भारत के 19 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों तक ओमिक्रॉन पैर पसार चुका है और राज्यों ने पाबंदियां बढ़ानी शुरू कर दी हैं. दिल्ली में आज से रात का कर्फ्यू लग रहा है.
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कोरोना संक्रमण और ओमिक्रॉन के तेजी से बढ़ते मामलों ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चिंताएं बढ़ा दी हैं. त्योहार के मौसम में बाजारों और पर्यटन स्थलों में बढ़ती भीड़ से निपटने के लिए देश के अलग-अलग राज्य सरकारें नियम कड़ी कर रही हैं. सोमवार, 27 दिसंबर तक देश के 19 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में ओमिक्रॉन के मरीज पाए गए. अब तक देश में ओमिक्रॉन के कुल 578 केस सामने आ चुके हैं. रविवार को ओमिक्रॉन के 422 मामले दर्ज हुए थे. सोमवार को इसमें 37 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई.
किन राज्यों में ओमिक्रॉन के कितने केस? (27 दिसंबर)
दिल्ली- 142
महाराष्ट्र- 141
गुजरात- 49
तेलंगाना- 41
केरल-57
तमिलनाडु- 34
कर्नाटक- 31
मध्य प्रदेश- 9
आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल में 6-6
उत्तर प्रदेश-2
राजस्थान- 43
हरियाणा और ओडिशा में 4-4 मामले
हिमाचल, लद्दाख और उत्तराखंड में 1-1 केस
जम्मू-कश्मीर और चंडीगढ़ में 3-3 मामले
पिछले 24 घंटे में दिल्ली में सबसे अधिक 142 मामले दर्ज किए गए हैं, इसके बाद महाराष्ट्र का नंबर है. शादी और त्योहारों के मौसम के मद्देनजर ओमिक्रॉन के मामले बढ़ रहे हैं, जिसने सरकारों को उन प्रतिबंधों को वापस लाने के लिए मजबूर किया है, जो कोरोना के मामलों में गिरावट होने के बाद आसान हो गए थे.
उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश, कर्नाटक के बाद राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली ने भी रात के कर्फ्यू की घोषणा की है. रविवार को दिल्ली में 1 जुलाई के बाद सबसे ज्यादा कोरोना के सक्रिय मामले दर्ज किए गए थे. रविवार को दिल्ली में 290 नए केस सामने आए और सक्रिय मामले 1100 के पार हो गए.
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अभी भी सावधानी जरूरी
ओमिक्रॉन के बढ़ते मामले पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राजन शर्मा डीडब्ल्यू से कहते हैं सड़कों पर चलने वाले अधिकांश लोग फेस मास्क नहीं पहनते हैं. वे कहते हैं कि भारत के लिए सकारात्मक पहलू यह है कि देश कोरोना को लेकर प्रबंधन से वाकिफ है. वे कहते हैं, "जब कोरोना आया था तो हमें उसके प्रबंधन को लेकर जानकारी नहीं थी, अब कोरोना प्रोटोकॉल है और हम उसका पालन कर सकते हैं."
साथ ही डॉ. शर्मा कहते हैं कि समय के साथ वायरस म्युटेट होता रहेगा और हमारे सामने चुनौतियां आती रहेंगी. उनके मुताबिक इस समय भारत अन्य देशों के मुकाबले बेहतर कर रहा है.
ऐसा दिखता है कोरोना वायरस
शोधकर्ताओं ने इलेक्ट्रान माइक्रोस्कोप की मदद से कोरोना वायरस की अद्भुत तस्वीरें ली हैं. देखिए कैसा दिखता है यह वायरस, यह कैसे काम करता है और दूसरे वायरसों और इसमें क्या फर्क है.
