पाकिस्तान ने खामोशी से अपने आतंकवादी विरोधी कानून में बदलाव कर उन लोगों पर बैन लगाने का रास्ता साफ कर दिया है जिन्हें यूएन ने आतंकवादी घोषित कर रखा है. इनमें मुंबई हमलों का संदिग्ध मास्टरमाइंड हाफिज सईद भी शामिल है.
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कानून में संशोधन शुक्रवार को राष्ट्रपति मामून हुसैन ने किया, जिसे कानून मंत्रालय ने सोमवार को प्रकाशित किया. एक वरिष्ठ अधिकारी ने एएफपी को बताया, "इस संशोधन का मतलब है कि जो लोग और संस्थाएं संयुक्त राष्ट्र की सूची में शामिल हैं, उन पर पाकिस्तानी कानून के मुताबिक भी प्रतिबंध रहेगा." हालांकि अधिकारी ने यह बताने से इनकार कर दिया कि इस संशोधन के बाद क्या कदम उठाए जा रहे हैं. वहीं विश्लेषक कह रहे हैं कि यह अभी साफ नहीं है कि इस बदलाव की जरूरत क्या थी जब पहले ही पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र का सदस्य है.
यह संशोधन ऐसे समय में किया गया है जब अमेरिका लगातार पाकिस्तान पर दबाव डाल रहा है कि वह हाफिज सईद के खिलाफ कदम उठाए. हाफिज सईद को 2008 में हुए मुंबई हमलों का संदिग्ध मास्टरमाइंड माना जाता है जिनमें 166 लोग मारे गए थे. इनमें छह अमेरिकी भी शामिल थे. हाफिज सईद को पिछले साल नवंबर में लाहौर में रिहा कर दिया गया था. पाकिस्तान का कहना है कि हाफिज सईद के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं है. इसके साथ ही पाकिस्तान चरमपंथियों को आसरा देने के आरोप से भी इनकार करता है.
सबसे घातक आतंकवादी संगठन
आतंकवाद दुनिया भर में हजारों जानें ले रहा है. आतंकी संगठनों में एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ सी लगी हुई है. एक नजर सबसे खूनी आतंकवादी संगठनों पर.
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1. बोको हराम
जी हां, इस्लामिक स्टेन नहीं, बोको हराम. यह दुनिया का सबसे घातक आतंकी संगठन है. अबु बकर शेकाऊ के इस संगठन ने अकेले 2014 में ही 6,644 लोगों की जान ली. 1,742 लोग घायल हुए. सैकड़ों लड़कियों को अगवा किया.
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2. इस्लामिक स्टेट
इस्लामिक स्टेट द्वारा मारे गए लोगों की संख्या भले ही बोको हराम से कम हो, लेकिन इस संगठन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दुनिया के लिए सबसे बड़ा खतरा माना जा रहा है. 2015 में इस्लामिक स्टेट ने 6,073 लोगों को मारा. कुल 5,799 आतंकी हमले किये. अबु बकर बगदादी का यह संगठन यूरोप, सीरिया, इराक, तुर्की और बांग्लादेश में सक्रिय है.
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3. तालिबान
अफगानिस्तान के गृह युद्ध के दौरान 1994 में तालिबान बना. इसे दुनिया का सबसे अनुभवी आतंकी संगठन कहा जाता है. 2015 में तालिबान ने 891 हमले किये, जिनमें 3,477 लोगों की जान गई. हिबातुल्लाह अखुंदजादा की अगुवाई वाला तालिबान अफगानिस्तान पर दोबारा कब्जा करना चाहता है.
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4. फुलानी उग्रवादी
इस संगठन के बारे में बहुत ज्यादा जानकारी अभी भी नहीं है. खानाबदोश की तरह जगह बदलता यह संगठन नाइजीरिया में सक्रिय है. यह फुला कबीले का हथियारबंद संगठन है. ये फुलानी लोगों के जमींदारों को निशाना बनाता है. 2015 में इस उग्रवादी संगठन ने 150 से ज्यादा हमले किये और 1,129 लोगों की जान ली.
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5. अल शबाब
बोको हराम का संबंध जहां इस्लामिक स्टेट से है, वहीं अल शबाब के तार अल कायदा से जुड़े हैं. पूर्वी अफ्रीका में सक्रिय यह आतंकी संगठन सोमालिया को इस्लामिक स्टेट बनाना चाहता है. बीते साल अल शबाब ने 496 आतंकी हमले किये और 1,021 लोगों की जान ली.
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वहीं व्हाइट हाउस का कहना है कि हाफिज सईद को रिहा किया जाना पाकिस्तान के इन दावों को झूठा साबित करता है कि वह आतंकवादियों की शरणस्थली नहीं बनेगा. सुरक्षा विश्लेषक आमिर राना कहते हैं कि संभवतः पाकिस्तान ने अगले हफ्ते पेरिस में होने जा रही फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की बैठक के मद्देनजर कानून में बदलाव किया है. एफएटीएफ एक अंतर सरकारी समूह है जिसका मकसद मनी लॉन्डरिंग और आतंकवादियों को मिलने वाली आर्थिक मदद को रोकना है. पर्यवेक्षकों का कहना है कि पाकिस्तान को डर है कि कहीं उसका नाम मनी लॉन्डरिंग एंड टेररिस्ट फाइनेंसिंग लिस्ट में शामिल न कर लिया जाए.
