पाकिस्तानी अधिकारियों का कहना है कि पुलिस ने सामान बेचने वाले एक व्यक्ति को आत्मघाती हमलावर समझ कर गोली मार दी जिससे उसकी मौत हो गई.
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यह मामला खैबर पख्तूनखवाह प्रांत के मरदान शहर का है. पुलिस अधिकारी मुमताज खान ने बताया कि वह व्यक्ति साइकिल पर सवार था और अदालत के बाहर बनी एक चेकपोस्ट पर नहीं रुका. उनके मुताबिक, पुलिसवालों ने चिल्लाकर उससे रुकने को कहा, लेकिन उसने कोई ध्यान नहीं दिया. इसके बाद पुलिस ने एक गाड़ी से उसकी साइकल को टक्कर मारी. जब उसने वहां से भागने की कोशिश की तो पुलिस ने गोली चला दी. खान ने बताया कि उसकी मौके पर ही मौत हो गई और उसके पास से कोई विस्फोटक या हथियार बरामद नहीं हुए.
चेकप्वाइंट पर मौजूद एक अन्य पुलिस अधिकारी जेब बख्तियार ने कहा, "पता नहीं कि वह क्यों लगातार आगे बढ़ता रहा जबकि हम चिल्ला चिल्ला कर उससे रुकने को कह रहे थे." पाकिस्तान में हाल में हुए कई बम धमाकों के बाद पुलिस सतर्क है. देश के अलग अलग हिस्सों में हुए इन विस्फोटों में 125 से ज्यादा लोग मारे गए. पाकिस्तानी तालिबान और इस्लामिक स्टेट ने इन आतंकवादी हमलों की जिम्मेदारी ली है.
इनका भी है पाकिस्तान
पाकिस्तान की अनुमानित 20 करोड़ की आबादी में लगभग 95 फीसदी मुसलमान हैं. इनमें भी बहुसंख्यक सुन्नी हैं जिनकी संख्या 75 से 85 फीसदी बताई जाती है. एक नजर पाकिस्तान के अल्पसंख्यक समुदायों पर.
तस्वीर: DW/U. Fatima
शिया
शिया मुसलमान पाकिस्तान का सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समुदाय है जिसकी आबादी से 10 से 15 फीसदी बताई जाती है. हाल के सालों में पाकिस्तान में कई बार शिया धार्मिक स्थलों को आतंकवादी हमलों में निशाना बनाया गया है.
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अहमदी
पाकिस्तान की जनसंख्या में अहमदी मुसलमानों की हिस्सेदारी लगभग 2.2 प्रतिशत है. हालांकि पाकिस्तान में इन्हें मुसलमान नहीं माना जाता. 1970 में दशक में एक कानून पारित कर इन्हें गैर मुसलमान घोषित कर दिया गया था और इनके साथ कई तरह के भेदभाव होते हैं.
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हिंदू
पाकिस्तान में हिंदुओं की आबादी लगभग दो प्रतिशत है जिनमें से ज्यादातर सिंध प्रांत में रहते हैं. पाकिस्तान में हिंदू बेहद पिछड़े हैं और अभी तक बुनियादी अधिकारों के लिए जूझ रहे हैं.
तस्वीर: DW/U. Fatima
ईसाई
हिंदुओं के बाद पाकिस्तान में संख्या के हिसाब से ईसाई समुदाय की बारी आती है. उनकी आबादी लगभग 1.6 प्रतिशत है जबकि संख्या देखें तो यह 28 लाख के आसपास है. हाल के सालों में कई चर्चों पर हमले हुए हैं.
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बहाई
बहाई धर्म को मानने वालों की संख्या पाकिस्तान में 40 से 80 हजार हो सकती है.
सिख
सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक का जन्म मौजूदा पाकिस्तान के ननकाना साहिब में हुआ था. यह स्थान सिख धर्म के सबसे पवित्र स्थलों में से एक है. पाकिस्तान में अब सिर्फ लगभग 20 हजार ही सिख बचे हैं.
