पाकिस्तान को बड़ी राहत, टेरर फंडिंग वॉच लिस्ट से बाहर
२४ अक्टूबर २०२२
आतंकी गतिविधियों को होने वाली फंडिंग पर निगरानी रखने वाली एक अंतरराष्ट्रीय संस्था की तरफ से पाकिस्तान को बड़ी राहत मिली है. उसे कथित ‘ग्रे लिस्ट’ से बाहर कर दिया गया है.
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फाइनेंशल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने पाकिस्तान को अपनी ‘ग्रे लिस्ट' से बाहर कर दिया है. पेरिस में बीते हफ्ते एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में संस्था के अध्यक्ष राजा कुमार ने यह ऐलान किया. संस्था ने पाकिस्तान द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी गतिविधियों को फंडिंग रोकने की दिशा में "सुधार करने के लिए बड़ी प्रगति करने का” स्वागत किया है.
भारत का पड़ोसी देश 2018 से एफएटीएफ की इस कथित ‘ग्रे लिस्ट' का हिस्सा था. किसी भी देश को इस सूची में शामिल होने के कई गंभीर परिणाम भुगतने पड़ते हैं. मसलन, निवेशक ऐसे देश में निवेश से झिझकते हैं. उनका निर्यात और उनके उत्पादों का उपभोग भी प्रभावित होता है. इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय बैंक भी ऐसे देश में पैसा लगाने से परहेज करते हैं, जहां धन के आतंकवादियों के हाथों में जाने का खतरा हो.
पाकिस्तान की बाढ़: खुले में सोने को मजबूर लोग
पाकिस्तान दशकों में सबसे खराब बाढ़ से जूझ रहा है. बाढ़ ने देश की 3.3 करोड़ आबादी को प्रभावित किया है. लोगों के पास मूलभूत सुविधाएं तक नहीं हैं.
तस्वीर: Arif Ali/AFP
बाढ़ ने किया विस्थापित
पाकिस्तान में बाढ़ ने दसियों हजार लोगों को विस्थापित कर दिया है. बाढ़ प्रभावित अब अस्थायी शिविरों में रहने को मजबूर हैं.
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सर पर छत नहीं
बाढ़ में घर डूब गए हैं या फिर पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं. लोगों को कैंपों में रखा जा रहा है. कुछ ऐसे भी लोग हैं जो खुद से ही इंतजाम कर रह रहे हैं.
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खाने का संकट
सिंध प्रांत के सेहवान में बाढ़ पीड़ित भोजन के लिए कतार में खड़े हैं. बाढ़ की वजह से स्कूल भी बंद है.
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फसल चौपट
बाढ़ के पानी के कारण खड़ी फसल बर्बाद हो गई है और खेतों में पानी भर जाने से किसान सर्दियों की गेहूं की फसल नहीं उगा पाएंगे, जो देश की खाद्य सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है.
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पेयजल का संकट
बाढ़ ने प्रभावित इलाकों में एक और संकट पैदा कर दिया है जो पीने के पानी का है. दूषित पानी पीने की वजह से पेट की बीमारी हो रही है.
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30 अरब डॉलर का नुकसान
रिकॉर्ड तोड़ बारिश और उसके बाद आई बाढ़ ने देश में भारी तबाही मचाई. बाढ़ के पानी में मकान तबाह हो गए, गाड़ियां बह गईं, फसलों का नुकसान हुआ और मवेशी मारे गए. अनुमान है कि इससे 30 अरब डॉलर का नुकसान अब तक हो चुका है.
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सोने के लिए टेंट नहीं
सबसे प्रभावित प्रांतों में से एक सिंध के मुख्यमंत्री सैयद मुराद अली शाह ने एक बयान में कहा, "पाकिस्तान में उपलब्ध सभी निर्माताओं से हम टेंट खरीद रहे हैं." उन्होंने कहा सिंध में एक तिहाई बेघरों के पास टेंट तक नहीं है.
