नकलची पौधे और मरी हुई तैराक मछली पर खोज को मिले इग्नोबेल
१३ सितम्बर २०२४
सालभर की मजाकिया खोजों के लिए दिए जाने वाले इग्नोबेल पुरस्कारों में इस साल 10 श्रेणियों में विजेताओं का एलान हुआ. असली नोबेल विजेताओं ने ये पुरस्कार बांटे.
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मिसाइलों को दिशा देने के लिए कबूतरों का इस्तेमाल, मरी हुई मछलियां की तैरने की क्षमता और कुछ जीवों के गुदा से सांस लेने का तरीका. ये विज्ञान के क्षेत्र में वे खोजें हैं जिन्हें 2024 के इग्नोबेल पुरस्कार मिले हैं. इग्नोबेल पुरस्कार मजाकिया वैज्ञानिक खोजों के लिए दिए जाते हैं.
इस साल का इग्नोबेल पुरस्कार समारोह बॉस्टन के मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में हुआ. ‘एनल्स ऑफ इम्प्रॉबेबल रिसर्च‘ पत्रिका की वेबसाइट ये पुरस्कार लोगों को हंसाने और अलग तरह से सोचने पर मजबूर करने के लिए आयोजित करती है.
हेनरी किसिंजर का जीवन
आधुनिक इतिहास को प्रभावित करने वाले सबसे अहम लोगों में शामिल अमेरिकी कूटनीतिज्ञ हेनरी किसिंजर का 100 साल की आयु में निधन हो गया. जानिए, उनके बारे में कुछ खास बातें.
तस्वीर: Fabrice Coffrini/AFP/Getty Images
जर्मनी में जन्म
हेनरी किसिंजर का जन्म जर्मनी के फर्थ शहर में 27 मई 1923 को हुआ था. उनका बचपन का नाम था हाइंत्स आल्फ्रेड किसिंजर. 1938 में उनका परिवार जर्मनी छोड़कर न्यूयॉर्क में बस गया. 1943 में किसिंजर अमेरिकी नागरिक बन गए.
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सेना में काम
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान किसिंजर ने अमेरिकी सेना के लिए काम किया. वह जर्मनी में तैनात थे और जासूसी एजेंसियों के लिए अनुवादक का काम करते थे. अपनी सेवाओं के लिए उन्हें ब्रॉन्ज स्टार से नवाजा गया.
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सत्ता में प्रवेश
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाने के बाद हेनरी किसिंजर को 1969 में तत्कालीन राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया. निक्सन के बाद जेराल्ड फोर्ड ने भी उन्हें अपना सलाहकार बनाया. दोनों सरकारों में वह विदेश मंत्री भी रहे.
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अंतरराष्ट्रीय प्रभाव
1970 के दशक में कई अहम वैश्विक घटनाओं में किसिंजर ने अहम भूमिका निभाई. इनमें वियतनाम युद्ध, चीन के साथ कूटनीतिक संबंधों की शुरुआत, सोवियत संघ के साथ हथियार नियंत्रण पर बातचीत और इस्राएल व अरब देशों के बीच संबंधों को बेहतर बनाना शामिल हैं.
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नोबेल शांति पुरस्कार
वियतनाम में शांति स्थापना के लिए 1973 में किसिंजर को वियतनाम के नेता ला डक दो के साथ संयुक्त रूप से नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया. हालांकि इस पर काफी विवाद हुआ. नोबेल समिति के दो सदस्यों ने तो इसके विरोध में इस्तीफा ही दे दिया. ला डक दो ने पुरस्कार लेने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि शांति स्थापना का काम अभी बाकी है.
तस्वीर: Pascal Lauener/REUTERS
9/11 हमले की जांच
1977 के बाद किसिंजर सरकारी पद पर तो नहीं रहे लेकिन उनके जॉर्ज डब्ल्यू बुश के साथ अच्छे संबंध थे. 11 सितंबर 2001 के आतंकी हमले की जांच के लिए स्थापित आयोग का अध्यक्ष किसिंजर को नियुक्त किया गया लेकिन उन्होंने उस पद से इस्तीफा दे दिया क्योंकि वह अपने कंसंल्टिंग बिजनेस के ग्राहकों के नाम नहीं बताना चाहते थे.