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पारसी
पारसियों की आबादी दुनिया भर में घट रही है. पाकिस्तान में भी ऐसा ही ट्रेंड दिखाई पड़ता है. वहां इनकी संख्या चंद हजार तक सिमट गई है.
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कलाश
खैबर पख्तूनख्वाह प्रांत के चित्राल में रहने वाला कलाश समुदाय अपनी अलग संस्कृति के लिए जाना जाता है. उनकी अलग भाषा और अलग धर्म है. लगभग तीन हजार की आबादी के साथ इसे पाकिस्तान का सबसे छोटा धार्मिक समुदाय माना जाता है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/O. Matthys
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अफगानिस्तान से लगने वाले पाकिस्तान के कबायली इलाकों से तालिबान, उनसे जुड़े स्थानीय चरमपंथी गुट और अल कायदा से संबंधित विदेशी चरमपंथी अपनी गतिविधियों चलाते हैं. वहां एक बड़े इलाके में स्थानीय कबायली नियम कायदे चलते हैं. वहां न तो पुलिस की पहुंच है और न ही प्रशासनिक अधिकारियों की.
पाकिस्तान सरकार ने गुरुवार को ऐसे कई सुधारों को मंजूरी दी जिनके तहत कबायली इलाके सरकार के नियंत्रण में आएंगे. प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के एक सहयोगी ने यह जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि कबायली इलाकों का पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वाह में विलय होने के बाद अगले पांच साल के दौरान इन सुधारों को लागू किया जाएगा. यह सब बातें उन्होंने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताई क्योंकि इस बारे में सार्वजनिक घोषणा होने से पहले उन्हें इस बारे में बोलने का अधिकार नहीं है.
एके/एमजे (एपी)
ऐसी है पाकिस्तानी लोगों की आम जिंदगी
जर्मन फोटोग्राफर मालोनो टे 2014 में पाकिस्तान गए थे और उन्होंने वहां की जिंदगी को कैमरे में कैद किया. उनका कहना है, "पाकिस्तान के इश्क में गिरफ्तार होने में ज्यादा वक्त नहीं लगा." देखिए उनकी नजर से पाकिस्तान को:
तस्वीर: Manolo Ty
"पाकिस्तान नाऊ"
जर्मन फोटोग्राफर मानोलो टे तीन साल पहले छह हफ्तों के लिए पाकिस्तान गए. वह सिंध, बलूचिस्तान, पंजाब और खैबर पख्तूनख्वाह की संस्कृति और रहन सहन से बहुत प्रभावित हुए. इस दौरान उन्होंने 15 हजार से ज्यादा फोटो खींचे और अब इनमें से 277 तस्वीरें "पाकिस्तान नाऊ" किताब का हिस्सा हैं.
तस्वीर: Manolo Ty
कराची की शामें
कराची में समंदर किनारे अगर आप चटपटे स्नैक्स का मजा लेना चाहते हैं तो यह आपके लिए परफेक्ट जगह है. खास कर गर्मियों में जब शहर का तापमान 45 डिग्री तक पहुंच जाता है तो लोग वीकेंड पर अकसर इस तरह ठंडी लहरों का मजा लेते हैं.
तस्वीर: Manolo Ty
आज मैं आजाद हूं...
मालोनो टे का कहना है कि अकसर पश्चिमी मीडिया में पाकिस्तानी महिलाओं को घरेलू हिंसा की शिकार ही बनाया जाता है. अपनी इस तस्वीर के जरिए वह लोगों को पाकिस्तानी महिलाओं की जिंदगी की एक अलग झलक देना चाहते हैं. पढ़ी लिखी युवा पाकिस्तानी महिलाएं खुले आसमान में उड़ना चाहती हैं.
तस्वीर: Manolo Ty
डोली है सजने वाली...
मानोलो टे ने पाकिस्तान में कई शादियां भी देखीं, जो उन्हें एक उत्सव की तरह लगीं. अपनी किताब में उन्होंने लिखा है कि पाकिस्तान में शादी का लंबा जश्न दावत ए वलीमा के साथ खत्म होता है, जिसमें दोस्तों और रिश्तेदारों को दावत दी जाती है.