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जानवरों के लिए नहीं बचा चारा
जो किसान अपने खेत और जानवरों को बचाने के लिए अपने गांव से नहीं गए उनके सामने एक और चुनौती खड़ी हो गई है. उनके पास जानवरों को खिलाने के लिए चारा नहीं बचा है.
तस्वीर: Asif Hassan/AFP
पाकिस्तान में बाढ़ और जलवायु परिवर्तन
पाकिस्तान की सरकार और संयुक्त राष्ट्र ने जलवायु परिवर्तन को रिकॉर्डतोड़ बारिश और उसके बाद बाढ़ के लिए जिम्मेदार ठहराया है.
तस्वीर: FIDA HUSSAIN/AFP
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जो देश एफएटीएफ की सूची में शामिल होते हैं, उन पर संस्था कड़ी निगरानी रखती है और उनके हर बड़े वित्तीय लेन देन की पड़ताल होती है. शुक्रवार को इस सूची से बाहर हो जाने के बाद पाकिस्तान इस निगरानी से भी मुक्त हो गया है.
पाकिस्तान ने इस ऐलान का स्वागत किया है. वहां के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने ट्विटर पर कहा कि इस सूची से बाहर होना "सालों से जारी प्रतिबद्धता और कोशिशें का प्रतीक है.” उन्होंने कहा, "मैं हमारे नागरिक और सैन्य नेतृत्व को बधाई देना चाहूंगा और साथ ही उन सभी संस्थानों को भी मुबारक जिन्होंने इस सफलता के लिए कड़ी मेहनत की.”
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भारत ने भी सराहा
भारत ने भी इस बात को माना है कि पाकिस्तान ने टेरर फंडिंग रोकने की दिशा में कदम उठाए हैं. भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय संस्था के दबाव में पाकिस्तान ने कुछ ज्ञात आतंकवादियों के खिलाफ कुछ कदम उठाए हैं, जिनमें 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले के आरोपित भी शामिल हैं.
पाकिस्तान की मधुबाला को मिली सालों पुराने दर्द से मुक्ति
16 साल की मधुबाला कई साल से दांत के दर्द के साथ जी रही थी. आखिरकार 17 अगस्त को उसे इसे दर्द से मुक्ति मिली जब एक अनोखी विधि से उसका इलाज किया गया.
तस्वीर: Akhtar Soomro/REUTERS
कराची की मधुबाला
कराची में रहने वाली 16 साल की हथिनी मधुबाला को सालों से दांत का दर्द था. इसकी वजह थी एक इंफेक्शन जो एक दांत के टूटने से हुआ था.
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भारतीय अभिनेत्री के नाम पर
मधुबाला को यह नाम भारत की मशहूर फिल्म अभिनेत्री के नाम पर मिला है. वह उन चार अफ्रीकी हाथियों में से एक हैं जिनका कराची में एक विशेष विधि द्वारा इलाज किया गया.
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अनोखी तकनीक का इस्तेमाल
जीवों के कल्याण में लगी संस्था ‘फोर पॉज’ के आठ विशेषज्ञों के एक दल ने यह इलाज किया. उन्होंने खड़े-खड़े बेहोश करने वाली तकनीक का इस्तेमाल किया.
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एनेस्थीसिया घातक होता
दल का नेतृत्व कर रहे डॉ. आमिर खलील ने कहा, “आज हम चिड़ियाघर में पहली अनोखी प्रक्रिया की शुरुआत कर खुश हैं, जिसमें जानवर को खड़ा रखा जाता है. उन्हें सुलाया या पूरी तरह एनेस्थीसिया नहीं दिया जाता क्योंकि इससे हाथी की जान को खतरा हो सकता है.”
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हाई कोर्ट की इजाजत लेनी पड़ी
इस इलाज के लिए कराची स्थित सिंध हाई कोर्ट ने ‘फोर पॉज’ को यात्रा की इजाजत दी थी. ऐसा तब हुआ जबकि स्थानीय प्राणी अधिकार कार्यकर्ताओं ने इन जानवरों की सेहत को लेकर चिंता जताई थी.
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आंखों को किया गया टेप से बंद
मधुबाला की आंखों को टेप से बंद किया गया और टांगों को ग्रिल के साथ बांधा गया ताकि बेहोश किए जाने के बाद भी वह खड़ी रहे.