तस्वीर: Seth Pincus/Elizabeth Fischer/Austin Athman/National Institute of Allergy and Infectious Diseases/AP Photo/AP Photo/picture alliance
कोरोना की तस्वीर
यह है कोविड-19 महामारी को फैलाने वाले एसआरएस-सीओवी-2 की असली तस्वीर. इसके हर कण का व्यास करीब 80 नैनोमीटर होता है. हर कण में वायरस के जेनेटिक कोड यानी आरएनए की एक गेंद होती है. उसकी रक्षा करता है एक स्पाइक प्रोटीन यानी बाहर की तरफ निकले हुए मुकुट जैसे उभार जिनकी वजह से वायरस को यह नाम मिला. यह कोरोना वायरस परिवार का एक हिस्सा है, जिसके और भी सदस्य हैं.
तस्वीर: Peter Mindek/Nanographics/apa/dpa/picture alliance
हवा से प्रसार
इसके कण छोटी छोटी बूंदों और ऐरोसोल के जरिए तब फैलते हैं जब कोई सांस लेता है या खांसता है या बात करता है. यह संक्रमित सतहों के जरिए भी फैलता है.
तस्वीर: AFP/National Institutes of Health
मानव कोशिकाओं में प्रवेश
यह वायरस स्पाइक प्रोटीनों का इस्तेमाल कर कोशिकाओं की सतह पर मौजूद प्रोटीन से जुड़ जाता है. इससे कुछ रासायनिक बदलाव होते हैं जिनकी बदौलत वायरस का आरएनए (इस तस्वीर में हरे रंग में) कोशिकाओं में घुस जाता है. वहां वो कोशिकाओं से आरएनए की प्रतियां बनवाता है. एक कोशिका वायरस के हजारों नए कण (इस तस्वीर में बैंगनी रंग में) बना सकती है, जो फिर दूसरी स्वस्थ कोशिकाओं को प्रभावित करते हैं.
तस्वीर: NIAID/ZUMAPRESS.com/picture alliance
इंसानों के लिए नया
इस तस्वीर में बुरी तरह से संक्रमित एक कोशिका नीले रंग में दिखाई दे रही है. उसे संक्रमित करने वाले वायरस के कण लाल रंग में हैं. यह वायरस फ्लू या जुकाम करने वाले वायरसों से ज्यादा अलग नहीं है लेकिन 2019 से पहले इसका कभी किसी से पाला ही नहीं पड़ा था. इसी वजह से किसी में भी इसके खिलाफ इम्युनिटी नहीं थी.
तस्वीर: NIAID/Zuma/picture alliance
2002 में आया सदी का पहला कोरोनावायरस
2002 में चीन में इंसानों के बीच इस सदी का पहला कोरोनावायरस हमला सामने आया. यह एसआरएस-सीओवी था जिससे एसएआरएस नाम की बीमारी आई. यह बीमारी करीब 30 देशों में फैल गई लेकिन यह उतनी घातक नहीं निकली. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने जुलाई 2003 में ही इस पर नियंत्रण कर लिए जाने की घोषणा कर दी थी.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/Center of Disease Control
मिलिए परिवार के एक और सदस्य से
2012 में खोज हुई एमईआरएस-सीओवी की जिसे एक नई फ्लू जैसी बीमारी को जन्म दिया. मध्य पूर्व में पहली बार सामने आने वाले इस बीमारी का नाम एमईआरएस रखा गया. यह कोविड-19 से कम संक्रामक होती है. संक्रमण अमूमन एक ही परिवार के सदस्यों में या अस्पतालों के अंदर फैलता है.
तस्वीर: picture-alliance/AP/NIAID-RML
एचआईवी: एक और महामारी
इस तस्वीर में पीले रंग में दिख रहा है एड्स बीमारी फैलाने वाला एचआई वायरस. नीले रंग में टी-कोशिकाएं हैं जो हमारे इम्यून सिस्टम का हिस्सा होती हैं और वायरस इसी सिस्टम पर हमला करता है. एसआरएस-सीओवी-2 की ही तरह यह भी आरएनए आधारित वायरस है.
