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2022 में बढ़ेगी बंपर सैलरीः सर्वे

९ सितम्बर २०२१

एक ताजा सर्वेक्षण में कहा गया है कि अगले साल भारत की कंपनियां 2018 के बाद से सबसे ज्यादा सैलरी बढ़ा सकती हैं. 2018 का औसत 9.5 फीसदी रहा था.

तस्वीर: picture-alliance/NurPhoto/N. Kachroo

2018 में सैलरी में औसत वृद्धि 9.5 प्रतिशत रहा था लेकिन 2020 में कोरोना वायरस के कारण आर्थिक मंदी का असर सैलरी की बढ़त पर बहुत ज्यादा पड़ा. ‘इंडिया सैलरी इनक्रीज सर्वे' की रिपोर्ट कहती है कि 2022 में कंपनियां वापस अच्छी सैलरी देने की ओर लौट सकती हैं.

डेटा कंपनी स्टैटिस्टा के मुताबिक सर्वे करने वाली कंपनी एओन ने 1350 कंपनियों के एक सर्वेक्षण के बाद कहा है कि 2022 में औसत वृद्धि 9.4 प्रतिशत रह सकता है, जो आर्थिक बहाली और प्रतिभाओं के लिए बढ़ती तगड़ी प्रतिद्वन्द्विता के कारण होगा.

लौटेगी बढ़त

2017 तक लगातार सात साल तक भारत में सैलरी की औसत ग्रोथ दो अंकों में रही थी. 2017 में यह 9.3 प्रतिशत आ गई, जिसके बाद इसमें लगातार कमी हुई. 2018 में 9.3 प्रतिशत, 2019 में 6.1 फीसदी और 2020 में औसत वृद्धि 8.8 प्रतिशत रही.

सर्वे कहता है कि महामारी ने विभिन्न कंपनियों को डिजिटल दिशा में आगे बढ़ने का मौका और रास्ता दिखाया जिसका असर डिजिटल जगत की प्रतिभाओं को अपने यहां लाने में मुकाबले के रूप में नजर आया. इस मुकाबले का असर सैलरी के लिए जारी बजट पर भी हुआ.

एओन का कहना है कि 2021 में कुछ विशेष कौशल के लिए मांग बहुत तेजी से बढ़ी है और सैलरी में बढ़त 8.8 प्रतिशत रही जबकि अनुमान 7.7 प्रतिशत था. जैसे जैसे अर्थव्यवस्था खुल रही है और कंपनियां दूसरी लहर के कारण आई आर्थिक मंदी से बाहर आ रही हैं, यह कहा जा रहा है कि अच्छा प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों को वे 1.7 गुना तक सैलरी देने को भी तैयार हैं.

टेक्नोलॉजी सबसे आगे

सबसे ज्यादा सैलरी देने के मामले में टेक्नोलॉजी सेक्टर सबसे आगे रहा है. 2022 में इस क्षेत्र के कर्मचारियों की सैलरी 11.2 प्रतिशत तक बढ़ सकती है. इसके बाद प्रोफेशनल सर्विस देने वाली कंपनियों और ई-कॉमर्स फर्म का नंबर है, जो 10.6 प्रतिशत औसत सैलरी बढ़ा सकती हैं. इसी तरह आईटी, लाइफ साइंसेज, फार्मा और कंज्यूमर गुड्स से जुड़ी कंपनियां औसत 9.2 से 9.6 प्रतिशत तक सैलरी बढ़ा सकती हैं.

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2021 में सबसे पीछे रहने वाले क्षेत्र जैसे रीयल एस्टेट और इन्फ्रास्ट्रक्चर भी 8.8 प्रतिशत तक सैलरी बढ़ा सकते हैं. 2021 में इन क्षेत्रों ने औसतन सिर्फ 6.2 प्रतिशत सैलरी बढ़ाई थी.

हॉस्पिटैलिटी और रेस्तरां सेक्टर में औसत सैलरी ग्रोथ 7.9 प्रतिशत तक रहने का अनुमान है. सबसे कम सैलरी बढ़ाने वाले क्षेत्रों में ऊर्जा और इंजीनियरिंग डिजाइन की सेवाएं देने वाली कंपनियों का नाम है. ऊर्जा क्षेत्र में तो ग्रोथ 2021 के औसत 8.2 प्रतिशत से घटकर 7.7 प्रतिशत पर जा सकता है.

रिपोर्टः विवेक कुमार

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