लाहौर में एक महिला के अपनी बेटी को जिंदा जला देने का मामला सामने आया है. पुलिस का कहना है कि इस महिला ने अपनी बेटी को इसलिए जला डाला क्योंकि उसने अपनी पसंद से शादी कर ली थी.
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पुलिस अधिकारी शेख हमाद ने बताया कि ऑनर किलिंग की यह वारदात पाकिस्तान के सांस्कृतिक शहर लाहौर के पूर्वी इलाके में समाने आई. आरोपी महिला ने अपनी बेटी को मिट्टी तेल छिड़ककर इसलिए जला डाला क्योंकि उसने अपनी पसंद से एक लड़के से शादी कर ली थी.
आरोपी महिला परवीन रफीक ने अपनी बेटी जीनत रफीक की हत्या का अपना अपराध स्वीकार कर लिया है. उसने अपने बेटे की मदद से पहले जीनत को खाट पर बांधा और फिर उस पर मिट्टी का तेल उड़ेल कर आग लगा दी.
पाकिस्तान में इस तरह से ऑनर किलिंग के मामलों में सालाना एक हजार के करीब महिलाओं की हत्या हो रही है. ये मामले लड़कियों के रुढ़िवादी विचारों को तोड़ते हुए प्रेम और अपनी मर्जी से शादी करने के हैं. जिसके चलते 'परिवार के सम्मान' के नाम पर उनकी हत्या की जा रही है.
पिछले हफ्ते भी इसी तरह का एक मामला सामने आया था जिसमें मारिया बीबी नाम की एक स्कूल टीचर को इसलिए आग के हवाले कर दिया गया क्योंकि उन्होंने अपनी उम्र के दोगुने व्यक्ति से शादी करने से इनकार कर दिया था. अपनी मृत्यु से पहले मारिया बीबी ने पुलिस को बयान दे कर बताया था कि पांच हमलावरों ने उनके घर में घुसकर उन्हें बाहर निकाल लिया और एक खुलेआम उन्हें पीटा और आग के हवाले कर दिया.
महिलाओं के खिलाफ अजीबोगरीब कानून
महिलाओं के खिलाफ दुनिया भर से आने वाली शोषण और अत्याचार की खबरें आम हैं. कई देशों में महिलाओं के खिलाफ ऐसे कानून हैं जो उनके मानवाधिकारों का गला घोंटते दिखते हैं...
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शादीशुदा महिला का बलात्कार
दिल्ली में 2012 के निर्भया कांड के बाद दुनिया भर में भारत की थूथू हुई. लेकिन एक साल बाद ही कानून में एक नई धारा जोड़ी गई जिसके मुताबिक अगर पत्नी 15 साल से ज्यादा उम्र की है तो महिला के साथ उसके पति द्वारा यौनकर्म को बलात्कार नहीं माना जाएगा. सिंगापुर में यदि लड़की की उम्र 13 साल से ज्यादा है तो उसके साथ शादीशुदा संबंध में हुआ यौनकर्म बलात्कार नहीं माना जाता.
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अगवा कर शादी
माल्टा और लेबनान में अगर लड़की को अगवा करने वाला उससे शादी कर लेता है तो उसका अपराध खारिज हो जाता है, यानि उस पर मुकदमा नहीं चलाया जाएगा. अगर शादी फैसला आने के बाद होती है तो तुरंत सजा माफ हो जाएगी. शर्त है कि तलाक पांच साल से पहले ना हो वरना सजा फिर से लागू हो सकती है. ऐसे कानून पहले कोस्टा रीका, इथियोपिया और पेरू जैसे देशों में भी होते थे जिन्हें पिछले दशकों में बदल दिया गया.
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सुधारने के लिए पीटना सही
नाइजीरिया में अगर कोई पति अपनी पत्नी को उसकी 'गलती सुधारने' के लिए पीटता है तो इसमें कोई गैरकानूनी बात नहीं मानी जाती. पति की घरेलू हिंसा को वैसे ही माफ कर देते हैं जैसे माता पिता या स्कूल मास्टर बच्चों को सुधारने के लिए मारते पीटते हैं.
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ड्राइविंग की अनुमति नहीं
सऊदी अरब में महिलाओं का गाड़ी चलाना गैरकानूनी है. महिलाओं को सऊदी में ड्राइविंग लाइसेंस ही नहीं दिया जाता. दिसंबर में दो महिलाओं को गाड़ी चलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया और उन पर मुकदमा चलाया गया. इस घटना के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मानवाधिकार संस्थानों ने आवाज भी उठाई.
