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समाज

पाकिस्तानः महामारी को लेकर डॉक्टरों की अपील

२४ अप्रैल २०२०

कोरोना महामारी के बीच पाकिस्तान में शनिवार से रमजान का महीना शुरू होने वाला है. रमजान में मस्जिदों में तरावीह और पांच वक्त की नमाजों के लिए भारी संख्या में लोग जुटते हैं. डॉक्टरों ने सख्ती की अपील की है.

Lockdown Peshawar Pakistan
तस्वीर: DW/Fareedullah Khan

पाकिस्तान के जाने माने डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि रमजान में लोगों के मस्जिदों में इकट्ठा होने से महामारी बेकाबू हो जाएगी और उन्होंने सरकार और उलेमाओं से बड़ी संख्या में मस्जिदों में लोगों के नमाजपढ़ने के फैसले को वापस लेने का आग्रह किया है. पाकिस्तान में शनिवार 25 अप्रैल से रमजान का महीना शुरू हो रहा है. पाकिस्तान ने पिछले हफ्ते सामूहिक नमाज पर एहतियातन प्रतिबंध हटा दिया था.यह फैसला उलेमाओं के बयान के बाद आया था जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें इस तरह की पाबंदियां स्वीकार नहीं है. पाकिस्तान के कुछ इलाकों में पुलिस और नमाजियों में भिड़ंत की भी घटनाएं हो चुकी हैं. रमजान के दौरान मस्जिदों में नमाजियों की संख्या बहुत बढ़ जाती है. पाकिस्तान मेडिकल एसोसिएशन के महासचिव डॉ. कैसर सज्जाद कहते हैं, "दुर्भाग्य से हमारे प्रशासन ने गलत फैसला लिया है. हमारे मौलवियों ने एक गैर-गंभीर रवैया दिखाया है."

इंडोनेशिया के बाद पाकिस्तान सबसे अधिक मुस्लिम आबादी वाला देश है. यहां अब तक 11,000 से अधिक कोरोना वायरस के पॉजिटिव केस सामने आए हैं जबकि इस महामारी के कारण 235 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. सरकार और विशेषज्ञों दोनों का कहना है कि महामारी मध्य मई में चरम पर पहुंच सकती है. पाकिस्तान ने 14 अप्रैल को लॉकडाउन को दो हफ्ते के लिए बढ़ा दिया था, प्रधानमंत्री इमरान खान ने कुछ गतिविधियों में ढील दी थी जिनमें औद्योगिक उत्पादन और मस्जिदें भी शामिल थीं.

डॉक्टरों का कहना है कि सरकार और धार्मिक नेताओं के बीच मस्जिदों के लिए 20 सूत्री मानक संचालन प्रक्रिया व्यावहारिक नहीं है. डॉ. साद नियाज कहते हैं कि पाकिस्तान के सबसे बड़े शहर कराची में कोरोना मरीजों के लिए बनाए गए केंद्रों में मरीजों को लेने की क्षमता पार हो चुकी है. डॉ. नियाज कहते हैं कि आने वाले दिनों में बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. वह कहते हैं मरीजों को दाखिले से इनकार करना पड़ सकता है क्योंकि बेड्स ही नहीं होंगे. पाकिस्तान में डॉक्टरों की मांग है कि लॉकडाउन का सख्ती से पालन होना चाहिए और साथ ही उन्होंने व्यवसायों को कुछ और हफ्तों तक कष्ट सहने का आग्रह किया है जब तक कि वायरस को नियंत्रण में नहीं ले आया जाए.

एए/सीके (रॉयटर्स)

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