सुनक के दादा-दादी देश छोड़ने से पहले पंजाब के गुजरांवाला में रहा करते थे. 1947 के बंटवारे के दौरान पंजाब के दो टुकड़े हो गए और गुजरांवाला पाकिस्तान के हिस्से चला गया. आज यह शहर एक बड़ा औद्योगिक केंद्र है, जहां 20 लाख से ज्यादा लोग रहते हैं.
सुनक के प्रधानमंत्री बनने से ब्रिटेन में यह सब पहली बार हुआ
ब्रिटेन में कंजरवेटिव पार्टी ने भारतवंशी ऋषि सुनक को अपना नया नेता चुन लिया है. अब सुनक देश के नये प्रधानमंत्री हैं.
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भारतीय मूल के ब्रिटेन के पहले प्रधानमंत्री
इंग्लैंड के साउथैम्प्टन में जन्मे ऋषि सुनक ब्रिटेन के पहले भारतीय मूल के प्रधानमंत्री हैं. अपने चुनावी अभियान के दौरान उन्होंने इस बात को हाइलाइट किया था और बताया था कि वो भारतीय रेस्तरां में एक वेटर के तौर पर भी काम कर चुके हैं.
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ब्रिटेन के पहले हिंदू प्रधानमंत्री
ऋषि सुनक जब ब्रिटेन के वित्त मंत्री बनाए गए थे तो उन्होंने गीता पर हाथ रखकर शपथ ली थी. सुनक ने कहा था- "मैं अब ब्रिटेन का नागरिक हूं. लेकिन मेरा धर्म हिंदू है. मेरी धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत भारतीय है. मैं गर्व से कहता हूं कि मैं हिंदू हूं और मेरी पहचान भी हिंदू है."
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ब्रिटेन का नेतृत्व करने वाले पहले व्यक्ति जो गोरे नहीं हैं
ऋषि सुनक ब्रिटिश राजनीति में सबसे ऊंचे पद पर पहुंचने वाले पहले ऐसे नेता बन गये हैं जो गोरे नहीं हैं. वो ना सिर्फ पहले भारतवंशी बल्कि पहले एशियाई भी हैं.
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सदी के सबसे युवा पीएम
42 साल की उम्र में, वो ब्रिटेन की दो सदी के इतिहास में सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री होंगे. उनसे पहले विलियम पिट 'द यंगर' 24 साल की उम्र में ब्रिटेन के सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री थे.
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पीएम बनने वाले सबसे अमीर सांसद
इस साल, संडे टाइम्स रिच लिस्ट ने ऋषि सुनक और उनकी पत्नी अक्षता मूर्ति को यूके के सबसे धनी 250 लोगों की सूची में 222वां स्थान दिया. सुनक को हाउस ऑफ कॉमन्स में सबसे अमीर व्यक्ति कहा जाता है. सुनक और अक्षता की कुल संपत्ति 73 करोड़ पाउंड आंकी गई है.
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सुनक के दादा-दादी 1930 के दशक में पूर्वी अफ्रीका गए थे, जहां ऋषि सुनक के पिता का जन्म हुआ. 1960 के दशक में यह परिवार इंग्लैंड में जाकर बस गया. सुनक का जन्म 1980 में इंग्लैंड के पूर्वी तट पर साउथैम्प्टन में हुआ.
इस शहर में भी ऋषि सुनक के ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बनने को लेकर खासा उत्साह है. कई लोगों ने बातचीत के दौरान कहा कि ऋषि सुनक को एक बड़ा मौका मिला है, जबकि वह कश्मीर संकट के हल की कोशिश कर सकते हैं.
क्या कहते हैं गुजरांवाला के लोग?