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विजेताओं को एक पारदर्शी बॉक्स दिया गया जिसमें मर्फीज लॉ से जुड़ीं ऐतिहासिक चीजें और जिम्बाब्वे का 100 खरब डॉलर का नोट था, जिसकी कोई ज्यादा कीमत नहीं है. पुरस्कार विजेताओं को असली नोबेल पुरस्कार विजेताओं द्वारा सम्मानित किया गया.
मजेदार समारोह
समारोह के संचालक और पत्रिका के संपादक मार्क अब्राहम्स ने एक इंटरव्यू में कहा, "जब कुछ राजनेता समझदारी भरी चीजों को बकवास साबित करने में लगे हुए हैं, तब वैज्ञानिकों ने कुछ बकवास दिखने वाली चीजें खोजीं जो असल में बहुत काम की हैं."
समारोह की शुरुआत, 2003 में जीवविज्ञान में इग्नोबेल पुरस्कार के विजेता रहे केस मोलिकर के भाषण से हुई. मोलिकर ने एक अध्ययन किया था जिसमें मॉलर्ड बत्तखों में समलैंगिक मृतक संभोग (नेक्रोफीलिया) की घटना का दस्तावेजीकरण किया गया था.
इसके बाद एक व्यक्ति मंच पर आया, जिसने एक पीली कमीज पहनी हुई थी. उस कमीज पर टारगेट बना हुआ था. इस व्यक्ति ने प्लास्टिक का फेस मास्क पहना था. जल्द ही उस पर दर्शकों ने कागज के हवाई जहाज फेंकने शुरू कर दिए.
केवल गुब्बारे फुलाने में ही काम नहीं आती हीलियम गैस
शायद आपने इस हल्की, आग ना पकड़ने वाली गैस को केवल गुब्बारों में ही देखा हो. लेकिन चिकित्सा, खेल और उड्डयन क्षेत्र में भी इसके कई इस्तेमाल हैं.
तस्वीर: Fotolia/drubig-photo
मजे की चीज
हीलियम से भरे गुब्बारे उड़ कर छत से जा लगते हैं क्योंकि यह गैस हवा से हल्की होती है. आवर्ती सारणी में नोबल गैसों की श्रेणी में रखे गए इस तत्व का प्रतीक है “He” और परमाणु संख्या है 2. इसका मेल्टिंग प्वाइंट सबसे कम है और -452 डिग्री फॉरेनहाइट पर जाकर इसमें उबाल आता है.
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ऊंची उड़ान का साथी
सन 2012 में जर्मनी के फेलिक्स बाउमगार्टेन हीलियम से भरे एक गुब्बारे पर सवार होकर वायुमंडल की दूसरी परत स्ट्रैटोस्फीयर तक जा उड़े. पैराशूट लेकर उन्होंने 38,969 मीटर से छलांग लगा दी. दो साल के बाद अमेरिका के ऐलन यूस्टेस ने 41,419 मीटर की ऊंचाई से छलांग लगाई.
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हाइड्रोजन से अच्छा विकल्प
हीलियम के जैसी ही हल्की गैस होती है हाइड्रोजन जो धरती पर प्रचुर मात्रा में पाई जाती है और इसके कई अच्छे इस्तेमाल भी हैं. लेकिन जेपलिन में हाइड्रोजन भरना उनमें शामिल नहीं है. सन 1937 में अमेरिका में हाइड्रोजन से भरे एक जेपलिन में जब विस्फोट हो गया तो उससे इंसान ने यह सीखा.
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ज्वलनशील नहीं इसलिए ज्यादा सुरक्षित
आजकल जेपलिनों में हाइड्रोजन नहीं बल्कि हीलियम गैस ही भरी जाती है. हल्की होने के अलावा उसका सबसे बड़ा फायदा यही है कि यह आग नहीं पकड़ती और इसलिए जेपलिन और उड़ान भरने वाले के लिए सुरक्षित होती है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
भविष्य के रिएक्टरों में
सुपरकंडक्टर कॉइल्स को ठंडा करने के लिए उनमें से हीलियम गैस को प्रवाहित किया जाता है. जहां कहीं भी ताकतवर चुंबकीय क्षेत्र पैदा करने की जरूरत होती है, वहां सुपरकंडक्टरों का इस्तेमाल होता है. तस्वीर में दिख रहे चुंबकीय क्षेत्र के प्रयोग में भी हीलियम का इस्तेमाल हुआ था.
