आईएसआई पाकिस्तान की सबसे ताकतवर एजेंसी है. वैसे तो इसका काम बाहरी खतरों से निपटना है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान की अंदरूनी राजनीति में भी इसका बहुत ज्यादा दखल है.
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पाकिस्तान में नए प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने कार्यभार संभालते ही जो सबसे पहला बड़ा काम किया है वो है आईएसआई के प्रमुख को बदलना. उन्होंने जनरल रिजवान अख्तर को हटा कर यह जिम्मेदार लेफ्टिनेंट जनरल नवीद मुख्तार को सौंपी है. संवैधानिक रूप से आईएसआई की जिम्मेदारी बाहरी खतरों से निपटना है, लेकिन पाकिस्तान के लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ताओं का कहना है कि व्यवहारिक रूप से पाकिस्तान की घरेलू राजनीति में आईएसआई का बहुत हस्तक्षेप होता है.
नए आईएसआई चीफ की नियुक्ति प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने सेना प्रमुख कमर बाजवा की सलाह पर की है. लेकिन यह बात जगजाहिर है कि पाकिस्तान में सुरक्षा, रक्षा और विदेश नीति से जुड़े मामलों में चुनी हुई सरकारों का ज्यादा दखल नहीं होता. इसीलिए, आईएसआई प्रमुख की नियुक्ति की घोषणा देश के रक्षा मंत्रालय या फिर प्रधानमंत्री कार्यालय से नहीं हुई बल्कि इसका एलान सेना के जनसंपर्क विभाग विभाग की तरफ से किया गया जिसे आईएसपीआर कहते हैं.
ये हैं दुनिया के सबसे खतरनाक देश, देखिए
सबसे खतरनाक देश
लेगाटम प्रोस्पैरिटी इंडेक्स 2015 ने ऐसे देशों की लिस्ट बनाई, जहां जीवन खतरनाक है. और ये 10 देश लिस्ट में टॉप पर हैं.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/D. Kurokawa
नंबर 10, केन्या
सोमालियाई आतंकवादी संगठन अल शबाब ने चेतावनी जारी की है कि केन्या में हमले किए जाएंगे. केन्या ने सोमालिया में आतंकवादियों के खिलाफ सेना भेजी थी.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/D. Kurokawa
नंबर 9, नाइजीरिया
इस्लामिक आतंकवादी संगठन बोको हराम का आतंक देश के ज्यादातर हिस्सों में महसूस किया जा सकता है. आतंकवादी हमले और बम धमाके लगातार होते हैं.
तस्वीर: picture alliance/AA/M. Elshamy
नंबर 8, इराक
इराक में एक दशक से ज्यादा समय से युद्ध चल रहा है. जून 2014 से तो गृह युद्ध ने देश को तीन तबकों में बांट दिया है जो एक दूसरे के खिलाफ लड़ रहे हैं.
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नंबर 7, चाड
चाड की सीमा सूडान, सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक और नाइजीरिया से लगती है. तीनों देश हिंसा से पीड़ित हैं और उस आग की आंच इतनी ज्यादा है कि चाड को भी झुलसा रही है.
तस्वीर: Reuters/M. Nako
नंबर 6, सूडान
सूडान आमतौर पर एक सुरक्षित देश है. पारंपरिक लिबास में महिलाएं आराम से आ जा सकती हैं. चोरी-चकारी भी नहीं है. लेकिन देश के कुछ हिस्से गृह युद्ध की चपेट में हैं.
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नंबर 5, पाकिस्तान
आतंकवादी हमले पाकिस्तान को दुनिया के सबसे खतरनाक देशों की सूची में 5वें नंबर पर ले आए हैं. हाल यह है कि किसी देश की क्रिकेट टीम पाकिस्तान जाने को तैयार नहीं.
