माता-पिता ने साक्षी मलिक से कहा था, शिकायत मत करो
२३ जुलाई २०२४पेरिस ओलंपिक 2024 से ऐन पहले स्पोर्ट्स एंड राइट्स अलायंस' (एसआरए) ने एक प्रेस ब्रीफिंग में यह रिपोर्ट जारी कर भारत सरकार से मांग की कि अगर वह 2036 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलों की मेजबानी करना चाहती है, तो उसे पहले अपने खिलाड़ियों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए. इस मौके पर कुश्ती से संन्यास ले चुकीं भारतीय खिलाड़ी साक्षी मलिक भी मौजूद थीं.
रिपोर्ट में खिलाड़ियों, कोचों और अन्य सूत्रों के हवाले से आरोप लगाया गया है कि बृजभूषण सिंह ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष के तौर पर 12 साल के अपने कार्यकाल का इस्तेमाल "उत्पीड़न करने, धमकाने, करीबी मेलजोल और महिला खिलाड़ियों को सजा देने में किया."
एसआरए ने अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) से यह सुनिश्चित कराने की मांग की है कि मामले की स्वतंत्र जांच हो. ऐसे मामलों की शिकायत से जुड़ी प्रक्रिया में बदलाव करने की भी मांग की गई है, ताकि शोषण और उत्पीड़न से प्रभावित खिलाड़ी बिना किसी डर के मामला रिपोर्ट कर सकें और किसी भी तरह की शारीरिक, यौन या भावनात्मक उत्पीड़न की शिकायत कर सकें.
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साक्षी मलिक ने क्या कहा?
इस मौके पर साक्षी मलिक ने अपने साथ हुए कथित यौन उत्पीड़न पर बात की और खेल से संन्यास लेने पर कहा, "जिस चीज से मुझे इतना प्यार था, उससे बिल्कुल ही दूर कर दिया गया है." कुश्ती महासंघ की लीडरशिप में आने की संभावनाओं पर उन्होंने बताया कि यह विकल्प खुला है और वह नेतृत्व की भूमिका में आकर चीजें बेहतर करना चाहेंगी.
डीडब्ल्यू हिंदी के एक सवाल कि क्या वह कुश्ती में वापस लौटेंगी, साक्षी मलिक ने कहा, "मेरे लिए रेसलिंग छोड़ने का फैसला आसान नहीं था. एक साल तक मैंने लड़ाई लड़ी. मेरे कुश्ती छोड़ने का एक कारण यह था कि इतने दिन प्रोटेस्ट करने के बाद, 40 दिन सड़क पर रहने के बाद अगर 'उसी' (बृजभूषण) का आदमी प्रेसिडेंट बन जाए, तो मेरे रहने का कोई फायदा नहीं."
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उन्होंने आगे कहा, "मेरा रेसलिंग में लौटने का कोई इरादा नहीं है क्योंकि इतनी फाइट के बाद भी उसी का आदमी फेडरेशन में बैठा है. मैं लड़कियों को बताती रहूंगी कि हमने देर की बोलने में, लेकिन आप देर मत करना. रेसलिंग से भले ही मुझे दूर कर दिया गया, लेकिन मैं बाहर से हमेशा आवाज उठाती रहूंगी."
एसआरए ने अपनी जांच रिपोर्ट में क्या बताया?
एसआरए ने अपनी जांच रिपोर्ट में कहा, "भारत के राष्ट्रीय खेल प्रबंधन संस्थान महिला खिलाड़ियों को दुर्व्यवहार से सुरक्षा देने और अब्यूज की शिकायतों पर पर्याप्त कदम उठाने में नाकाम रहे हैं." रिपोर्ट में साक्षी मलिक के हवाले से बताया गया है, "मैंने अपने एक सीनियर और अपने माता-पिता को भी बताया था, जब करियर के शुरुआती दौर में मेरा उत्पीड़न किया गया."
