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पाकिस्तान के पीएम का वादा, जलाए गए चर्चों को फिर बनाएंगे

२२ अगस्त २०२३

पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवारुल हक ने बीते दिनों चर्चों और ईसाईयों पर हुए हमले की निंदा करते हुए इसे "शैतानी व्यवहार" बताया है. साथ ही, उन्होंने जलाए गए चर्चों के पुनर्निर्माण का भी वादा किया है.

पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवारुल हक
ईशनिंदा हमेशा से ही पाकिस्तान में एक संवेदनशील मुद्दा रहा है. तस्वीर: Banaras Khan/AFP/Getty Images

प्रधानमंत्री अनवारुल हक ने 21 अगस्त को पंजाब के जरांवाला शहर का दौरा किया और यहां ईसाई समुदाय से मिले. बीते दिनों यहां भीड़ ने चर्चों में तोड़फोड़ की थी और चर्चों के आसपास रहने वाले लोगों के घर जला दिए थे. इस घटना की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निंदा हुई थी. प्रधानमंत्री ने इस घटना की निंदा करते हुए जलाए गए सभी चर्चों के पुनर्निर्माण का वादा किया है. उन्होंने कहा, "यह हमारे समाज में एक बीमारी को दर्शाता है. यह शैतानी व्यवहार है."

160 संदिग्धों की गिरफ्तारी

पुलिस प्रवक्ता मुबाशिर शाह ने कहा कि इस घटना के संबंध में अब तकलगभग 160 संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है. इनमें भीड़ का नेतृत्व करने वाले आरोपी भी शामिल हैं. उन पर लगाए गए आरोपों में आतंकवाद भी शामिल है. प्रशासन पहले ही प्रभावित परिवारों को 20 लाख पाकिस्तानी रुपये देने की घोषणा कर चुका है. जिन परिवारों का घर जलाया गया, उन्हें मुआवजा दिया जाएगा.

ये दंगे एक स्थानीय ईसाई परिवार द्वारा कुरान के अपमान की अफवाहों से भड़के. इसके बाद धार्मिक चरमपंथियों की एक भीड़ ने ईसाई बस्ती पर हमला कर दिया. पुलिस ने कहा कि वो अभी भी अफवाहों की जांच कर रही है और पता लगाया जा रहा है कि क्या ये आरोप सच हैं.

हमलावरों से बचने के लिए अपने घर छोड़कर भागे ईसाई अब लौट रहे हैं.तस्वीर: Aamir Qureshi/AFP/Getty Images

डर का माहौल

हमलावरों से बचने के लिए अपने घर छोड़कर भागे ईसाई अब लौट रहे हैं. जलाई गई कई इमारतें इतनी क्षतिग्रस्त हैं कि उनके गिरने की आशंका है. इस घटना के कारण अल्पसंख्यकों में डर और असुरक्षा की भावना है.

प्रधानमंत्री ने टेलीविजन पर प्रसारित एक भाषण में इस डर को भी संबोधित किया. उन्होंने कहा कि सरकार ईसाई, हिंदू, सिख और अहमदिया समेत सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी.

भीड़ ने चर्चों में तोड़फोड़ की थी और चर्चों के आसपास रहने वाले लोगों के घर जला दिए थे. तस्वीर: REUTERS

पाकिस्तान में ईशनिंदा

ईशनिंदा हमेशा से ही पाकिस्तान में एक संवेदनशील मुद्दा रहा है. इस्लाम या इस्लाम के प्रमुख लोगों का अपमान करने पर मौत की सजा तक हो सकती है. आरोप लगते हैं कि इस कानून का बड़े स्तर पर दुरुपयोग किया जाता है और अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जाता है. लेकिन कानून में खामियों के कारण दोषी अक्सर बच जाते हैं.

जरांवाला घटना के मद्देनजर पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग ने भी जरांवाला घटना की निंदा करते हुए कहा था कि हालिया सालों में ऐसे हमलों की संख्या बढ़ी है और देश को अपने अल्पसंख्यकों की हिफाजत के लिए कोशिशें बढ़ानी होंगी.

पीवाई/एसएम (एएफपी)

पाकिस्तान में ईसाइयों पर हमले के चश्मदीद

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