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नंबर 4, सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक
दुनिया के सबसे गरीब देशों में शुमार यह देश इतनी ज्यादा दिक्कतों से जूझ रहा है कि इंसान के लिए मरना जीने से ज्यादा आसान हो गया है.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/R. Blackwell
नंबर 3, सीरिया
सीरिया अब एक देश नहीं, एक युद्ध का मैदान है. एक पत्रकार ने अपने बच्चों से जिंदगी के बारे में लिखने को कहा तो एक बच्चे ने लिखा: हम डरे हुए उठते हैं, डरे हुए दिन गुजारते हैं और डरे हुए ही सो जाते हैं.
तस्वीर: Reuters/A. Ismail
नंबर 2, अफगानिस्तान
काबुल में कब धमाका हो जाएगा, यह कोई नहीं बता सकता. सिर्फ आतंकवादी हमले नहीं, अपराध भी इतने बढ़ गए हैं क्राइम इंडेक्स में देश पांचवें नंबर पर है.
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नंबर 1, डीआर कांगो
इस रिपोर्ट के मुताबिक डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कोंगो दुनिया का सबसे खतरनाक देश है. अपहरण, बलात्कार और कत्ल इतना आम है कि कोई भी सुरक्षित नहीं है.
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लाहौर में रहने वाले स्तंभकार और पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग के सदस्य जमान खान ने डीडब्ल्यू से कहा, "मुझे नहीं लगता कि नए आईएसआई प्रमुख पुराने प्रमुख से कुछ अलग होंगे. नवीद मुख्तार भी सेना प्रमुख का हुकम बजाएंगे.”
आईएसआई को पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने कभी 'स्टेट के भीतर एक स्टेट' कहा था. इस बात से आईएसआई की ताकत का अंदाजा होता है. इसलिए आईएसआई के महानिदेशक को पाकिस्तान में सेना प्रमुख के बाद दूसरा सबसे बड़ा पद माना जाता है.
जमान खान कहते हैं, "हाल के दशकों में आईएसआई की शक्तियों में बहुत इजाफा हुआ है. यह इतनी ताकतवर हो गई है कि अगर चुनी हुई सरकार इसे संवैधानिक जरूरतों के मुताबिक दायरे में लाने की कोशिश करें, तो इसमें बहुत समय लगेगा और यह काम बहुत मुश्किल होगा. लेकिन इतिहास हमें बताता है कि आईएसआई पाकिस्तान में चुनी हुई सरकारों से ज्यादा ताकतवर रही है.”
हालांकि कुछ विश्लेषक मानते हैं कि नवाज शरीफ आईएसआई को सिविलियन सरकार के कंट्रोल में ला सकते हैं. पाकिस्तानी अखबार डॉन के पूर्व संपादक सलीम आजमी कहते हैं, "यह काम किया जा सकता है, लेकिन हमें ये बात नहीं भूलनी चाहिए कि शरीफ का राजनीतिक करियर भी आईएसआई ने परवान चढ़ाया था.”
हथियारों का सबसे बड़ा निर्यातक कौन है, देखिए
हथियारों का सबसे बड़ा निर्यातक कौन
स्टॉकहोम इंटरनेशल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिपरी) ने अपनी 2016 रिपोर्ट में बताया है कि साल 2011-15 के बीच वैश्विक हथियार व्यापार में 2006-10 के मुकाबले 14 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई. देखिए सबसे बड़े निर्यातक देश कौन हैं.
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1. अमेरिका
दुनिया के 58 देश हथियारों का निर्यात करते हैं जिनमें सबसे आगे है अमेरिका. यूएसए 96 देशों को हथियार भेजता है, जिनमें सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात उसके सबसे बड़े खरीदार हैं. 2015 के अंत में ही अमेरिका ने एफ-35 विमानों की बिक्री के एक बड़े ठेके पर हस्ताक्षर किए.