साक्षी आगे बताती हैं, "मेरे माता-पिता को लगा कि इसके बारे में बोलने पर मेरा करियर खत्म हो जाएगा और उन्होंने मुझे शिकायत ना करने की सलाह दी. काश मुझे तब किसी स्वतंत्र संस्था के बारे में पता होता, जहां घटना होने पर आप शिकायत कर सकते हैं. खिलाड़ियों को उत्पीड़न की शिकायत करते हुए सुरक्षित महसूस हो, यह सुनिश्चित किया जाना बहुत अहम है."
2036 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक्स और पैरालंपिक खेलों की मेजबानी के लिए भारत ने दावा रखा है. 2030 में मुंबई में समर यूथ ओलंपिक्स का आयोजन होना है. एसआरए ने कहा कि इस अंतरराष्ट्रीय आयोजन के संदर्भ में संबंधित पक्षों की जिम्मेदारी और अहम हो जाती है, "भारत सरकार को तत्काल बृजभूषण सिंह और खेलों में शोषण से जुड़े अन्य मामलों पर कदम उठाना चाहिए."
रिपोर्ट में आगे कहा गया है, "आईओसी को सुनिश्चित करना चाहिए कि भारत की ओर से की गई कोई भी दावेदारी, मानवाधिकारों में सार्थक सुधारों पर निर्भर करे. इनमें गवर्नेंस में सुधार, लीडरशिप में महिलाओं की मौजूदगी और देश के खिलाड़ियों की बोलने की आजादी शामिल हैं. 2036 के ग्रीष्मकालीन खेलों की मेजबानी से जुड़ी अपनी दावेदारी में सफल होने के लिए भारत सरकार को पहले यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उसके खिलाड़ी सुरक्षित हैं."
उत्पीड़न, शोषण, सेक्सटॉर्शन के आरोप
एसआरए ने इस रिपोर्ट के लिए कई खिलाड़ियों से बात की. इसमें से एक खिलाड़ी ने आरोप लगाया कि भारत से बाहर हुए एक कुश्ती मुकाबले में मेडल जीतने के बाद बृजभूषण ने कथित तौर पर उन्हें कमरे में बुलाया. घटना के समय 20 साल की रही इस खिलाड़ी के मुताबिक, "मैंने सोचा वह बधाई देने के लिए बुला रहे हैं. वहां उन्होंने मुझे उस बिस्तर की ओर बुलाया, जिसपर वह बैठे थे. फिर एकाएक उन्होंने बिना मेरी सहमति के जबरन मुझे गले से लगा लिया." खिलाड़ी ने आरोप लगाया है कि उसी साल (बृजभूषण) सिंह ने 'यौन संबंधों' के बदले पौष्टिक सप्लिमेंट्स देने की पेशकश की. एसआरए ने इसे "सेक्सटॉर्शन" कहा है.
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इसी तरह 21 साल की एक खिलाड़ी ने बताया, "उनका एकमात्र मकसद मुझे गलत तरीके से छूना था." एक 29 साल की खिलाड़ी ने एक फोटो खींचे जाने के मौके से जुड़ी घटना यूं बताई, "मैं इंतजार कर रही थी कि बाकी खिलाड़ी अपनी जगहों पर खड़े हो जाएं कि तभी (बृजभूषण) सिंह आए और मेरे बगल में खड़े हो गए. एकाएक मैंने अपने पीछे के हिस्से पर एक हाथ महसूस किया." रिपोर्ट के मुताबिक, जब इस खिलाड़ी ने पीछे मुड़कर देखा, तो वह हाथ कथित तौर पर बृजभूषण सिंह का था.
2023 की रिपोर्ट में भी उठाया था यह मुद्दा
एसआरए, दुनिया के कई गैर-सरकारी समूहों और मजदूर यूनियनों का अंतरराष्ट्रीय संगठन है. यह खेल जगत में मानवाधिकारों के पालन और इसे भ्रष्टाचार विरोधी बनाने की दिशा में काम करता है. पिछले साल भी इस संगठन ने ह्युमन राइट्स वॉच और ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल के साथ मिलकर भारतीय कुश्ती खिलाड़ियों के प्रति समर्थन जताया था. 2023 की अपनी सालाना रिपोर्ट में भी एसआरए ने भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता बृजभूषण शरण सिंह पर महिला खिलाड़ियों द्वारा लगाए गए आरोपों को जगह दी.
