सीपीएम और कांग्रेस ने दूरदर्शन पर "केरला स्टोरी" फिल्म दिखाए जाने का विरोध किया है. हालांकि बीजेपी का कहना है कि सेंसर बोर्ड से प्रमाणित फिल्मों को दूरदर्शन पर दिखाए जाने पर किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए.
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राष्ट्रीय प्रसारक दूरदर्शन नेशनल टीवी चैनल ने घोषणा की थी कि 5 अप्रैल को शाम आठ बजे फिल्म "द केरला स्टोरी" का चैनल पर प्रसारण किया जाएगा, लेकिन विपक्ष ने इस फैसले की निंदा की है और चुनाव आयोग से प्रसारण रुकवाने को कहा है.
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने एक्स पर लिखा कि यह फिल्म ध्रुवीकरण के लिए लोगों को भड़काती है. उन्होंने आगे लिखा, "राष्ट्रीय प्रसारक को बीजेपी-आरएसएस की जोड़ी के लिए एक प्रोपेगेंडा मशीन नहीं बनना चाहिए और ऐसी फिल्म को दिखाने से पीछे हट जाना चाहिए, जो आम चुनावों से पहले सिर्फ सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने का काम करेगी."
वहीं कांग्रेस नेता और केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता वीडी सतीषन ने भी फिल्म दिखाए जाने का विरोध किया है और इस संबंध में चुनाव आयोग से शिकायत की है. उन्होंने आयोग को लिखी एक चिट्ठी में इसे एक 'प्रोपेगेंडा फिल्म' बताया है.
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आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन
सतीषन ने कहा है कि यह फिल्म "बेहद झूठे आधारों" पर आधारित है और केरल के लोगों की बुरी छवि बनाने की कोशिश करती है. उन्होंने आगे कहा है, "दूरदर्शन पर इस फिल्म को दिखाने का केंद्र सरकार का फैसला समाज को धार्मिक आधार पर बांटने की कोशिश है, जिससे सत्ताधारी बीजेपी को चुनावों में लाभ मिल सके."
उन्होंने इसे चुनाव आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन भी बताया है क्योंकि संहिता समाज को धार्मिक आधार पर बांटने की किसी भी कोशिश को वर्जित करती है. सतीषन ने आयोग से अनुरोध किया है कि वो दूरदर्शन को आदेश दे कि वह फिल्म को दिखाने के अपने फैसले को वापस ले.
हालांकि केरल में बीजेपी के नेता और केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री वी मुरलीधरन ने कहा है कि इस फिल्म को सेंसर बोर्ड की अनुमति प्राप्त है. उन्होंने यह सवाल भी उठाया कि हमेशा से अभिव्यक्ति की आजादी के पक्ष में रहने वाला वाम मोर्चा अब क्यों किसी और की अभिव्यक्ति का विरोध कर रहा है?
फिल्म पर विवाद
केरल में इस्लामिक स्टेट के असर पर बनी फिल्म "द केरला स्टोरी" मई 2023 में सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी. फिल्म में केरल में रहने वाली तीन ऐसी लड़कियों की कहानी दिखाई गई है, जिनका जबरदस्ती या धोखे से धर्मांतरण करा कर उन्हें मुसलमान बना दिया जाता है और फिर उन्हें इस्लामिक स्टेट का हिस्सा भी बना दिया जाता है.
जब फिल्म का ट्रेलर लॉन्च हुआ था, तब उसमें फिल्म के निर्माताओं ने दावा किया था कि ऐसा केरल की 32,000 हिंदू और ईसाई महिलाओं के साथ हुआ था. इतनी बड़ी संख्या के दावे पर काफी विवाद हुआ. विजयन और कांग्रेस सांसद शशि थरूर जैसे नेताओं ने भी इस संख्या को भ्रामक बताया.
चीन ने बदला फिल्म का अंत
चीन ने फिल्म 'मिनियंसः द राइज ऑफ ग्रू' का अंत बदल दिया है. लेकिन फिल्मों पर प्रतिबंधों के मामले में कई देशों का रिकॉर्ड खराब है.
तस्वीर: SHOWBIZ Film Reviews/empics/picture alliance
बदल गया अंतः पकड़े गए चोर
चीन ने फिल्म 'मिनियन्सः द राइज ऑफ ग्रू' का अंत बदल दिया है ताकि चोरों को भागते ना दिखाया जा सके. चीन में रिलीज वर्जन में एक मिनट अतिरिक्त है जहां पुलिस चोरों को पकड़कर जेल में डालती है और सजा दिलाती है. इसका मकसद है कि पुलिस और सरकार प्रभुत्व बना रहे.
तस्वीर: SHOWBIZ Film Reviews/empics/picture alliance
किस के कारण बैन
‘लाइटईयर’ नाम की नई फिल्म को संयुक्त अरब अमीरात समेत कई मुस्लिम देशों में प्रतिबंधित कर दिया गया है. वजह है एक सीन जिसमें दो महिला किरदारों को किस करते दिखाया गया है.