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2. रूस
दुनिया भर के हथियारों के कुल व्यापार में एक चौथाई हिस्सेदारी रूस की है. भारत, चीन और वियतनाम इसके सबसे बड़े खरीदार हैं. भारत के तो 70 फीसदी हथियार रूस से ही आते हैं. इसके अलावा अपने लड़ाकू विमानों, टैंकों, परमाणु पनडुब्बियों और राइफलों को रूस ने यूक्रेन समेत दुनिया के 50 देशों में भेजा.
पिछले सालों में चीन हथियारों के मामले में ज्यादा आत्मनिर्भर हुआ है और आयात कम कर निर्यात को बढ़ाया है. चीन ने पिछले साल 37 देशों को हथियारों की आपूर्ति की, जिनमें पाकिस्तान (35%), बांग्लादेश (20%) और म्यांमार (16%) इसके सबसे बड़े ग्राहक रहे. 2006-10 और 2011-15 के बीच चीनी हथियारों के निर्यात में 88 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई.
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4. फ्रांस
हालांकि फ्रेंच हथियारों के निर्यात में 2010 के बाद से 9.8% की कमी आई है, फिर भी वह दुनिया में चौथे नंबर का आर्म्स एक्सपोर्टर बना हुआ है. यूरोप में उससे बाद आने वाले जर्मनी से निर्यात कम हुआ है. हाल ही मिले कुछ बड़े ठेकों के कारण फ्रांस के अगले साल भी निर्यातकों के टॉप 5 में शामिल रहने का अनुमान है.
तस्वीर: Reuters/ECPAD
5. जर्मनी
प्रमुख जर्मन हथियारों के निर्यात में वर्ष 2011-15 के बीच 51 फीसदी की कमी आई. इन सालों में जर्मनी ने अपने खास हथियार 57 देशों को भेजे. इन्हें आयात करने वालों में 29 प्रतिशत तो अन्य यूरोपीय देश ही थे. इसके बाद एशिया, अमेरिका, ओशिनिया को 23 प्रतिशत जबकि इतना ही मध्य पूर्व को बेचा गया. अमेरिका, इजरायल और ग्रीस जर्मन हथियारों के सबसे बड़े उपभोक्ता हैं.
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6. ब्रिटेन
अगर सऊदी अरब (46%), भारत (11%) और इंडोनेशिया (8.7%) जैसे बाजार ना हों तो ब्रिटिश हथियार उद्योग दिवालिया हो जाएगा. साल 2006–10 और 2011–15 के बीच ब्रिटेन से हथियारों का निर्यात करीब 26 प्रतिशत बढ़ा. यूरोप में इसके बाद स्पेन और इटली का स्थान आता है.
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वहीं इस्लामाबाद में एक सामाजिक कार्यकर्ता ताहिरा अब्दुल्ला मानती हैं कि खुफिया एजेंसी आईएसआई को नियंत्रित करना बहुत मुश्किल होगा, लेकिन चुने हुए नेताओं को इस बारे में लगातार प्रयास करते रहने चाहिए. उनका कहना है, "चुनी हुई सरकारों को सुरक्षा और विदेश नीति से जुड़े मामले पर नियंत्रण करने की कोशिश करनी चाहिए. कम से कम आतंकवाद से निपटने और भारत और अफगानिस्तान के साथ संबंधों जैसे मुद्दों पर सेना और सिविलियन नेतृत्व को मिल कर काम करना चाहिए.”
विश्लेषकों का कहना है कि आईएसआई पर पाकिस्तान की चुनी हुई सरकार का लगभग न के बराबर नियंत्रण है, लेकिन यह बात भी अपनी जगह सही है कि प्रधानमंत्री नवाज शरीफ धीरे धीरे अपना अधिकार कायम कर रहे हैं. खासकर बतौर सेना प्रमुख जनरल राहील शरीफ के कार्यकाल में विस्तार ना करने के लिए उनके फैसले को इसकी एक मिसाल बताया जा रहा है जबकि जनरल राहील शरीफ के समर्थक उनके एक्सटेंशन के लिए दबाव बना रहे थे.