चीन के चक्कर में पाक 150 अरब का नुकसान झेलने को तैयार
बीनिश जावेद
२८ अप्रैल २०१७
चीन-पाकिस्तान आर्थिक कोरिडोर परियोजना से जुड़े चीनी निवेशकों को पाकिस्तान सरकार ने टैक्स में छूट देने की घोषणा की है. जानकारों का कहना है कि पाकिस्तान को इस कदम से टैक्स वसूली में लगभग 150 अरब रुपये का नुकसान होगा.
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पाकिस्तान सरकार की राय में चीनी निवेशकों को टैक्स छूट देने के बावजूद पाकिस्तान के स्थानीय कारोबारियों और निवेशकों को नुकसान नहीं होगा. पिछले दिनों पाकिस्तान की संसद में अपने लिखित जवाब में वित्त मंत्री इसाक डार ने चीनी निवेशकों को टैक्स में आंशिक और पूरी तरह छूट देने के बारे में जानकारी दी.
दूसरी तरफ, विश्लेषकों का कहना है कि सरकार चीनी निवेशकों को टैक्स के संबंध में कुछ ज्यादा ही रियायतें दे रही हैं. डॉन अखबार के पत्रकार खलीक कयानी ने डीडब्ल्यू को बताया, ''पिछले दस वर्षों से पाकिस्तान में आई सरकारों की नीति रही है कि भेदभावपूर्ण करों को समाप्त किया जाए. वर्ल्ड बैंक के साथ भी पाकिस्तान का यही समझौता हुआ है. यानी सरकार सभी निवेशकों को एक नजर से देखे.''
खलीक कयानी कहते हैं कि भविष्य में हो सकता है कि चीन-पाकिस्तान आर्थिक कोरिडोर परियोजना से फायदा हो लेकिन अभी तो इससे पाकिस्तान को नुकसान ही हो रहा है. वह कहते हैं कि इस साल पाकिस्तान को टैक्स वसूली के लक्ष्य से 170 अरब रुपये कम मिलने की आशंका है. उनके अनुसार कोरिडोर समझौते के तहत पाकिस्तान चीनी निवेशकों को टैक्स के मामले में कुछ ज्यादा ही प्राथमिकता दी जा रही है.
चीनी मेगासिटी की योजना से सट्टेबाजों की चांदी
चीन ने हेबाई प्रांत में एक नया शहर बनाने की घोषणा की है. बीजिंग से 100 किमी दूर शियोगान न्यू एरिया बनाने की योजना को राष्ट्रपति शी जिनपिंग के समर्थन के बाद नया शहर बनाने से जुड़ी कंपनियों पर सट्टेबाजी शुरू हो गई है.
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ग्रामीण इलाका
चीन ने बीजिंग के बाहर एक देहाती इलाके को अचानक आधुनिक महानगरी में बदलने की घोषणा की है. अब तक की योजना के अनुसार इसका आकार न्यू यॉर्क से करीब तीन गुना बड़ा होगा.
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कहीं खुशी कहीं गम
इस फैसले पर कुछ लोग खुश हैं तो कुछ दुखी. कपड़े का कारखाना चलाने वाले हू वाइबिंग दुखी हैं क्योंकि वे सब कुछ खो सकते हैं और नये शहर के लिए उन्हें अपना कारखाना बंद करना पड़ सकता है.
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नया इलाका
नियोजित शहर शियोंगान इस समय 2000 वर्ग किलोमीटर का है, लेकिन इस समय बीजिंग का सिर्फ एक प्रतिशत आर्थिक उत्पादन करता है. ताजा घोषणा के बाद लोग वहां जमीन खरीदने को टूट पड़े हैं.
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प्रांत का फायदा
कपड़ा कारोबारी हू वाइबिंग का कहना है कि नयी मेगासिटी बनाने की घोषणा हेबाई प्रांत और क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी है लेकिन छोटे और मझोले उद्यमों के लिए यह कहर ढाने वाली साबित होगी.
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अंधेरे में लोग
अब तक चीनी सरकार ने यह नहीं बताया है कि इलाके के लोगों के साथ क्या होगा लेकिन हू वाईबिंग का अंदाजा है कि दूसरी परियोजनाओं की ही तरह यहां भी नतीजा लोगों का विस्थापन और कम मुआवजा होगा.
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19 राष्ट्रीय इलाके
चीन में राष्ट्रीय स्तर के कोई 19 न्यू एरिया हैं जिनमें से 13 की स्थापना 2004 के बाद की गई है. लेकिन शियोंगान की खासियत यह है कि इसका फैसला राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने खुद एक दौरे पर किया है.
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कीमतें बढ़ी
शियोंगान न्यू एरिया बनाने की घोषणा के एर दिन बाद ही घरों की कीमत दोगुनी हो गई और घर खरीदने वालों की लाइन लग गई. अफरातफरी को देखकर अधिकारियों ने तुरंत घरों की बिक्री पर रोक लगा दी.
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खेत और कारखाने
इस समय शियोंगान इलाके की तीन काउंटियों के खेतों में फसलें लगी हैं और दो लेन वाली सड़कों के दोनों ओर सीमेंट और दूसरे मालों की फैक्टरियां हैं जिनका कारोबार परंपरागत रूप से रूस के साथ होता है.
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अर्थशास्त्री डॉक्टर अशफाक अहमद ने डीडब्ल्यू बताया, ''मैं भेदभाव के खिलाफ हूं अगर चीनी निवेशकों को फायदा पहुंचाया जाए और अपने देश और चीन के अलावा अन्य देशों के निवेशकों को हतोत्साहित किया तो यह ठीक नहीं है. सबसे के साथ बराबरी वाला सलूक होना चाहिए.''
