क्रैश होने से पहले विमान का 'पेट्रोल खत्म हो गया था'
१ दिसम्बर २०१६
पिछले दिनों ब्राजील की एक फुटबॉल टीम को लेकर जा रहे विमान के क्रैश होने से पहले उसका पेट्रोल खत्म हो गया था. एक लीक हुई रिकॉर्डिंग से यह बात पता चली है. इस हादसे में 71 लोग मारे गए थे.
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यह विमान कोलंबिया में मेडेलिन शहर के पास दुर्घटनाग्रस्त हुआ. कोलंबियाई मीडिया संस्थानों के पास विमान क्रैश होने से पहले की एक रिकॉर्डिंग मौजूद है. इसमें पायलट ने एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स से "इलेक्ट्रिक सिस्टम फेल" और ईंधन खत्म हो जाने की बात कही थी.
रिकॉर्डिंग में सुना जा सकता है कि पायलट बार बार विमान को उतारने की अनुमति मांग रहा है. लेकिन उसने इमरजेंसी घोषित नहीं की. रिकॉर्डिंग में एक महिला कंट्रोलर को कुछ निर्देश देते हुए सुना जा सकता है. लेकिन विमान मेडेलिन एयरपोर्ट से आठ मील दूर हादसे का शिकार हो गया.
विमान पर ब्राजील की एक फुटबॉल टीम के अलावा कई पत्रकार भी मौजूद थे. रिकॉर्डिंग से हादसे में बचे एक फ्लाइट अटेंडेंट और पास ही उड़ान भर रहे एक पायलट की कही बातों की पुष्टि होती है. विमान पर सवार लोगों में से सिर्फ छह जीवित बचे. इनमें तीन चैंपियंस क्लब के खिलाड़ी हैं.
ये हैं अब तक के सबसे बड़े विमान हादसे..
दुनिया के सबसे बड़े विमान हादसे
हवाई सफर को सबसे सुरक्षित सफर माना जाता है. लेकिन इसके इतिहास में कई दर्दनाक हादसे भी दर्ज हैं. एक नजर दुनिया की सबसे बड़ी हवाई दुर्घटनाओं पर.
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25 मई 1979, 273 मौतें
मरने वालों की संख्या के हिसाब से सबसे बड़े हादसों में दसवें नंबर पर है अमेरिका के इलेनॉय में 25 मई 1979 को हुई दुर्घटना. अमेरिकन एयरलाइंस की फ्लाइट 191 शिकागो से उड़ान भरने के चंद मिनटों में ही क्रैश हो गई और इसमें सवार सभी 258 मुसाफिर, 13 चालक दल के सदस्य और दो लोग जमीन पर मारे गए थे.
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19 फरवरी 2003, 275 मौतें
ईरान में केरमेन के पास पहाड़ी इलाके में 19 फरवरी 2003 को बड़ा विमान हादसा हुआ जिसमें विमान पर सवार सभी 275 लोग मारे गए थे. विमान ईरान के रेवोल्यूशनरी गार्ड्स के जवानों को लेकर जा रहा था.
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3 जुलाई 1988, 290 मौतें
3 जुलाई 1988 को हरमुज जलमडमरूमध्य में ईरान एयर की फ्लाइट को अमेरिकी नौसेना ने मार गिराया था, जिसमें विमान पर सवार सभी 290 लोग मारे गए थे. अमेरिकी सरकार का कहना था कि उसकी नेवी ने विमान को गलती से कोई लड़ाकू विमान समझ लिया था. तेहरान से दुबई जा रही ये उड़ान नियमित रूट पर नहीं थी.
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17 जुलाई 2014, 298 मौतें
17 जुलाई 2014 को एम्सटरडैम से कुआलालंपुर जा रहे मलेशिया एयरलाइंस के विमान को यूक्रेन में दोनेत्सक इलाके में मार गिराया गया. विमान पर सवार सभी 283 यात्री और चालक दल के 15 सदस्य मारे गए. डच सेफ्टी बोर्ड ने 2015 में अपनी जांच में कहा कि विमान को रूस समर्थक विद्रोहियों ने जमीन से हवा में मार करने वाली बक मिसाइल से गिराया था.
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19 अगस्त 1980, 301 मौतें
सऊदी अरब की राजधानी रियाद से 19 अगस्त 1980 को उड़ाने भरने के बाद ही सऊदिया एयरलाइंस की फ्लाइट 163 में आग लग गई. हादसे में सभी 287 यात्रियों समेत 301 लोग मारे गए.
