अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने पेंटागन को युद्ध अभियानों में नागरिकों की मौत की संख्या को कम करने के लिए एक "कार्य योजना" विकसित करने का आदेश दिया है.
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लॉयड ऑस्टिन ने दर्जनों नागरिकों के खिलाफ अमेरिकी सेना के बल प्रयोग की वैश्विक आलोचना के मद्देनजर गुरुवार को पेंटागन को सेना में सुधार करने का आदेश दिया और नागरिकों हताहतों से बचने को कहा है. ऑस्टिन ने पेंटागन के अधिकारियों को सैन्य अभियानों में नागरिक हताहतों को कम करने और अनुचित अभियानों से बचने के लिए एक योजना विकसित करने के लिए 90 दिनों का समय दिया है. उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान और इराक के अनुभवों से सीखने और संस्थागत तरीके से नागरिक हताहतों को कम करने के लिए सुधारों की जरूरत है.
ऑस्टिन के मुताबिक, "नागरिकों की सुरक्षा मूल रूप से अमेरिकी राष्ट्रीय हितों में प्रभावी, कुशल और निर्णायक उपयोग के अनुरूप है." अमेरिकी रक्षा मंत्री ने उन घटनाओं की एक श्रृंखला के बाद आदेश जारी किया है जिसमें अमेरिकी सैनिकों द्वारा नागरिकों को अनावश्यक रूप से मारने के लिए अमेरिका की तीखी आलोचना की गई थी.
पिछले साल अगस्त में अफगानिस्तान में ड्रोन हमले में सात बच्चों समेत कम से कम 10 नागरिक मारे गए थे. इसी तरह से मार्च 2019 में इराक में आईएसआईएस के खिलाफ युद्ध के अंतिम दिनों में अमेरिकी सैन्य बमबारी में लगभग 70 नागरिक मारे गए थे. न्यूयॉर्क टाइम्स में खबर छपने के बाद पेंटागन की तीखी आलोचना हुई थी.
अफगान शरणार्थियों का स्वागत करता एक छोटा सा शहर
तालिबान के चंगुल से खुद को बचाकर काबुल से भागा एक परिवार अमेरिका के केंटकी राज्य के एक छोटे से शहर में आ पहुंचा है. देखिए कैसे ये शरणार्थी और यह शहर एक दूसरे को समझने की कोशिश कर रहे हैं.
तस्वीर: Amira Karaoud/Reuters
काबुल से केंटकी तक
बोलिंग ग्रीन नाम का यह शहर शरणाथियों को पनाह देने के लिए जाना जाता है. काबुल से आया जदरान परिवार को इंटरनैशनल सेंटर नाम की स्थानीय पुनर्वास संस्था की मदद से यहां एक घर मिल गया है और बच्चों को एक स्कूल में दाखिला भी.
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कभी नेता, अब शरणार्थी
41 साल के वजीर खान जदरान अफगानिस्तान में एक कबायली नेता थे जिन्होंने तालिबान के हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी. वो बताते हैं कि अगस्त 2020 में अमेरिकियों ने उन्हें और उनके परिवार को एक चिनूक हेलीकॉप्टर में बिठा कर काबुल हवाई अड्डे तक पहुंचाया, जहां से वो अफगानिस्तान छोड़ सके.
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बाहें फैलाने वाला शहर
जदरान और उनकी पत्नी नूरीना का बोलिंग ग्रीन में स्वागत हुआ है. इस शहर ने पिछले चार दशकों में कई शरणार्थियों को पनाह दी है. सबसे पहले 1980 के दशकों में कंबोडिया से शरणार्थी आए, फिर 90 के दशकों में बॉस्निया से. बाद में इराक, म्यांमार, रवांडा और फिर कॉन्गो जैसी जगहों से लोगों ने यहां बस कर मात्र 72,000 की आबादी के इस शहर को विविधताओं से भर दिया और आर्थिक रूप से संपन्न बना दिया.
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स्थानीय लोगों से मिली मदद
जदरान यहां खुश हैं. उनके छह बच्चे यहां स्कूल जा रहे हैं, अंग्रेजी में गाने सीख रहे हैं, लाइब्रेरी से किताबें उधार ले रहे हैं और उन्होंने सैंटा क्लॉस को चिट्ठियां भी लिखी हैं. जदरान कहते हैं, "हम बोलिंग ग्रीन में बहुत खुश हैं. स्थानीय लोग हमारी मदद कर रहे हैं और यहां की संस्कृति से हमारा परिचय करा रहे हैं."
