चीन में माता-पिता बच्चों के वीडियो गेम खेलने को लेकर बनाए गए नियम से खुश हैं. नए नियम इसी महीने से लागू हुए हैं. चीन ने कंपनियों के लिए भी गेम को लेकर कड़े निर्देश जारी किए हैं.
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ली झांगुओ के दो बच्चे हैं. एक चार साल का और दूसरा आठ साल का, उनके पास खुद का स्मार्टफोन नहीं है लेकिन लाखों चीनी बच्चों की तरह वे ऑनलाइन गेमिंग से वाकिफ हैं. ली कहते हैं, "अगर मेरे बच्चे हमारे मोबाइल फोन या आईपैड लेते हैं और अगर हम उनके स्क्रीन टाइम की बारीकी से निगरानी नहीं करते हैं, तो वे तीन से चार घंटे तक ऑनलाइन गेम खेल सकते हैं." ली कहते हैं अब वे ऐसा नहीं कर पाते हैं.
कई अन्य माता-पिता की तरह ली चीनी सरकार की नई नीति से खुश हैं, जिसके तहत बच्चे शुक्रवार, शनिवार और रविवार को रोज सिर्फ एक घंटा ऑनलाइन गेम खेल पाएंगे.
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गेमिंग को लेकर सख्त किए गए नियम
नेशनल प्रेस एंड पब्लिकेशन एडमिनिस्ट्रेशन (एनपीपीए) ने पिछले महीने एक अधिसूचना में कहा था कि बच्चे शुक्रवार शाम से लेकर शनिवार और रविवार की देर शाम 8 बजे से रात 9 बजे के बीच ऑनलाइन गेम खेल सकते हैं.
चीन के 2019 के कानून के मुताबिक बच्चे सप्ताह के आम दिनों में 90 मिनट से अधिक ऑनलाइन गेम नहीं खेल सकेंगे लेकिन अब नियम और कड़े कर दिए गए हैं.
विशेषज्ञों का कहना है कि यह स्पष्ट नहीं है कि क्या ऐसी नीतियां बच्चों को ऑनलाइन गेमिंग की लत से रोकने में मदद कर सकती हैं. क्योंकि बच्चे इसके बजाय सोशल मीडिया में लीन हो सकते हैं. वे कहते हैं कि यह माता-पिता पर निर्भर है कि वे अपने बच्चों को अच्छी आदतें कैसे सिखाएं.
देश में वीडियो गेम की निगरानी करने वाले नियामक के नए दिशा-निर्देशों के मुताबिक सार्वजनिक छुट्टी वाले दिन बच्चे तय समय पर एक घंटा गेम खेल सकते हैं. इससे पहले 18 साल तक के बच्चों को प्रतिदिन 90 मिनट वीडियो गेम खेलने की इजाजत थी. चीन की कम्युनिस्ट सरकार अपने युवाओं पर गेमिंग के नकारात्मक प्रभाव से लेकर बुरी आदतों, और आंखों पर पड़ने वाले असर को लेकर चिंतित है.
प्रेस एंड पब्लिकेशन्स एडमिनिस्ट्रेशन ने एक बयान में कहा, "नवयुवक मातृभूमि का भविष्य हैं और नाबालिगों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य की सुरक्षा का जनता के हितों से संबंध है. इससे राष्ट्रीय पुनर्जीवन के प्रति नए लोगों में रूचि जगाने में भी मदद मिलती है."
देखें: सबसे ज्यादा वीडियो गेम खेलने वाले देश
सबसे ज्यादा वीडियो गेम खेलने वाले देश
वीडियो गेमिंग का नया बाजार एशिया में है. 2021 में वीडियो गेमिंग से 154.6 अरब डॉलर का रेवेन्यू आने का अनुमान है. स्टैटिस्टा के मुताबिक ये होंगे 10 सबसे बड़े बाजार...
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वीडियो गेमिंग के सबसे बड़े बाजार
वीडियो गेमिंग के मामले में भारत का नंबर सातवां हैं. और ये हैं टॉप 10 देश.
इस साल चीन वीडियो गेमिंग का सबसे बड़ा बाजार रहने वाला है. वहां से 49.3 अरब डॉलर यानी लगभग 3,653 अरब रुपये की आमदनी होगी. 2025 तक यह बढ़कर 71.2 अरब डॉलर यानी लगभग 5,283 अरब रुपये हो सकता है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/Zhejiang Daily
अमेरिका
अमेरिका में 2021 में वीडियो गेमिंग से 30.4 अरब डॉलर का रेवेन्यू पैदा होगा जो 2025 तक बढ़कर 42.5 अरब डॉलर हो जाएगा.
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जापान
जापान में 18.2 अरब डॉलर की आय 2021 में होगी जो पांच साल में 24 अरब डॉलर तक पहुंच सकती है.