तस्वीर: Akhtar Soomro/REUTERS
भारी-भरकम औजार
पशु चिकित्सकों ने ड्रिल और अन्य भारी-भरकम औजारों का प्रयोग किया और संक्रमित दांत को तोड़-तोड़ कर बाहर निकाला. डॉ. मरीना इवानोवा ने बताया, “बहुत लंबे समय तक इन्फ्लेमेशन रहने के कारण उत्तक बहुत नाजुक हो गए थे और उन्हें एक साथ बाहर निकालना संभव नहीं था.”
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छह घंटे चला ऑपरेशन
मधुबाला का ऑपरेशन लगभग छह घंटे चला. इस दौरान हथिनी बेहोश रही और उसने ज्यादा विरोध नहीं किया. अन्य हाथियों की तकलीफ इतनी ज्यादा नहीं थी. उनके पांव का इलाज चल रहा है.
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पाकिस्तान की समाजसेवी संस्थ जमात उद दावा को आतंकवादी संगठन लश्कर ए तैयबा के लिए काम करने का जरिया माना जाता है. संगठन का प्रमुख हाफिज सईद मुंबई आतंकवादी हमलों का आरोपी है और अमेरिका ने भी उस पर प्रतिबंध लगा रखा है. उसके सिर पर एक करोड़ डॉलर का इनाम है. वह फिलहाल पाकिस्तान में कई मामलों में दोषी साबित होने के बाद जेल की सजा काट रहा है.
बागची ने कहा, "पाकिस्तान को ऐसे विश्वसनीय कदम उठाना लगातार जारी रखना होगा जिनका सत्यापन किया जा सके और जो पलटे ना जा सकें.”
ग्रे लिस्ट में उन देशों को शामिल किया जाता है, जहां से आतंकवादी संगठनों या गतिविधियों को धन मिलने का खतरा ज्यादा होता है, लेकिन औपचारिक रूप से वे देश इसे रोकने को प्रतिबद्ध होते हैं. इसके लिए वे देश टास्क फोर्स के साथ मिलकर काम करने को राजी होते हैं.
एफएटीएफ 37 देशों का संगठन है जिनमें अमेरिका, यूरोपीय संघ और गल्फ कोऑपरेशन काउंसिल के देश शामिल हैं. इस वक्त दो देश ऐसे हैं जो काली सूची में है. ये ऐसे देश होते हैं, जो सहयोग से इनकार करते हैं. फिलहाल ईरान और उत्तर कोरिया काली सूची में हैं.
पाकिस्तान की मुश्किलें
पाकिस्तान की उप विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने पेरिस में कहा कि उनका देश अपनी अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं को लेकर जागरूक है. उन्होंने कहा, "हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय के जिम्मेदार और सक्रिय सदस्य के रूप में देखा जाना चाहते हैं. और हमें अपनी अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं का अहसास है.”
एक बच्ची दिखा रही है पाकिस्तान को नई राह
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उन्होंने उम्मीद जताई कि एफएटीएफ का यह फैसला देश की अर्थव्यस्था को "बेहद जरूरी समर्थन देगा और बाकी दुनिया के साथ आर्थिक व वित्तीय सहयोग” बढ़ाने में मदद करेगा. उन्होंने बताया कि कैसे चार साल तक पाकिस्तान ने एफएटीएफ के साथ मिलकर कानूनी और प्रशासनिक सुधार किए हैं, अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाया है व ऐसी व्यवस्थाएं बनाई हैं जिनके जरिए एफएटीएफ के नियम-कायदों का पालन किया जा सके.
पाकिस्तान खुद भी आतंकवाद का शिकार रहा है. बीते शुक्रवार को ही बलूचिस्तान के कलत शहर में सड़क पर एक बम धमाका हुआ जिसमें दो सुरक्षा बलों की मौत हो गई. हालांकि किसी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है लेकिन बलूचिस्तान में अलगाववादी संगठन कई वर्षों से सक्रिय रहे हैं.