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अलायंस ने तब भी आईओसी से अपील की थी कि वह अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर यह सुनिश्चित करे कि महिला खिलाड़ियों द्वारा लगाए गए उत्पीड़न के आरोपों की निष्पक्ष जांच हो और पीड़ितों व विसलब्लोअरों को सुरक्षा दी जाए. इस मामले में 30 मई 2023 को आईओसी ने एक बयान जारी किया था. इसमें "भारतीय कानूनों के मुताबिक निष्पक्ष जांच" की मांग की गई.
जांच प्रक्रिया पर सवाल
एसआरए पहले भी इस केस की जांच से असंतुष्टि जता चुका है. अलायंस की संयोजक जोआना मारेयाउं ने आलोचना करते हुए कहा था, "भारतीय अधिकारी भले ही महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों की रक्षा करने का मजबूती से दावा करते हों, लेकिन जब देश के बड़े खिलाड़ियों की ओर से इस दावे की जांच का समय आया, तो प्रशासन ने पीड़ितों पर ही दोष लगाने और उंगली उठाने का रास्ता चुना."
उन्होंने महिला पहलवानों के प्रति समर्थन जताते हुए कहा, "चुप्पी तोड़ने और यौन शोषण का मामला सामने रखने के लिए बहुत हिम्मत चाहिए होती है. हम खिलाड़ियों के साथ हैं और आईओसी से उन्हें सुरक्षा देने की अपील करते हैं, खासतौर पर ताकत के इस बेहद असमान असंतुलन की स्थिति में." मारेयाउं खुद भी तैराक हैं और ब्राजील का प्रतिनिधित्व करते हुए चार ओलंपिक्स में हिस्सा ले चुकी हैं.
अभी कहां है मामला?
दिसंबर 2023 में बृजभूषण सिंह के करीबी माने जाने वाले संजय सिंह नए अध्यक्ष चुन लिए गए. इसके विरोध में साक्षी मलिक ने कुश्ती छोड़ने की घोषणा की. बजरंग पूनिया ने अपना पद्म श्री सम्मान लौटा दिया. इसी साल मई में दिल्ली की एक अदालत ने बृज भूषण सिंह पर यौन उत्पीड़न से जुड़े आरोप तय करने का आदेश दिया.
बृजभूषण के बेटे को टिकट, साक्षी ने कहा देश की बेटियां हार गईं
डब्ल्यूएफआई के पूर्व सहायक सचिव विनोद तोमर को सह-आरोपी बनाया गया है. इस केस के कारण कैसरगंज से सांसद रहे बृजभूषण सिंह को 2024 के लोकसभा चुनाव में खुद तो टिकट नहीं मिला, लेकिन उनके बेटे करण भूषण सिंह को बीजेपी ने टिकट दिया और वह जीते भी.
पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत की रेसलिंग टीम
विनेश फोगाट ओलंपिक में भारत की रेसलिंग टीम का नेतृत्व कर रही हैं. वह 50 किलो की श्रेणी में हिस्सा लेंगी. इससे पहले टोक्यो ओलंपिक्स में वह 53 किलो की श्रेणी में और 2016 के रियो ओलंपिक में 48 किलो की श्रेणी में थीं. भारत की ओर से भेजे गए छह सदस्यों की टीम में उनके अलावा अंतिम पंघाल, अंशु मलिक, निशा, रीतिका हुड्डा, अमन शेहरावत हैं.
विनेश फोगट का यह तीसरा ओलंपिक मुकाबला है. वह अच्छे फॉर्म में हैं. अभी 6 जुलाई को उन्होंने स्पेन के ग्रॉं प्री में महिलाओं के 50 किलो मुकाबले में जीत हासिल की. उन्होंने मैड्रिड में ही ओलंपिक खेलों के लिए प्रशिक्षण भी लिया.