तस्वीर: Seth Pincus/Elizabeth Fischer/Austin Athman/National Institute of Allergy and Infectious Diseases/AP Photo/AP Photo/picture alliance
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दिल्ली में नाइट कर्फ्यू
ओमिक्रॉन और कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए दिल्ली सरकार ने सोमवार की रात 11 बजे से लेकर सुबह 5 बजे तक नाइट कर्फ्यू लागू करने की घोषणा की है. नाइट कर्फ्यू के दौरान लोगों को सिर्फ जरूरी कामों के लिए घर से बाहर जाने की इजाजत होगी. दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने कोरोना महामारी की तीसरी लहर से निपटने के लिए जुलाई में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) को मंजूरी दी थी. जीआरएपी का उद्देश्य कोरोना की स्थिति के आधार पर प्रतिबंध लगाने और हटाने की स्पष्ट व्यवस्था तैयार की गई है.
पॉजिटिविटी दर, कोविड के नए मामले और राजधानी दिल्ली में उपलब्ध ऑक्सीजन वाले बिस्तरों में से कितने भरे हुए हैं, इन मापदंडों के आधार पर अलर्ट जारी किए जाएंगे. येलो अलर्ट होने पर रात का कर्फ्यू लगाया जाएगा, येलो अलर्ट के लिए लगातार दो दिनों तक संक्रमण दर 0.5 प्रतिशत या फिर लगातार सात दिनों के दौरान 1500 से अधिक या फिर औसत 500 ऑक्सीजन बेड सात दिनों तक भरे रहें. रेड अलर्ट तब लागू होगा जब लगातार दो दिनों तक संक्रमण दर एक प्रतिशत या फिर सात दिनों की अवधि में 3500 मामले या फिर सात दिनों तक 700 ऑक्सीजन वाले बिस्तर भरे रहें.
डॉ. शर्मा के मुताबिक, "ओमिक्रॉन से मृत्यु दर दो प्रतिशत से भी कम है. हमने सारे इंतजाम कर लिए हैं, अभी तक जो भी मामले सामने आ रहे हैं वे उतने गंभीर नहीं लेकिन हमें एहतियात कम नहीं करना चाहिए. बूस्टर डोज देने से काफी मदद मिलेगी."
डॉ. शर्मा साथ ही सलाह देते हैं कि जब भी कभी सार्वजनिक जगह पर हों तो मास्क को कभी भी नाक के नीचे नहीं लाना चाहिए.
25 दिसंबर को केंद्र सरकार ने 15 से 18 वर्ष की उम्र के बच्चों के लिए कोविड वैक्सीन को मंजूरी दे दी. 3 जनवरी, 2022 से देश में बच्चों को भी कोविड वैक्सीन लगाई जाएगी. राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह घोषणा की थी. स्वास्थ्य सेवा और फ्रंटलाइन कर्मचारियों को 10 जनवरी से तीसरा टीका लगेगा. 60 साल और इससे अधिक उम्र के बुजुर्ग जो गंभीर रोगों से पीड़ित हैं, वे भी डॉक्टर की सलाह पर ऐहतियातन तीसरी डोज ले सकते हैं.
तस्वीरें जो 2021 को भूलने नहीं देंगी
2021 काफी उथल-पुथल भरा रहा. दुनियाभर में लोगों ने तमाम मुश्किलों के साथ साल बिताया. कहीं कोरोना की दूसरी लहर ने कहर बरपाया तो कहीं विरोध प्रदर्शनों ने दुनिया का ध्यान आकर्षित किया. देखिए वे तस्वीरें जो सुर्खियां बन गईं.
तस्वीर: AP Photo/picture alliance
काबुल से रवानगी
जब 15 अगस्त, 2021 को तालिबान ने काबुल पर कब्जा कर लिया तो हजारों अफगान किसी तरह से देश से निकलने की कोशिश में जुट गए. इस तस्वीर में सैकड़ों लोग अमेरिकी विमान सी-17 ग्लोबमास्टर में सवार दिख रहे हैं.