गुजरांवाला अपने पहलवानों के लिए भी मशहूर रहा है. वहां के जानेमाने पहलवान उमर अली कहते हैं कि ऋषि सुनक का ब्रिटेन का प्रधानमंत्री पद पर पहुंचना खुशी की बात है. स्थानीय कॉलेज के प्रोफेसर खुर्रम शहजाद उम्मीद करते हैं कि सुनक ना सिर्फ ब्रिटेन और पाकिस्तान के रिश्तों की मजबूती के लिए काम करेंगे बल्कि भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में भी बेहतरी का एक नया युग शुरू करेंगे.
सुनक के दादा रामदास सुनक और दादी सुहाग रानी 1935 तक गुजरांवाला में रहे. हालांकि आज शहर के ज्यादातर लोगों को उस वक्त की कोई याद नहीं है, लेकिन वे ऋषि सुनक की जीत की खुशी महसूस कर रहे हैं. वे उम्मीद करते हैं कि सुनक के कार्यकाल में ब्रिटेन और पाकिस्तान के रिश्तों में सुधार होगा.
भारतीय मूल के नेता जो विश्व भर में छाए
अब तक कई भारतीय मूल के लोग दुनिया भर की सरकारों में तमाम अहम पद संभाल चुके हैं. अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा से लेकर मॉरीशस, फिजी, गुयाना जैसे देशों में भी भारतवंशी नेताओं का लंबा इतिहास रहा है.
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ऋषि सुनक
ऋषि सुनक ब्रिटेन के पहले प्रधानमंत्री बन रहे हैं जो भारतीय मूल के हैं. कंजरवेटिव पार्टी के सदस्य ऋषि सुनक फरवरी 2020 से ब्रिटिश कैबिनेट में वित्त मंत्री रहे हैं. इसके पहले वह ट्रेजरी के मुख्य सचिव थे. ऋषि सुनक 2015 में रिचमंड (यॉर्क) से संसद सदस्य के रूप में चुने गए थे. सुनक भारत की कंपनी इन्फोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति और लेखिका सुधा मूर्ति के दामाद हैं.
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कमला हैरिस
अमेरिका में नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनावों में डेमोक्रैट पार्टी की ओर से उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार चुनी गई हैं कमला हैरिस. वह डेमोक्रैट पार्टी की ओर से अमेरिकी कांग्रेस में पांच सीटों पर काबिज भारतीय मूल के सीनेटरों में से एक हैं. कमला हैरिस की मां का नाम श्यामला गोपालन है. किशोरावस्था तक कमला हैरिस अपनी छोटी बहन माया हैरिस के साथ अकसर तमिलनाडु के अपने ननिहाल में आया करती थीं.
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निक्की हेली
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की दूत रह चुकीं निक्की हेली का नाम बचपन में निमरता निक्की रंधावा था. 2016 में अमेरिका के राष्ट्रपति बने डॉनल्ड ट्रंप के प्रशासन में जगह पाने वाली वह भारतीय मूल की पहली राजनेता बनीं. इससे पहले वह दो बार साउथ कैरोलाइना की गवर्नर रह चुकी थीं. उनके पिता अजीत सिंह रंधावा और मां राजकौर रंधावा का संबंध पंजाब के अमृतसर जिले से है. शादी के बाद उन्होंने ईसाई धर्म अपना लिया.
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बॉबी जिंदल
भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक के रूप में सबसे पहले बॉबी जिंदल लुइजियाना के गवर्नर बने थे. इस तरह निक्की हेली अमेरिका में किसी राज्य की गवर्नर बनने वाली भारतीय मूल की दूसरी अमेरिकी नागरिक हुईं. जिंदल एक बार रिपब्लिकन पार्टी की ओर से अमेरिका के राष्ट्रपति पद के लिए दावेदारी भी पेश कर चुके हैं. उनके माता पिता भारत से अमेरिका जाकर बसे थे.
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प्रीति पटेल
ब्रिटेन की पहली भारतीय मूल की गृह मंत्री बनीं पटेल हिंदू गुजराती प्रवासियों के परिवार से आती हैं. माता-पिता पहले अफ्रीका के युगांडा जाकर बसे थे जहां उनका जन्म हुआ. 1970 के दशक में उनका परिवार ब्रिटेन आकर बसा. 2010 में कंजर्वेटिव पार्टी से चुनाव जीतकर ब्रिटिश संसद पहुंची प्रीति पटेल खुद बाहर से आकर देश में शरण लेने के इच्छुकों के प्रति काफी सख्त रवैया रखती हैं.