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पत्नी का कत्ल भी माफ
मिस्र के कानून के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति अपनी पत्नी को किसी और मर्द के साथ आपत्तिजनक स्थिति में देखता है और गुस्से में उसका कत्ल कर देता है, तो इस हत्या को उतना बड़ा अपराध नहीं माना जाएगा. ऐसे पुरुष को हिरासत में लिया जा सकता है लेकिन हत्या के अपराध के लिए आमतौर पर होने वाली 20 साल तक के सश्रम कारावास की सजा नहीं दी जाती.
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इस मामले में मुख्य अभियुक्त उस व्यक्ति का पिता था जिससे मारिया बीबी ने शादी करने से इनकार किया. बहरहाल इन पांचों व्यक्तियों को पुलिस ने अपनी हिरासत में ले लिया है. इसी तरह एक महीना पहले पुलिस ने एक स्थानीय ट्राइबल काउंसिल के 13 सदस्यों को गिरफ्तार किया जिन्होंने कथित तौर पर अम्बरीन रियासत नाम की एक लड़की को अपने एक फरार दोस्त की मदद करने के आरोप में गला घोंट कर मार डाला और फिर आग के हवाले कर दिया. 17 साल की अम्बरीन की लाश एक जली हुई वैन से बरामद हुई.
पुलिस ने बताया है कि लाहौर में मारी गई जीनत रफीक ने पिछले हफ्ते एक मोटर मैकेनिक हसन खान से कोर्ट मैरिज की थी. हसन खान का कहना था कि तीन दिन पहले जीनत की मां और चाचा उसके पास आकर उन्हें पारंपरिक तरीके से विवाह का आश्वासन देकर अपने साथ ले गए. लेकिन उन्होंने उसकी हत्या कर दी.
आरजे/ओएसजे (एपी)
सेक्सिज्म का विरोध
चौदह फरवरी सिर्फ वैलेंटाइन डे ही नहीं उमड़ते एक अरब अभियान की भी तारीख है जो महिला हिंसा के विरुद्ध विश्व का सबसे बड़ा अभियान है. विश्व की हर तीन महिलाओं में से एक हिंसा या बलात्कार का शिकार होती हैं.
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अधिकारों के लिए जुलूस
महिलाओं के खिलाफ हिंसा के विरोध में दुनिया के 200 देशों में एक अरब अभियान चलाया जाता है. शुरुआत पिता के हाथों शारीरिक शोषण का शिकार हुई अमरीकी लेखिका इव इन्सलर ने 2012 में की थी.
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कीर्ति घोष नहीं जय घोष
पिछले वर्ष जहां उमड़ते एक अरब अभियान का आदर्श वाक्य "क्रांति के लिए उठ खड़े हो" रखा गया था तो इस साल यह नारा था "क्रांति को ओर बढ़ाओ".
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हिंसा का खात्मा
जयपुर में प्रसिद्ध नाट्य संस्था अस्मिता थिएटर ने कई नुक्कड़ नाटकों का मंचन किया. नाटकों का उद्देश्य था, दुनिया भर से हिंसा का खात्मा और महिलाओं को पूर्ण आजादी.
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देवी या कुछ और?
भारत में करोडों देवी देवता हैं. शास्त्रों में भी कहा गया है यत्र नारी पूज्यन्ते तत्र देवता रम्यन्ते. पर हकीकत में क्या भारत में नारी आज़ाद है?
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जमीनी हकीकत
थॉमस रॉयटर फॉउन्डेशन के अनुसार भारत महिलाओं के लिए विश्व का चौथा सबसे खतरनाक देश है. भारत में हर तीसरे मिनट महिलाओं के साथ एक अपराध घटता है.
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कम होती लड़कियां
हर दस साल में भारत से एक लाख लड़कियों की संख्या कम हो रही है. यह दुनिया का एकमात्र देश है जहां सरकार को बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसे नारे देने पड़ते हैं
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नक्कार खाने में तूती
उमड़ते एक अरब अभियान की यही सोच है कि कभी तो पत्थरों से भी चीख निकलेगी और समाज नारी को फिर से वह सम्मान देगा जिसकी वो हकदार है.