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दक्षिण कोरिया
2021 में वीडियो गेमिंग से 6.2 अरब डॉलर कमाई का अनुमान है जो 2025 तक बढ़कर 8.7 अरब डॉलर हो जाएगी.
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युनाइटेड किंग्डम
यूरोप में वीडियो गेमिंग का सबसे बड़ा बाजार ब्रिटेन है, जहां इस साल 6.1 अरब डॉलर की आमदनी का अनुमान है. 2025 तक यह आमदनी बढ़कर 8.6 अरब डॉलर तक पहुंच सकती है.
तस्वीर: Getty Images/P. Summers
भारत
वीडियो गेमिंग की भारत में पहुंच लगातार बढ़ रही है. इस साल इससे 5.2 अरब डॉलर की आमदनी का अनुमान है जो 2025 में ब्रिटेन के बराबर यानी 8.6 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगी.
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फ्रांस
2.7 अरब डॉलर के रेवेन्यु के अनुमान के साथ फ्रांस इस साल दस सबसे बड़े बाजारों में बना रहेगा. 2025 तक यह आंकड़ा बढ़कर 3.8 तक पहुंच सकता है.
रूस में भी इस साल की आमदनी फ्रांस जितनी, यानी 2.7 अरब डॉलर रहने का अनुमान है. लेकिन इसकी बढ़त धीमी है और 2025 तक यह 3.6 अरब डॉलर तक ही पहुंच पाएगी.
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जर्मनी
जर्मनी में इस साल 2.7 अरब डॉलर का रेवेन्यू होने का अनुमान है जो 2025 तक बढ़कर 3.5 अरब डॉलर हो सकता है.
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मेक्सिको
2.3 अरब डॉलर की आदमनी के अनुमान के साथ इस साल मेक्सिको वीडियो गेमिंग का दसवां सबसे बड़ा बाजार होगा. 2025 में यह बढ़कर 3.4 अरब डॉलर तक जा सकता है.
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ऑनलाइन गेमिंग का चस्का
2018 में सरकारी रिपोर्टों में अनुमान लगाया गया था कि 10 में से एक चीनी नाबालिग इंटरनेट गेमिंग का आदी था. ऐसी समस्याओं के निदान और उपचार के लिए अब चीन में केंद्र खुल गए हैं.
गेमिंग कंपनियों ने बच्चों को समय से अधिक गेम खेलने से रोकने के लिए वास्तविक नाम रजिस्ट्रेशन और फेशियल रिकॉग्निशन तकनीक को अपनाना शुरू कर दिया है. कुछ मामलों में कंपनियां गेम खेलने वाले बच्चों की पहचान के लिए इस तकनीक का छिटपुट तरीके से इस्तेमाल करेगी और ज्यादा समय खेलने वालों को गेम से बाहर कर देगी. नियम में गेमिंग कंपनियों से हिंसक सामग्री पर भी नियंत्रण करने को कहा गया है.
9 साल के बच्चे की मां लियो यंबीन कहती हैं, "कई माता-पिता अपने बच्चों की खराब पढ़ाई के लिए गेमिंग को जिम्मेदार मानते हैं लेकिन मैं इससे असहमत हूं. जब तक बच्चे पढ़ना नहीं चाहेंगे वे खेलने के लिए बहाना निकाल ही लेंगे. गेम पर रोक लगाई जा सकती है लेकिन अब शॉर्ट वीडियो ऐप्स हैं, सोशल मीडिया, टीवी ड्रामा भी है."
बीजिंग में किशोर मनोवैज्ञानिक ताओ रान के मुताबिक, "कुछ नाबालिग बहुत होशियार होते हैं, अगर आपके पास ऐसा करने के लिए एक प्रणाली है जो उन्हें गेमिंग से प्रतिबंधित करें तो वे सिस्टम को हराने की कोशिश करेंगे. वे अपने बड़े रिश्तेदारों के पहचान पत्र लेकर गेम खेल सकते हैं और फेशियल रिकॉग्निशन तकनीक का भी उपाय निकाल लेंगे."
एए/सीके (एपी)
कहां हैं सबसे ज्यादा स्मार्टफोन यूजर
क्या आपको पता है, किस देश में दुनिया के सबसे ज्यादा लोगों के पास स्मार्टफोन हैं? जानिए स्टैटिस्टा वेबसाइट पर दिए मई 2021 तक के आंकड़ों के मुताबिक सबसे ज्यादा स्मार्ट फोन यूजर्स वाले देशों के बारे में.
तस्वीर: Rupak De Chowdhuri/Reuters
चीन
91.192 करोड़, यानी कुल आबादी का लगभग 65.23 प्रतिशत. ध्यान रहे कि सभी आंकड़े एक अनुमान हैं.