हाफिज सईद अभी जमात उद दावा नाम का एक संगठन चलाता है जिसे आतंकवादी संगठन लश्कर ए तैयबा का मुखौटा माना जाता है. लश्कर ए तैयबा भारतीय कश्मीर में हमले करता है. मुंबई में हुए हमलों के लिए भी उसे ही जिम्मेदार माना जाता है.
हाफिज सईद के सिर पर एक करोड़ अमेरिकी डॉ़लर का इनाम है. लश्कर ए तैयबा के साथ साथ तालिबान और अल कायदा से संपर्क रखने के आरोपों में 2008 में संयुक्त राष्ट्र ने उसे आतंकवादियों की सूची में शामिल किया. जमात उद दावा को भी संयुक्त राष्ट्र ने आतंकवादी संगठन करार देकर प्रतिबंधित किया हुआ है. हालांकि हाफिज सईद मुंबई हमलों में अपना हाथ होने से इनकार करता है.
एके/एमजे (एएफपी)
आतंकी हमलों की जद में देश
विजन ऑफ ह्यूमैनिटी संस्था की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया भर में 2000 से अब तक आतंकवाद के कारण होने वाली मौतों की संख्या पांच गुना बढ़ी है. दुनिया के कौन से देश आतंकी घटनाओं के सबसे ज्यादा शिकार हैं, एक नजर...
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1. इराक
साल 2014 के आंकड़ों पर आधारित ग्लोबल टेररिज्म इंडेक्स के मुताबिक इराक आतंकी गतिविधियों में सबसे आगे हैं. 2014 में इराक में 3370 आतंकी हमले हुए जिनमें करीब 10,000 लोग मारे गए और 15,000 के करीब घायल हुए.
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2. अफगानिस्तान
दूसरे स्थान पर है अफगानिस्तान. 2014 में अफगानिस्तान में हुए आतंकी हमलों में 4500 लोग मारे गए और 4700 जख्मी हुए. अफगानिस्तान से अंतरराष्ट्रीय शांति सैनिकों के हटाए जाने के बाद भी वहां तालिबान का साया बरकरार है. बीते दिनों कुंदुस में हुए हमलों में बड़ी संख्या में नागरिक मारे गए.
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3. नाइजीरिया
नाइजीरिया में आतंकवादी समूह बोको हराम के 662 हमलों में 7512 लोग मारे गए. इन हमलों में 22,000 लोग घायल हुए. विजन ऑफ ह्यूमैनिटी की रिपोर्ट के मुताबिक बोको हराम के हमलों में मारे जाने वाले 77 फीसदी लोग निहत्थे नागरिक थे.
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4. पाकिस्तान
पाकिस्तान में 2014 में आतंकवाद संबंधी 1821 घटनाएं हुईं. इनमें 1760 लोग मारे गए और 2836 घायल हुए. पाकिस्तान में कई आतंकवादी संगठन सक्रिय हैं लेकिन प्रमुख है तहरीक ए तालिबान. पेशावर में स्कूल पर हुए हमले की जिम्मेदारी भी इसी ने ली थी जिसमें 132 स्कूली छात्र मारे गए.
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5. सीरिया
सीरिया में आतंकवाद और गृह युद्ध के शिकार लोगों के बीच अंतर करना आसान नहीं है. विजन ऑफ ह्यूमैनिटी संस्था की रिपोर्ट के मुताबिक सीरिया में 2014 में 232 आतंकवादी हमले हुए जिनमें मुख्य हाथ इस्लामिक स्टेट और अल नुसरा मोर्चे का था.
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6. भारत
2008 के मुंबई हमले के बाद ऐसा माना जाता है कि भारत में कोई बड़ी आतंकवादी घटना नहीं हुई, लेकिन विजन ऑफ ह्यूमैनिटी की रिपोर्ट के मुताबिक 2014 में भारत में 763 आतंकी घटनाएं हुईं जिनमें 416 लोग मारे गए. इनमें ज्यादातर साम्यवादियों, इस्लामी कट्टरपंथियों और अलगाववादियों का हाथ था. पिछले साल माओवादियों ने हमला कर पुलिस और सुरक्षा बल के 22 जवानों की हत्या कर दी.
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7. यमन
कुल 512 आतंकी हमलों के साथ 2014 यमन के लिए एक बुरा साल रहा. इन घटनाओं में 654 लोग मारे गए. यमन में इन हमलों के लिए अल कायदा और हूथी विद्रोही जिम्मेदार हैं. यमन में अल कायदा एकमात्र ऐसा संगठन है जो आत्मघाती हमले करता है.
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8. सोमालिया
2014 सोमालिया के लिए आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सबसे ज्यादा खूनखराबे वाला साल था. 469 आतंकी घटनाओं में करीब 800 लोग मारे गए. अफ्रीकी देश में अल शबाब आतंकवादी समूह सबसे बड़ा खतरा है.
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9. लीबिया
लीबिया में 2014 में आतंकी गतिविधियों में अचानक 225 फीसदी तेजी आई. 554 आतंकी हमलों में 429 लोगों ने जान गंवा दी. लीबिया में कई आतंकी समूह सक्रिय हैं जिनमें एक इस्लामिक स्टेट भी है.
तस्वीर: Reuters/E.O. Al-Fetori
10. थाईलैंड
2014 में थाईलैंड में 336 आतंकी घटनाएं हुईं जिनमें 156 लोग मारे गए. ज्यादातर घटनाएं दक्षिणी इलाकों में हुईं जहां मलय मुसलमानों का सरकारी बलों के खिलाफ संघर्ष जारी है. थाईलैंड में होने वाले 60 फीसदी आतंकी हमले बम धमाकों के रूप में हुए.