तस्वीर: Disney/Pixar/AP Photo/picture alliance
हटाना चाहा था सीन
फिल्म निर्माता कंपनी पिक्सर ने अलिशा और एक अन्य महिला किरदार के बीच किसिंग का यह सीन हटाने पर भी विचार किया था. लेकिन कंपनी के कर्मचारियों ने इस कदम का विरोध किया जिसके बाद सीन को ना हटाने का फैसला किया गया. हालांकि यूएई ने हाल ही में ऐलान किया था कि वह फिल्मों को सेंसर नहीं करेगा, लेकिन ‘लाइटईयर’ को फिर भी बैन कर दिया. वहां समलैंगिक संबंध अपराध हैं.
तस्वीर: Disney/Pixar/AP Photo/picture alliance
चीन में ‘फैंटैस्टिक बीस्ट्स 3’ में बदलाव
चीन में भी फिल्मों में समलैंगिकता दिखाने पर सख्ती है. इसकी मिसाल तब मिली जब ‘फैंटैस्टिक बीस्ट्स 3’ फिल्म में दो लाइन के एक डायलॉग को चीनी अधिकारियों की संतुष्टि के लिए हटाया गया.
तस्वीर: Warner Bros. Entertainment/dpa/picture alliance
पर हर कहानी नहीं बदली जा सकती
कई ऑस्कर जीतने वाली 2005 की फिल्म ‘ब्रोकबैक माउंटेन’ दो युवकों की प्रेम कहानी थी. इसे चीन में रिलीज नहीं किया जा सका था. ब्रिटिश गायक एल्टन जॉन की जिंदगी पर बनी 2019 की फिल्म ‘रॉकेटमैन’ को भी चीन में बैन किया गया था.
तस्वीर: Focus Features/Paramount Classics/imago
तिब्बत पर भी टेढ़ी निगाहें
तिब्बत को लेकर भी चीन अत्याधिक संवेदनशील रहता है. यही वजह है कि ब्रैड पिट की फिल्म ‘सेवन ईयर्स इन तिब्बत’ (1997) को चीन में बैन कर दिया गया था. यह फिल्म एक ऑस्ट्रियाई पर्वतारोही हाइनरिष हारेर और दलाई लामा की दोस्ती की कहानी है. ना सिर्फ इस फिल्म को बैन कर दिया गया बल्कि फिल्म के हीरो ब्रैड पिट की अन्य फिल्मों पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया.
तस्वीर: Film Constantin/dpa/picture alliance
बोहेमियन रैप्सडी
म्यूजिक बैंड ‘क्वीन’ के गायक फ्रेडी मर्करी के बारे में फिल्म ‘बोहेमियन रैप्सडी’ जब चीन में रिलीज हुई तो उसमें ऐसी हर बात लापता थी जिससे गायक की समलैंगिकता का संकेत मिलता था. यहां तक कि कहानी के लिए बेहद अहम बातें जैसे मर्करी का खुलकर यह कहना कि वह समलैंगिक हैं या फिर उन्हें एड्स हो जाना भी हटा दिया गया.
तस्वीर: Everett Collection/picture alliance
रूस में क्या है सीन
रूस में भी समलैंगिकता से जुड़े सीन फिल्मों से हटाए जाते रहे हैं. ‘रॉकेटमैन’ के कई सीन हटाए गए थे, जिसका एल्टन जॉन ने विरोध भी किया था. हालांकि रूस में समलैंगिक संबंधों पर रोक नहीं है लेकिन समलैंगिकता के बारे में प्रॉपेगैंडा फैलाना अवैध है.
तस्वीर: Matrix/imago images
जर्मनी में भी बैन
जर्मनी में कई फिल्मों को प्रतिबंध झेलना पड़ा है. मसलन, राष्ट्रीय समाजवाद, हिंसा या नस्लवादी हिंसा भड़काने वाली फिल्मों को प्रतिबंधित किया जा सकता है. पीटर जैक्सन की फिल्म ‘ब्रेनडेड’ को जर्मनी में बैन कर दिया गया था क्योंकि इसमें अत्याधिक हिंसा दिखाई गई थी.
तस्वीर: Apple Corps Ltd
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फिल्म के खिलाफ जब विरोध बढ़ गया तो फिल्म के ट्रेलर को बदल दिया गया और उसमें 32,000 की जगह सिर्फ तीन लिख दिया गया. फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर काफी पैसे कमाए, लेकिन फिल्म समीक्षकों के बीच इसे लेकर राय विभाजित रही. इस फिल्म के बारे में खास बात यह रही कि इसे केंद्र सरकार, कई राज्य सरकारों और बीजेपी के नेताओं का पूरा समर्थन मिला.
2023 कर्नाटक विधानसभा चुनावों के अभियान के दौरान बेल्लारी में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस फिल्म ने आतंकवाद के नए चेहरे को दिखाया है, लेकिन कांग्रेस पार्टी फिल्म को बैन करना चाह रही है और आतंकियों का समर्थन करना चाह रही है.