तस्वीर: Chris Herbert/US Airforce/AFP
अमेरिकी संसद पर हमला
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की हार को अस्वीकार करने वाले उनके समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन करते करते कैपिटल बिल्डिंग पर ही धावा बोल दिया. उन्होंने वहां तोड़फोड़ और आगजनी की. इस तस्वीर में सीनेट चैंबर के अंदर ट्रंप समर्थक "आजादी" के नारे लगाता हुआ.
तस्वीर: Win McNamee/Getty Images
बाइडेन बने राष्ट्रपति
20 जनवरी, 2021 को जो बाइडेन ने अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति के पद की शपथ ली. बतौर राष्ट्रपति अपने पहले भाषण में जो बाइडेन ने कहा कि यह दिन इतिहास रच रहा है और उम्मीदें जगा रहा है.
तस्वीर: Saul Loeb/Getty Images
जलती चिताएं
भारत में कोरोना की दूसरी लहर ने पूरे देश को झकझोर दिया. अस्पताल में बिस्तरों की कमी, ऑक्सीजन के लिए भागते लोग और श्मशान में एक साथ जलती दर्जनों चिताएं. इन तस्वीरों ने सिस्टम की पोल खोल दी.
तस्वीर: Danish Siddiqui/REUTERS
फंस गया जहाज
चीन के यानतियान से नीदरलैंड के रॉटरडम जा रहा यह विशालकाय जहाज तूफान की वजह से टकरा गया और करीब एक हफ्ते तक स्वेज नहर में फंसा रहा. 400 मीटर लंबे मालवाहक जहाज के फंस जाने के बाद दुनिया के सबसे व्यस्त पानी के रास्ते पर जहाजों का ट्रैफिक जाम लग गया.
तस्वीर: 2021 Maxar Technologies/AFP
जी-7 के आलोचक
साल 2021 में इंग्लैंड में हुई जी-7 की सालाना बैठक के विरोध में कई संगठनों और लोगों ने अपने-अपने तरीके से विरोध दर्ज कराया. इस तस्वीर में जी-7 नेताओं की मूर्ति इलेक्ट्रॉनिक कचरे से बनाई गई है.
तस्वीर: Adrian Dennis/Joe Ruch und Alex Wreckage/AFP/Getty Images
टिड्डी दल का हमला
31 जनवरी, 2021 को केन्या के रुमुरुती शहर के पास रेगिस्तानी टिड्डियों का झुंड उड़ता हुआ. टिड्डी दल के हमले से कई देशों के किसान परेशान रहते हैं.
तस्वीर: Baz Ratner/REUTERS
मंजिल अभी दूर है
पोलैंड और बेलारूस की सीमा पर सैकड़ों प्रवासियों ने बर्फीले तापमान के बीच शिविर लगा लिए. इनका मकसद किसी तरह से यूरोप में दाखिल होना है. सीमा पर लोग प्लास्टिक के सहारे रात बिताने को मजबूर हैं.
ओलाफ शॉल्त्स के जर्मनी के नए चांसलर बनने के साथ ही साथ ही अंगेला मैर्केल का युग खत्म हो गया. अंगेला मैर्केल जर्मनी की दूसरी सबसे लंबे समय तक चांसलर रहीं. यूरोप की सबसे प्रभावशाली नेताओं में उनकी गिनती होती है.
तस्वीर: Miachel Kappeler/picture alliance/dpa
किसान आंदोलन
दिल्ली की सीमाओं पर 13 महीने से अधिक समय से आंदोलन कर रहे किसानों ने 9 दिंसबर को आंदोलन खत्म करने का ऐलान किया. संसद द्वारा आधिकारिक रूप से तीन कृषि कानूनों को वापस करने के बाद आंदोलनकारी किसानों ने इसे खत्म कर दिया.
तस्वीर: Naveen Sharma/SOPA Images via ZUMA Wire/picture alliance
मंगल नहीं धरती है
यूरोप और इस्राएल के कुछ अंतरिक्ष यात्री इस्राएल के नेगेव रेगिस्तान में माख्तेश रामोन कार्टर पर मंगल ग्रह जैसे इलाके पर एक मिशन पर चलते हुए.