पाकिस्तानी सेना ने कहा है कि भारत की ओर से सुपरसॉनिक रफ्तार से आई एक चीज उसके इलाके में गिरी है. पाकिस्तान सरकार ने इस बारे में भारत से सफाई मांगी है.
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पाकिस्तानी सेना का कहना है कि बहुत ऊंचाई पर उड़ रहा एक ‘सुपरसोनिक ऑब्जेक्ट' उसके क्षेत्र में क्रैश हुआ है. पाक अधिकारियों ने दावा किया है कि इस ‘चीज' ने नागरिक उड़ानों को भी संकट में डाल दिया था. इस बारे में पाकिस्तान ने भारत से सफाई देने की मांग की है.
गुरुवार को पाक सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल बाबर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "9 मार्च को अत्याधिक रफ्तार वाली एक उड़ती हुई चीज, जो भारत के इलाके से उड़ी थी, उसे पाकिस्तानी एयरफोर्स ने पकड़ा.” बाबर ने कहा कि अभी पाक सेना इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं है कि यह चीज क्या है.
परीक्षण जारी है
पाक प्रवक्ता ने बताया कि यह उड़ती हुई चीज भारत के हरियाणा राज्य के शहर सिरसा से उड़ी थी और पूर्वी पाकिस्तान के मियां चन्नू शहर में गिरी. मेजर जनरल इफ्तिखार बाबर ने बताया कि इस चीज का परीक्षण किया जा रहा है ताकि पता लगाया जा सके कि यह क्या है.
कितने परमाणु हथियार हैं दुनिया में और किसके पास
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन पर हमले के तीन दिन बाद ही परमाणु हथियारों को भी हाई अलर्ट पर रखने का हुक्म दिया. रूस के पास कुल कितने परमाणु हथियार हैं. रूस के अलावा दुनिया में और कितने परमाणु हथियार है?
तस्वीर: AP Photo/picture-alliance
कितने परमाणु हथियार
स्टॉकहोम अंतरराष्ट्रीय शांति शोध संस्थान यानी सीपरी हर साल दुनिया भर में हथियारों के बारे में रिपोर्ट तैयार करती है. सीपरी के मुताबिक 2021 की शुरुआत में दुनिया भर में कुल 13,080 परमाणु हथियार मौजूद थे. इनमें से 3,825 परमाणु हथियार सेनाओं के पास हैं और 2,000 हथियार हाई अलर्ट की स्थिति में रखे गए हैं, यानी कभी भी इनका उपयोग किया जा सकता है. तस्वीर में दिख रहा बम वह है जो हिरोशिमा पर गिराया गया था.
तस्वीर: AFP
किन देशों के पास है परमाणु हथियार
सीपरी के मुताबिक दुनिया के कुल 9 देशों के पास परमाणु हथियार हैं. इन देशों में अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस, चीन, भारत, पाकिस्तान, इस्राएल और उत्तर कोरिया के नाम शामिल हैं. दुनिया में परमाणु हथियारों की कुल संख्या में कमी आ रही है हालांकि ऐसा मुख्य रूप से अमेरिका और रूस के परमाणु हथियारों में कटौती की वजह से हुआ है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
उत्तर कोरिया
डेमोक्रैटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया यानी उत्तर कोरिया ने 2006 में पहली बार नाभिकीय परीक्षण किया था. वर्तमान में उसके पास 40-50 परमाणु हथियार होने का अनुमान है.
तस्वीर: KCNA/KNS/AP/picture alliance
इस्राएल
इस्राएल ने पहली बार नाभिकीय परीक्षण कब किया इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. फिलहाल इस्राएल के पार 90 परमाणु हथियार होने की बात कही जाती है. इस्राएल ने भी परमाणु हथियारों की कहीं तैनाती नहीं की है. तस्वीर में शिमोन पेरेज नेगेव न्यूक्लियर रिसर्च सेंटर नजर आ रहा है. इस्राएल ने बहुत समय तक इसे छिपाए रखा था.
तस्वीर: Planet Labs Inc./AP/picture alliance
भारत
भारत के परमाणु हथियारों के जखीरे में कुल 156 हथियार हैं जिन्हें रिजर्व रखा गया है. अब तक जो जानकारी है उसके मुताबिक भारत ने परमाणु हथियारों की तैनाती नहीं की है. भारत ने पहली बार नाभिकीय परीक्षण 1974 में किया था.
तस्वीर: Indian Defence Research and Development Organisation/epa/dpa/picture alliance
पाकिस्तान
भारत के पड़ोसी पाकिस्तान के पास कुल 165 परमाणु हथियार मौजूद हैं. पाकिस्तान ने भी अपने परमाणु हथियारों की तैनाती नहीं की है और उन्हें रिजर्व रखा है. पाकिस्तान ने 1998 में पहली बार नाभिकीय परीक्षण किया था.
