलाफ शॉल्त्स
चांसलर ओलाफ शॉल्त्स पिछली सरकार में देश के वित्त मंत्री थे. वो देश के नौवें और एसडीपी पार्टी के चौथे चांसलर हैं. वो हैम्बर्ग के महापौर भी रह चुके हैं.
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उप-चांसलर, अर्थव्यवस्था और जलवायु संरक्षण मंत्री रोबर्ट हाबेक
ग्रीन पार्टी के सह-नेता रोबर्ट हाबेक को उप-चांसलर के साथ साथ अर्थव्यवस्था और ऊर्जा मंत्रालय का कार्यभार सौंपा गया है, जिसमें अब जलवायु को भी शामिल कर दिया गया है.
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वित्त मंत्री क्रिस्टियान लिंडनर
2013 से ही एफडीपी के नेता रहे क्रिस्टियान लिंडनर को सरकार का दूसरा सबसे शक्तिशाली पद मिला है. 42 वर्षीय लिंडनर देश के अगले वित्त मंत्री होंगे.
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विदेश मंत्री अनालेना बेयरबॉक
चुनावों में चांसलर पद के लिए शॉल्त्स की प्रतिद्वंद्वी रही ग्रीन पार्टी की अनालेना बेयरबॉक अब नई सरकार में विदेश मंत्री का कार्यभार संभालेंगी. उनके पहले उनकी पार्टी को बस एक ही बार यह पद मिला था, जब 1998 में योश्का फिशर विदेश मंत्री बने थे.
नैंसी फेजर (एसपीडी) को शॉल्त्स की कैबिनेट के सबसे बड़े आश्चर्य के रूप में देखा जा रहा है. यह संघीय स्तर पर उनकी पहली भूमिका है. उन्हें देश की पहली महिला गृह मंत्री बनने का गौरव भी प्राप्त हुआ है.
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रक्षा मंत्री क्रिस्टीने लाम्ब्रेष्ट
एसपीडी पार्टी की क्रिस्टीने लाम्ब्रेष्ट मैर्केल की सरकार में न्याय मंत्री थीं और उन्हें गृह मंत्री बनाए जाने की उम्मीद की जा रही थी. लेकिन अब उन्हें रक्षा मंत्रालय का कार्यभार सौंपा गया है.
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चांसलर दफ्तर के मंत्री वोल्फगांग श्मिट
वोल्फगांग श्मिट चांसलर दफ्तर के मंत्री के रूप में शॉल्त्स के दाहिने हाथ की भूमिका में रहेंगे. मुख्य तौर पर उनका काम विभिन्न मंत्रालयों के बीच समन्वय के अलावा गठबंधन की पार्टियों के बीच समन्वय बनाना होगा.
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हुबैर्टुस हाइल
ओलाफ शॉल्त्स की सरकार में हुबैर्टुस हाइल पिछली सरकार की ही तरह श्रम और सामाजिक मामलों के मंत्री होंगे. वे 1998 से संसद के सदस्य हैं और पार्टी के महासचिव रह चुके हैं.
कार्ल लाउटरबाख नई सरकार में स्वास्थ्य मंत्री होंगे. वे पेशे से डॉक्टर हैं और महामारी विशेषज्ञ होने की वजह से कोरोना काल में वे संसद की प्रमुख आवाज रहे हैं. अब उन पर कोरोना के नियंत्रण की जिम्मेदारी होगी.
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चेम ओएजदेमिर
चेम ओएजदेमिर ग्रीन पार्टी के प्रमुख रहे हैं और देश में ग्रीन पार्टी के सबसे लोकप्रिय नेताओं में शामिल हैं. वे नई सरकार में कृषि मंत्री होंगे और उन पर कृषि क्षेत्र को और पर्यावरण सम्मत बनाने की जिम्मेदारी है.
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स्टेफी लेम्के
स्टेफी लेम्के ओलाफ शॉल्त्स की सरकार में पर्यावरण और प्रकृति संरक्षण की मंत्री होंगी. ये पर्यावरणवादी ग्रीन पार्टी के लिए अहम मंत्रालय है और इन्हीं सरोकारों के कारण बहुत से लोग ग्रीन पार्टी में शामिल होते हैं.
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आने श्पीगेल
आने श्पीगेल नई जर्मन सरकार में परिवार और महिला कल्याण मंत्री होंगी. इस समय वे राइनलैंड पलैटिनेट में पर्यावरण मंत्री हैं. उनपर काम और परिवार में सामंजस्य बनाने वाले कानूनों पर सहमति बनाने की जिम्मेदारी होगी.
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मार्को बुशमन
एफडीपी प्रमुख क्रिस्टियान लिंडनर के निकट सहयोगी मार्को बुशमन नई सरकार में कानून मंत्री होंगे. पार्टी को फिर से संसद और सरकार में लाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है.
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बेटीना श्टार्क-वात्सिंगर
बेटीना श्टार्क-वात्सिंगर नई जर्मन सरकार में शिक्षा मंत्री होंगी. संसद की बजट समिति के सदस्य के रूप में वे शिक्षा मंत्रालय का बजट तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. शिक्षा जगत को भावी चुनौतियों के लिए तैयार करने की जिम्मेदारी अगले सालों में उनकी होगी.
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फोल्कर विसिंग
फोल्कर विसिंग को नई जर्मन सरकार में परिवहन और डिजिटलाइजेशन मंत्रालय दिया गया है. जर्मनी में डिजिटलाइजेशन की चुनौतियों को देखते हुए इस मंत्रालय को अहम माना जा रहा है.
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कैसी है नई कैबिनेट
शॉल्त्स की कैबिनेट में 16 मंत्री हैं. लैंगिक रूप से संतुलित यह जर्मनी की पहली कैबिनेट है जिसमें आठ महिला और आठ ही पुरुष मंत्री हैं. इसके अलावा पहली बार एक तुर्क मूल का मंत्री भी कैबिनेट में शामिल हुआ है. दलों के आधार पर बंटवारे को देखा जाए तो सात मंत्री चांसलर की पार्टी एसपीडी से, जबकि पांच ग्रीन पार्टी और चार एफडीपी से हैं.
बुधवार को ही बारी बारी से मैर्केल की पुरानी कैबिनेट के मंत्री इस नई कैबिनेट के मंत्रियों को उनके मंत्रालयों का कार्यभार सौंपेंगे. खुद शॉल्त्स भी नए वित्त मंत्री क्रिस्टियान लिंडनर को मंत्रालय का कार्यभार सौंपेंगे. नई सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती कोरोना महामारी और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए कदम उठाने की होगी.
अंगेला मैर्केल जर्मनी की दूसरी सबसे लंबे समय तक चांसलर रही हैं. इस पद पर उनसे 10 दिन लंबा समय केवल हेलमुट कोल ने ही बिताया है, जो कि 16 साल और 26 दिन था. कोल 1982 से 1998 तक जर्मनी के चांसलर रहे. बुंडेसटाग में बुधवार के कार्यक्रम के लिए पूर्व चांसलर अंगेला मैर्केल और गेरहार्ड श्रोएडर अतिथि के रूप में संसद में मौजूद थे. सितंबर में आम चुनाव के पहले ही मैर्केल ने घोषणा कर दी थी कि वह एक और बार चुनाव में खड़ी नहीं होंगी.