पाकिस्तान में मौत के घाट उतार दी जा रही हैं बेटियां
२५ जनवरी २०२३पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वाह प्रांत के चारसद्दा जिले में रविवार को एक 18 वर्षीय लड़की की उसके पिता ने कथित तौर पर गोली मारकर हत्या कर दी थी. वजह ये थी कि सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था. एक क्षेत्रीय सरकारी अधिकारी मोहम्मद मुनीर के अनुसार वीडियो तब लिया गया जब पीड़िता डांस कर रही थी. पिता ने उस वीडियो को सोशल मीडिया पर देखा और उसके बाद वह भड़क गया. सरकारी अधिकारी मुनीर का कहना है कि लड़की की मां ने उसे बताया कि वह वीडियो लड़की की सहमति के बिना सोशल मीडिया में डाला गया था. इस वीडियो को सोशल मीडिया पर डाले जाने से पिता काफी नाराज था और उसने अपनी बेटी को मार डाला.
एक और पिता ने कर दी अपनी बेटी की हत्या
दूसरी ओर पाकिस्तान के दक्षिणी शहर कराची में अपनी पसंद से शादी करने वाली 19 साल की एक लड़की की उसके पिता ने कोर्ट के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी. स्थानीय पुलिस अधिकारी शब्बीर अहमद ने बताया कि लड़की की हत्या पसंद से शादी करने के कारण की गई.
पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग के मुताबिक देश में हर साल 1,000 से ज्यादा लोग परिवार की झूठी शान के बहाने मारे जाते हैं. ऐसी घटनाओं में शामिल अधिकांश लोगों को पाकिस्तानी कानून में एक इस्लामी नियम के तहत छोड़ दिया जाता है.
एमनेस्टी इंटरनेशनल के मुताबिक पाकिस्तानी कानून पीड़ित के रिश्तेदारों को क्षमा करने की अनुमति देता है और इसलिए अपराधी छूट जाते हैं.
आसानी से छूट जाते हैं आरोपी
पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग के मुताबिक देश ने 2016 में उस नियम को हटाने के लिए एक कानून को मंजूरी दी थी, लेकिन यह विवादास्पद प्रावधान को रोकने के लिए पर्याप्त साबित नहीं हुआ. इस बीच युवा मामलों पर प्रधानमंत्री की विशेष सहायक शिजा फातिमा ख्वाजा ने कहा कि पाकिस्तान में लिंग आधारित हिंसा महामारी बन गई है.
मानवाधिकारों में विशेषज्ञता रखने वाली वकील सारा मलकानी ने कहा, "अगर देश और समाज इस तरह की घटनाओं के पीछे काम करने वाली मानसिकता पर ध्यान दें तो हत्या की ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता है."
एए/सीके (डीपीए, रॉयटर्स)