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23 जून 1985, 329 मौतें
23 जून 1985 का दिन एयर इंडिया के इतिहास में एक दर्दनाक दिन था जब जमीन से 31 हजार फीट की ऊंचाई पर आयरलैंड के आसमान में उसके एक विमान को बम से उड़ा दिया गया. इसमें चालक दल के 22 सदस्यों समेत 329 लोग मारे गए थे. कनाडा की जांच में इसके लिए सिख अलगाववादी संगठन बब्बर खालसा के सदस्यों को जिम्मेदार बताया गया था.
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3 मार्च 1974, 346 मौतें
3 मार्च 1974 को टर्किश एयरलाइंस का एक विमान पेरिस के पास जंगलों में क्रैश हो गया. हादसे में विमान पर सवार सभी 346 लोग मारे गए.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
12 नवंबर 1996, 349 मौतें
हवाई दुर्घटनाओं के इतिहास का तीसरा सबसे दर्दनाक हादसा हरियाणा के चरखी दादरी में हुआ था जब आकाश में सऊदी अरब और कजाखस्तान के विमान टकरा गए. हादसे में दोनों विमानों में सवार 349 लोग मारे गए.
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12 अगस्त 1985, 509 मौतें
जापान एयरलाइंस का एक विमान 12 अगस्त 1985 को राजधानी टोक्यो से लगभग 100 किलोमीटर दूर हादसे का शिकार हो गया. इस हादसे में कुल 520 लोग मारे गए जिनमें 509 यात्री और 15 चालक दक के सदस्य थे.
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27 मार्च 1977, 583 मौतें
सबसे बड़ा विमान हादसा 27 मार्च 1977 को हुआ था जब स्पेन के द्वीप टेनेरीफ के हवाई अड्डे पर दो विमान रनवे पर एक दूसरे से टकरा गए. दो बोइंग 747 विमानों की इस टक्कर में 583 लोग मारे गए थे.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/ANP
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कोलंबिया के नागरिक उड्डयन निदेशक एल्बर्टो बोकानेगार ने आरसीएन रेडियो बताया कि फ्यूल टैंक खाली होने से पहलू से भी मामले की जांच हो रही है. उन्होंने बताया कि जांचकर्ता फ्लाइट रिकॉर्डर और एयर ट्रैफिक कंट्रोल वॉइस रिकॉर्डर की भी पड़ताल कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर विमान का ईंधन खत्म हो गया था, तो इसे पायलट की "लापरवाही" माना जाएगा क्योंकि उड़ान भरने से पहले पायलट को यह सुनिश्चित करना होता है कि सफर के लिए पर्याप्त ईंधन है या नहीं.
आम तौर पर विमानों में इतना ईंधन होता है कि किसी आपात स्थिति में वे किसी अन्य एयरपोर्ट तक जाने के लिए अतिरिक्त 30 से 45 मिनट उड़ान भर सकें. कोलंबिया के मीडिया में सबसे पहले ये बातें कही गईं कि संभव है कि हादसा विमान में धमाका या फिर आग लगने से नहीं हुआ है बल्कि उसका ईंधन ही खत्म हो गया हो.
अब ऐसे विमान बनेंगे
अब ऐसे हवाई जहाज बनेंगे
भविष्य में ऐसे विमानों की जरूरत होगी जिनमें ईंधन की खपत कम से कम हो. इसलिए विशेषज्ञ ऐसे हवाई जहाजों के डिजाइन तैयार करने पर काम कर रहे हैं.
तस्वीर: Bauhaus-Luftfahrt e.V.
डिजाइन है अहम
विशेषज्ञों का कहना है कि विमान का सही डिजाइन ईंधन की कम खपत में मददगार साबित हो सकता है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए जर्मन एयरोस्पेस सेंटर डीएलआर ने "ब्लैंडिड विंग बॉडी" डिजाइन बनाया है. इसमें विमान के कैबिन और पंखों को जोड़ दिया गया है.
तस्वीर: DLR
साफ स्वच्छ उड़ान
दुनिया भर में कार्बन डाई ऑक्साइड का तीन प्रतिशत उत्सर्जन विमानों के आवागमन से होता है. यूरोपीय आयोग ने 2050 तक इसमें एक तिहाई की कमी करने की मांग की है. इस तस्वीर में बिजली से उड़ने वाले एक विमान के डिजाइन की कल्पना की गई जो जहरीली गैस के उत्सर्जन को कम करने में मददगार साबित हो सकता है.