तस्वीर: Manolo Ty
ऐतिहासिक धरोहर
10 वर्ग किलोमीटर के इलाके में पांच लाख कब्रों और मकबरों के साथ मकली का कब्रिस्तान दुनिया के सबसे बड़े कब्रिस्तानों में से एक है. 1981 में इसे विश्व विरासत घोषित किया गया. लेकिन यहां मौजूद कई मकबरों की हालत खस्ता है और इस पर ध्यान दिए जाने की जरूरत है. यहां 14वीं से 18वीं सदी के बीच के कई ऐतिहासिक प्रतीक मौजूद हैं.
तस्वीर: Manolo Ty
जहाजों की कब्रगाह
बलूचिस्तान के तटीय गांव गड़ानी में समंदरी जहाजों को तोड़ने का दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा केंद्र है. इन जहाजों को तोड़ने के बाद मजदूर इसके धातु के मलबे के हाथों से उखाड़ कर किनारे पर लाते हैं. एक जहाज को पूरी तरह खत्म करने के लिए तीन महीने का समय लग जाता है.
तस्वीर: Manolo Ty
संतुलन का खेल
कपास को लेकर जाने वाले ट्रकों को ज्यादा से ज्यादा भरा जाता है. कपास की लोडिंग के दौरान ट्रक के दोनों तरफ वजन को संतुलित रखा जाता है. आम तौर पर ऐसे ट्रक जब चलते हैं तो दो लेन के हाइवे को अकेले ही घेर लेते हैं. इस कपास से सूत और रेशे बना कर कपड़ा उद्योग में इस्तेमाल किया जाता है.
तस्वीर: Manolo Ty
पाकिस्तान के अल्पसंख्यक
मानोलो टे की इस किताब में पाकिस्तान में रहने वाले अल्पसंख्यकों की जिंदगी को भी दर्शाया गया है. इस तस्वीर में सिंध प्रांत के सक्खर की कुछ हिंदू महिलाओं को देखा जा सकता है. सिंध नदी के किनारे बसे शहर सक्खर के हिंदू परिवारों की मेहमाननवाजी से मानोलो खूब प्रभावित हैं.
तस्वीर: Manolo Ty
धोबी पछाड़
पाकिस्तान के देहाती इलाकों में कुश्ती खूब लोकप्रिय है. कुछ इलाकों में सालाना मेलों के दौरान कुश्ती की प्रतियोगिताएं होती हैं. बड़ी संख्या में लोग ऐसे मुकाबलों को देखने आते हैं. पहलवानों के लिए जहां यह अपना दमखम दिखाने का मौका होता है, वहीं स्थानीय लोगों के लिए मनोरंजन का बढ़िया साधन.
तस्वीर: Manolo Ty
इमाम से मुलाकात
मानोलो टे कहते हैं कि जब वह इस्लामाबाद की मशहूर शाह फैसल मस्जिद के इमाम से मिले तो इमाम ने उनके धर्म के बारे में पूछा. टे कहते हैं कि उन्हें लगा कि अब उन्हें इस्लाम के बारे में लंबा उपदेश मिलने वाला है. लेकिन हुआ इसका उल्टा. इमाम ने उनके धर्म का सम्मान करते हुए दुनिया के भर के धर्मों के बीच मेलजोल और प्यार के संदेश को फैलाने पर बल दिया.
तस्वीर: Manolo Ty
सूफी संस्कृति की झलक
"पाकिस्तान नाऊ" में पाकिस्तान की सूफी संस्कृति की झलक भी पेश की गई है. लाहौर में हर गुरुवार को बाबा शाह जमाल के मजार पर उनके मुरीद धमाल के जरिए उन्हें याद करते हैं. इस दरगाह पर सूफी संगीत सुनने के लिए भी बड़ी संख्या में लोग जमा होते हैं.