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अनीता आनंद
कनाडा की कैबिनेट में भारतीय मूल के लोगों की भरमार है. पब्लिक सर्विसेज एंड प्रोक्योरमेंट की केंद्रीय मंत्री अनीता इंदिरा आनंद कनाडा की कैबिनेट में शामिल होने वाली पहली हिंदू महिला हैं. इससे पहले वह टोरंटो विश्वविद्यालय में कानून की प्रोफेसर थीं. भारत से आने वाले इनके माता पिता मेडिकल पेशे से जुड़े रहे. मां स्वर्गीया सरोज राम अमृतसर से और पिता एसवी आनंद तमिलनाडु से आते हैं.
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नवदीप बैंस
ट्रूडो कैबिनेट में साइंस, इनोवेशन एंड इंडस्ट्री मंत्री नवदीप बैंस कनाडा के ओंटारियो प्रांत में जन्मे थे. सिख धर्म के मानने वाले इनके माता पिता भारत से वहां जाकर बसे थे. 2004 में केवल 26 साल की उम्र में उन्होंने अपना पहला चुनाव जीता और कनाडा की संसद में लिबरल पार्टी के सबसे युवा सांसद बने. अपने राजनीतिक करियर में बैंस ने हमेशा इनोवेशन को ज्यादा से ज्यादा बढ़ावा देने की दिशा में काम किया है.
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हरजीत सज्जन
भारत के पंजाब के होशियारपुर में जन्मे हरजीत सज्जन इस समय कनाडा के रक्षा मंत्री हैं. कनाडा की सेना में लेफ्टिनेंट-कर्नल के रूप में सेवा दे चुके सज्जन इससे पहले 11 सालों तक पुलिस विभाग में भी काम कर चुके हैं. पंजाब में ही जन्मे नेता हरबंस सिंह धालीवाल 1997 में कनाडा की केंद्रीय कैबिनेट के सदस्य बनने वाले पहले भारतीय-कनाडाई थे.
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महेन्द्र चौधरी
दक्षिणी प्रशांत महासागर क्षेत्र में बसे द्वीपीय देश फिजी में भारतीय मूल के लोग ना केवल सांसद या मंत्री बल्कि देश के प्रधानमंत्री तक बने हैं. यहां की 38 फीसदी आबादी भारतीय मूल की ही है. लेबर पार्टी के नेता चौधरी को 1999 में देश का प्रधानमंत्री चुना गया. लेकिन एक साल के बाद ही एक सैन्य तख्तापलट से सरकार गिर गई. एक बार फिर 2006 के संसदीय चुनाव जीत कर वह वित्त मंत्री बने.
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लियो वरादकर
2017 में आयरलैंड के सबसे युवा प्रधानमंत्री बने लियो वरादकर कंजरवेटिव फिन गेल पार्टी से आते हैं. डब्लिन में पैदा हुए और पेशे से डॉक्टर वरादकर 2007 में पहली बार सांसद बने. 2015 में समलैंगिक विवाह पर आयरलैंड में हुए जनमत संग्रह के दौरान उन्होंने सार्वजनिक तौर पर घोषित किया कि वे खुद समलैंगिक हैं. उनके पिता अशोक मुंबई से आए एक डॉक्टर थे और आयरलैंड में मिरियम नाम की एक नर्स के साथ शादी कर वहीं बस गए.
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एंतोनियो कॉस्ता
पुर्तगाल के प्रधानमंत्री एंतोनियो कॉस्ता भारत में गोवा से ताल्लुक रखते हैं. 2017 में वह प्रवासी भारतीय सम्मान से नवाजे गए थे. खुद सोशलिस्ट विचारधारा के समर्थन कॉस्ता ज्यादा से ज्यादा प्रवासियों के अपने देश में आने का स्वागत करते हैं. पहले उनके पिता गोआ से मोजाम्बिक गए और फिर उनका परिवार पुर्तगाल में बसा.