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घुलते-मिलते बच्चे
सुपरमैन की पोशाक पहने छह साल के सनाउल्ला खान जदरान, चार साल की जहरा जदरान और 13 साल के समीउल्ला खान जदरान खेल रहे हैं. यह वियतनाम युद्ध के बाद अमेरिकी सरकार का सबसे बड़ा शरणार्थी निकास कार्यक्रम है. इसके तहत अमेरिका में 75,000 लोगों को बसाया जाना है. उम्मीद है कि अकेले बोलिंग ग्रीन में ही 2022 में 350 अफगान आएंगे.
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अमेरिका से हो रहा परिचय
परिवार अमेरिका में रहने के तौर तरीके सीख रहा है, जैसे गाड़ी चलाना, क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करना जैसी चीजें. इसके अलावा जब बवंडर आए तो क्या करना है, वो भी. दिसंबर में केंटकी में जो बवंडर आए थे उन्होंने इस परिवार की सुरक्षा के एहसास को एक झटका दिया. जदरान कहते हैं, "हमने पहले कभी इस तरह का तूफान नहीं देखा था...हमें लगा जैसे हम फिर किसी युद्ध में जा रहे हों. लेकिन अल्लाह ने हमें बचा लिया."
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सुरक्षा का एहसास
बवंडरों को हटा दें, तो जदरान परिवार सुरक्षित है और खुशकिस्मत है कि उसे स्वागत करने वाले लोगों के बीच बगीचे वाला एक घर मिल गया है. बोलिंग ग्रीन के नए निवासियों के लिए यहां कई नौकरियां भी हैं. यह कृषि और औद्योगिक गतिविधियों का एक केंद्र है जिसे शायद सबसे ज्यादा जाना जाता है जनरल मोटर्स कंपनी के असेंबली प्लांट के लिए जहां उसकी लोकप्रिय कोरवेट स्पोर्ट्स कार बनती है.
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ताकि अपनी पहचान भी बाकी रहे
बोलिंग ग्रीन शरणार्थियों को अपनी पहचान बरकरार रखने की भी इजाजत देता है. यहां सब अपना अपना धर्म भी मान सकते हैं और एक पारिवारिक जीवन जी सकते हैं.
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एक नई संस्कृति
जदरान परिवार में बच्चे तेजी से यहां की नई संस्कृति में ढल रहे हैं. सबसे बड़ी 15 साल की जुलेखा अपने भाई बहनों को अंग्रेजी गाना "व्हाट आर यू थैंकफुल फॉर" सीखा रही हैं. बच्चे अपने ही प्रदर्शन पर तालियां बजाते हैं और "हो गया!" कहती हुई सुलेखा के चेहरे पर एक बड़ी सी मुस्कुराहट खिल जाती है. (केविन मर्टेन्स, रॉयटर्स से जानकारी के साथ)
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अमेरिकी थिंक टैंक ने भी की आलोचना
इससे पहले पेंटागन ने इस मुद्दे पर अपने प्रस्ताव पेश करने के लिए एक थिंक टैंक, रैंड कॉर्पोरेशन को नियुक्त किया था. रिपोर्ट में प्रक्रियाओं की एक निंदात्मक तस्वीर पेश की गई. रिपोर्ट में कहा गया है कि हमले की योजना बनाते समय अमेरिकी सेना दुश्मन पर बहुत ज्यादा ध्यान देती है, जो नागरिकों को पूरी तरह से नजरअंदाज कर देती है. रिपोर्ट में कहा गया कि इस समस्या से बचा जा सकता है.