डॉक्टर अशफाक कहते हैं कि टैक्स की कम वसूली से आर्थिक रूप से तो पाकिस्तान को नुकसान पहुंचेगा ही, साथ ही इससे स्थानीय उद्योगों को भी नुकसान होगा. उन्होंने कहा, ''चीनी कंपनियां दुनिया भर में कर देती हैं तो हम क्यों उन्हें इतना अधिक फायदा और मौके दे रहे हैं. पाकिस्तान में विदेशी निवेशक आम तौर पर टैक्स देते हैं और हमें लाभ मिलता है. लेकिन अगर हम किसी एक को ज्यादा भाव देंगे तो फिर दूसरे विदेशी निवेशक पाकिस्तान में निवेश नहीं करना चाहेंगे."
चीन-पाकिस्तान आर्थिक कोरिडोर पर गहरी नजर रखने वाली पत्रकार सारा हसन कहती हैं अगर निवेश एक ऐसे उद्योग में हो रहा है जहां कुछ हो रहा है या जिससे पाकिस्तानी लोगों को नौकरियां मिल रही हैं, तो उसे टैक्स में छूट देना समझ आता है लेकिन अगर ट्रेडिंग और सर्विसेज के क्षेत्र में निवेश हो रहा है तो ऐसे में टैक्स की छूट देने का कोई फायदा नहीं.
ऐसी तरक्की, किस काम की?
चीन में तरक्की के नाम पर ऐसी होड़ छिड़ी की समाज बिखर सा गया. मां बाप पैसा कमाने शहर चले गए. बच्चे और रिश्ते पीछे छूट गए.
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बुजुर्गों के सहारे
लुओ का परिवार दक्षिणपूर्वी चीन के अंशुन शहर के पास रहता है. उसके मां बाप पैसा कमाने शहर जा चुके हैं. लुओ और उसके तीन भाई बहन की जिम्मेदारी अब दादा पर है. गांव में रोजगार ही नहीं है, इसीलिए मां बाप को मजबूरन शहर जाना पड़ा.
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मुश्किल हालात में जीव
लुओ का परिवार गरीबी रेखा से नीचे रहता है. चीन के सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश में 5.5 करोड़ लोग अब भी बहुत कम पैसा कमाते हैं.
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मुफ्त शिक्षा का सच
लुओ और उसके सारे भाई बहन स्कूल में मुफ्त में पढ़ाई करते हैं. लेकिन स्कूल की नीली और सफेद यूनिफॉर्म महंगी है. स्कूली बच्चों के लिए जरूरी चीजें भी महंगी हैं.
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अधूरा छूटता होमवर्क
नन्हा लुओ स्कूल से मिला होमवर्क पूरा करने की बहुत कोशिश करता है. लेकिन कई बार मदद की जरूरत पड़ती है. कुछ समझ में न आए तो आस पास प्यार से समझाने वाला भी कोई नहीं.
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उम्मीद पर सब कायम है
स्कूल के बाद बच्चों को रोजमर्रा का काम काज करना पड़ता है. खाना जुटाना और पानी भरना भी रोज के काम का हिस्सा है. मां बाप को उम्मीद है कि वो अपने बच्चों को कॉलेज भेज पाएंगे. लेकिन कॉलेज की पढ़ाई के लिए बड़े शहर में रहना भी खर्चीला है.
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सेकेंड क्लास कर्मचारी
होकोउ सिस्टम के तहत दूसरे शहरों में कुछ खास किस्म का काम करने वाले मां बाप अपने बच्चों को उस शहर में नहीं पढ़ा सकते हैं. चीन में हर तीसरा बच्चा 26 करोड़ प्रवासी कर्मचारी परिवार से आता है. लिहाजा हजारों बच्चे अकेले छूट जाते हैं.
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प्रवासी बच्चों का स्कूल
दूसरे शहरों में काम करने वाले ऐसे लोगों के बच्चों के लिए अलग से स्कूल बनाने की कोशिशें भी हुईं, लेकिन सरकार ने उन्हें मान्यता नहीं दी. लेकिन कई जगहों पर गैर कानूनी रूप से ऐसे सुविधाएं बच्चों को दी जा रही है.
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कोई विकल्प नहीं
कड़े नियमों और गांवों में रोजगार के मौके न होने की वजह से दूर दराज के गांवों में ऐसे कई बच्चे हैं जिन्हें मां बाप के बिना बचपन गुजारना पड़ता है.n.
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सारा कहती हैं, ''अब तक मैंने कोई ऐसी खबर नहीं सुनी है जिसके अनुसार कोई चीनी कंपनी आईटी में निवेश कर रही हो, सीमेंट या किसी और क्षेत्र में अपना उत्पादन प्लांट लगा रही है.''
सारा के मुताबिक चीनी कंपनियां अधिकांश इकॉनोमिक जोन बना रहे हैं जहां बड़े वेयर हाउसेज बनाए जाएंगे ताकि यहां से वह अपने उत्पादों का निर्यात कर सकें. सारा ने कहा, ''अगर चीनी निवेशक यहां बड़े पैमाने पर उद्योग स्थापित करते हैं तो टैक्स में छूट देना सही है क्योंकि इस तरह सरकार भी अपना निर्यात बढ़ा सकती है. इसकी एक मिसाल कपड़ा उद्योग है. पाकिस्तान ने कपड़ा कंपनियों को टैक्स छूट दी हुई है जिसकी वजह से पाकिस्तानी कपड़े बड़े पैमाने पर निर्यात होते हैं.''