तस्वीर: AP
ब्रिटेन
ब्रिटेन के पास मौजूद परमाणु हथियारों के जखीरे में कुल 225 हथियार है. इनमें से 120 परमाणु हथियारों को ब्रिटेन ने तैनात कर रखा है जबकि 105 हथियार उसने रिजर्व में रखे हैं. ब्रिटेन ने पहला बार नाभिकीय परीक्षण 1952 में किया था. तस्वीर में नजर आ रही ब्रिटेन की पनडुब्बी परमाणु हथियारों को ले जाने में सक्षम है.
तस्वीर: James Glossop/AFP/Getty Images
फ्रांस
फ्रांस ने 1960 में पहली बार नाभिकीय परीक्षण किया था और फिलहाल उसके पास 290 परमाणु हथियार मौजूद हैं. फ्रांस ने 280 परमाणु हथियारों की तैनाती कर रखी है और 10 हथियार रिजर्व में रखे हैं. यह तस्वीर 1971 की है तब फ्रांस ने मुरुरोआ एटॉल में परमाणउ परीक्षण किया था.
तस्वीर: AP
चीन
चीन ने 1964 में पहली बार नाभिकीय परीक्षण किया था. उसके पास कुल 350 परमाणु हथियार मौजूद हैं. उसने कितने परमाणु हथियार तैनात किए हैं और कितने रिजर्व में रखे हैं इसके बारे में जानकारी उपलब्ध नहीं है.
तस्वीर: Zhang Haofu/Xinhua/picture alliance
अमेरिका
परमाणु हथियारों की संख्या के लिहाज से अमेरिका फिलहाल दूसरे नंबर पर है. अमेरिका ने 1,800 हथियार तैनात कर रखे हैं जबकि 2,000 हथियार रिजर्व में रखे गए हैं. इनके अलावा अमेरिका के पास 1,760 और परमाणु हथियार भी हैं. अमेरिका ने 1945 में पहली बार नाभिकीय परीक्षण किया था.
तस्वीर: Jim Lo Scalzo/EPA/dpa/picture alliance
रूस
वर्तमान में रूस के पास सबसे ज्यादा 6,255 परमाणु हथियार हैं. इनमें से 1,625 हथियारों को रूस ने तैनात कर रखा है. 2,870 परमाणु हथियार रूस ने रिजर्व में रखे हैं जबकि दूसरे परमाणु हथियारों की संख्या 1,760 है. रूस के हथियारों की संख्या 2020 के मुकाबले थोड़ी बढ़ी है. रूस ने 1949 में परमाणु हथियार बनाने की क्षमता हासिल की थी.
तस्वीर: AP Photo/picture-alliance
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बाबर ने कहा, "इस चीज की उड़ान का रास्ता बहुत सारे नागरिक विमानों की राह में था, जिससे पाकिस्तान ही नहीं, भारत में भी कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विमानों को खतरा हो सकता था. इससे जमीन पर संपत्ति और लोगों की जान को भी खतरा हो सकता है.”
एक अन्य पाकिस्तानी वायुसेना अधिकारी ने कहा कि शुरुआती जांच से लगता है कि यह एक सुपरसोनिक मिसाइल हो सकता है, लेकिन इस पर कोई विस्फोटक नहीं था इसलिए इसकी फॉरेंसिक जांच की जा रही है. बाबर ने बताया कि यह चीज 44 हजार फुट की ऊंचाई पर उड़ रही थी और पाकिस्तानी वायुसीमा में 124 किलोमीटर अंदर गिरी.
सफाई दे भारत
मेजर जनरल बाबर ने कहा, "सेना फौरन किसी तरह का नतीजा नहीं निकालेगी जब तक कि हमें भारत से सफाई नहीं मिल जाती लेकिन पाकिस्तान इस तरह अपनी वायु सीमा के घोर उल्लंघन का सख्त विरोध करता है. यह घटना जिस भी वजह से हुई है, भारत को उसकी सफाई देनी होगी.”
यह समाचार लिखे जाने तक भारत की तरफ से इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं की गई थी. 26 फरवरी 2019 को भारत ने दावा किया था कि उसकी वायु सेना के मिराज-2000 विमान ने रात के अंधेरे में नियंत्रण रेखा को पार करके पाकिस्तान के पूर्वोत्तर क्षेत्र खैबर पख्तूनख्वाह के शहर बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद नामक आतंकवादी संगठन के 'प्रशिक्षण शिविरों' के ठिकानों पर सिलसिलेवार 'सर्जिकल स्ट्राइक' किया. पाकिस्तान ने इसका खंडन किया था.