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रैंड कॉर्पोरेशन की रिपोर्ट में कहा गया है कि नागरिक हताहतों पर सेना की अपनी आंतरिक रिपोर्टिंग अविश्वसनीय और अधूरी हो सकती है. नागरिक हताहतों पर काम करने वाले अधिकारियों को अक्सर अपर्याप्त प्रशिक्षण और समर्थन का सामना करना पड़ता है. थिंक टैंक ने कहा कि अमेरिकी सेना को हवाई हमलों से नागरिक समाज को हुए नुकसान के बारे में व्यापक दृष्टिकोण रखने की जरूरत है. जिसमें न केवल हताहतों की संख्या बल्कि अन्य नागरिक बुनियादी ढांचे को भी नुकसान कम होना चाहिए, जो समुदायों और शहरों को चलाने के लिए आवश्यक हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है कि नागरिक हताहतों में अन्य कमियों के अलावा पेंटागन ने जांच के निष्कर्षों को अधिक व्यापक रूप से सार्वजनिक न करके गलतियों को दोहराने से बचने की अपनी क्षमता को कम कर दिया. यहां तक कि घटना में शामिल लोगों ने भी अक्सर इन जांचों के नतीजे नहीं देखे, इसलिए वे घटनाओं से सीख नहीं ले सके.
मानवाधिकार समूह अमेरिकन सिविल लिबर्टीज यूनियन ने ऑस्टिन के इस कदम का स्वागत किया लेकिन सवाल किया कि क्या यह पर्याप्त है.
अपनी रिपोर्ट में रैंड कॉर्पोरेशन ने सिफारिश की कि अमेरिकी हमलों में मारे गए लोगों के परिवारों को दिए गए "मुआवजे" पर पुनर्विचार किया जाए. रिपोर्ट में कहा गया है कि कोई समान भुगतान नीति नहीं है प्रत्येक फील्ड कमांडर अपने विवेक पर निर्णय लेता है. कुछ पीड़ितों को भुगतान किया जाता है और कुछ को नहीं. रैंड का कहना है कि ऐसे मामले अफगानिस्तान में आम हैं.
एए/सीके (एएफपी, एपी)
बाइडेन के पहले साल पर क्या कहते हैं नंबर
वैक्सीन लगाने से लेकर कुछ और चीजों के हिसाब से अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन अपने कार्यकाल के पहले साल को कामयाबियों का साल कह सकते हैं. नंबरों की नजर से देखें तो इन्हीं कामयाबियों में सरकार की नाकामियां भी दिखती हैं.
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63.5 प्रतिशत वैक्सीनेशन
अमेरिका के ज्यादातर लोगों को वैक्सीन लग गई लेकिन वैक्सीनेशन दर के मामले में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कंबोडिया, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, नॉर्वे, सऊदी अरब, दक्षिण कोरिया, स्विट्जरलैंड और यूनाइटेड किंगडम अमेरिका से आगे हैं.
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3.9 प्रतिशत बेरोजगारी
बेरोजगारी की कम दर भी बाइडेन के कार्यकाल की पहले साल की उपलब्धि है. कोरोना वायरस के चंगुल में फंसी अर्थव्यवस्था ने उन्हें विरासत में 6.4 फीसदी बेरोजगारी दी थी. एक साल में अमेरिकी कंपनियों और सरकार ने कुल 64 लाख नौकरियां पैदा कीं. संसद के बजट कार्यालय ने बेरोजगारी 4.6 प्रतिशत तक नीचे आने का अनुमान लगाया था लेकिन यह कहीं ज्यादा नीचे है.
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7 प्रतिशत महंगाई
अर्थव्यवस्था को दौड़ाने की तेजी में बाइडेन प्रशासन के हाथ महंगाई ने जला दिए. अमेरिका में महंगाई बीते 40 सालों के सबसे ऊंचे स्तर पर है. ऊंची कीमतों ने उनके आर्थिक नेतृत्व के प्रति लोगों में अविश्वास पैदा किया. गैसोलीन और खाने पीने की चीजों के दाम सबसे ज्यादा बढ़े. अर्थशास्त्रियों का कहना है कि राष्ट्रपति ने जो राहत पैकेज दिया, वह बहुत बड़ा था.
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1 हजार अरब डॉलर का खर्च
बाइडेन ने जो इंफ्रास्ट्रक्चर लॉ पास किया उसमें 550 अरब डॉलर का नया खर्च था. संसद से पास कराने के लिए बाइडेन ने इसे 2300 अरब डॉलर के शुरुआती प्रस्ताव से कम किया. उन्होंने सामाजिक और पर्यावरण से जुड़ी पहलों के लिए 1800 अरब डॉलर का प्रस्ताव अलग से दिया था. संशोधनों के बाद उन्हें इसके एक चौथाई यानी करीब एक हजार अरब डॉलर की मंजूरी मिली.