तस्वीर: Bauhaus-Luftfahrt e.V.
ताकतवर इलेक्ट्रिक इंजन
इलेक्ट्रिक विमानों को जमीन से आसमान में ताकतवर इंजनों की मदद से ही पहुंचाया जा सकता है. इन इंजनों में केबल और वायरिंग बिजली मुहैया कराने में किसी किस्म की रुकावट पैदा नहीं करेगी. लेकिन इसके लिए बैटरियों का वजन आज के मुकाबले कम करना होगा.
तस्वीर: Bauhaus-Luftfahrt e.V.
जेट इंजन नहीं, बड़े प्रोपेलर
आधुनिक शक्तिशाली इंजनों के मुकाबले घूमने वाले ओपन रोटर्स ज्यादा असरदार साबित होंगे. ये एक टरबाइन या प्रोपेलर की तरह काम करते हैं. प्रयोगों से साबित होता है कि इस तरह ईंधन की और 20 फीसदी तक बचत हो सकती है. ये रोटर्स व्यास में पांच मीटर तक हो सकते हैं.
तस्वीर: DLR
कम खर्च लेकिन शोर बहुत
बेहतर होगा कि इन खुले हुए टोटर्स को विमान के पीछे वाले हिस्से में लगाया जाए. ईंधन की बचत के साथ ऐसे विमानों में सफर करना आजकल के मुकाबले कुछ धीमा होगा. यानी जिस सफर में अभी दो घंटे लगते हैं, उसके लिए इस विमान में आपको सवा दो घंटे लगाने होंगे. लेकिन इन खुले रोटर्स का नुकसान ये है कि इसमें शोर बहुत होगा.
तस्वीर: DLR
सूरज की रोशनी से उड़ान
यह है सौर ऊर्जा से उड़ने वाले सोलर इंपल्स विमान. दुनिया का चक्कर लगाने वाले इस विमान से भी भविष्य की झलक मिलती है. लेकिन अभी तो यह एक घंटे में सिर्फ 70 किलोमीटर उड़ता है और भारी वजन भी साथ नहीं ले जा सकता है.
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बंद होने वाले विंग्स
पतले और लंबे पंख एयरोडाइनामिक्स के लिए बहुत अच्छे होते हैं. इस तरह भी ईंधन की बचत हो सकती है. सौर ऊर्जा से चलने वाले विमान के पंख 63 मीटर लंबे हैं. हालांकि ऐसे हवाई जहाज हर हवाई अड्डे पर नहीं उतर सकते. बंद होने वाले पंख बना कर इस समस्या को हल किया जा सकता है.
तस्वीर: Bauhaus-Luftfahrt e.V.
दो मंजिला हवाई जहाज
"बॉक्स विंग" नाम के इस विमान के पिछले हिस्सों मे बड़े बड़े पंखे या प्रोपेलर लगे हैं और इसके पंख बेहद पतले हैं. इस डबल डेकर या कहिए दो मंजिला हवाई जहाज का डिजाइन एक तीर की तरह है. इससे ईंधन की बचत भी होती है और ये तेज रफ्तार उड़ान भी भर सकता है. इसके पंख छोटे हैं ताकि यह आम हवाई अड्डों पर भी उतर सके.
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यूरोप से ऑस्ट्रेलिया 90 मिनट में
व्यस्त लोगों के पास समय की बहुत कमी होती और उनकी प्राथमिकताएं भी अलग होती हैं. डीएलआर का ये स्पेसलाइन रॉकेट इंजनों वाला यात्री विमान है. आप इसमें 2050 के बाद ही सफर कर पाएंगे. लेकिन इससे यूरोप से ऑस्ट्रेलिया सिर्फ 90 मिनट यानी डेढ़ घंटे में पहुंचा जा सकेगा. अभी यह दूरी 20 घंटे से ऊपर है.
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वहीं, लामिया एयरलाइन के निदेशक गुस्तावो वारगास ने बोलिविया के एक टीवी चैनल से कहा कि संभव है कि बोलियाव में रुकने के दौरान विमान ने ईंधन न भरवाया हो, क्योंकि एयरपोर्ट बंद था. फुटबॉल के दीवाने ब्राजील में इस हादसे के बाद तीन दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की गई है. लियोनेल मेसी और पेले समेत दुनिया के महान फुटबॉलरों ने इस घटना पर गहरा शोक जताया है.