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शहर के अधिकारी बताते हैं कि आजादी से पहले के ज्यादा दस्तावेज उपलब्ध नहीं हैं क्योंकि 1947 के बंटवारे के वक्त हुई सांप्रदायिक हिंसा में अधिकतर रिकॉर्ड नष्ट हो गए थे. इसलिए इस बात का कोई सबूत उपलब्ध नहीं है कि रामदास सुनक गुजरांवाला में कहां रहते थे. बहुत से लोगों का मानना है कि वे मछली बाजार में रहते थे, जहां कभी शहर की अधिकतर हिंदू आबादी रहा करती थी.
मछली बाजार में अब भी एक हिंदू मंदिर के खंडहर मौजूद हैं, जो इस बात की गवाही देते हैं कि कभी इस जगह पर हिंदू लोग भी बसते थे. मछली बाजार और उसके आसपास के इलाके खाने-पीने की दुकानों के लिए मशहूर हैं. दुनियाभर से वहां पर्यटक बढ़िया खाने की तलाश में आते हैं. यहां मिलने वाली चीजों में फिश फ्राई काफी चर्चित है.
मछली बाजार में लंबे समय से रह रहे हाफिज उमर कहते हैं, कि सुनक का ब्रिटेन में प्रधानमंत्री बनना उनके शहर के लिए भी गौरव की बात है. उन्होंने कहा, "हम उम्मीद कर रहे हैं कि आने वाले दिनों में पाकिस्तान और ब्रिटेन के कूटनीतिक रिश्ते सुधरेंगे.”
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कश्मीर पर उम्मीद
वैसे, सुनक ने कश्मीर के मुद्दे पर कभी कुछ विशेष नहीं बोला है. प्रधानमंत्री पद के लिए उनका चुनाव जिन हालात में हुआ है, उसमें देश की राजनीतिक स्थिरता और आर्थिक विकास पर बात ज्यादा हो रही है. लेकिन पंजाब में लोग उनसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भूमिका निभाने की उम्मीद कर रहे हैं.
पंजाब सरकार के प्रवक्ता मुसर्रत जमशेद चीमा ने कहा, "ऐसा लगता है कि ऋषि सुनक की प्राथमिकता घरेलू आर्थिक चुनौतियों को हल करना होगी लेकिन हम उम्मीद करते हैं कि वह कश्मीर का मुद्दा हल करने की भी कोशिश करेंगे, जो भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद की मुख्य वजह है.”
सुनक के प्रधानमंत्री बनने पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने ट्विटर पर उन्हें बधाई दी. पंजाब के मुख्यमंत्री रह चुके शरीफ ने ट्विटर पर लिखा, "ऋषि सुनक को कंजर्वेटिव पार्टी का नेता और यूके का अगला प्रधानमंत्री चुने जाने पर बधाई. साझा हितों को आगे बढ़ाने और साझेदारी को गहरा करने को लेकर मैं उनके साथ काम करने को लेकर उत्सुक हूं.”
सुनक अपनी हिंदू पहचान को लेकर काफी मुखर रहे हैं. वह मंदिरों में पूजा करते और गायों को खाना खिलाते नजर आते रहे हैं. शायद यही वजह है कि भारत में उनके ब्रिटिश प्रधानमंत्री बनने पर जश्न का माहौल रहा. लोगों ने अपनी भावनाएं ऐसे जाहिर की, जैसे उन्हीं के बीच में से कोई अपना ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बना हो. दिल्ली के एक उद्योगपति मनोज गर्ग ने कहा, "यह भारत के लिए गर्व की बात है कि जिस देश ने हम पर सदियों तक राज किया, आज वहां का प्रधानमंत्री भारतीय मूल का है.