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13 सैनिकों की मौत
अफगानिस्तान से 124,000 लोगों की वापसी के समय काबुल एयरपोर्ट के गेट पर हुए आत्मघाती हमले में 13 अमेरिकी सैनिक मारे गए. इस दौरान 169 अफगान लोगों की भी मौत हुई और दसियों हजार अफगान सहयोगी वहीं छूट गए. दो दशकों की अफगान जंग में अमेरिका के कुल 2,460 अमेरिकी सैनिकों की मौत हुई.
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17.8 लाख शरणार्थी
बाइडेन के राष्ट्रपति बनने के बाद 10 महीनों में मेक्सिको बॉर्डर पार कर अमेरिका आने वाले शरणार्थियों की संख्या 17.8 लाख तक पहुंच गई. यह संख्या पूर्व राष्ट्रपति डॉनल्ड टंप के आखिरी 10 महीने के कार्यकाल की तुलना में चार गुना ज्यादा है.
तस्वीर: Paul Ratje/AFP
20 प्राकृतिक आपदाएं
बीते एक साल में कुल 20 प्राकृतिक आपदाओं ने अमेरिका का रुख किया. इनमें से हरेक में कम से कम 1000 अरब डॉलर की संपत्ति का नुकासान और कुल मिला कर 688 लोगों की जान गई. इनमें एक सूखा, दो बाढ़, 11 भयानक आंधियां, चार चक्रवात, एक जंगल की आग और एक बर्फीली आंधी शामिल है. अमेरिका ने 1980 के बाद हर साल ऐसी 7.4 आपदाएं देखी हैं जिनमें एक हजार अरब डॉलर या ज्यादा का नुकसान हुआ हो.
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24 राज्यों का दौरा
बाइडेन ने अपने कार्यकाल के पहले साल में अमेरिका के 50 में से लगभग आधे यानी 24 राज्यों का दौरा किया. इनमें डेलावेयर के उनके घर के दौरे शामिल नहीं है. सबसे ज्यादा वह पेंसिल्वेनिया गए जिसके बाद मिशिगन की बारी आती है. ये दोनों राज्य उनकी जीत के लिहाज से काफी अहम थे. उनकी पत्नी जिल बाइडेन ने 35 राज्यों का दौरा किया.
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41 संघीय जज
बाइडेन ने अपने कार्यकााल के पहले साल में 41 जजों की नियुक्ति की पुष्टि की. पिछले राष्ट्रपतियों के पूरे कार्यकाल की तुलना में भी यह कहीं ज्यादा है. व्हाइट हाउस के मुताबिक जज बनाए गए लोगों में से 80 फीसदी महिलाएं हैं और 53 फीसदी काले लोग हैं.
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सीनेट से पुष्टि में 103 दिन
बाइडेन ने जिन लोगों की नियुक्तियां कीं, उनकी पुष्टि सीनेट से कराने में औसतन 103 दिन का समय लगा. पिछले छह प्रशासनों के पहले साल को अगर देखें तो यह समय काफी ज्यादा है और रोनाल्ड रीगन के पहले साल से तुलना करें तो करीब तीन गुना ज्यादा है.
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9 न्यूज कांफ्रेंस
अमेरिकी राष्ट्रपति 10वीं न्यूज कांफ्रेंस बुधवार को करेंगे. बाइडेन प्रेस से मुलाकात के मामले में थोड़े शर्मीले हैं. हालांकि बीते एक साल में उन्होंने मीडिया को कुल 22 इंटरव्यू दिए हैं. पिछले पांच राष्ट्रपतियों की तुलना में यह काफी कम है.
तस्वीर: Evan Vucci/AP/picture alliance
32 बार कहा "मजाक नहीं है"
मजाक नहीं है (नॉट ए जोक). यह राष्ट्रपति जो बाइडेन के भाषणों की पसंदीदा लाइन है. उन्होंने इसे कुल 32 बार बोला है. जिन चीजों को उन्होंने मजाक नहीं माना है उनमें नागरिक अधिकार नेता, मजदूर संघ जिनसे मध्य वर्ग बनता है, डेलावेयर के केमिकल प्लांट से निकलने वाला प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जोखिम, कैलिफोर्निया के वोटर शामिल हैं.