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धातुओं की वेल्डिंग में
जब दो धातुओं को गला कर जोड़ा जाता है तो गलाई जा रही जगह के ऑक्सीडेशन का खतरा रहता है. इसे रोकने के लिए मेकैनिक हीलियम गैस का इस्तेमाल करते हैं. यह गली हुई धातु से सट जाती है और ऑक्सीजन या दूसरी किसी गैस से धातु को ऑक्सीडाइज होने से बचाती है.
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चिकित्सा क्षेत्र में उपयोगी
शरीर के भीतर की तस्वीरें लेने के लिए डॉक्टर मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग यानि एमआरआई का इस्तेमाल दुनिया भर में करते हैं. इसकी मशीनों में भी सुपरकंडक्टिंग कॉइल्स को ठंडा रखने के लिए हीलियम का इस्तेमाल होता है. (फाबियान श्मिट/आरपी)
तस्वीर: picture-alliance/dpa
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फिर पुरस्कार वितरण शुरू हुआ, जिसके बीच में कुछ सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी हुईं. लेकिन जब भी कोई कोई ऐसी प्रस्तुति आती, जिसमें मजा नहीं आ रहा था तो एक लड़की मंच पर आकर बोलती, "प्लीज इसे रोक दें, मैं बोर हो रही हूं." समारोह के बीच में मर्फीज लॉ से प्रेरित एक अंतरराष्ट्रीय गीत प्रतियोगिता भी हुई, जिसमें कोलस्लॉ और कानूनी प्रणाली पर आधारित गाने थे.
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10 श्रेणियों में पुरस्कार
पुरस्कार 10 श्रेणियों में दिए गए, जिनमें शांति और चिकित्सा विज्ञान शामिल थे. विजेताओं में वैज्ञानिकों का एक समूह था जिसने यह दिखाया कि चिली की एक बेल पास के कृत्रिम पौधों की आकृतियों की नकल करती है. एक अन्य अध्ययन ने यह जांचा कि क्या उत्तरी और दक्षिणी गोलार्ध के लोगों के सिर के बाल एक ही दिशा में घूमते हैं.
अन्य विजेताओं में एक वैज्ञानिक समूह भी था जिसने दिखाया कि साइड इफेक्ट्स देने वाली नकली दवा, बिना साइड इफेक्ट्स वाली नकली दवा से ज्यादा प्रभावी हो सकती है. एक और अध्ययन में यह दिखाया गया कि कुछ स्तनधारी अपनी गुदा से सांस लेने में सक्षम होते हैं. ये विजेता मछली जैसी दिखने वाली टोपी पहनकर मंच पर आए.
जूली स्किनर वर्गास ने अपने दिवंगत पिता बीएफ स्किनर की ओर से शांति पुरस्कार स्वीकार किया, जिन्होंने कबूतर-मिसाइल अध्ययन लिखा था. बीएफ स्किनर फाउंडेशन की प्रमुख स्किनर वर्गास ने कहा, "मैं आपको उनके सबसे महत्वपूर्ण योगदान को आखिरकार मान्यता देने के लिए धन्यवाद देना चाहती हूं. रिकॉर्ड को सही करने के लिए धन्यवाद."
फ्लोरिडा विश्वविद्यालय के जीवविज्ञान के प्रोफेसर जेम्स लिआओ ने मरी हुई ट्राउट मछली की तैराकी क्षमताओं पर किए गए अपने अध्ययन के लिए फिजिक्स का इग्नोबेल पुरस्कार जीता. लिआओ ने नकली मछली को उठाते हुए कहा, "मैंने पाया कि जीवित मछली मरी हुई मछली की तुलना में अधिक हिलती है, लेकिन बहुत ज्यादा नहीं.
एक लकड़ी के पीछे बांधकर अगर मरी हुई ट्राउट को तैराया जाए तो वह भी अपनी पूंछ को धारा की लहरों के साथ उसी तरह हिलाती है जैसे कोई जीवित मछली घूमती धाराओं पर करती है. मरी हुई मछली भी जीवित मछलियों जैसे ही चलती है."