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पाकिस्तान के लिए रिलीज हुआ 3 अरब डॉलर का फंड

१३ जुलाई २०२३

आईएमएफ ने पाकिस्तान को तीन अरब डॉलर का कर्ज दे दिया है. इस बेलआउट पैकेज की मदद से पाकिस्तान अपने कई कर्जों का भुगतान कर सकेगा.

पाकिस्तान का आईएमएफ का बेलआउट पैकेज
तस्वीर: Muhammed Semih Ugurlu/AA/picture alliance

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के कार्यकारी बोर्ड ने पाकिस्तान की आर्थिक मदद के लिए फंड रिलीज कर दिया है. तीन अरब डॉलर का यह कर्ज अगले नौ महीने तक किश्तों में दिया जाएगा. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, वित्त मंत्री इशाक डार और अन्य अधिकारियों के साथ आईएमएम बोर्ड की बैठक के दो हफ्ते बाद बैलआउट पैकेज जारी किया गया है.

आईएमएफ ने अपने बयान में कहा है, "चुनौती भरे आर्थिक लम्हे में पाकिस्तान के लिए यह उपाय किया गया है. मुश्किल भरी बाहरी परिस्थितियां, विनाशकारी बाढ़ और नीतिगत गलतियों की वजह से बड़े राजकोषीय और बाहरी घाटे हुए हैं, जिससे मंहगाई बढ़ी है और मुद्रा भंडार भी सिकुड़ा है."

पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार (बाएं) और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (दाएं)तस्वीर: Arif Ali/AFP

पाकिस्तान के लिए उम्मीद

आईएमएफ की प्रमुख क्रिस्टालिना जियोर्जियेवा के मुताबिक अगर पाकिस्तान भरोसेमंद तरीके से बेलआउट पैकेज का इस्तेमाल करे तो देश माक्रोइकोनॉमिक स्थिरता को फिर से हासिल कर सकता है. लेकिन इसके लिए लगातार आर्थिक सुधार करने होंगे.

पाकिस्तान को 3 अरब डॉलर की सहायता मिलेगी लेकिन क्या होगा संकट दूर

पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने आईएमएफ के फैसले का स्वागत किया है. शरीफ ने ट्वीट में लिखा, यह फौरी और मध्यावधि की आर्थिक चुनौतियों से उबरने में पाकिस्तान की मदद करेगा.

आईएमएफ के फंड रिलीज करने से ठीक पहले ही सऊदी अरब ने भी पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार में दो अरब डॉलर जमा किए हैं.

2023 की बाढ़ ने अनाज का बड़ा स्टॉक भी खराब कर दियातस्वीर: Ghani Kakar

कितना गंभीर है पाकिस्तान का आर्थिक संकट

यूक्रेन युद्ध की वजह से ईंधन की कीमतों में आए उछाल और फिर पिछले साल गर्मियों में आई बाढ़ ने पाकिस्तान की अर्थव्यस्था को बुरी तरह डुबोया है. बाढ़ ने 1,739 लोगों की जान ली, 20 लाख घर तबाह किए और कुल 30 अरब डॉलर का नुकसान पहुंचाया.

जनवरी 2023 में देश का विदेशी मुद्रा भंडार चार अरब डॉलर से भी कम रह गया. इतने पैसे से सिर्फ चार महीने का आयात बिल ही चुकाया जा सकता था. दिवालिएपन को रोकने के लिए पाकिस्तान सरकार को कई विदेशी उत्पादों के आयात पर बैन लगाना पड़ा.

आर्थिक विश्लेषकों का कहना है कि पाकिस्तान को ब्याज सहित विदेशी कर्ज चुकाने के लिए अगले दो साल में कम से कम 20 अरब डॉलर जुटाने होंगे.

ओएसजे/एसबी (एपी)

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