1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें
समाज

सर्वेः एक तिहाई एमएसएमई बंद होने के कगार पर

आमिर अंसारी
२ जून २०२०

अखिल भारतीय निर्माता संगठन के एक सर्वे से पता चलता है कि कोरोना वायरस की महामारी के फैलाव से बचने के लिए लागू लॉकडाउन की वजह से सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों की हालत खराब है और एक तिहाई एमएसएमई बंद होने के कगार पर हैं.

तस्वीर: Imago/Westend61

लॉकडाउन की वजह से एमएसएमई सेक्टर भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है और कई उद्यमों की हालत ऐसी हो गई कि वे धंधा बंद करने के कगार पर पहुंच गए हैं. अखिल भारतीय निर्माता संगठन (ऑल इंडिया मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन) के सर्वे के मुताबिक 35 फीसदी सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम और 37 फीसदी स्व-नियोजित उपक्रमों से जुड़े लोगों ने कहा है कि उनके उद्योग की वापसी बहुत मुश्किल है. सर्वे में शामिल 32 फीसदी एमएसएमई ने कहा कि रिकवरी होने में छह महीने का वक्त लगेगा. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ऑल  इंडिया मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (एआईएमओ) के सर्वे के नतीजे 46,525 प्रतिक्रियाओं पर आधारित हैं. इस सर्वे के लिए एआईएमओ ने एमएसएमई, स्व-नियोजित, कॉरपोरेट जगत के सीईओ, कर्मचारियों और विशेषज्ञों से 24 मई से 30 मई के बीच ऑनलाइन सर्वे किया. सर्वे में शामिल सिर्फ 12 फीसदी लोगों ने कहा तीन महीने से भी कम वक्त में उनके उद्योग की स्थिति संभल जाएगी.

भारत में कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने के लिए सबसे सख्त लॉकडाउन लगाया गया था. लॉकडाउन के तीसरे चरण में आर्थिक गतिविधियों को छूट दी गई थी, हालांकि महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु और दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह से पूरी तरह से आर्थिक गतिविधि शुरू करने को लेकर चुनौती खड़ी हो गई है. पिछले हफ्ते सरकार द्वारा जारी जीडीपी के आंकड़ों के मुताबिक भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर 11 साल के निचले स्तर पर पहुंच गई है. 2019-20 में जीडीपी वृद्धि की दर गिर कर 4.20 पर आ गई है. पिछले दिनों रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने कहा था कि देश की विकास दर इस साल नकारात्मक रह सकती है.

तमाम आर्थिक संकटों के बीच रेटिंग एजेंसी मूडीज इंवेस्टर्स सर्विस ने भारत की सॉवरेन रेटिंग को घटा दिया है. रेटिंग घटाए जाने का असर भारत में होने वाले निवेश पर पड़ेगा. मूडीज ने रेटिंग को बीएए2 से घटाकर बीएए3 कर दिया है. इसके साथ ही रेटिंग एजेंसी ने भारत के परिदृश्य को नकारात्मक बनाए रखा है. मूडीज ने कहा है कि इस वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में 4 फीसदी की गिरावट आ सकती है.

इस बीच मंगलवार 2 जून को भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के सालाना कार्यक्रम में बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि देश अब कोरोना लॉकडाउन को पीछे छोड़ चुका है. मोदी ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था दोबारा पटरी पर लौट आएगी. मोदी ने कहा कि देश में ऐसे उत्पाद बनाए जाने चाहिए जो 'मेड इन इंडिया' हों लेकिन 'मेड फॉर वर्ल्ड हों.' 

सरकार के उपाय

हालांकि एआईएमओ द्वारा किया गया सर्वे 24 से लेकर 30 मई के बीच का है, इसके बाद सरकार ने 1 जून को कई बड़े फैसलों को मंजूरी दी जिसमें एमएसएमई सेक्टर के लिए भी फैसले शामिल थे. सरकार ने एमएसएमई के लिए जो ऐलान किए उससे सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) पर परिवर्तनकारी प्रभाव पड़ेगा. एमएसएमई को भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ कहा जाता है. यह सेक्टर देश में करीब 11 से 12 करोड़ लोगों को रोजगार देता है और जीडीपी में करीब 30 फीसदी योगदान देता है. 
सरकार का कहना है कि देश भर के विभिन्न क्षेत्रों में चुपचाप काम करते हुए 6 करोड़ से अधिक एमएसएमई की एक मजबूत और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका है. केंद्र सरकार ने आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत अन्य घोषणाओं के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए रोड मैप भी तैयार किया है. इसमें शामिल है एमएसएमई परिभाषा में बढ़ोतरी का संशोधन. यह व्यवसाय करने को आसान बनाने की दिशा में एक और कदम है. इससे एमएसएमई क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करने और अधिक नौकरियां पैदा करने में मदद मिलेगी. 
फेडरेशन ऑफ इंडियन माइक्रो एंड स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज ने एमएसएमई की नई परिभाषा को बदलने को लेकर सरकार द्वारा लिए गए फैसला का स्वागत किया है. उसके मुताबिक परिभाषा बदलने का असर अगले तीन-चार तिमाही में नजर आएगा. लंबे अर्से से एमएसएमई की परिभाषा को बदलने की मांग की जा रही थी. 

सरकार ने एमएसएमई परिभाषा को और संशोधित करने के बाद सूक्ष्म मैन्युफैक्चरिंग और सेवा इकाई की परिभाषा को बढ़ाकर एक करोड़ रुपयों के निवेश और पांच करोड़ रुपये का कारोबार कर दिया है. लघु इकाई की सीमा बढ़ा कर 10 करोड़ रुपये का निवेश और सालाना 50 करोड़ का टर्नओवर कर दिया गया है. 
इसी तरह से मध्यम इकाई की निवेश सीमा को बढ़ाकर 20 करोड़ रुपये और 100 करोड़ रुपये का कारोबार कर दिया गया है. गौरतलब है कि 2006 में एमएसएमई डेवलपमेंट एक्ट के अस्तित्व में आने के 14 साल बाद यह संशोधन किया गया है. 
 

__________________________

हमसे जुड़ें: Facebook | Twitter | YouTube | GooglePlay | AppStore

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी को स्किप करें

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें को स्किप करें

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें