मोदी को लिखे पत्र में इमरान ने शांति की इच्छा जताई
३१ मार्च २०२१
पाकिस्तान दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को पत्र लिखा था. अब खान ने उस पत्र के जवाब में भारत के साथ शांतिपूर्ण संबंधों की इच्छा जाहिर की है.
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नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान दिवस पर इमरान खान को खत लिखकर शुभकामनाएं दी थीं और संदेश में "भरोसे के वातावरण की जरूरत, जिसमें ना आतंक हो और ना शत्रुता हो" का जिक्र किया था. इमरान ने अब उस खत का जवाब दिया है, 29 मार्च को लिखे खत को आधिकारिक तौर पर दोनों ही तरफ से सार्वजनिक नहीं किया गया है, लेकिन इस खत के बारे में नाम नहीं बताने की शर्त पर एक अफसर ने खत में जो बातें लिखी है उसकी पुष्टि की है. यह खत तेजी के साथ सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इमरान ने अपने खत में लिखा, "पाकिस्तान के लोग भारत समेत सभी पड़ोसी देशों के साथ शांतिपूर्ण और सहयोगी रिश्ते चाहते हैं." उन्होंने आगे लिखा, "पाकिस्तान दिवस पर बधाई के लिए आपका धन्यवाद."
टिप्पणी की गुजारिश पर अब तक भारतीय या पाकिस्तानी विदेश मंत्रालयों ने कोई जवाब नहीं दिया है. इमरान का जो खत मीडिया रिपोर्टों में दिखाया जा रहा है, उसमें इमरान ने लिखा है, "हमें विश्वास है कि दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता के लिए भारत और पाकिस्तान सभी मुद्दों को सुलझा लेंगे, खासकर जम्मू-कश्मीर विवाद. सकारात्मक और समाधान लायक बातचीत के लिए अनुकूल माहौल का बनना जरूरी है."
इमरान ने अपने खत में भारत के लोगों को कोविड-19 से लड़ने की लड़ाई के लिए शुभकामनाएं भी दी हैं.
इससे पहले 23 मार्च को लिखे पत्र में मोदी ने लिखा था, "भारत पाकिस्तान के लोगों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध चाहता है" और "इसके लिए भरोसे के वातावरण की जरूरत है, जिसमें ना आतंक हो और ना शत्रुता."
भारत और पाकिस्तान के बीच अब तक तीन युद्ध लड़े जा चुके हैं और दोनों के बीच संबंध अक्सर खराब होते आए हैं. 2019 में तनाव उस वक्त चरम पर पहुंच गया जब पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाकिस्तानी सीमा में घुसकर एयरस्ट्राइक की थी.
कुछ दिनों पहले ही पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर बाजवा ने एक बयान में कहा था कि अब दोनों देशों को पीछे की बातों को भुला कर आगे की तरफ देखना चाहिए. इसी साल फरवरी में दोनों देशों की सेनाओं ने एक साझा बयान में नियंत्रण रेखा पर युद्ध विराम और दूसरी संधियों के पालन के लिए प्रतिबद्धता जताई थी.
इस बीच कुछ मीडिया रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि पाकिस्तान की कैबिनेट इकोनॉमिक कॉर्डिनेशन कमेटी की बैठक बुधवार को होने जा रही है. इस बैठक में पाकिस्तान सरकार भारत के साथ व्यापार शुरू करने पर फैसला ले सकती है. संभव है कि इस बैठक में पाकिस्तान भारत से कपास और चीनी की खरीद पर फैसला ले सकता है.
आमिर अंसारी (रॉयटर्स इनपुट के साथ)
कोरोना के कारण क्या खत्म होते जा रही हाथ मिलाने की परंपरा
दुनियाभर में लोग हाथ मिलाकर अभिवादन करते हैं. यह परंपरा हजारों साल पुरानी है. लेकिन कोरोना के कारण लोग पिछले एक साल से हाथ नहीं मिला रहे हैं. यहां जानिए, हाथ मिलाने से जुड़ी कुछ रोचक बातें.
तस्वीर: AFP
हजारों साल पुराना चलन
कई हजार सालों से हाथ मिलाने का चलन रहा है, लेकिन अब लोग हाथ मिलाने से बच रहे हैं. पांच से चार शताब्दी ईसा पूर्व के समय में यूनानी अंत्येष्टि कलाओं में भी हाथ मिलाने के प्रतीक मिलते हैं. प्राचीन मिस्र और मेसोपोटामिया के कला में भी हाथ मिलाने का जिक्र है.
तस्वीर: Fatih Aktas/AA/picture alliance
हाथ मिलाने का विकल्प
लोग संक्रमण को दूर रखने के लिए हाथ मिलाने की जगह मुट्ठी मिलाते हैं या फिर दूर से ही अभिवादन करते हैं या कोहनी टकराते हैं.
तस्वीर: Westend61/Imago Images
नमस्ते
भारत में लोग अभिवादन के लिए हाथ जोड़कर नमस्ते करते आए हैं. विश्व भर में यह तरीका अब और लोकप्रिय हो गया है. देशों के प्रमुख भी नमस्ते करना पसंद करते हैं.
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कोहनी से कोहनी
कोरोना काल में नेता और राजनयिक ऑनलाइन ही बैठकें ज्यादा कर रहे हैं अगर वे दौरे पर जा भी रहे हैं तो एक खास दूरी बनाए रहते हैं. वे अभिवादन के लिए कोहनी भी टकराते हैं.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/C. Sokolowski
फुटशेक
हैंडशेक तो आपने सुना है, अब युवाओं के बीच फुटशेक भी काफी लोकप्रिय हो चुका है. युवा अपने पैर को दोस्त या साथी के पैर से टकराते हैं. नेताओं ने भी इसको अपना लिया है.
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राजनीतिक मुलाकात
नेताओं ने अपने दौरे के दौरान हाथ मिलाना बिलकुल ही छोड़ ही दिया है, वे अब समझौतों और बैठकों में हाथ मिलाने का विकल्प अपनाते हैं. बड़े-बड़े समझौते बिना हाथ मिलाए ही हो रहे हैं.
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संपर्क की मुद्रा
जानकार कहते हैं कि हाथ मिलाना लोगों के बीच संबंध बनाने की एक मुद्रा है. हाथ मिलाने से स्पर्श और भरोसे का एहसास भी होता है. लेकिन दुनिया को अब तक समझ नहीं आया है कि दोबारा वह कब हाथ मिला पाएगी.
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हाथ मिलाने के अन्य विकल्प क्या हैं?
अगर आप हाथ नहीं मिलाना चाहते हैं तो आप अपने सामने वाले के सामने थोड़ा झुककर अभिवादन कर सकते हैं, मुस्कुरा सकते हैं या फिर नमस्ते भी कर सकते हैं. दिल पर हाथ रखकर भी अभिवादन कर सकते हैं या फिर आसान तरीके से सलाम भी कर सकते हैं.
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हाथ नहीं मिलाने से संक्रमण होता दूर
हाथ नहीं मिलाने से संक्रमण की चेन टूट सकती है और संक्रमण के खतरे को कम किया जा सकता है.
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बच्चे ज्यादा क्रिएटिव
इस तस्वीर में नॉर्वे की प्रधानमंत्री एरना सोलबर्ग एक क्लासरूम में बच्चों के साथ अभिवादन के तरीके सीख रही हैं. यह तस्वीर पिछले साल की है जब वे एक स्कूल के दौरे पर गईं थीं.