वीके/सीके (रॉयटर्स, एएफपी)
दुनिया भर में पानी पर झगड़े
कहीं देशों के बीच की सीमा तो कहीं नदियों के पानी को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहे हैं. जानिए ऐसे देशों के बारे में जहां जलवायु परिवर्तन के कारण पानी पर संकट और गहरा गया है और उसे लेकर हो रही हिंसा में जानें जा रही हैं.
तस्वीर: AFP/Getty Images/H. Hamdani
कहां कहां है पानी पर विवाद
शोध दिखाते हैं कि पिछले दस सालों में विश्व भर में पानी को लेकर विवाद उसके पहले के दशक के मुकाबले दोगुने हो गए हैं. कुछ जगहों पर पानी को लेकर ही मूल विवाद हुआ लेकिन ज्यादातर दूसरे मामलों में इलाके में गरीबी, असमानता, भूख जैसी समस्याओं ने पानी के संकट में आग में घी डालने का काम किया.
तस्वीर: Getty Images/AFP/H.M. Ali
ईरान: देश एक मसले अनेक
बढ़ती जनसंख्या, फैलते शहर, प्रबंधन और अच्छा बुनियादी ढांचा ना होने के कारण ईरान में पानी का संकट गहरा रहा है. पड़ोसी अफगानिस्तान के साथ हेलमंद नदी का पानी साझा करने को लेकर भी कलह है. अफगानिस्तान में 2021 में बने कमाल खान बांध को लेकर भी ईरान को खास समस्या है, क्योंकि इससे उसे अपने एक प्रांत में पानी का बहाव रुकने का डर है.
तस्वीर: Isna
भारत और पाकिस्तान के बीच समस्या
दोनों पड़ोसी देशों से होकर बहने वाली सिंधु नदी को लेकर दोनों देशों ने 1960 में ही एक इंडस वॉटर्स ट्रीटी नाम का समझौता कर नदी और उसकी सहायक नदियों को लेकर अपने अधिकार बांट लिए थे. लेकिन हाल के सालों में उसे लेकर फिर विवाद पैदा हो गया जब पाकिस्तान ने कश्मीर विवाद के चलते भारत पर उसका पानी रोकने का आरोप लगाया.
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भारत की घरेलू चिंताएं
भारत जैसे विशाल देश के भीतर भी सिंधु नदी के पानी से लेकर कई और जगहों पर मसले हैं. इसके कारण पूरे भारत के अलग अलग हिस्सों में सूखा पड़ता रहता है. मानसून का देर से आना इसे और गहरा देता है. अनुमान है कि 2030 तक भारत की 40 फीसदी आबादी को पीने के पानी के लाले पड़ सकते हैं.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/P. Karel
नाइजीरिया में हिंसा
नाइजीरिया में आतंकी गुट बोको हराम के साथ लड़ाई में मरने वालों से ज्यादा लोग पानी को लेकर होने वाली हिंसा में मारे गए. उत्तरी नाइजीरिया में सरकार से गुट की कई मांगों में से एक साफ पानी मुहैया कराना है. कम बारिश होने पर अगर मुस्लिम चरवाहे अपने मवेशियों को चराने ईसाई जमींदारों की जमीन पर चले जाएं तो बवाल होता है.
तस्वीर: Getty Images/AFP/S. Adelakun
माली में पानी पर हिंसा
यहां किसान और चरवाहे पानी और जमीन को लेकर लड़ते आए हैं, जिसकी वजह उनके बीच का जातीय विवाद और बढ़ती जनसंख्या का दबाव भी है. 2019 में इसके चलते इनर नाइजर डेल्टा में सामूहिक हत्याकांड हो गया. माली के केंद्र में सरकार की बांध बनाने की योजना है जिसका असर दस लाख से अधिक किसानों, चरवाहों और मछुआरों पर पड़ने का डर है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/N. Bothma
इराक की समस्या के कई पहलू
इराक में पानी का संकट काफी जटिल है. सूखा और साल दर साल कम होती बारिश तो है ही, लगातार बदलते मौसम और प्रदूषण का भी उसमें हाथ है. देश को अपने पानी के भंडार का ठीक से प्रबंधन ना करने के कारण कई बार आलोचना झेलनी पड़ी है. 2019 में तो प्रधानमंत्री को विरोध प्रदर्शनों के चलते इस्तीफा देना पड़ा, जिसमें मुख्य मुद्दा बिजली और साफ पानी की कमी का भी था.